क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक क्रूज शिप पर 800 से अधिक लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे 'टियर 3' के स्तर का खतरा बताया है, यानि ट्रांसमिशन का स्तर काफी अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के G-20 प्रेसीडेंसी क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन के लोगो, थीम और वेबसाइट का अनावरण किया।
अभी तक आपने जानवरों की चमड़ी से बने कपड़े, जैकेट और बैग जैसी चीजें देखी होंगी, लेकिन क्या आपने कभी मृत पालतू जानवरों की चमड़ी से उन्हीं के आकार का कारपेट, कालीन या कंबल देखा है?
अभी 25 अक्टूबर को साल का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण देखा गया था और अब 8 नवंबर को इस साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसे 'ब्लड मून' कहा जाता है।
नस्लभेद के एक संभावित मामले में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एक भारतीय छात्र पर चाकू से 11 बार वार किया गया। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है और सिडनी के ही एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
वैज्ञानिक हमेशा कुछ ऐसा कर दिखाते हैं जिसके बारे में सुनकर हमें हैरानी होती है।
इंग्लैंड में एक बेहद अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
विदेश में पढ़ाई करने का सपना देख रहे छात्रों को अलग-अलग देशों में अंग्रेजी की परीक्षा पास करनी होती है।
बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले अभिनेता शाहरुख खान की फैन फॉलोइंग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में है जिसका सबूत किसी न किसी तरह मिलता रहता है।
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट्स के कारण दुनियाभर में एक बार फिर से कोविड के नए मामले बढ़ने लगे हैं। अमेरिका, यूरोप, जापान और ऑस्ट्रेलिया में मामलों में सबसे अधिक इजाफा हो रहा है और अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है।
क्या आप 10 मिनट के अंदर 60 से ज्यादा समोसे, बर्गर या पिज्जा जैसी चीजें खा सकते हैं? शायद नहीं!
अगर आपका मानना यह है कि पैसा कमाना मुश्किल होता है तो आपको बता दें कि एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के लिए चुटकियों का काम है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी से प्राप्त डिग्रियों की मान्यता और समानता से संबंधित नियमों पर काम करने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।
जापान में आज क्वाड सम्मेलन की शुरूआत हुई। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चारों सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष जापान पहुंचे हैं, जिनमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।
एक तरफ केंद्र सरकार संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के जरिए पड़ोसी देशों में प्रताड़ित लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर देश के नागरिक ही अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने रविवार को कहा कि क्वाड देशों ने यूक्रेन युद्ध पर भारत के रूख को स्वीकार कर लिया है और कोई भी देश नाखुश नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युद्ध को खत्म करने के लिए अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया लगभग दो साल बाद अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए अपने दरवाजे खोलने जा रहा है।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, लेकिन चीन ने महीनों तक इनकार करने के बाद चार सैनिकों की मौत स्वीकार की थी।
विश्व के नंबर एक पुरुष टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को एक और बड़ा झटका लगा है। दो बार वीजा रद्द होने के बाद अब जोकोविच को अदालत ने भी झटका दे दिया है।
दुनियाभर में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट का कहर जारी है और कई देशों रोजाना रिकॉर्ड नए मामले सामने आ रहे हैं।
चीन की राजधानी बीजिंग अगले साल फरवरी में शीतकालीन ओलंपिक खेलों का आयोजन करेगी।
फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों के लिए ऑस्ट्रेलिया इस साल एक कानून लेकर आया, जिसमें कहा गया है कि उन्हें न्यूज कंटेंट के बदले पब्लिशर्स को भुगतान करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स (NSW) प्रांत की सरकार घरों की काली छतों पर पाबंदी लगाने का विचार कर रही है। यह प्रांत के 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की योजना का हिस्सा है।
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान में काम ली जा रही कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन को बुधवार को न्यूजीलैंड ने मान्यता दे दी है।
अगले साल होने वाला टी-20 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया में होना है और इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इसके लिए मैदानों के नाम घोषित कर दिए हैं। ऑस्ट्रेलिया के सात मैदानों में टूर्नामेंट के मुकाबले खेले जाएंगे।
