एमट्रेडिंग खातों की फीस

- कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी, गेहूं व धान आदि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाए।
- आढ़तियों को पहले की तरह पूरी आढ़त 2.5 फीसदी दी जाए।
- सरकार की ओर से खरीदी जाने वाली फसलों का भुगतान किसान की इच्छानुसार आढ़ती या किसान के खाते में अदा किया जाए।
- सीमांत किसानों को ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकृत करने के बावजूद सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी। पिछले सीजन में किसानों व आढ़तियों को काफी नुकसान हुआ था। आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलें खरीदी जाए।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के फीस और शुल्क
शेयरों में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट होना आवश्यक है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का लाभ उठाने के लिए विशिष्ट फीस और शुल्क लागू होते हैं.
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड (बीएफएसएल) के सब्सक्रिप्शन प्लान
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ के साथ डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए, आप उपलब्ध तीन सब्सक्रिप्शन पैक्स मेस से चुनकर साइन-अप कर सकते हैं, हर पैक एक अलग ब्रोकरेज दर प्रदान करता है.
बीएफएसएल से जुड़े सभी डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट शुल्कों के विवरण यहां दिए गए हैं:
शुल्क के प्रकार
प्रोफेशनल पैक
बजाज प्रिविलेज क्लब
वार्षिक सब्सक्रिप्शन शुल्क
दूसरे वर्ष से: रु. 431
इक्विटी/डेरिवेटिव ट्रांज़ैक्शन शुल्क (सब्सक्रिप्शन मॉडल के लिए शुल्कों की सूची)
ब्रोकरेज शुल्क के अलावा, आपके शेयर मार्केट ट्रांज़ैक्शन पर कुछ अन्य शुल्क भी लगाए जाते हैं, जो इस प्रकार हैं:
शुल्क के प्रकार
बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं
बीएसई - स्क्रिप ग्रुप के अनुसार शुल्क अलग-अलग होते हैं
क्लियरिंग मेंबर के शुल्क
ब्रोकरेज ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
खरीदने और बेचने पर रु. 100 प्रति लाख (0.1%)
सेल साइड पर रु. 25 प्रति लाख (0.025%)
टर्नओवर का 0.00010%
टर्नओवर का 0.00010%
शुल्क के प्रकार
एनएसई - 0.053% (प्रीमियम पर)
बीएसई - शून्य या ट्रेड वैल्यू का 0.05%
बीएसई - शून्य या ट्रेडेड मूल्य का 0.05%
क्लियरिंग मेंबर के शुल्क
एनएसई और बीएसई - 0.00025%
एनएसई और बीएसई - 0.00025%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
ब्रोकरेज, ट्रांज़ैक्शन और सीएम शुल्क पर 18%
सेल साइड पर रु. 10 प्रति लाख (0.01%)
₹ 50 प्रति लाख (0.05%) सेल साइड (प्रीमियम पर)
टर्नओवर का 0.00010%
टर्नओवर का 0.00010%
बीएसई ट्रांज़ैक्शन/टर्नओवर शुल्क का विवरण
बीएफएसएल के साथ डीमैट अकाउंट शुल्क और फीस
बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ डीमैट अकाउंट खोलना एक आसान ऑनलाइन प्रोसेस है. अकाउंट खोलने का शुल्क शून्य है, लेकिन डीमैट अकाउंट से जुड़ी विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने से जुड़े शुल्क हैं. ये शुल्क डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) के लिए अलग-अलग हो सकते हैं. बीएफएसएल का डीमैट शुल्क मामूली हैं और सभी डीमैट शुल्कों की विस्तृत जानकारी नीचे दी गई है:
शुल्क के प्रकार
अकाउंट खोलने का शुल्क
वार्षिक मेंटेनेंस शुल्क
बीएफएसएल के अंदर ऑफ-मार्केट ट्रांसफर*
₹30 या ट्रांज़ैक्शन वैल्यू का 0.02%, जो भी अधिक हो + लागू टैक्स
रु. 35 + लागू टैक्स
फिज़िकल सीएमआर/ डीआईएस
पहला सीएमआर/ डीआईएस अनुरोध मुफ्त है. उसके बाद रु. 50 + रु. 100 कूरियर शुल्क + लागू टैक्स
डीमटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क
रु. 50 प्रति अनुरोध + रु. 50 प्रति सर्टिफिकेट
री-मटीरियलाइज़ेशन अनुरोध शुल्क
रु. 35 प्रति सर्टिफिकेट या 100 शेयर और भाग, जो भी अधिक हो और अकाउंट रिडेम्प्शन स्टेटमेंट के प्रति री-स्टेट के लिए रु. 25
प्रत्येक इंटरनेशनल सिक्योरिटीज़ आइडेंटिफिकेशन नंबर (आईएसआईएन) के लिए, *रु. 30 आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किए जाते हैं. अगर यह बीएफएसएल डीमैट अकाउंट है, तो लागू शुल्क रु. 30 के साथ-साथ टैक्स भी लागू एमट्रेडिंग खातों की फीस होते हैं. मार्केट सेल ट्रांज़ैक्शन के मामले में, यह उस परिस्थिति में लागू होगा, जब एक्सचेंज किए गए सिक्योरिटीज़ के पे-इन दायित्वों के लिए बीएफएसएल डीमैट अकाउंट का उपयोग करके डिलीवरी की जाती है.
