फोंडेक्स ट्रेडिंग की स्थिति

अमेरिकन एक्सचेंज

अमेरिकन एक्सचेंज
हालांकि मार्केट कैप्टलाइजेशन ही ऐसा फैक्टर नही है जिसे इंडेक्स बनाते समय ध्यान में रखना चाहिए। यहां अन्य फैक्टर भी है जैसे कि - पब्लिक फ्लोट , लिक्विडिटी, सेक्टर क्लासिफिकेशन, ट्रेडिंग हिस्ट्री एंड फाइनेंसिएल वायबिलिटी भी ।

' अमेरिका शेयर बाजार'

Sensex, Nifty today: बाजार बंद होने के पहले दोपहर तीन बजे के आसपास बेंचमार्क इंडेक्स अपने इंट्रा-डे लो यानी दिन के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे. दरअसल, अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक की पॉलिसी मीटिंग के फैसले के इंतजार के बीच बाजार में सुस्ती चल रही है.

अमेरिका में नयी सरकार से नये राहत उपायों की उम्मीद में वैश्विक बाजारों में तेजी रही. इसके बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), ऊर्जा और वाहन कंपनियों के शेयरों में मजबूती आने से बुधवार को घरेलू शेयर बाजार (Share Market) नयी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये. बीएसई (BSE) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स (Sensex) 393.83 अंक यानी 0.80 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,792.12 अंक के नये रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मंगलवार को एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि अमेरिका रिकवरी की राह पर है. उनके इस ट्वीट के पीछे शेयर मार्केट खुलने के बाद बाजार में दिखी तेजी है.

अमेरिकन स्टॉक इंडेक्स: प्रस्तावना

जिस प्रकार प्रमुख भारतीय शेयर बाजार बीएसई तथा एनएसई बड़े अमेरिकन एक्सचेंज अमेरिकन एक्सचेंज स्टॉक बाजार में है और सेक्टर स्पेसिफिक इंडेक्स , द यूएस स्टॉक एक्सचेंजस के पास अपने इंडेक्स भी है। यहां आपके लिए मजेदार फैक्ट है। U.S में 5000 अलग स्टॉक इंडेक्स है जो की बड़े एवं प्रमुख 4 फॉलो किए जाने वाले से अलग है। अभीभूत ? चिंता मत करो हम धीरे-धीरे एक के बाद एक उन्हें diconstruct करने के लिए आगे बढ़ेंगे ।

हालांकि वहां सौ प्रकार के स्टॉक इंडेक्स है , तुम्हे बतौर निवेशकर्ता अमेरिकन स्टॉक इंडेक्स के बारे में एक अच्छा विचार प्राप्त करने के लिए सब को फॉलो करने की आवश्यकता नहीं है। असल में वहां केवल तीन चार बड़े स्टॉक इंडेक्स है जिन पर तुम्हे विचार करना चाहिए । वो क्या है उसका यहां preview दिया गया है:

  • The Nasdaq Composite Index
  • The S&P 500
  • The Dow Jones Industrial Average
  • The Wilshire 5000

The Nasdaq Composite Index

अब तक आप Nasdaq Composite Index के बारे में पिछले पाठ में जान चुके है हम यहां पर केवल एक्सचेंज इंडेक्स पर फोकस करेंगे।

द Nasdaq Composite Index एक ब्रॉड मार्केट इंडेक्स है जो कि नसदाक एक्सचेंज की सभी कंपनियों को सूचीबद्ध रखता है। 2500 से भी अधिक constituenent की विशेषता बताते हुए the Nasdaq Composite index अमेरिकन इकोनॉमी का एक अच्छा निर्देशक है।

इंडेक्स में से लगभग 50 परसेंट कंपनियां tech space से है , जो कि इसे अमेरिकन टेक इंड्रस्ट्री को पाने के लिए एक बेस्ट इंडेक्स बनाती हैं। tech के अलावा इंडेक्स विभिन्न सेक्टर्स की प्रमुख कंपनियों की विशेषता बताता है , जैसे कि कंज्यूमर सर्विसेज , हेल्थ केयर , इंडस्ट्री , कंज्यूमर गुड्स एंड फाइनेंस।

एक बड़ा तथ्य जो कि Nasdaq Composite Index को और इंडेक्सको से अलग करता है वह यह है कि यह उन कंपनियों को भी शामिल करता है जो USA के हेड क्वार्टर में नहीं है।स्टॉक्स के अलावा यह इंडेक्स निम्नलिखित सिक्योरिटीज भी रखता है -

The S&P 500

अगर तुम पिछले मॉड्यूल्स को याद कर सकते हो तो यह शब्द S&P Standard अमेरिकन एक्सचेंज & Poor's को दर्शाता है । द S&P 500 इंडेक्स अमेरिकन स्टॉक मार्केट की टॉप 500 कंपनियों को रखता है। हालांकि इस इंडेक्स में केवल 500 constituents है फिर भी यह यूएस की स्टॉक मार्केट का लगभग 80% भाग दर्शाता है जो इसे एक अच्छा निर्देशक बनाता है। जैसा कहा गया था S&P 500 के constituents ज्यादातर विभिन्न क्षेत्रों तथा सहायक क्षेत्रों की लार्ज कैप कंपनियां है ।

द S&P 500 मार्केट कैप्टलाइजेशन वेट मैथड का उपयोग करके बनाया जाता है। इस इंडेक्स में कंपनियो का स्थान उनके मार्केट कैप्टलाइजेशन तथा अमेरिकन एक्सचेंज दिए गए भार के अनुसार होता है, इन कंपनियों का मार्केट कैप्टलाइजेशन हाई होता हैं वह अधिक भारवान मानी गई है, और जिन कंपनियों का मार्केट कैप्टलाइजेशन low होता है वह कम भारवान मानी गई है। इसलिए हाई वेहट वाली कंपनियां इंडेक्स को चलाने में निम्न भार वाली कंपनियों से ज्यादा सक्षम मानी गई हैं।

एक्सचेंजेज, अलुम्नी, शिक्षा

प्रतिवर्ष भारत में अमेरिकी दूतावास लगभग 300 लोगों को विभिन्न अल्पकालिक और दीर्घकालिक प्रोफेसनल, अकादमिक, और सांस्कृतिक एक्सचेंज कार्यक्रमों के अंतर्गत हाईस्कूल के छात्रों से लेकर मध्य करियर प्रोफेसनल्स को एक सप्ताह से लेकर दो साल की अवधि के लिए भेजता है। इनमें से कुछ विश्वव्यापी कार्यक्रम हैं जिन्हें अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के एजूकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स (ईसीए) ब्यूरो द्वारा प्रायोजित होते हैं, और अन्य क्षेत्रीय कार्यक्रम हैं जो साउथ और सेंट्रल अफेयर्स ब्यूरो द्वारा वित्त पोषित होते हैं, और अन्य मिशन इंडिया के लिए विशेष होते हैं। इन एक्सचेंजेज कार्यक्रमों की और जानकारी यहां प्राप्त करें। मिशन की एक्सचेंजेज टीम भूटानी एक्सचेंज भागीदारों तथा कांग्रेस द्वारा अनुमति प्राप्त तिब्बती स्कॉलरशिप कार्यक्रम का भी समन्वय करती है। (2017 तिब्बती स्कॉलरशिप प्रोग्राम (टीएसपी) अनाउंसमेंट के लिए यहां क्लिक करें)। अमेरिका-भारत एजूकेशनल फाउंडेशन (यूएसआईईएफ) हमारे द्विराष्ट्रीय अमेरिका-और भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित फुलब्राइट-नेहरू अकादमिक फैलोशिप का अलग कार्यान्वयन करता है। एक्सचेंज कार्यक्रमों के बारे में अधिक जानकारी के लिए तथा उनकी पात्रता की कसौटी तथा नामांकन प्रक्रिया, या नए कार्यक्रम का सुझाव देने के लिए कृपया हमें [email protected]. पर ईमेल करें।

US Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में पूरे साल तेजी के आसार, S&P 500 ETF में निवेश दे सकता है बेहतर रिटर्न

US Stock Market: अमेरिकी शेयर बाजार में पूरे साल तेजी के आसार, S&P 500 ETF में निवेश दे सकता है बेहतर रिटर्न

S&P 500 Index में इस साल यानी जनवरी 2021 से अब तक 19.22% का उछाल आ चुका है.

Investing in US Market, S&P 500 Index: भारतीय निवेशक अगर अमेरिकी शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाना चाहते हैं तो इसके लिए उन्हें क्या करना होगा? इस सवाल का सबसे सीधा जवाब है, S&P 500 ETF में निवेश करके वे अपने इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, S&P 500 इंडेक्स में अमेरिका के न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियां शामिल हैं. जाहिर है, S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी ईटीएफ में निवेश का मतलब है, आपका निवेश इस इंडेक्स में आने वाली तेजी के साथ-साथ बढ़ने की पूरी संभावना रहेगी.

S&P 500 पर फंड मैनेजर्स को क्यों है इतना भरोसा?

अमेरिका की टॉप कंपनियों के शेयर्स की चाल को दर्शाने वाले S&P 500 इंडेक्स में जनवरी से अब तक 19.22 फीसदी की तेजी अमेरिकन एक्सचेंज दर्ज की जा चुकी है. इसके मुकाबले भारत के Nifty 50 इंडेक्स में इसी दौरान 12.86 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. फंड मैनेजर्स का मानना है कि S&P 500 में 2021 के अंत तक अभी और 10 फीसदी की तेजी आ सकती है.

बैंक ऑफ अमेरिका के जुलाई महीने के फंड मैनेजर सर्वे के मुताबिक 82 फीसदी निवेशकों को उम्मीद है कि S&P 500 इंडेक्स इस साल के अंत तक कम से कम 10 फीसदी और बढ़ेगा. इतना ही नहीं, कई निवेशक तो यह उम्मीद भी कर रहे हैं कि अगरे छह महीने में अमेरिकी बाजार में बुल रन यानी शानदार तेजी का दौर भी देखने को मिल सकता है.

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ETF के जरिए आसान है S&P 500 इंडेक्स में निवेश

सवाल यह है कि अमेरिकी कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स में शानदार तेजी की संभावना का फायदा भारतीय निवेशक कैसे उठा सकते हैं? इसका एक आसान रास्ता एक अच्छे S&P 500 ETF में निवेश करना हो सकता है. यानी एक ऐसा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड जो न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड टॉप 500 कंपनियों के S&P 500 इंडेक्स को ट्रैक करता हो. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के रिटर्न आम तौर पर उस इंडेक्स की चाल के साथ ही चलते हैं, जिसे वे ट्रैक करते हैं. हालांकि इसमें कई बार थोड़ा-बहुत ट्रैकिंग एरर आ सकता है.

S&P 500 में शामिल अमेरिकन एक्सचेंज कंपनियों में निवेश करने वाले तीन सबसे बड़े ETF हैं :

Vanguard S&P 500 ETF: 753 अरब अमेरिकी डॉलर के नेट एसेट्स वाला Vanguard सबसे बड़ा S&P 500 ETF है. इसका औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम 39.8 लाख है. जनवरी 2021 से अब तक इसमें 19.27 फीसदी का इजाफा हो चुका है.

बिखर गया अमेरिकी शेयर बाजार, क्या आज भारतीय बाजार में भी मचेगा हाहाकार?

बिखर गया US बाजार

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 सितंबर 2022,
  • (अपडेटेड 14 सितंबर 2022, 9:09 AM IST)

रिकॉर्ड तोड़ महंगाई (Inflation) और आर्थिक मंदी (Economic Recession) की आशंका शेयर बाजारों को उबरने का मौका नहीं दे रही है. अमेरिकी शेयर बाजार (US Share Market) में फिर से ऐसा ही नजारा मंगलवार को देखने को मिला. उम्मीद से बदतर महंगाई के आंकड़ों (US Inflation Data) ने अमेरिकी शेयर बाजार को हिला दिया और वॉल स्ट्रीट (Wall Street Crash) पर 5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. अब इसका असर भारत समेत दुनिया भर के तमाम बाजारों पर देखने को मिल सकती है और बुधवार का दिन बाजार के लिए बुरा सपना साबित हो सकता है.

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ब्याज दर को इतना बढ़ा सकता है फेड

अगस्त महीने में महंगाई के आंकड़े पिछले कुछ महीनों की तुलना में नरम पड़े हैं. इससे पहले जुलाई में अमेरिका में खुदरा महंगाई 8.5 फीसदी रही थी. वहीं जून में अमेरिकी महंगाई दर 9.1 फीसदी पर पहुंच गई थी, जो पिछले 4 दशक में सबसे ज्यादा था. हालांकि कुछ नरम पड़ने के बाद भी महंगाई दर अभी भी उच्च स्तर पर ही है. यह अभी भी कई दशकों के हाई पर है. महंगाई दर नरम पड़ने से फेड के तेवर कुछ कम हो सकते थे, लेकिन अभी भी उम्मीद से बदतर रहने के कारण इस बात की गुंजाइश कम ही है कि फेडरल रिजर्व कोई नरमी दिखाएगा. वहीं दूसरी ओर लोगों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर फेडरल रिजर्व आक्रामक तरीके से ब्याज दर को बढ़ाता रहा तो आर्थिक मंदी की मार और भारी हो जाएगी.

दुनिया भर के बाजारों में कोहराम

आंकड़े सामने आाने के बाद वॉल स्ट्रीट में कोहराम मच गया. डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,276.37 अंक यानी 3.94 फीसदी गिरकर 31,104.97 अंक पर बंद हुआ. टेक फोकस्ड इंडेक्स नास्डैक कंपोजिट का हाल तो और ही बुरा हुआ. यह इंडेक्स 632.84 अंक यानी 5.16 फीसदी गिरकर 11,633.57 अंक पर आ गया. एसएंडपी500 सूचकांक में 177.72 अंक यानी 4.32 फीसदी की गिरावट देखने को मिली और यह 3,932.69 अंक पर बंद हुआ. इसके बाद आज बुधवार को एशियाई बाजार भी गिरावट का सामना कर रहे हैं. जापान का निक्की, हांगसांग का हैंगसेंग और चीन का शंघाई कंपोजिट तीनों 2-2 फीसदी से ज्यादा गिरे हुए हैं. इन आंकड़ों को देखते हुए यही लग रहा है कि आज भारतीय शेयर बाजार भी इन्वेस्टर्स को दिन में तारे दिखाने वाले हैं.

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