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ने का शर्मनाक मामला सामने आया है। भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया को ये प्रतिमा तोहफे में दी थी और शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इसका अनावरण किया था।
कोरोना वायरस के खिलाफ हैदराबाद स्थित भारत बायोटक द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'कोवैक्सिन' की दोनों खुराक लेने के बाद विदेश जाने की योजना बना रहे लोगों और छात्रों के लिए राहत की खबर है।
कोरोना वायरस वैक्सीन खरीदने में पीछे रहे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कई देश गलती सुधारते हुए नजर आ रहे हैं।
कोरोना वायरस के खिलाफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'कोविशील्ड' की दोनों खुराक लेने के बाद विदेश जाने की योजना बना रहे लोगों और छात्रों के लिए राहत की खबर है।
अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात की। व्हाइट हाउस में गर्मजोशी के बीच हुई इस मुलाकात में बाइडन ने कहा कि वो प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत कर खुश हैं।
अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बताया है कि लगातार दो महीनों तक बढ़ोतरी के बाद अब वैश्विक स्तर पर कोरोना के दैनिक मामले स्थिर हो रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन को साल 2032 में होने वाले ओलंपिक खेलों की मेजबानी मिली है। ब्रिस्बेन को निर्विरोध रूप से आयोजन के अधिकार मिले हैं। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOA) ने यह घोषणा की है।
'ये जवानी है दीवानी' फेम एवलिन शर्मा बॉलीवुड की चर्चित अभिनेत्री हैं। हाल में वह अपनी शादी की खबरों को लेकर सुर्खियों में थीं।
कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद ऑस्ट्रेलिया के कई इलाकों में कड़ी पाबंदियां लगा दी गई हैं और अभी देश की 80 प्रतिशत आबादी किसी न किसी तरह के लॉकडाउन या पाबंदी में रह रही है।
शुक्रवार को अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं के बीच चारों देशों के समूह क्वॉड की पहली वर्चुअल बैठक हुई।
क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने से पहले पढ़ लें यह खबर, सरकार ले रही यह फैसला
पहली अप्रैल से पहले स्पष्ट टैक्स रूल्स पेश करने के मुड में सरकार
Update: Wednesday, February 9, 2022 @ 2:15 PM
नई दिल्ली। पिछले दिनों संसद (Parliament) में पेश हुए आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल करेंसी (Digital Currency) पर टैक्स लगाने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद क्रिप्टो की पूरी दुनिया (World) ही हिल गई है। इससे इनवेस्टर्स और ट्रेडिंग कराने वाले एक्सचेंजों के लिए कहीं खुशी तो कहीं गम जैसे हालात बन गए है। क्रिप्टो (Crypto) से होने वाले मुनाफै पर 30 फीसदी टैक्स (Tax) की मार पड़ गई है। वहीं, टेंडिंग करने पर एक फीसदी टीडीएस देना पड़ेगा। इन्वेटर्स इसी बात से दुखी हैं तो वहीं एक्सचेंजों (Exchanges) का दर्द दूसरा है। एक्सचेंज परेशान हैं कि एक फीसदी टीडीएस (TDS) उनके लिए उलझने और बढ़ाने वाला है। अब इन प्लेटफॉर्म्स पर ज्यादातर निवेशक ऐसे भारतीय हैं जो समंदर पार रहते हैं। अब कानून कहता है कि ऐसे निवेशकों पर 2 फीसदी इक्विलाइजेशन टैक्स भी बनता है। बस यहां से ही एक्सचेंजों की उलझन बढ़ी हुई हैं। इसी वजह से क्रिप्टो एक्सचेंज चाहते हैं कि सरकार जल्द से जल्द टैक्स के मसले पर तस्वीर पूरी तरह से साफ कर दे।
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क्या है सरकार की तैयारी
सरकार का इरादा पहली अप्रैल से पहले इस मामले में स्पष्ट टैक्स रूल्स (Tax Rules) पेश करने का है। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स की परिभाषा को इतना व्यापक बनाने का है, ताकि भविष्य की कोई भी डिजिटल एसेट इसके बाहर न रहे। खैर, बजट में टैक्स लगने से एक्सचेंज इस बात को लेकर भी रिलेक्स हैं, कि अब टैक्स लग गया तो सरकार क्रिप्टो को कम से कम बैन नहीं करेगी। निवेशक धड़ाधड़ एक्सचेंजों पर खुद को रजिस्टर्ड (Registered) करा रहे हैं। निवेशकों की बढ़ती संख्या से उत्साहित एक एक्सचेंज ने तो क्रिप्टो में एसआईपी (SIP) भी उतार दी है। यानी हर महीने थोड़ा.थोड़ा पैसा लगाकर क्रिप्टो खरीदते रहिए।
इथेरियम ब्लॉकचेन के लिए एक सेकेंडरी स्केलिंग सॉल्यूशन पॉलीगॉन की नींव रखने वाले 3 भारतीयों को 45 करोड़ डॉलर की फंडिंग (Funding) भी मिल गई है। यानी बड़े निवेशक भी क्रिप्टो से जुड़ी कंपनियों पर बुलिश बने हुए हैं। क्रिप्टो की खलबली से उलट रिजर्व बैंक तेजी से अपनी डिजिटल करेंसी लांच करने की तैयारी में जुटा हुआ है। आरबीआई (RBI) को लग रहा है कि डिजिटल करेंसी आएगी तो नोट छापने का उसका खर्च काफी कम रह जाएगा।
लता और रफी के बीच वो विवाद जो सुलझने के बजाय उलझता ही गया!