**हर बार लागू किया जाएगा, जब आईएसआईएन आपके डीमैट अकाउंट से डेबिट किया जाता है और अगर प्राप्तकर्ता का डीमैट अकाउंट बीएफएसएल डीमैट अकाउंट नहीं होता. इसमें सीडीएसएल शुल्क शामिल है.
DEMAT ACCOUNT खोलते वक्त रखें ध्यान, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस समेत इन बातों की करें जांच
बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. डीमैट अकाउंट खुलवाने से पहले कई अहम बिंदुओं पर सोच विचार कर लेना चाहिए.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 16 Jun 2021 07:46 PM (IST)
डीमैट अकाउंट के बारे में आपने जरूर सुना होगा. लेकिन बहुत से लोग डीमैट अकाउंट के बारे में नहीं जानते. दरअसल शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट खोला जाता है. बिना डीमैट अकाउंट के शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं की जाती है. आज हम आपको बता रहे हैं कि डीमैट अकाउंट खोलते समय कौन-कौन सी बातों पर ध्यान देना होता है.
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
- ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं.
- आजकल ज्यादातर मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं.
- इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) की फीस ली जा सकती है.
इन बातों की करें जांच
- डीमैट अकाउंट की फीस, सालाना मेंटेनेंस चार्ज, ट्रांजेक्शन फीस.
- ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है.
अन्य सुविधाएं
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- आपको ब्रोकरेज हाउस क्या-क्या सुविधाएं देगा यह जरूर जान लें.
- कुछ ब्रोकरेज हाउस इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा के अतिरक्त भी कई प्रकार की अन्य सेवाएं देते हैं.
- जैसे कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं. यह रिसर्च आपको सही जगह निवेश करने में मदद करती है.
डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं तो यह सबसे अच्छा है.
- ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है.
- ध्यान रखें कि डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.
- ट्रेडिंग खाते के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
- कुछ ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते हैं.
- इससे निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलती है.
कनेक्टिविटी
- कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
- ब्रोकरेज हाउस दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है यह जानना जरूरी है.
- ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं.
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Published at : 16 Jun 2021 07:45 PM (IST) Tags: Investment Stock Market share demat account broker हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
शेयर मार्केट में निवेश: डीमैट अकाउंट खोलते समय ट्रांजेक्शन और मेंटेनेंस चार्ज सहित इन 5 बातों का रखें ध्यान, इससे आपको मिलेगा ज्यादा फायदा
अगर आप शेयर मार्केट में निवेश का प्लान बना रहे हैं तो इसके लिए आपको डीमैट अकाउंट खोलना होगा। इसके बिना आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं। कहीं भी डीमैट अकाउंट खोलने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिस ब्रोकेज हाउस में आप डीमैट अकाउंट खोल रहे हैं वो आपको कौन-कौन सी सुविधाएं देता और आपसे इसके बदले में कितना चार्ज लेगा। हम आपको ऐसी 5 बातों के बारे में बता रहें हैं जिनका ध्यान आपको डीमैट अकाउंट खोलते समय रखना चाहिए।
ब्रोकरेज और ट्रांजेक्शन फीस
भारत में ब्रोकरों के बीच डीमैट अकाउंट खोलने और ब्रोकरेज चार्ज अलग-अलग हैं। जबकि उनमें से ज्यादातर आजकल मुफ्त डीमैट खाते खोल रहे हैं। वे इक्विटी खरीदने और बेचने पर आपसे लेनदेन (ट्रांजेक्शन) फीस ले सकते हैं। डीमैट अकाउंट की फीस के अलावा सालाना मेंटेनेंस चार्ज और ट्रांजेक्शन फीस की भी जांच करें, कि आपके डीमैट अकाउंट का सालाना खर्च कितना है। ट्रांजेक्शन फीस को लेकर ब्रोकरों के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।
