लाभ 70% प्रति माह

राज्य के युवाओं, प्रवासियों और किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’ का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार का लक्ष्य रखा गया है। pic.twitter.com/0QB4MrIS6H— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) September 22, 2020
उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना 2023- ऑनलाइन आवेदन, लाभ व पात्रता
उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना ऑनलाइन आवेदन | Uttarakhand Saur Urja Swarojgar Yojana Online Registration | उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना आवेदन फॉर्म | Saur Urja Swarojgar Yojana Eligibility | उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना को पूरे प्रदेश में 25 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट लगवाने के लिए आरंभ किया गया है। इस लाभ 70% प्रति माह योजना के तहत सोलर प्लांट लगवाने के साथ साथ प्रदेश के युवाओं को रोजगार भी प्रदान किया जाएगा। अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पढ़ रहे हैं क्योंकि आज हम बताने जा रहे हैं के उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना 2023 का उद्देश्य क्या है लाभ क्या है, आवेदन की प्रक्रिया तथा जरूरी दस्तावेज क्या है। कृपया योजना के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए आर्टिकल को विस्तार से पढ़ें।
Table of Contents
Uttarakhand Saur Urja Swarojgar Yojana
आपको बता दें कि योजना लागू करने की घोषणा सचिव ऊर्जा राधिका जी के द्वारा कर दी गई है इस योजना के तहत डेढ से ढाई लाख रुपए तक की पूंजी वाला व्यक्ति सरकार के सहयोग से सोलर प्लांट लगा सकता है। जैसे कि हम सब जानते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के पास काफी भूमि उपलब्ध है जिस पर अगर सोलर ऊर्जा स्थापित कर लिए जाए तो 10 से 15 हजार रुपए प्रति माह की आय ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आसानी से प्राप्त हो सकती है उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना को सफल बनाने के लिए सहकारी बैंक द्वारा 25 किलोवाट तक सोलर लगाने के लिए 20 लाख तक का लोन 15 वर्षों के लिए 8% ब्याज दर पर प्रदान किया जाएगा ताकि उम्मीदवार बैंक की किश्तें आसानी से चुका सकें और अपना रोजगार भी प्राप्त कर सकें।
उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का उद्देश्य (Objective)
जैसे कि हम सब जानते हैं कोरोनावायरस चलते हुए काफी उत्तराखंड के ऐसे प्रवासी हैं जो अपने गृह राज्य में लौटे हैं ऐसे में उनके पास कोई आय का साधन नहीं है इसी चीज को मध्य नजर रखते हुए लाभ 70% प्रति माह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखंड सौर ऊर्जा योजना लागू की गई है इस योजना के तहत लाभार्थी सोलर प्लांट लगवा कर 10 से 15 हजार रुपए प्रतिमाह कमा सकते हैैं। इस परियोजना को लगाने के लिए सहकारी बैंक से लाभार्थियों को 70% धनराशि प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत उनके परिवार का भरण पोषण भी आसानी होगा और वे आत्मनिर्भर व सशक्त बनेंगे।
Uttarakhand Saur Urja Swarojgar Yojana In Highlights
योजना का नाम | उत्तराखंड सौर ऊर्जा रोजगार योजना 2023 |
किसके द्वारा शुरू की गई | उत्तराखंड मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा |
आरंभ तिथि | 2020 |
आवेदन का प्रकार | ऑनलाइन |
आवेदन लाभ 70% प्रति माह की शुरुआत | अक्टूबर से |
लाभार्थी | उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र के लोग |
उद्देश्य | सोलर प्लांट लगवा कर आय का साधन उपलब्ध कराना |
लाभ | परियोजना के तहत 10 से ₹15 हजार प्रतिमाह कमाना |
आवेदन की अंतिम तिथि | Available Soon |
आधिकारिक वेबसाइट | Available Soon |
राज्य के युवाओं, प्रवासियों और किसानों को सौर ऊर्जा के माध्यम से स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना’ का शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें 10 लाभ 70% प्रति माह हजार युवाओं को स्वरोजगार का लक्ष्य रखा गया है। pic.twitter.com/0QB4MrIS6H
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) September 22, 2020
उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना के लाभ (Benefits)
- उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना का मुख्य लाभ है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परियोजना लगवाने के बाद 10 से 15 हजार रुपए तक आय का साधन प्राप्त होगा।
- इस योजना के तहत सहकारी बैंक द्वारा 70% लोन 8% के ब्याज पर प्रदान किया जाएगा।
- योजना के तहत मिलने वाले लोन को चुकाने का समय 15 साल का होगा।
- 7% स्टैंप ड्यूटी भी माफ होगी और पहाड़ में 25% से 30% मार्जिन मनी भी प्रदान की जाएगी।
- इस योजना का मुख्य लाभ है के प्रदेश के 10,000 युवाओं को रोजगार प्रदान किया जाएगा
- लोन के तहत दी जाने वाली ईएमआई भी कम होगी।
- योजना के तहत उम्मीदवार आत्मनिर्भर व सशक्त बनेगा
आवेदन के लिए पात्रता (Eligibility)
- उम्मीदवार को उत्तराखंड निवासी होना अनिवार्य है।
- आवेदक को ग्रामीण क्षेत्र का होना चाहिए।
- आवेदक के पास सोलर प्लांट लगवाने के लिए जेब में ढाई से तीन लाख होनें चाहिए।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
उत्तराखंड लाभ 70% प्रति माह सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Apply Online)
राज्य के जो इच्छुक लाभार्थी उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना में आवेदन करवाना चाहते हैं उन्हें थोड़ा इंतजार करना होगा क्योंकि मुख्यमंत्री द्वारा अभी इस योजना के ऑफिशियल वेबसाइट को लॉन्च नहीं किया गया है। आपको बता दें कि परियोजना के लिए अक्टूबर महीने से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। जैसे ही इसकी आवेदन प्रक्रिया को लांच किया जाएगा वैसे ही हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रक्रिया प्रदान करेंगे। आवेदन के लिए ₹500 शुल्क निर्धारित कि गई हैं, उम्मीदवार को उरेडा के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के जरिए भुगतान करना होगा।
Conclusion
प्रिय दोस्तों उम्मीद करते हैं कि आपको इस आर्टिकल के माध्यम से समझ आ गया होगा कि उत्तराखंड सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना क्या है अथवा इसके लाभ क्या है। अभी इस योजना कि आवेदन की प्रक्रिया को लांच नहीं किया गया है जैसे ही उसकी प्रक्रिया को लांच किया जाएगा वैसे ही हम अपने आर्टिकल के माध्यम से आपको प्रदान करेंगे। अगर आप को इस योजना से संबंधित कोई भी कठिनाई आती है तो आप हम से नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
[Registration] हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना 2022: HP Viklang Pension
HP Viklang Pension Yojana – हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के विकलांग व्यक्तिओ को लाभ प्रदान करने के लिए इस योजना को शुरू किया है | प्रदेश के न्यूनतम 40% विकलांग व्यक्तिओ को इस योजना का लाभ दिया जायेगा | लाभार्थी व्यक्ति को Viklang Pension Yojana के तहत 750 रूपये से 1300 रूपये तक की वित्तीय मदद सरकार देगी | अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते है तो आपको इसके लिए आवेदन करना होगा | दोस्तों इस आर्टिकल में हम जानेगे की विकलांग पेंशन योजना के लिए आवेदन की प्रक्रिया ,पात्रता ,दस्तावेज आदि | इस लिए आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े |
Himachal Pradesh Viklang Pension Yojana 2022
हिमाचल प्रदेश सरकार अपने राज्य के लोगो को वित्तीय मदद देने के लिए अनके प्रकार की कल्याणकारी योजना शुरू कर रखी है अनेक प्रकार की पेंशन योजना जैसे की वृद्धा पेंशन योजना ,विधवा पेंशन योजना शुरू कर रखी है जिसका लाभ लोगो को दिया जा रहा है | उसी प्रकार से राज्य की सरकार ने अपने राज्य के विकलांग व्यक्तिओं को आर्थिक लाभ प्रदान करने के लिए इस योजना को शुरू किया है | जिसके तहत लाभार्थी विकलांग व्यक्तिओ को सरकार की और से वित्तिय मदद दी जाती है लाभ 70% प्रति माह | प्रदेश के न्यूनतम 40% विकलांग व्यक्ति हैंडीकैप्ड पेंशन इन हिमाचल प्रदेश के लिए आवेदन कर सकते है | हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा अधिनियम 1995 की धारा-2 के तहत अपंगता की स्थिति में लाभार्थी को 750 रूपये से लेकर के 1300 रूपये तक की पेंशन की राशी दी जाती है | दी जाने वाली राशी लाभार्थी के खाते में सीधे ट्रान्सफर होगी |
Himachal Pradesh Viklang Pension Yojana Highlights
योजना का नाम | हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना 2022 |
योजना टाइप | राज्य सरकार की योजना |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
लाभार्थी | राज्य के विकलांग व्यक्ति |
उद्देश्य | विकलांग व्यक्तिओ को पेंशन की राशी देना |
हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के विकलांग व्यक्तिओ को आर्थिक मदद देना है | विकलांग व्यक्ति के साथ हमारे समाज में बहुत भेदभाव होता है | उनको कोई इज्जत नहीं देता है जिससे उनको होसला टूट जाता है | उनको अपना जीवन जीने के लिए दुसरो पर निर्भर रहना पड़ता है | इसलिए सरकार ने इन लोगो को आर्थिक लाभ देने के लिए HP Handicapped Pension को शुरू किया है जसके तहत सरकार लाभार्थी को 750 रूपये से लेकर के 1300 रूपये तक की आर्थिक मदद प्रदान करती है | प्रदेश के वे सभी विकलांग व्यक्ति जिनमे न्यूनतम 40% विकलांगता है वो इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है |
Himachal Pradesh viklang pension yojana दी जाने वाली राशी
HP Viklang Pension Yojana के तहत लाभार्थी को 750 रूपये से लेकर के 1300 रूपये तक की आर्थिक मदद पेंशन के रूप में देती है | जिस व्यक्ति में 40% से 69% तक विकलांगता है उनको 750 रूपये प्रतिमाह और जिन व्यक्तिओ में 70% से उपर विकलांगता है उनको 1300 रूपये की आर्थिक मदद प्रतिमाह दी जाती है | शारीरिक रूप से और मानशिक रूप दोनों से विकलांग व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकते है |
Himachal Pradesh viklang pension yojana के लाभ
- प्रदेश के विकलांग व्यक्तिओ को समाज में इज्जत मिलेगी |
- विकलांग व्यक्ति को अपना जीवन जीने के लिए दुसरो पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा |
- लाभार्थी की आर्थिक स्थिति सुधरेगी |
- विकलांग व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाने में इस योजना का मुख्य योगदान है |
- राज्य के न्यूनतम 40% विकलांग व्यक्ति इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है |
- जिस व्यक्ति में 40% से 69% तक विकलांगता है उनको सरकार 750 रूपये प्रतिमाह देगी और लाभ लेने के लिए इनकी वार्षिक आय 35,000 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए |
- जिन व्यक्ति में 70% से अधिक अपंगता है उनको 1300 रूपये की पेंशन राशी दी जाएगी और इनकी आय का कोई फर्क नहीं है यानि की अगर इनकी आय 35,000 रूपये से अधिक है तो भी ये इस योजना के लिए आवेदन कर सकते है |
हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना के लिए पात्रता
- आवेदक हिमाचल प्रदेश का निवासी होना चाहिए |
- आवेदन करने वाले व्यक्ति में न्यूनतम 40% विकलांगता होनी चाहिए |
- व्यक्ति को अपना विकलांगता का प्रमाण पत्र देना जरुरी होगा |
- जिन व्यक्ति लाभ 70% प्रति माह में 40% से 69% तक विकलांगता है उनकी वार्षिक आय 35,000 रूपये से अधिक नहीं होनी चाहिए |
- जिन व्यक्ति में 70% से अधिक विकलांगता है उनके आय की कोई सीमा नहीं है यानि की उनकी आय अगर 35,000 रूपये से अधिक भी है तो वे इस योजना का लाभ ले सकते है |
- व्यक्ति को मिलने वाली राशी व्यक्ति के खाते में सीधे ट्रान्सफर होगी इसलिए व्यक्ति के पास बैंक खता होना जरुरी है जो की आधार कार्ड से लिंक होना चाहिए |
HP Viklang Pension Yojana के लिए दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक खाता पासबुक
- मोबाइल नंबर
- विकलांगता का प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पेन कार्ड
- हिम केयर योजना
- HP मुख्यमंत्री सेवा संकल्प योजना हेल्पलाइन नंबर 1100
हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना के लिए आवेदन कैसे करे ?
- आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले आवेदन फॉर्म प्राप्त करना होगा जो की आप सम्बन्धित लाभ 70% प्रति माह पंचायत अथवा तहसील कल्याण अधिकारी या जिला कल्याण अधिकारी से प्राप्त कर सकते है और आपको फॉर्म पूरा भरकर के उसके साथ दस्तावेज अटेच करके इसे सम्बन्धित विभाग में जमा करवाना होगा |
- Himachal pradesh viklang pension yojana आवेदन फॉर्म डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
- सम्बन्धित ग्राम सभा की बैठक में जो पात्र व्यक्ति है उनकी पहचान लाभ 70% प्रति माह होगी |उसके बाद जो व्यक्ति पात्र है उनको सूची सम्बन्धित तहसील कल्याण अधिकारी के पास भेजी जाती है |
- तहसील कल्याण अधिकारी इस सूचि को सम्बन्धित जिला कल्याण अधिकारी के पास भेजता है |उसके बाद आपके फॉर्म का सत्यापन होता है और आपको इस योजना का लाभ दिया जाता है |
Conclusion :-
इस आर्टिकल में हमारे द्वारा “हिमाचल प्रदेश विकलांग पेंशन योजना 2022 ऑनलाइन आवेदन” के बारे में हिंदी भाषा में बताया गया है | यदि आपको जानकारी पसंद आई है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करे और यदि आपका इस आर्टिकल में दी गयी जानकारी से सम्बंधित प्रश्न हो तो आप कमेन्ट बॉक्स में पूछ सकते हैं | इसके अलावा आप ऑफिसियल वेबसाइट के हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं |
[ उत्तराखंड किसान योजना 2023 ] जानिए उत्तराखंड में टॉप 10 किसान योजनाए जो देगी कृषि व्यवस्था को विकास की गति – kisan yojana uttarakhand
उत्तराखंड किसान योजना – प्राचीन समय में जब मानव का विकास हुआ था, उसी समय मनुष्यों ने कृषि करना सिख लिया था| आज हमारा देश सरकार के प्रयासों से कृषि की उन्नत तकनीक के कृषि साधन प्रयोग करने वाले देशों में आता है, इसलिए वर्तमान में भी 75% भारतीय लोग कृषि व्यवसाय से जुड़े हुए है |
हमारी केंद्र और राज्य सरकार कृषि के क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कई नई-नई योजनाएं लाती ,है जिससे की किसान को लाभ हो तथा किसानों की आय में वृद्धि हो | आज हम बात करेंगे, उत्तराखंड में टॉप 10 किसान योजनाए जो दे रही है, यहाँ की कृषि व्यवस्था को गति –
इस लेख के माध्यम से आज हम उत्तराखंड में टॉप 10 किसान योजनाए पर चर्चा करेंगे, जो की काफी समय से सफल योजना बनी हुई है –
ESIC scheme in Hindi: ईएसआईसी योजना क्या है? ESI के लिए कौन पात्र है? यहां जानिए सबकुछ
ESI scheme प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के स्वास्थ्य को मद्देनज़र रखते हुए बनाई गई है। इस स्कीम को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है ताकि जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को मेडिकल केयर दी जा सके। आइये यहां और विस्तार से जानें कि ESIC scheme in Hindi क्या है?
ESIC scheme in Hindi: एम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस स्कीम (ESIC) एक बहुआयामी सोशल सिक्योरिटी स्कीम है जिसे संगठित क्षेत्र में 'कर्मचारियों' को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ईएसआईसी योजना (ESIC scheme) एक वैधानिक कॉर्पोरेट निकाय (statutory corporate body) द्वारा प्रशासित है जिसे एम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन कहा जाता है।
यह काम से संबंधित चोट के परिणामस्वरूप कर्मचारियों को बीमारी, मातृत्व, विकलांगता और मृत्यु से बचाता है, साथ ही बीमित कर्मचारियों और उनके परिवारों को चिकित्सा देखभाल (Medical Care) प्रदान करता है।
जनवरी 2022 में जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2021 में लगभग 10.28 लाख नए सदस्य ESIC द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल हुए, जबकि पिछले महीने 12.39 लाख नए सदस्य देश में औपचारिक क्षेत्र के रोजगार में अंतर्दृष्टि प्रदान करते थे।
ईएसआई के लिए कौन पात्र है? | लाभ 70% प्रति माह Who is eligible for ESI?
ESI वेबसाइट पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के अनुसार, 1 जनवरी, 2017 से एक कर्मचारी के कवरेज के लिए मासिक वेतन सीमा 21,000 रुपए प्रति माह है।
ESIC प्रोग्राम में पात्र कर्मचारियों को नामांकित करना नियोक्ता की जिम्मेदारी है।
योगदान उनके वेतन के एक निश्चित अनुपात के रूप में श्रमिकों की कमाई की क्षमता पर लाभ 70% प्रति माह आधारित होते हैं, फिर भी उन्हें बिना किसी भेदभाव के व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किए जाते हैं।
योगदान कैसे किया जाता है?
ESI Scheme एक सेल्फ फंडिंग प्रोग्राम है। नियोक्ता और कर्मचारी योगदान मुख्य रूप से ESI फंड का समर्थन करने के लिए उपयोग किया जाता है, जो मासिक रूप से प्राप्त वेतन के एक निश्चित प्रतिशत पर प्रदान किया जाता है। राज्य सरकारें चिकित्सा लाभों की लागत के 1/8वें हिस्से के लिए भी जिम्मेदार हैं।
बता दें कि कंपनी ESI स्कीम में 3.25 प्रतिशत योगदान करती है और कर्मचारी 21,000 रुपये या उससे कम वेतन पाने वाले सभी कर्मचारियों के लिए 0.75 प्रतिशत का योगदान देता है, कुल 4 प्रतिशत हिस्से के लिए।
इस योजना की एक अन्य विशेषता यह है कि एक कर्मचारी का बीमा नंबर तब तक वही रहता है जब तक वह ESIC वेतन सीमा के भीतर रहता है। नौकरी बदलने से किसी कर्मचारी की बीमा स्थिति प्रभावित नहीं होगी और उसका बीमा नंबर वही रहेगा।
क्या नियोक्ता के लिए स्कीम के तहत रजिस्टर करना अनिवार्य है?
हां, अधिनियम की धारा 2A और रेगुलेशन 10-B के तहत, यह नियोक्ता की कानूनी जिम्मेदारी है कि वह अपने कारखाने/स्थापना को ESI अधिनियम के तहत उसके लागू होने के 15 दिनों के भीतर रजिस्टर करे।
अधिनियम की धारा 46 में निम्नलिखित छह सामाजिक सुरक्षा लाभों की परिकल्पना की गई है। हालांकि, इन लाभों का फायदा उठाने की शर्तें हैं ESIC वेबसाइट के अनुसार, ये वे फायदें हैं जिनका लाभ ESI Scheme से लिया जा सकता है।
ईएसआईसी के फायदे | Benefits of ESIC in Hindi
मेडिकल बेनिफिट - जिस समय से एक बीमित व्यक्ति बीमा योग्य रोजगार शुरू करता है, उसे और उसके परिवार को पूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त होती है। एक बीमित व्यक्ति या परिवार का कोई सदस्य इलाज पर कितना खर्च कर सकता है, इसकी कोई सीमा नहीं है। 120 रुपये के मामूली वार्षिक प्रीमियम के भुगतान पर, रिटायर्ड और स्थायी रूप से विकलांग व्यक्तियों और उनके पति / पत्नी को चिकित्सा देखभाल भी प्रदान की जाती है।
सिकनेस बेनिफिट (SB) - प्रमाणित बीमारी की अवधि के दौरान प्रति वर्ष अधिकतम 91 दिनों के लिए, बीमित कर्मचारी वेतन के 70% की दर से नकद मुआवजे के रूप में सिकनेस बेनिफिट के हकदार होते हैं। बीमारी के लाभ के लिए पात्र होने के लिए, बीमित कर्मचारी को 6 महीने की अवधि के दौरान 78 दिनों के लिए योगदान करना होगा।
मातृत्व लाभ (MB) - प्रसूति/गर्भावस्था के दौरान मातृत्व लाभ छब्बीस (26) सप्ताह के लिए देय है, चिकित्सा सलाह पर एक महीने के विस्तार के साथ, पूर्ण वेतन दर पर, पिछले दो योगदान में 70 दिनों के भुगतान के अधीन काल है। प्रसूति/गर्भावस्था के दौरान प्रसूति लाभ छब्बीस (26) सप्ताह के लिए देय है, चिकित्सा सलाह पर एक महीने के विस्तार के साथ, पूर्ण वेतन दर पर, पूर्ववर्ती दो योगदान अवधियों में 70 दिनों के लिए भुगतान के अधीन है।
विकलांगता लाभ (Disablement Benefit)
अस्थायी विकलांगता लाभ (TDB) - बीमा योग्य रोजगार में प्रवेश करने के पहले दिन से और रोजगार चोट के मामले में किसी भी योगदान का भुगतान किए बिना, जब तक विकलांगता बनी रहती है, तब तक मजदूरी के 90% की दर से अस्थायी विकलांगता लाभ देय है।
स्थायी अपंगता लाभ (PDB) - लाभ का भुगतान मासिक भुगतान के रूप में मजदूरी के 90% की दर से किया जाता है, जो मेडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित कमाई क्षमता के नुकसान की सीमा पर निर्भर करता है।
आश्रित लाभ (DB) - डीबी एक मृत बीमित व्यक्ति के आश्रितों को मासिक भुगतान के रूप में 90% मजदूरी की दर से भुगतान किया जाता है, ऐसी परिस्थितियों में जहां मृत्यु नौकरी की चोट या व्यावसायिक खतरे के कारण होती है।
अन्य फायदें -
1. अंतिम संस्कार खर्च - बीमा योग्य कार्य के पहले दिन से, आश्रितों या अंतिम संस्कार करने वाले व्यक्ति को 15,000/- रुपये की राशि देय है।
2. कारावास व्यय - एक बीमित महिला या एक आई.पी. उसकी पत्नी के संबंध में एक ऐसे स्थान पर कारावास की स्थिति में जहां ESI Scheme योजना के तहत उपयुक्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।