1960 के दशक में रॉयल्टी को लेकर लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी में जो विवाद हुआ था, उसे वे भूली नहीं हैं।
1960 के दशक में रॉयल्टी को लेकर लता मंगेशकर और मोहम्मद रफी में जो विवाद हुआ था, उसे वे भूली नहीं हैं। कुछ विस्तार से ही, लता ने यह बात कही है कि रफी के नाम का जिक्र आते ही वे उन दिनों में लौटने को मजबूर हो जाती हैं जब एक सिंगर को, किसी गीत पर रॉयल्टी मिले न मिले, के सवाल पर रफी ने उनसे अपनी असहमति जाहिर की थी। लता का यह विचार कि सिंगर्स को रॉयल्टी मिलनी चाहिए, उनका अपना था, पर उसे और मजबूती तो रफी-जैसे सिंगर को साथ लेकर चलने में मिलती। रफी ने जोर देकर कहा कि एक बार गीत के रिकॉर्ड हो जाने के बाद, सिंगर का कोई अधिकार उस पर नहीं रह जाता। दूसरे, अगर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाती है तो निर्माता रॉयल्टी देने की स्थिति में नहीं होगा। बहुत-से लोग ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि कलाकार के अधिकारों के लिहाज से लता अपनी जगह सही थीं। लेकिन हम एक ऐसे समय में रह रहे हैं जहां मुनाफे और नुकसान की बात सोचनी ही पड़ती है। रफी ने इस सवाल पर एक सोचा-विचारा सैद्धांतिक निर्णय लिया था जो उन संगीतकारों की समझ में सहज ही आ जाना चाहिए था जिन्होंने 1950 और 1960 के दशक में शानदार संगीत की रचना की थी। यहां याद कर सकते हैं कि क्रोध में भरी हुई लता ने उस बैठक का बहिष्कार कर दिया था जिसमें इस सवाल पर विचार- विमर्श हो रहा था और जिसमें अधिकतर लोग रफी के मत से सहमत थे।
वह तो लता ही थीं जिन्होंने यह निर्णय लिया था कि अब वह रफी के साथ नहीं गाएंगी। इस बारे में रफी ने एक सधा हुआ जवाब दिया था कि अगर उनकी मेरे साथ गाने में दिलचस्पी नहीं है, तो फिर मुझे भी कैसे हो सकती है! दरअसल, दोनों के अहं का टकराव बहुत बढ़ चुका था और वही प्रमुख हो गया था, रॉयल्टी वाला मामला तो जैसे पीछे छूट गया था। स्थिति तब और बिगड़गई जब दो दिग्गजों ने एक दूसरे के साथ गाना बंद कर दिया, तो अधीर हुए कंपोजरों ने लता की जगह सुमन कल्याणपुर से गवाना शुरू कर दिया जो कुछ-कुछ लता जैसी ही लगती थीं। डुएट के क्षेत्र में रफी की जगह पहले जैसी बनी हुई थी। लोग यही मानते हैं कि जब लता ने देखा कि जो कुछ उन्हें मिला करता था, उसे तो कोई और लिए जा रहा है, तो वह परेशान हुईं। और इसे क्षमता न देखकर माना यही जाता है कि उन्होंने शंकर-जयकिशन से संपर्क किया कि वह रफी के साथ उनका समझौता करा दें। इसलिए जब उन्होंने यह कहना शुरू किया (रफी के जाने के बाद) कि रफी ने उनसे क्षमा मांगी थी, वह भी लिखकर, तो लोगों को अचरज हुआ और बात गले के नीचे उतरी नहीं, खासतौर पर इसलिए भी कि लिखित माफी वाली वह चिट्ठी उन्होंने कभी सामने नहीं रखी।
रफी के बेटे शाहिद रफी को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने कहा कि रफी तो इतने पढ़े-लिखे थे ही नहीं कि ऐसी कोई चिट्ठी लिखते। वह तो कभी कुछ पढ़ते भी नहीं थे, सिवाय उन गीतों के जो एक कागज पर लिखकर उन्हें दे दिए जाते थे गाने के लिए। शाहिद ने यह भी कहा कि अगर ऐसी माफी वाली कोई चिट्ठी लता के पास है भी तो वह उन्हें दिखानी चाहिए; नहीं तो वह उन पर मानहानिका मुकदमा दायर करेंगे। यह मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ गया पर स्वयं लता के पक्षकारों को यह हैरानी हुई कि रफी के साथ रॉयल्टी वाला मुद्दा जिसे लोग भूलने भी लगे थे, उसे आखिरकार फिर से क्यों उठाया लता ने।
