फोंडेक्स ट्रेडिंग की स्थिति

क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं?

क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं?
image source outlook money

म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे | Mutual Fund in Hindi

दोस्तों, आज के लेख में हम आपको Mutual Funds kya hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi के बारे मे पूरी जानकारी देंगे. इस म्यूच्यूअल फण्ड से भी मुनाफा कमाया जा सकता है. इस बजह से बहुत से निवेशक म्यूच्यूअल फाउंड में निवेश करने लगे है.

SIP फुल फॉर्म हिंदी में “सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान” है. जिसके जरिये निवेश करने वालों की जनसंख्या बढती जा रही है. जिन लोगों को शेयर मार्केट के बारे में पूरी जानकारी नही है और सीखना भी नहीं चाहते है तो उन लोगों के लिए म्यूच्यूअल फण्ड बेहतरीन तरीका है. इसमें कम रिस्क में कम मुनाफा और नुक्सान होता है.

इसके जरिये आप बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी निवेश कर सकते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के बारे में अधिक जानकारी ना होने पर किसी अच्छे एक्सपर्ट की मदद ले सकते है. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए बेहतर शेयर को चुनना होता है.

Mutual Fund क्या है | Mutual Funds Kya Hai in Hindi

म्यूच्यूअल फण्ड सामूहिक निवेश होता है. कई निवेशकों का एक समूह मिलकर स्टॉक में निवेश करते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकों के फण्ड के फायदा और नुक्सान का हिसाब रखने के लिए एक फंड मैनेजर होता है. (1)

इस तरह से निवेश में जो भी नुक्सान या फायदा होता है वह निवेशकों में बांट दिया जाता है. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी में उन सभी निवशकों के निवेश पैसों को इकट्ठे करती है. ऐसा करने पर कंपनी थोड़ा सर्विस चार्ज काटती है.

और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के द्वारा इकट्ठा किया गया पैसा शेयर मार्किट में निवेश करती है. म्यूच्यूअल फण्ड में एक काफी बड़ा फायदा है की उसमे यह सोचने की जरूरत नहीं होती है की कब शेयर को खरीदना और बेचना होता है, क्योकि ये सारा काम फण्ड मैनेजर का होता है.

म्यूचुअल फण्ड में निवेश करने के फायदा यह है की आप इसमें 500, 1000 रूपए से निवेश करना सुरु कर सकते है. मासिक निवेश के लिए SIP लेना होता है. इसका मतलब होता है की आपके द्वारा तय की गई राशी अपने आप प्रतेक महीने खाते से से कटकर सीधे फण्ड में ट्रान्सफर होती रहगी. (2)

भारत की सबसे बड़ी और पुरानी UTI Mutual Fund Company है. म्यूचुअल फंड की इक्विटी योजना में आपको मिड-कैप स्कीम, इंडेक्स फंड, लार्ज-कैप फंड, डायवर्सिफाइड फंड और टैक्स सेविंग स्कीम आदि इस तरह के विकल्प होते हैं.

म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले ये जान लें की इसमें अपने टारगेट को हासिल करने के लिए लम्बे समय ले लिए निवेश करना होगा. बेहतर मुनाफा कमाने के लिए अधिक पैसा निवेशा करना होगा. 1 या 2 वर्ष के निवेशकों को कोई ज्यादा लाभ नहीं होगा. Mutual Fund in Hindi के बारे में समझे.

Mutual Fund कितने प्रकार के होते है?

अब हम mutual fund के प्रकार के बारे में समझेंगे कि mutual fund कितने प्रकार के होते है. ये एसेट्स (Asset Class) और संरचना यानी स्ट्रैक्चर (structure) 2 प्रकार के होते है. म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किये गय पैसों को कई जगहों में निवेश किया जाता है. आप म्यूचु्अल फंड को और भी कई हिस्सों में बांट सकते है.

इक्विटी फण्ड (Equity Fund) Mutual Fund in Hindi

इक्विटी फण्ड काफी महसूर फण्ड है. इसमें बेहतरीन निवेशक अधिक रिस्क लेकर अधिक मुनाफा भी लेते है. ऐसा इसलिए होता है क्योकि इस इक्विटी म्यूचुअल फंड के मैनेजर सभी पैसा स्टॉक मार्किट में निवेश करता है.