अन्य सुविधाओं के बारे में जानें
कुछ ब्रोकरेज हाउस सिर्फ इक्विटी ब्रोकिंग की सेवा ही नहीं प्रदान करतें, बल्कि कई प्रकार की अन्य सेवाएं भी आप तक पहुंचाते हैं। कई ब्रोकरेज फर्म आपको समय-समय पर रिसर्च उपलब्ध कराती रहती हैं जो आपको सही जगह निवेश करने में मदद कर सकता है। ऐसे में जान लें आपका ब्रोकरेज हाउस आपको क्या-क्या सुविधा देगा। यदि आप उन निवेशकों में से हैं जिनके पास ट्रेडिंग के लिए ज्यादा समय नहीं है तो आप ऐसे ब्रोकेज हाउस का चयन कर सकते हैं जिसका मार्केट ट्रैकिंग के लिए मोबाइल ऐप हो।
डीमैट और ट्रेडिंग खाते की सुविधा
इक्विटी और डेरिवेटिव में ट्रेडिंग में लगातार एक्टिविटी होती रहती है। क्योंकि एक सेकंड की देरी भी फायदा और नुकसान के बीच अंतर को ज्यादा या कम कर सकती है। आपके लिए यह सबसे अच्छा है यदि आपका ब्रोकर 2-इन-1 डीमैट और ट्रेडिंग खाता आपको देता हैं। जिससे आप दो अलग-अलग ब्रोकरों के होने पर लेनदेन में देरी से बच सकें। ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है।
डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं। जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं।
पोर्टफोलियो की जानकारी भी जरूरी
कई ब्रोकरेज हाउस आपके पोर्टफोलियो की जानकारी आपको समय-समय पर देते रहते हैं। इससे आपको अपने निवेश से मिलने वाले रिटर्न की जानकारी रखने में मदद मिलेगी।
कनेक्टिविटी का रखें ध्यान
आप कारोबार के लिए फोन और इंटरनेट दोनों का ही इस्तेमाल कर सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस का चयन करने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि वह दोनों में से कौनसी सुविधा मुहैया करवाता है। हालांकि अब ज्यादातर ब्रोकर्स दोनों ही सुविधाएं देते हैं।
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
क्या होता है डीमैट खाता
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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज एमट्रेडिंग खातों की फीस फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
जरूरी शर्तें
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
Haryana: ई-ट्रेडिंग प्रणाली के खिलाफ प्रदेश में 400 अनाज मंडियां रही बंद, 100 करोड़ का व्यापार ठप
हरियाणा के गोहाना की आक्रोश रैली में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में आढ़ती शामिल हुए। सर्वसम्मति से 18 सितंबर तक मांगें पूरी नहीं की तो 19 से अनिश्चितकाल के लिए मंडियां बंद करने का फैसला लिया।
सरकार की ओर लागू की गई ई-ट्रेडिंग प्रणाली के खिलाफ शनिवार को प्रदेश भर की 400 अनाज मंडियां बंद रहीं। जिससे अनाज मंडियों में करीब 100 करोड़ रुपये का व्यापार ठप रहा। प्रदेश भर की अनाज मंडियों से आढ़ती काम बंद कर गोहाना में हुई आक्रोश रैली में पहुंचे जिसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि सरकार की ओर से लागू की गई ई-ट्रेडिंग प्रणाली, बढ़ाई गई मार्केट फीस व हरियाणा रूरल विकास फंड (एचआरडीएफ) 18 सितंबर तक वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश भर की सभी अनाज मंडियां 19 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी जाएंगी। खरीफ फसल धान व बाजरे का एक भी दाना बेचने नहीं दिया जाएगा।