लता मंगेशकर ऐसी गायिका हैं जिनका नाम हमेशा इतिहास में दर्ज मिलेगा। जो लोग लता को नजदीक से जानते हैं, वे इस बात को साझा करने को तैयार हो सकते हैं कि स्वर साम्राज्ञी का दर्जा हासिल करने वाली लता कई मामलों में लगातार अपने को असुरक्षित महसूस करती रही हैं। और उनका अहं भी ऐसा है कि जो भी उन्हें जरा-सा भी प्रतिद्वंद्वी नजर आया है उसके प्रति वह उदार नहीं रही हैं और इसमें अपनी बहन आशा भोसले तक को उन्होंने नहीं बख्शा है। पर वह इस आरोप का खंडन लगातार करती रही हैं। लगता है यह आरोप उन पर एक बोझ की तरह साथ रहा है अन्यथा वह 85 वर्ष की आयु में एक स्पष्टीकरण भला क्यों जारी करतीं।
वह कहती हैं, मैंने अपने करियर में, अपने को आगे बढ़ाने के लिए किसी को उठाने-गिराने की चेष्टा नहीं की है। सवाल यह है कि उनकी जैसी क्षमता वाली गायिका को ऐसा बयान जारी करने की जरूरत क्यों क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन हुई जबकि यह अप्रासंगिक है अब। हमें इस बात ने बराबर उलझन में डाला है कि उनकी जैसी लब्धप्रतिष्ठित गायिका को उन चीजों में उलझने की जरूरत ही क्यों महसूस होती रही है, खासतौर पर तब, जब उनके सामने कोई प्रतिद्वंद्वी हीन रहा हो। इसके मुकाबले रफी के मुस्कुराते हुए चेहरे की याद करिए जिन्हें लता के मुकाबले अपने को कई समकालीनों की चुनौती को जाने-अनजाने झेलना पड़ा हो। रफी उन सबके सामने हंसते हुए ही गुजरे हैं, आगे बढ़े हैं; और कभी किसी को किसी तरह की चोट भी नहीं पहुंचाई है।
जब किन्हीं दो लोगों के बीच दरार पैदा हो जाती है, तो पुरानी आत्मीयता ठीक उसी रूप में वापस नहीं आती। दोनों (मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर) के संबंध सुधरे नहीं थे। जब यह बात प्रकाश में आई कि रफी ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड को 11 जून, 1977 को एक पत्र लिखा है जिसमें लता के उस दावे को चुनौती दी गई है कि उन्होंने फिल्म जगत में सर्वाधिक गीत गाए हैं। किताब में यह जिक्र किया गया था कि लता ने 25,000 से कम गीत नहीं गाए हैं जबकि उसी साल बीबीसी को दिए गए एक साक्षात्कार में रफी ने यह दावा किया था कि उन्होंने प्रायः सभी भारतीय भाषाओं में और कुछ विदेशी भाषाओं में भी करीब 25-26,000 गीतों को अपनी आवाज दी है। गिनीज से 20 नवंबर, 1979 क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन का एक पत्र पाकर रफी ने फिर लिखा कि वे इस बात से निराश हुए हैं कि लता और उनके बीच गाए गए गीतों के वर्ल्ड रिकॉर्ड का जो मसला है, उस पर पुनर्विचार नहीं किया गया है।
रफी के देहांत के बाद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज सबसे अधिक रिकॉर्डिंग्स के अंतर्गत लता मंगेशकर का नाम दर्ज किया गया। साथ में, यह टिप्पणी दी गई कि मोहम्मद रफी (निधन, 1 अगस्त, 1980) ने 1944 से अप्रैल 1980 तक 11 भारतीय भाषाओं में 28,000 गीत रिकॉर्ड कराने का दावा किया था। तथ्य यह है कि ये दोनों ही दावे अतिरंजित हैं क्योंकि यह तो शारीरिक रूप से असंभव है कि कोई साल भर में हजार गीत गाए, वह भी तब जब रिहर्सल भी होती (रही) हों और सिंगर विदेशों में शो करने के लिए भी जाते रहे हों। अभी भी यह साफ नहीं है कि रफी ने कुल मिलाकर कितने गीत गाए थे। लेकिन यह संख्या 6,000 से लेकर 6,200 तक जा सकती है। पहले यह संख्या 4,500 गीतों तक अनुमानित की गई थी, पर कुछ भूले-बिसरे गीतों का पता चलते रहने से इस संख्या में बढ़ोतरी होती गई।
जब कुछ ऐसे गीत मिले, तो रफी को समर्पित एक वेबसाइट ने रफी प्रेमियों से गुजारिश की किजो गीत रफी ‘गीतकोश’ में नहीं हैं, उसके अलावा जो भी गीत मिलें, कृपया ढूढ़ें और बताएं, उन पर पुरस्कार भी दिया जाएगा। अतः रफी के गाए गीतों की संख्या 26,000 तो नहीं हो सकती है। हां, वह 10,000 के करीब जरूर हो सकती है क्योंकि ऐसे भी गीत हैं जो किसी फिल्म के लिए रिकॉर्ड किए गए पर इस्तेमाल नहीं हुए। अगर ऐसी कोई संभावना हो भी, तो संख्या 7000 के ऊपर तो नहीं ही होगी। जब गिनीज बुक वालों को लगा कि कहीं कोई गलती जरूर है, तो वर्ष 1991 और 2011 के प्रकाशनों में से लता और रफी दोनों का नाम हटा लिया गया, और यह क्रेडिट आशा भोसले को दिया गया। किसी ने सच कहा है कि अंत भला तो सब भला!
(‘मोहम्मद रफी : स्वयं ईश्वर की आवाज’ पुस्तक के एक अध्याय का संपादित अंश साभार)
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भारत के एक और पड़ोसी देश में Cryptocurrency को बैन करने की तयारी, जानिए वजह
Cryptocurrency News : चीन के बाद पाकिस्तान में भी अब क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने प्रक्रिया चल पड़ी है।
संघीय सरकार और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने Cryptocurrency को देश में पूरी तरह बैन करने की सिफारिश की है।
सिफारिश को कानून मंत्रालय और वित्त मंत्रालय के पास समीक्षा करने के लिये भेजा गया है।
सिंध हाईकोर्ट भी सरकार से क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में नियम बनाने को कह चुका है।
पाकिस्तानी मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक संघीय सरकार (federal government) और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (Central Bank of Pakistan) ने क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह बैन करने की सिफारिश की है, साथ ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर जुर्माने क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन लगाने की भी बात कही गई है।
सिंध हाई कोर्ट तक पहुंचा था क्रिप्टो केस
पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी (Pryptocurrency in Pakistan) के बारे में नियम बनाने की मांग को लेकर एक व्यक्ति ने सिंध हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
20 अक्टूबर 2020 हाई कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह इसके संबंध में कायदे-कानून बनाये।
अब सरकार और नेशनल बैंक की मंशा को देखते हुये लगता है कि नियम बनाने की आवश्यकता ही न रहे, क्योंकि जब क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह बैन हो जायेगी तो नियमों का कोई काम ही नहीं रह जायेगा।
आतंकवाद और मनी लॉंड्रिंग है कारण
पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी को बैन किये जाने की सिफारिश के पीछे इसका आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल होने और मनी लॉंड्रिंग को माना जा रहा है।
लंबे समय से पाकिस्तान में कहा जा रहा था कि क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने में हो रहा है, ऐसे ही आरोप क्रिप्टोकरेंसी पर कई अन्य देशों में लग रहे हैं, जिनमें भारत भी शामिल है।
उलझन में इन्वेस्टर
हालांकि, अभी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगान नहीं है, लेकिन फिर भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले पाकिस्तानी उलझन में हैं।
कानून तथा वित्त मंत्रालय इस सिफारिश को मानते हुए क्रिप्टो पर बैन लगायेंगे या इसके ट्रेड के लिये क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन कोई कानूनी ढांचा बनायेंगे, इसका पता किसी को नहीं है।
यही सस्पेंस निवेशकों को खाये जा रहा है. अभी यह साफ नहीं है कि अगर बैन लगता है तो इन्वेस्टर्स की लगाई पूंजी का क्या होगा।
वहीं, अब पॉपुलर क्रिप्टो इन्फ्लूएनसर्स “यूथ वांट क्रिप्टो” का नारा बुलंद कर रहे हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान से इस विषय पर अपनी राय स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं.