इन्वेस्टिंग

निवेश बैंकिंग

निवेश बैंकिंग
डेबिट कार्डों के उपयोग के लिए कार्ड स्वीकार करने की अवसंरचना को बढ़ाने के लिए दिसम्बर 2016 से मार्च 2017 के बीच एक व्यापक अभियान चलाया गया था जिसके परिणामस्वरूप बिक्री बिन्दु (पीओएस) टर्मिनलों की संख्या में दिनांक 30.11.2016 की स्थिति के अनुसार 15.19 लाख से बढ़कर अतिरिक्त् 12.54 लाख टर्मिनल हो गए थे। इसके अतिरिक्त, गांवों में ऐसी अवसंरचना में सुधार हेतु नाबार्ड द्वारा वित्तीय समावेशन निधि से 2.04 लाख पीओएस टर्मिनलों की स्वीकृति प्रदान की गई है।.

बैंकिंग

सरकारी क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के अभिशासन में सुधार के उद्देश्य से सरकार ने एक स्वायत्त बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) की स्थापना का निर्णय लिया था। यह ब्यूरो सरकारी क्षेत्र के बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के चयन के लिए सिफारिश करेगा तथा कार्यनीतियां और पूंजी जुटाने की योजनाओं को विकसित करने में बैंकों की मदद करेगा। बैंक बोर्ड ब्यूरो में अध्यक्ष के अतिरिक्त तीन पदेन निवेश बैंकिंग सदस्य हैं तथा तीन विशेषज्ञ सदस्य हैं। पदेन सदस्यों को छोड़कर सभी सदस्य तथा अध्यक्ष अंशकालिक हैं। बीबीबी ने दिनांक 01.04.2016 से कार्य करना प्रारम्भ किया है।

इंद्रधनुष योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा (i) नियुक्ति (ii) बैंक बोर्ड ब्यूरो (iii) पूंजीकरण (iv) पीएसबी को दबावमुक्त करना (v) सशक्तिकरण (vi) जवाबदेही का ढांचा (vii) अभिशासन सुधार से संबंधित कार्रवाई प्रारम्भ की गई है।

इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने चार वर्षों के लिए बजटीय आबंटनों में से 70,000 करोड़ रुपए उपलब्ध कराना प्रस्तावित किया था। सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 19 पीएसबी में 25,000 करोड़ रुपए की राशि का निवेश किया निवेश बैंकिंग है तथा वित्त वर्ष 2016-17 में 13 पीएसबी को 22915 करोड़ रुपए आबंटित किए गए थे। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए पीएसबी के पुनर्पूंजीकरण हेतु 10,000 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की गई है।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ एसबीआई सहयोगियों का विलय

सरकार ने (i) स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड निवेश बैंकिंग जयपुर (एसबीबीजे), (ii) स्टेट बैंक आफ हैदराबाद (एसबीएच), (iii) स्टेट बैंक आफ मैसूर (एसबीएम), (iv) स्टेट बैंक आफ पटियाला (एसबीपी) और (v) स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर (एसबीटी) के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ विलय के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है तथा उसे दिनांक 22.02.2017 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। विलय 01 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हुआ है। विलय के परिणामस्वरूप, अनुषंगी बैंकों के विद्यमान ग्राहकों को एसबीआई के वैश्विक नेटवर्क जो कि संसार के सभी कोनों तक फैला हुआ है, तक पहुंच प्राप्त हो जाएगी।

सरकार ने एसबीआई के साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) के विलय के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है तथा उसे दिनांक 20.03.2017 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। विलय 01 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हुआ है।

ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र

ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र के अंतर्गत एक्जिम बैंक को भारत की ओर से सदस्य विकास बैंक नामित किया गया निवेश बैंकिंग है। बैंक ने ब्रिक्स देशों के अन्य विकास बैंकों के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक के साथ एक बहुपक्षीय सामान्य सहयोग समझौता किया है। वर्ष 2016 के लिए भारत ब्रिक्स फोरम का अध्यक्ष था। ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र की अध्यक्षता प्राप्त करके एक्जिम बैंक ने वर्ष 2016 में कार्यक्रमों और सेमिनारों की एक श्रृंखला का आयोजन किया था। ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र की वार्षिक बैठक तथा वार्षिक वित्तीय फोरम का आयोजन 15 अक्तूबर, 2016 को गोवा में किया गया था।