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि ई-ट्रेडिंग प्रणाली बहुत जटिल है। जिसमें फसलों की खरीद-फरोख्त ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। खरीददार को फसल का भुगतान अनाज मंडी से माल उठान करने से पहले सीधे किसान के बैंक खाते में करना होगा। जिससे किसानों को नुकसान होगा और प्रदेश की मंडियों से आढ़तियों का नामों निशान मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस तरह की मंशा को किसी भी सूरत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदेशाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि आढ़तियों की मांगों को सरकार तक कई बार पहुंचाया जा चुका है लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आढ़तियों को मिलने का समय नहीं दे रही है जिससे आढ़तियों में रोष है। आक्रोश रैली के दौरान प्रदेश कार्यकारी प्रधान रामअवतार तायल, संरक्षक दुनीचंद, चेयरमैन रजनीश चौधरी, को एमट्रेडिंग खातों की फीस चेयरमैन हर्ष गिरधर, कोषाध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह कालड़ा, मुख्य सलाहकार सुरेंद्र मिंचनाबादी आदि मौजूद रहे।
- कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी, गेहूं व धान आदि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाए।
- आढ़तियों को पहले की तरह पूरी आढ़त 2.5 फीसदी दी जाए।
- सरकार की ओर से खरीदी जाने वाली फसलों का भुगतान किसान की इच्छानुसार आढ़ती या किसान के खाते में अदा किया जाए।
- सीमांत किसानों को ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकृत करने के बावजूद सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी। पिछले सीजन में किसानों व आढ़तियों को काफी नुकसान हुआ था। आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलें खरीदी जाए।
- बढ़ाई गई मार्केट फीस व हरियाणा रूरल विकास फंड (एचआरडीएफ) 4 फीसदी से घटाकर दोबारा एक फीसदी किया जाए।
- पंजाब की तर्ज पर प्रदेश में मार्केटिंग बोर्ड के नियमों में सुधार किया जाए। ताकि इसका लाभ प्रदेश के लोगों को मिल सके।
विस्तार
सरकार की ओर लागू की गई ई-ट्रेडिंग प्रणाली के खिलाफ शनिवार को प्रदेश भर की 400 अनाज मंडियां बंद रहीं। जिससे अनाज मंडियों में करीब 100 करोड़ रुपये का व्यापार ठप रहा। प्रदेश भर की अनाज मंडियों से आढ़ती काम बंद कर गोहाना में हुई आक्रोश रैली में पहुंचे जिसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि सरकार की ओर से लागू की गई ई-ट्रेडिंग प्रणाली, बढ़ाई गई मार्केट फीस व हरियाणा रूरल विकास फंड (एचआरडीएफ) 18 सितंबर तक वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश भर की सभी अनाज मंडियां 19 सितंबर से अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी जाएंगी। खरीफ फसल धान व बाजरे का एक भी दाना बेचने नहीं दिया जाएगा।
हरियाणा स्टेट अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि ई-ट्रेडिंग प्रणाली बहुत जटिल है। जिसमें फसलों की खरीद-फरोख्त ऑनलाइन माध्यम से की जाएगी। खरीददार को फसल का भुगतान अनाज मंडी से माल उठान करने से पहले सीधे किसान के बैंक खाते में करना होगा। जिससे किसानों को नुकसान होगा और प्रदेश की मंडियों से आढ़तियों का नामों निशान मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की इस तरह की मंशा को किसी भी सूरत बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
प्रदेशाध्यक्ष अशोक गुप्ता ने कहा कि आढ़तियों की मांगों को सरकार तक कई बार पहुंचाया जा चुका है लेकिन उनकी मांगों को पूरा करने के लिए आढ़तियों को मिलने का समय नहीं दे रही है जिससे आढ़तियों में रोष है। आक्रोश रैली के दौरान प्रदेश कार्यकारी प्रधान रामअवतार तायल, संरक्षक दुनीचंद, चेयरमैन रजनीश चौधरी, को चेयरमैन हर्ष गिरधर, कोषाध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह कालड़ा, मुख्य सलाहकार सुरेंद्र मिंचनाबादी आदि मौजूद रहे।
यह हैं मांगें
- कपास, सरसों, मूंग, सूरजमुखी, गेहूं व धान आदि फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदा जाए।
- आढ़तियों को पहले की तरह पूरी आढ़त 2.5 फीसदी दी जाए।
- सरकार की ओर से खरीदी जाने वाली फसलों का भुगतान किसान की इच्छानुसार आढ़ती या किसान के खाते में अदा किया जाए।
- सीमांत किसानों को ई-खरीद पोर्टल पर पंजीकृत करने के बावजूद सरकार ने उनकी फसलें नहीं खरीदी। पिछले सीजन में किसानों व आढ़तियों को काफी नुकसान हुआ था। आगामी सीजन में सभी सीमांत किसानों की फसलें खरीदी जाए।