इस इक्विटी म्यूचुअल फंड को मल्टी कैपिटल, लार्ज कैपिटल, स्मॉल कैपिटल, मिड कैपिटल में बांटा गया है.

लार्ज कैप फण्ड | Large Cap Funds

लार्ज कैप फण्ड mutual fund वह होते है जो आपकी राशी को बड़ी कैपिटल वाली कंपनी में निवेश करते है. लार्ज कैप कंपनी की काफी ग्रोथ है. इसलिए return तो कम मिलता है लेकिन लगातर मिलता है. लार्ज कैप फण्ड के मुकालबे स्माल और मिडकैप में अधिक रिस्क होता है.

डेट फण्ड | Debts Funds

ये ऐसे फण्ड है जिनको कमर्शियल पेपर, कॉर्पोरेट बांड्स, ट्रेजरी बिल और कई तरह के मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में भी निवेश करते हैं. जो निश्चित ही अच्छा रिटर्न देते हैं.

गिल्ट फण्ड | Gilt Fund

इसमें निवेश किया गया पैसा सिर्फ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में जाता है. सरकार को पैसे देने की बजह से डेब्ट फंड में कम मात्रा में रिस्क होता है.

लिक्विड फंड्स | क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? Liquid Funds

लिक्विड फंड ऐसे होते है जिसे कभी भी रीडीम करवा सकते है. आवेदन करते ही 24 घंटे के अन्दर आपके खाते में पैसे आ जाते है. लेकिन लिक्विड फंड में सबसे कम return मिलता है.

इसमें आप 3 या 4 दिन के लिए भी निवेश कर सकते है. ये उन सिक्योरिटीज में निवेश होते है जिनकी मैच्योरिटी 91 दिन तक की होती है. इसलिए लिक्विड फंड बैंक एफडी और सेविंग अकाउंट में निवेश करने का अच्छा विकल्प होता है.

मिड कैप फण्डस | Mid Cap Fund

यह वह कंपनिया होती है जिन्होंने अपना बिज़नस स्थापित कर दिया है. लेकिन अब ये तरक्की कर रही है. इतना ही नहीं बल्कि ये मिड कैप फंड और लार्ज कैप फंड से ज्यादा return देती है.

स्मॉल कैप फंड्स | Small Cap Fund

स्माल कैपिटल फण्ड कंपनियां वह होती है जो अपना कारोबार मार्किट में स्थापित करने का प्रयास करती है. इसमें जितना ज्यादा return मिलता है उतना ही ज्यादा रिस्क भी होता है. Mutual Funds Kya Hai in Hindi, Mutual Fund in Hindi

मल्टी कैप फंड्स | Multi Cap Funds

म्यूच्यूअल फण्ड की ये सबसे पॉपुलर है क्योकि इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में तय किये गय रेश्यो में करना होता है. इसमें आपको हाईब्रिड फंड्स, फ्लैक्सी कैप फंड्स और इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम आदि शामिल है.

इस लेख मैंने आपको म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट कैसे करे, Mutual Fund in Hindi,Mutual Fund कितने प्रकार के होते है आदि के बारे में अच्छे से बताया है. यदि इस पोस्ट से सम्बंधित कोई आपका सवाल है तो हमें कमेंट के जरिये बताये हम आपके सवाल का उत्तर देने की पूरी कोशिश करेंगे.

Mutual Fund:क्या होता है mutual fund,कितने प्रकार के होते हैं, जानते है विस्तार से

Mutual Fund की कंबाइड होल्डिंग्स को पोर्टफोलियो के रूप में लिया जाता है. इन्वेस्टर्स Mutual Fund के यूनिट्स खरीदते हैं. प्रतेक यूनिट फंड में निवेशक के हिस्से के स्वामित्व और इनकम का प्रतिनिधित्व करता है.फंड प्रोफेशनल तरीके से मैनेज होने के कारण परफॉरमेंस मोनिटर करना आशन होता हैं.क्योकि एन फंड्स के लिए फंड मैनेजर इन्वेस्टर्स के लिए रिसर्च करते हैं. वे सिक्युरिटीज का सिलेक्शन करते हैं और उनके परफॉरमेंस को मॉनिटर करते हैं.

Blogwalaa.com

image source outlook money

Mutual Fund में निवेश करबे करने के फायदे :

Mutual Fund को विविधता में निवेश करना सबसे बड़ा कारण है इन्ह फंड्स में निवेश किया जाये, म्यूचुअल फंड आमतौर पर कई कंपनियों और इंडस्ट्रीज में इन्वेस्ट करते हैं. यह एक कंपनी के फ़ैल होने पर इन्वेस्टर्स के रिस्क को कम करने में मदद करता है.

इन्वेस्टर्स आसान तरीके से अपने यूनिट्स को किसी भी समय रिडीम कर सकते क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? हैं,निवेशक के पास Mutual Fund में अपना पैसा लगाने और अपनी संपत्ति बढ़ाने के कई विकल्प हैं.उदाहरण के लिए, इक्विटी फंड्स,फिक्स्ड इनकम फंड्स, डेट फंडस या फिर बैलेंस फंड्स.

इक्विटी शेयर्स,Mutual Fund का बेसिकली मतलब यह होता है की आप उस कपनी में अपनी हिस्सेदारी खरीद रहे है या उसके आपने शेयर ख़रीदे.इक्विटी शेयरस लिक्विडिटी प्रदान करता, आप इनके वैल्यू बढ़ने पर या इनके रेट बदने पर इन्हें बेच कर पैसा कमा सकते हैजो की शेयर मार्केट में आसानी से बिक जाता हैं.इक्विटी शेयर, होल्डर्स को कंपनी के मैनेजमेंट को नियंत्रित करने का थोडा अधिकार देता है.शेयर मार्केट रिस्की होता है जिसमे हाई रिस्क आपके इन्वेस्टमेंट को हमेशा रिस्क में रखी है.इक्विटी शेयर होल्डर्स को दो तरह से लाभ मिलता है, वार्षिक डिविडेंट और शेयर होल्डर्स के इन्वेस्टमेंट करने के बाद उस शेयर के मूल्य में वृद्धि होने के कारन से होने वाला लाभ.

Mutual Fund, इक्विटी शेयर की तुलना में कम रिस्की होता हैं जानते है कैसे :

Mutual Fund में किसी भी एक फण्ड में निवेश नही किया जाता है जिससे की इसका रिस्क कम हो जाता हैं और साथ ही Mutual Fund में अलग अलग प्रकार के फंड्स पाए जाते है जो की आपके इन्वेस्टमेंट को लो रिस्क में रखता हैं .

Debt Funds:

जब किसी कंपनी को फंड्स की ज़रूरत होती है तो वह इन्वेस्टर्स के पास से पैसा उधर के तौर पर लेती है. बदले में, वे एक स्थिर और रेगुलर इंटरेस्ट इन्वेस्टर्स को देना का वादा करती हैं.

Income Fund:

इसमें इंटरेस्ट पर निर्णय लिया जाता है और मुख्य रूप से एक्सटेंडेड मैच्योरिटी वाले डेट सिक्युरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता. यह उन्हें डायनेमिक बॉन्ड फण्ड की तुलना में अधिक स्थिर बनाता है. इनकम फण्ड की एवरेज मैच्योरिटी लगभग पांच से छह साल की होती है.जिसमे की अच्छा खासा मुनाफा वशुल किया जा सकता हैं.

Gilt Fund:

ये फड केवल हाई रेटेड क्रेडिट, सरकारी सिक्युरिटीज में, जिन में बहुत कम रिस्क होता है, में इन्वेस्टइन्वेस्ट करते है. इस वजह से फिक्स्ड इनकम वाले निवेशक के बीच लोकप्रिय हैं, क्योंकि वे ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.

Credit Opportunities Fund:

ये तुलनात्मक रूप से नए डेट फंड हैं. दुसरे डेट फंड्स की तुलना में क्रेडिट अपॉर्चुनिटीज फंड डेट इंस्ट्रूमेंट्स की मैच्योरिटी पीरियड के अनुसार इन्वेस्ट नहीं करते हैं. ये फंड्स क्रेडिट रिस्क्स के अनुसार या हार्ड इंटरेस्ट रेट वाले होते हैं, कम रेटेड बॉन्डस में इनवेस्टेड रह कर, हाइट रिटर्न्स कमाने का प्रयास करते हैं.

Balanced Fund:

वन-स्टॉप इन्वेस्टमेंट ऑप्शन हैं जो इक्विटी और डेट दोनों सेगमेंट में इन्वेस्टमेंट ऑफर करते है.यह फण्ड का मुख्य उद्देश्य रिस्क रेश्यो को बैलेंस करना और इन्वेस्टमेंट पर return को optimize करना होता हैं.

Liquid Fund:

इस प्रकार के फंड्स में 91 दिनों से अधिक की मैच्योरिटी वाले डेट Instruments में निवेश नहीं करते हैं. यह उन्हें लगभग रिस्क फ्री बनाता है. इस फण्ड ने शायद ही कभी नेगेटिव रिटर्न दिया है. ये फंड्स हायर पील्ड्स के साथ साथ लिक्विडिटी भी प्रदान करते हैं.कईMutual Fund कंपनिया लिक्विड फण्ड इन्वेस्टमेंट पर तुरंत पैसा निकलापने की फैसिलिटी प्रदान करती हैं.

Short Term Fund:

ये डेट फण्ड हैं जो एक साल से लेकर तीन साल तक की कम पीरियड के मैच्योरिटी वाले instruments में निवेश करते हैं. रूढ़िवादी निवेशक शॉर्ट-टर्म फण्ड में इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं, क्योंकि ये फण्ड इंटरेस्ट रेट के उतार-चढ़ाव से ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं.

Disclaimer:यह लेख केवल जानकारी मात्र हैं,बाज़ार जोखिमो के अधीन होता है अतः अपने स्व विवेक से काम ले. blogwalaa.com आपको निवेश की सलाह नहीं दे रहा हैं.

Mutual Funds में निवेश से पहले जान लें ये काम की बात, नहीं होगा नुकसान

बेसिक जानकारी जुटाने से आपको अपनी जरूरत के मुताबिक प्लान चुनने, उसमें रिस्क और रिटर्न के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

बेसिक जानकारी जुटाने से आपको अपनी जरूरत के मुताबिक प्लान चुनने, उसमें रिस्क और रिटर्न के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

म्‍यूचुअल फंड में आप किसी फंड में एकमुश्‍त पैसा लगा सकते हैं या फिर हर महीने एक तय रकम के जरिये निवेश कर सकते हैं.

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 17, 2021, 07:00 IST

Mutual Funds Investment: जो लोग बाजार से पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन रिस्क से भी डर लगता है तो उनके लिए म्यूचुअल फंड सबसे बेहतरीन ऑप्शन है. म्यूचुअल फंड्स इस समय सबसे पॉपुलर निवेश विकल्पों में से एक हैं. आप यहां कम रिस्क में अपनी पॉकेट के अनुसार निवेश कर सकते हैं. म्‍यूचुअल फंड में निवेश पर भी बाजार के उतार-चढ़ाव का असर होता है. लेकिन लंबे समय के निवेश में इस उतार-चढ़ाव का असर कम होता है और आपको एक अच्छा रिटर्न मिल जाता है.

अगर आपर म्‍यूचुअल फंड में निवेश का प्‍लान बना रहे हैं, तो उससे पहले कुछ जरूरी बातों की जानकारी अवश्य कर लेनी चाहिए. बेसिक जानकारी जुटाने से आपको अपनी जरूरत के मुताबिक प्लान चुनने, उसमें रिस्क और रिटर्न के बारे में जानकारी मिल जाएगी.

म्‍यूचुअल फंड में आप किसी फंड में एकमुश्‍त पैसा लगा सकते हैं या फिर हर महीने एक तय रकम के जरिये निवेश कर सकते हैं. हर महीने निवेश करने के सिस्टम को SIP यानी सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान कहते हैं. इसमें आप महज 500 रुपये महीने के हिसाब से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. लंबे समय के निवेश के लिए एसआईपी सही रहता है. SIP में निवेश करने से कम्‍पाउंडिग का फायदा मिलता है.

आप अपनी जरूरत के हिसाब से फंड चुन सकते हैं और लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप या स्मॉल-कैप इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड की कई कैटेगरी होती हैं इनमें लार्ज-कैप, मिड-कैप, मल्टी-कैप और स्मॉल-कैप शामिल हैं. यहां कैप से मतलब कंपनी की पूंजी से हैं. इसलिए ये फंड कंपनियों की पूंजी की ओर इशारा करते हैं.

आपके फंड को भी कंपनियों की पूंजी के हिसाब से बांटकर इन्वेस्ट किया जाता है. और उसी हिसाब से रिटर्न भी मिलता है.

म्यूचुअल फंड में निवेश पर होने वाली आमदनी टैक्‍स के दायरे में आती है. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) पर टैक्स देना होता है.

स्मॉल कैप और मिड कैप फंड
स्मॉल कैप और मिड कैप फंड के नाम से ही पता चलता है कि छोटी पूंजी वाली कंपनी और वो कंपनी जिसने अभी ग्रोथ करना शुरू किया है. इन फंड्स में रिटर्न अच्छा मिलता है, लेकिन रिस्क भी उतना ही रहता है.

जो रिस्क लेने से नहीं डरते उनके लिए ये फंड्स अच्छे रहते हैं. अगर आप ज्यादा लंबे समय तक के लिए निवेश करते हैं तो इन फंड्स से जुड़े जोखिम कम क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? हो जाते हैं.

लार्ज कैप फंड
जो लोग बिना जोखिम के डेट फंडों की तुलना में अधिक रिटर्न चाहते हैं, वे लार्ज-कैप फंडों में निवेश कर सकते हैं. ये फंड बाजार की तमाम उतार-चढ़ाव के बीच भी अच्छा रिटर्न देते हैं. क्योंकि ये बड़ी और स्थापित कंपनियां होती हैं.

ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|

What is Credit Risk Fund in Hindi: क्या होते हैं क्रेडिट रिस्क फंड, क्या आपके लिए सही हैं ये, जानिए

What is Credit Risk Fund in Hindi: क्या होते हैं क्रेडिट रिस्क फंड, क्या आपके लिए सही हैं ये, जानिए

Credit Risk Fund in Hindi: म्यूच्यूअल फंड में कई तरह की कैटेगरी होती है। इन्ही में से एक क्रेडिट रिस्क फंड है, जो डेट म्यूच्यूअल फंड के अंतर्गत आता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते है कि क्रेडिट रिस्क फंड क्या है? (What is Credit Risk Fund in Hindi) और इस फंड में किसे निवेश करना चाहिए? (Who should invest in Credit Risk Fund?)

Credit Risk Fund in Hindi: इन दिनों कम रेटिंग वाली सिक्योरिटीज में निवेश करने वाले क्रेडिट रिस्क वाले फंड निवेशकों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं क्योंकि क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? निवेशकों के लिए दोहरे अंकों में प्रतिफल की संभावना है। तो आइए इस लेख में विस्तार से जानते है कि क्रेडिट रिस्क फंड क्या है? (What is Credit Risk Fund in Hindi) और इस फंड में किसे निवेश करना चाहिए? (Who should invest in Credit Risk Fund?)

क्रेडिट रिस्क फंड क्या है? | What is Credit Risk Fund in Hindi

Credit Risk Fund in Hindi: क्रेडिट-रिस्क फंड एक प्रकार के डेट फंड हैं जो AA-रेटेड पेपर से कम में निवेश फंड का लगभग 65% निवेश करते हैं। अधिक क्रेडिट रिस्क लेकर और कम रेटिंग वाले दस्तावेजों में निवेश करके, वे हाई रिटर्न देते हैं। ऐसी फर्में अधिक ब्याज दरों की पेशकश करती हैं और जब उनकी रेटिंग बढ़ती है तो कैपिटल गेन लाभ प्रदान करती हैं। इन फंडों में ब्याज का जोखिम कम होता है क्योंकि इनमें से ज्यादातर कम अवधि के होते हैं। आमतौर पर ये फंड जोखिम मुक्त निवेश से 2-3 फीसदी ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं।

क्रेडिट रिस्क फंड कैसे काम करते है? | How do Credit Risk Funds work?