सरकार किसान क्रेडिट कार्डों (केसीसी) के रूपे एटीएम कम डेबिट किसान क्रेडिट कार्डों (आरकेसीसी) में परिवर्तन की प्रगति पर बारीकी से निगरानी करती रही है। नाबार्ड, सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) द्वारा परिचालनरत/सक्रिय केसीसी के मिशन मोड में आरकेसीसी में परिवर्तन पर समन्वय का कार्य करेगा।

उत्पादक विकास और उत्थान (प्रोड्यूस)

केन्द्रीय बजट 2014-15 में की गई घोषणा के अनुसरण में नाबार्ड को 200 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। योजना का कार्यान्वयन नाबार्ड द्वारा किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2014-15 के दौरान 800 उत्पादक संगठनों (पीओ) तथा वर्ष 2015-16 के दौरान 1200 पीओ का संवर्धन किया जाना है। 2000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) बनाने के लक्ष्य की तुलना में 31 दिसम्बर, 2016 की स्थिति के अनुसार नाबार्ड ने 2172 एफपीओ स्वीकृत की निवेश बैंकिंग है।

परक्राम्य लिखत (संशोधन) अधिनियम, 2015 को 29 दिसम्बर, 2015 को भारत के असाधारण राजपत्र में अधिसूचित किया गया है। इस संशोधन अधिनियम के प्रावधान 15 जून, 2015 से प्रभावी हुए हैं। संशोधन अधिनियम में परक्राम्य लिखत अधिनियम (एनआई अधिनियम) की धारा 138 के अंतर्गत किए गए अपराध के मामले दायर करने के लिए क्षेत्राधिकार संबंधी मामलों को स्पष्ट करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। संशोधन अधिनियम केवल उस न्यायालय जिसके स्थानीय क्षेत्राधिकार में अदाता की बैंक शाखा के भीतर आता है, जहां पर अदाता अपने खाते के माध्यम से भुगतान हेतु चेक जारी करता है, अवस्थित है, में मामलों को दायर करना सुकर करता है। धारक चेकों के मामलों को छोड़कर जहां पर अदाकर्ता बैंक की शाखा में प्रस्तुत किया जाता है तथा उस मामले उस शाखा के स्थानीय न्यायालय को क्षेत्राधिकार प्राप्त होगा। संशोधन अधिनियम में एनआई अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत मामले के अभियोजन के लिए न्यायालय के क्षेत्राधिकार के निर्धारण की नई योजना को पिछले समय से वैध करने की व्यवस्था है। संशोधन अधिनियम एक ही चेक काटने वाले (ड्राअर) के विरुद्ध मामले के केन्द्रीकरण को भी अधिदेशित करता है। क्षेत्राधिकार संबंधी विवादों की स्पष्टता समानता के दृष्टिकोण से वांछनीय होगी क्योंकि यह शिकायतकर्ता के हित में होगी और साथ ही उचित अभियोजन सुनिश्चित करेगी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ एसबीआई सहयोगियों का विलय

सरकार ने (i) स्टेट बैंक आफ बीकानेर एंड जयपुर (एसबीबीजे), (ii) स्टेट बैंक आफ हैदराबाद (एसबीएच), (iii) स्टेट बैंक आफ मैसूर (एसबीएम), (iv) स्टेट बैंक आफ पटियाला (एसबीपी) और (v) स्टेट बैंक आफ त्रावणकोर (एसबीटी) के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ विलय के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है तथा उसे दिनांक 22.02.2017 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। विलय 01 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हुआ है। विलय के परिणामस्वरूप, अनुषंगी बैंकों के विद्यमान ग्राहकों को एसबीआई के वैश्विक नेटवर्क जो कि संसार के सभी कोनों तक फैला हुआ है, तक पहुंच प्राप्त हो जाएगी।

सरकार ने एसबीआई के साथ भारतीय महिला बैंक (बीएमबी) के विलय के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है तथा उसे दिनांक 20.03.2017 को भारत के राजपत्र में अधिसूचित कर दिया गया है। विलय 01 अप्रैल, 2017 से प्रभावी हुआ है।

ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र

ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र के अंतर्गत एक्जिम बैंक को भारत की ओर से सदस्य विकास बैंक नामित किया गया है। बैंक ने ब्रिक्स देशों के अन्य विकास बैंकों के साथ न्यू डेवलपमेंट बैंक के साथ एक बहुपक्षीय सामान्य सहयोग समझौता किया है। वर्ष 2016 के लिए भारत ब्रिक्स फोरम का अध्यक्ष था। ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र की अध्यक्षता प्राप्त करके एक्जिम बैंक ने वर्ष 2016 में कार्यक्रमों और सेमिनारों की एक श्रृंखला का आयोजन किया था। ब्रिक्स इंटरबैंक सहयोग तंत्र की वार्षिक बैठक तथा वार्षिक वित्तीय फोरम का आयोजन 15 अक्तूबर, 2016 को गोवा में किया गया था।

सरकार किसान क्रेडिट कार्डों (केसीसी) के रूपे एटीएम कम डेबिट किसान क्रेडिट कार्डों (आरकेसीसी) में परिवर्तन की प्रगति पर बारीकी से निगरानी करती रही है। नाबार्ड, सहकारी बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) द्वारा परिचालनरत/सक्रिय केसीसी के मिशन मोड में आरकेसीसी में परिवर्तन पर समन्वय का कार्य करेगा।

उत्पादक विकास और उत्थान (प्रोड्यूस)

केन्द्रीय बजट 2014-15 में की गई घोषणा के अनुसरण में नाबार्ड को 200 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। योजना का कार्यान्वयन नाबार्ड द्वारा किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत वर्ष 2014-15 के दौरान 800 उत्पादक संगठनों (पीओ) तथा वर्ष 2015-16 के दौरान 1200 पीओ का संवर्धन किया जाना है। 2000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) बनाने के लक्ष्य की तुलना में 31 दिसम्बर, 2016 की स्थिति के अनुसार नाबार्ड ने 2172 एफपीओ स्वीकृत की है।

परक्राम्य लिखत (संशोधन) अधिनियम, 2015 को 29 दिसम्बर, 2015 को भारत के असाधारण राजपत्र में अधिसूचित किया गया है। इस संशोधन अधिनियम के प्रावधान 15 जून, 2015 से प्रभावी हुए हैं। संशोधन अधिनियम में परक्राम्य लिखत अधिनियम (एनआई अधिनियम) की धारा 138 के अंतर्गत किए गए अपराध के मामले दायर करने के लिए क्षेत्राधिकार संबंधी मामलों को स्पष्ट करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। संशोधन अधिनियम केवल उस न्यायालय जिसके स्थानीय क्षेत्राधिकार में अदाता की बैंक शाखा के भीतर आता है, जहां पर अदाता अपने खाते के माध्यम से भुगतान हेतु चेक जारी करता है, अवस्थित है, में मामलों को दायर करना सुकर करता है। धारक चेकों के मामलों को छोड़कर जहां पर अदाकर्ता बैंक की शाखा में प्रस्तुत किया जाता है तथा उस मामले उस शाखा के स्थानीय न्यायालय को क्षेत्राधिकार प्राप्त होगा। संशोधन अधिनियम में एनआई अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत मामले के अभियोजन के लिए न्यायालय के क्षेत्राधिकार के निर्धारण की नई योजना को पिछले समय से वैध करने की व्यवस्था है। संशोधन अधिनियम एक ही चेक काटने वाले (ड्राअर) के विरुद्ध मामले के केन्द्रीकरण को भी अधिदेशित निवेश बैंकिंग करता है। क्षेत्राधिकार संबंधी विवादों की स्पष्टता समानता के दृष्टिकोण से वांछनीय होगी क्योंकि यह शिकायतकर्ता के हित में होगी और साथ ही उचित अभियोजन सुनिश्चित करेगी।

भुगतान एवं निपटान प्रणाली (संशोधन) अधिनियम, 2015

संसद द्वारा भुगतान एवं निपटान प्रणाली (संशोधन) अधिनियम, 2015 लागू किया गया था तथा उसे राष्ट्रपति की स्वीकृति दिनांक 13.05.2015 को प्राप्त हुई थी। संशोधन अधिनियम में, अन्य बातों के साथ-साथ, वैश्विक रूप से स्वीकार किए जाने वाले मानदण्डों के अनुरूप भारतीय वित्त बाजारों में पारदर्शिता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए सुधार प्रारंभ करने की बात कही गई थी। भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 का प्रवर्तन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भारत में भुगतान प्रणालियों के विनियमन और पर्यवेक्षण के लिए एक ठोस विधिक आधार प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था।

सहकारी ऋण संरचना के लिए एक वैकल्पिक चैनल के सृजन और ग्रामीण और कृषि क्षेत्र में पर्याप्त संस्थागत ऋण सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 (आरआरबी अधिनियम) के अंतर्गत क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) की स्थापना की गई थी। आरआरबी का स्वामित्व भारत सरकार, संबंधित राज्य सरकार और प्रायोजक बैंकों द्वारा सांझे रूप से होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने में आरआरबी की बढ़ती हुई भूमिका को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 में संशोधन करने की आवश्यकता महसूस की गई थी।

निवेश बैंकिंग क्या है मतलब और उदाहरण

निवेश बैंकिंग की परिभाषा क्या है? निवेश बैंकिंग बैंकिंग का एक अलग खंड है जो बड़े निगमों और सरकारों सहित संस्थागत निवेशकों के लिए पूंजी निर्माण से संबंधित है। सिटीग्रुप, गोल्डमैन सैक्स या मॉर्गन स्टेनली जैसे बड़े निवेश बैंक, कुछ नाम रखने के लिए, विलय और अधिग्रहण, ऋण पुनर्गठन, मालिकाना व्यापार, लीवरेज वित्त, आदि से संबंधित वित्तीय सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करते हैं। इसके अलावा, निवेश बैंक प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) और नए ऋण के साथ-साथ नए शेयरों की नियुक्ति में हामीदारी का एक बड़ा हिस्सा बनाए रखते हैं।

आइए एक उदाहरण देखें।

उदाहरण

एंथोनी एक निवेश बैंकर है, जो बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच में काम करता है, जो कि बड़े ब्रैकेट बैंकों में से एक है। उसे दो बड़े खुदरा विक्रेताओं के विलय के साथ सौंपा गया है, उद्योग में दोनों नेता, और एंथनी को लक्ष्य निवेश बैंकिंग कंपनी के वास्तविक मूल्य की गणना करने के लिए और साथ ही अपने ग्राहक के लिए दीर्घकालिक लाभ की गणना करने के लिए एक लीवरेज्ड बायआउट (LBO) मॉडल को नियोजित करना चाहिए। अधिग्रहण करने वाली कंपनी।

एक निवेश बैंकर के रूप में, एंथनी को कंपनी के मूल्यांकन डेटा से प्राप्त स्वयं की गणना के आधार पर लक्षित कंपनी के मूल्य का निर्धारण करने के लिए उचित परिश्रम करना चाहिए। फिर, बशर्ते कि सौदा उसके ग्राहक के सर्वोत्तम हित के लिए हो, एंथोनी अपने ग्राहक को विलय और अधिग्रहण से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार करने में मदद करके सौदे का निपटारा करेगा। इसके अलावा, वह बाजार की प्रतिक्रिया, निवेशक के विश्वास, बाजार के रुझान और अन्य संबंधित कारकों पर विचार करते हुए सौदे को बंद करने के लिए सबसे उपयुक्त समय पर अपनी सलाह देंगे।

Money Guru: सेक्टर फंड में इन्वेस्टमेंट करने के पहले जरूर जान लें ये बातें, निवेश पर मिलेगा अच्छा रिटर्न

Money Guru: अगर आप भी किसी स्पेसिफिक सेक्टर में निवेश करना चाहते हैं, तो इसके पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान रखना आवश्यक होता है. आइए जानते हैं इसके बारे में सबकुछ.

Money Guru: किसी स्पेसिफिक सेक्टर में निवेश का एक्सपोजर अपने पोर्टफोलियों में चाहते हैं तो कई ऐसे सेक्टर हैं, जिनमें आप म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए यह मालूम करना भी जरूरी है कि कौन सा सेक्टर अभी निवेश करने के लिए सही है. इसके साथ ही यह भी जानना जरूरी होता है कि किसी सेक्टर में निवेश करने के क्या पैमाने होते हैं. वहीं किसी सेक्टर में निवेश करने के लिए कौन सा समय सबसे सही होता है और कब एग्जिट कर लेना चाहिए. किसी भी सेक्टर में निवेश करने के पहले इन निवेश बैंकिंग तमाम बारीकियों को जान लेना चाहिए. आपके लिए इन सभी सवालों का जवाब लेकर आए हैं ऑप्टिमा मनी के एमडी पंकज मठपाल और क्रिडेन्स वेल्थ एडवायजर्स के सीईओ कीर्तन शाह.

सेक्टर निवेश

  • किसी सेक्टर में निवेश करने का तरीका
  • अलग-अलग सेक्टर में निवेश करने का मौका
  • सेक्टर के अच्छा करने पर रिटर्न में फायदा
  • 80% निवेश किसी एक सेक्टर में जरूरी
  • बाकी 20% डेट या हाइब्रिड सिक्योरिटी में निवेश
  • सेक्टोरल निवेश डायवर्सिफिकेशन के लिए अच्छा

सेक्टर फंड-किनके लिए?

  • ज्यादा जोखिम लेने वाले निवेशकों के लिए
  • टैक्टिकल पोर्टफोलियो का हिस्सा बना सकते हैं
  • पहले कोर पोर्टफोलियो बनाएं,फिर सेक्टर निवेश
  • कोर पोर्टफोलियो में लार्ज,मिज,स्मॉलकैप शामिल
  • सेक्टर निवेश में सही समय पर एंट्री और एग्जिट जरूरी
  • बढ़ता क्रेडिट ग्रोथ
  • सुधरता मार्जिन
  • कैपेक्स साइकल
  • घटता NPA

बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन

सेक्टर निवेश बैंकिंग 3साल 5साल 7साल

बैंकिंग 11.41% 9.24% 13.64%

कीर्तन के पसंदीदा फंड

SBI Banking & Financial Services
ICICI Pru. Banking & Financial Services

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए संकेत

चीन+1 पॉलिसी
PLI स्कीम
बढ़ता निर्यात

कीर्तन के पसंदीदा फंड

ICICI Pru. Manufacturing
ABSL Manufacturing
Kotak Manufacturing(Ind)

IT सेक्टर के लिए संकेत

अमेरिका,UK,युरोप में मंदी की आशंका
मार्जिन पर दबाव
एट्रिशन रेट की समस्या

भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक)

एक्जिम बैंक आयातकों और निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह प्रधान वित्तीय संस्था के रूप में देश के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सामान और सेवा के आयात और निर्यात को वित्तीय सहायता देने वाले संस्थाओं के कार्य को समायोजित करने का कार्य करता है।

तालुका मामलातदार / तालुका विकास प्राधिकरण / जन सेवा केन्द्र कार्यालय से विधवा और आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया, अपेक्षित दस्तावेज, शुल्क पता करें और आवेदन पत्र डाउनलोड करें ।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई)

पीएमएमवाई एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य मौजूदा लघु कारोबार के उद्यमी कार्यकलापों को बढ़ाने तथा प्रथम पीढ़ी के उद्यमियों को प्रोत्सााहित करना है। इसके तहत शिशु, किशोर तथा तरूण नाम से तीन योजनाएं हैं।

आईआईएफसीएल यातायात, ऊर्जा, जल, स्वच्छता, संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना के व्यापक क्षेत्रों में अर्थक्षम अवसंरचना परियोजनाओं के लिए दीर्घावधि वित्त प्रदान करती है।

भारतीय लघु उदयोग विकास बैंक (सिडबी)

सिडबी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उदयोगों(एमएसएमई) को ऋण प्रवाह को सुगम और मजबूती प्रदान करता है और एमएसएमई परितंत्र में वित्तीय निवेश बैंकिंग और विकास संबंधी दोनों कमियों को दूर करता है।

पीएफआरडीए लोगों की वृद्धावस्था आय आवश्यकताओं को सतत आधार पर पूरा करने के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) निवेश बैंकिंग नामक संगठित पेंशन निधि को प्रोत्साहित, विकसित और विनियमित करता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)

आरबीआई वित्तीय स्थि‍रता सुनिश्चित करने के लिए बैंक नोट्स के जारी करने निवेश बैंकिंग और रिजर्व को सुरक्षित रखने, वित्तीय नीतियां बनाने, सरकारी प्रतिभूतियां जारी करने और वाणिज्यिक बैंकों, वितीय संस्थाओं और गैर-बैंकिंग वित्तींय कंपनियों के वित्तीय पर्यवेक्षण को विनियमित करता है।

एसयूपीआई योजना ग्रीनफील्ड उद्यमों को शुरू करने में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन-जाति एवं महिला उद्यमियों जैसे असेवित क्षेत्र के लोगों के बीच उद्यमिता को प्रोन्नत करता है। संपार्श्विक रहित कवरेज उपलब्धा कराने के लिए भारत सरकार के द्वारा स्टैंड-अप इंडिया के लिए ऋण गारंटी निधि (सीजीएफएसआई) की स्थापना की गई है।

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