Credit Risk Funds दो तरह से सिक्योरिटीज पर रिटर्न देते हैं। पहला, उन्हें ब्याज आय प्राप्त होती है। दूसरा, चूंकि वे कम रेटिंग वाली सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं, तो अगर सिक्योरिटी रेटिंग को अपग्रेड किया जाता है तो वे कैपिटल गेन अर्जित कर सकते हैं।

कितना लगता है टैक्स? | Taxation of Credit Risk Funds

दिविडेंड टैक्स से मुक्त हैं, लेकिन स्कीम द्वारा 28.84% डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का भुगतान किया जाना चाहिए। आपके द्वारा अर्जित रिटर्न निवेश के तीन वर्षों के भीतर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) टैक्स के अधीन हैं। यह आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार होगा। तीन वर्षों के बाद इंडेक्सिंग के लाभ के साथ, आप 20 प्रतिशत पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) के लिए पात्र हैं।

क्रेडिट रिस्क फंड का चुनाव कैसे करना चाहिए? | How to Choose a Credit Risk Fund?

Credit Risk Fund in Hindi: क्रेडिट रिस्क फंड उच्च तरलता जोखिम से जुड़े होते हैं। अगर कम पोर्टफोलियो रेटिंग वाला कोई बॉन्ड विफल हो जाता है या एक और डाउनग्रेड का सामना करता है, तो इस होल्डिंग से बाहर निकलना फंड मैनेजर के लिए कठिन हो सकता है। इस कैटेगरी में फाइनेंशियल प्लानर निवेशकों को बड़े पैमाने पर फंड चुनने की सलाह देते हैं।

उच्च एसेट फंड मैनेजर को विविधता लाने और जोखिम फैलाने की अधिक गुंजाइश देती हैं। निवेशकों को कम एक्सपेंस रेश्यो फंड को भी देखना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी सिंगल बिजनेस ग्रुप में पोर्टफोलियो केंद्रित नहीं है या हाई होल्डिंग्स नहीं है। उन्हें अच्छे डेट पोर्टफोलियो मैनेजमेंट एक्सपीरियंस वाले क्या डेट फंड्स रिस्क फ्री होते हैं? फंड मैनेजर और फंड हाउस का चयन करना चाहिए।

क्रेडिट रिस्क फंड में किसे निवेश करना चाहिए? | Who should invest in Credit Risk Fund?

Credit Risk Fund in Hindi: डेट फंड होने के बावजूद, क्रेडिट रिस्क फंड उचित जोखिम के साथ आते हैं। उदाहरण के लिए, कम रेटिंग वाले पेपर भी कभी-कभी उम्मीदों पर डाउनग्रेड होने के लिए जाने जाते हैं। निवेशकों को यह याद रखना चाहिए कि इन फंडों में बार-बार वृद्धि और गिरावट होती है-इसलिए यह कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है।

स्थिर आय की तलाश करने वाले और जोखिम कारक को कम करने के इच्छुक निवेशकों को क्रेडिट-रिस्क फंड से दूर रहना चाहिए। जो लोग उच्चतम टैक्स स्लैब से संबंधित हैं, जो टैक्स पर बचत करना चाहते हैं, वे क्रेडिट-रिस्क फंड में निवेश करना चुन सकते हैं। उन्हें लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 30% के बजाय सिर्फ 20% का टैक्स देना होगा।

क्रेडिट-रिस्क फंड में निवेश करने से पहले ध्यान देने योग्य बातें

● क्रेडिट से संबंधित कोई भी निर्णय स्वयं न करें, विशेष रूप से बड़ी मात्रा में, जब तक कि आप बाजार के जानकार न हों। ये कॉल करने के लिए डायवर्सिफाइड म्यूचुअल फंड का इस्तेमाल करें।

● अगर आप इस तरह के फंड में निवेश करते हैं, तो हमेशा बड़े फंड चुनें। ऐसा इसलिए है क्योंकि उनका बड़ा फंड उन्हें डायवर्सिफिकेशन और जोखिम के प्रसार के लिए बेहतर गुंजाइश प्रदान करता है।

● कम एक्सपेंस रेश्यो वाला फंड चुनना एक अच्छा विचार हो सकता है, खासकर पहली बार निवेश करने वालों के लिए।

● किसी फंड के लिए हमेशा एक प्रतिष्ठित और अनुभवी फंड मैनेजर के साथ जाएं।

● सुनिश्चित करें कि फंड का पोर्टफोलियो किसी विशेष समूह की सिक्योरिटीज में ज्यादा फोकस नहीं है।

रेटिंग: 4.68
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 671
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *