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ADR क्या है

ADR क्या है
केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियम के मुताबिक चुनावी न्यासों को वित्त वर्ष में मिली राशि का 95 प्रतिशत हिस्सा राजनीतिक दलों में वितरित करना होता है। एडीआर की रिपोर्ट में जनवरी 2013 के बाद गठित किए गए सात चुनावी न्यासों के दानकर्ताओं और उनके जरिये राजनीतिक दलों को दिए गए कोष का विश्लेषण किया गया। देश में पंजीकृत 23 चुनावी न्यासों में से 14 नियमित रूप से अपनी जानकारी निर्वाचन आयोग को दे रहे हैं। अन्य आठ चुनावी न्यासों ने घोषणा की है कि उन्हें कोई दान नहीं मिला है या उन्हें मिले दान की रिपोर्ट पंजीकरण के बाद से ही कभी निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं हुई। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 159 व्यक्तियों ने चुनावी न्यास में अंशदान किया। इनमें से दो व्यक्तियों ने साढ़े तीन करोड़ का दान प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट में किया जबकि 153 व्यक्तियों ने 3.20 करोड़ रुपये का दान स्मॉल ADR क्या है डोनेशंस इलेक्टोरल ट्रस्ट में किया। तीन व्यक्तियों ने पांच लाख रुपये का योगदान आइंजिगर्टिग इलेक्टोरल ट्रस्ट में किया जबकि एक व्यक्ति ने 1,100 रुपये का योगदान इंडिपेंडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट में किया।

GDR FULL FORM IN HINDI ?

हेलो दोस्तों आज के इस पोस्ट में । मैं आप सभी को बताने वाला हूं कि GDR क्या है दोस्तों इसी के साथ- साथ हम यह भी जानेंगे कि GDR और ADR में क्या अंतर है। और GDR क्या होता है। दोस्तों आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिन्हें नहीं पता है कि GDR का फुल फॉर्म क्या होता है और GDR और ADR में क्या अंतर होता है।

दोस्तों GDR और ADR दोनों का प्रयोग हमारे देश के भारतीय कंपनी और विदेशी पूंजी बाजार से धन जुटाने के लिए किया जाता हैं दोस्तो इन दोनों के बीच में ADR क्या है एक सबसे मुख्य अंतर बाजार में होता है जिसे जारी किया जाता है और साथ में बदले में उन्हें सूचीबद्ध कर दिया जाता है जबकि ADR का US स्टॉक एक्सचेंजो पर ट्रेड किया जाता है और GDR का यूरोपियन स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेंड किया जाता है दोस्तों इन दोनों के बारे में ADR क्या है हम विस्तार में जानेंगे ज्यादा जानकारी के लिए आप हमारे पोस्ट के लास्ट तक बने रहें।

GDR क्या है?

दोस्तों GDR का पूरा नाम (Global Depository Receipt ) होता हैं और यह एक प्रकार का प्रोग्राम या उपकरण होता है जिससे अन्य देशों में अन्य बाजारों में एक एकल उपकरण के साथ टाइप करने के लिए उपयोग में इसे लाया जाता है जो एक विदेशी कंपनी व में शेयरों के नीचे संख्या का प्रतिनिधित्व करने वाले एक अधिक देशों में यह रसीदें डिपॉजिट बैंक के द्वारा जारी की जाती है ।

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दोस्तो जिसे यह GDR धारक का नाम देते हैं और साथ ही में बैंक को प्राप्त या सरेंडर कर के उन्हें शेयरों में बदल देते हैं जिससे कि GDR के ADR क्या है लिए वित्त मंत्रालय और FIPB फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड के पूर्व मंजूरी कंपनी द्वारा पहले लेनी होती है।

GDR Full Form In Hindi ?

दोस्तों ADR का पूरा नाम American depositary receipt होता है जो एक परक्राम्य प्रमाण पत्र होता है इसे US बैंक द्वारा जारी किया जाता है और इसके सहायता से US स्टॉक मार्केट में एक विदेशी कंपनी के साथ व्यापार की प्रतिभूतियां का प्रतिनिधित्व करने वाले US $ को दर्शाया जाता है।

दोस्तों यह रसीद अंतर्निहित शेयरों की संख्या के खिलाफ एक दावा का कार्य करता है जो अमेरिकी निवेश को के बिक्री के लिए ADR को पेश किया जाता है ओर वह ADR क्या है American depository receipt है जिसके जरिए अमेरिकी निवेश गैस अमेरिकी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं और स्थिति में लगभग भुगतान ADR धारकों को किया जाता है जो की अमेरिकी डॉलर में होते हैं।

ADR Full Form In Hindi

दोस्तों ADR का फुल फॉर्म होता है ( American depository receipt ) इसे हिंदी में प्रक्रिया में प्रमाण पत्र कहते हैं अमेरिकी डिपॉजिटरि रसीद कहा जाता है। यह एक तरह का परक्राम्य प्रमाण पत्र होता हैं।

बिहार सरकार के 23 मंत्री दागी: इन पर क्रिमिनल केस, इनमें 17 के खिलाफ गंभीर मामले; ADR ने शपथपत्रों से किया विश्लेषण

बिहार की नई महागठबंधन सरकार के 23 मंत्रियों (72 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले हैं। इनमें से 17 पर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। 16 अगस्त को सरकार ADR क्या है के पुनर्गठन के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच ने बिहार विधानसभा 2020 से मुख्यमंत्री सहित सभी 33 में से 32 मंत्रियों के शपथ पत्रों के विश्लेषण के बाद यह रिपोर्ट जारी की है।

जदयू ने मनोनीत एमएलसी अशोक चौधरी को भी मंत्री बनाया है, इसे में उन्हें शपथ पत्र जमा करने की आवश्यकता नहीं है, लिहाजा वित्तीय, आपराधिक एवं अन्य विवरणों को लेकर उनकी जानकारी सार्वजनिक क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है।

ADR रिपोर्ट में खुलासा- 2020-21 में सात चुनावी ट्रस्टों को दान में मिले 258 करोड़, BJP के खाते में आई 82 फीसदी राशि

नेशनल डेस्क: सात चुनावी न्यासों (इलेक्टरल ट्रस्ट) को कुल 258.49 करोड़ रुपये की राशि कॉरपोरेट जगत और व्यक्तियों से बतौर दान में मिली जिनमें से 82 प्रतिशत से अधिक राशि अकेले भारतीय जनता पार्टी को दी गई। यह जानकारी चुनाव अधिकार निकाय एडीआर ने दी है। चुनावी न्यास गैर लाभकारी संगठन हैं जिनकी स्थापना भारत में राजनीतिक दलों के लिए उद्योगों और व्यक्तियों से व्यस्थित तरीके से चंदा (योगदान) प्राप्त करने के लिए की गई है। इसका उद्देश्य चुनाव संबंधी खर्चो के लिए राशि के इस्तेमाल में पारदर्शिता लाना है। द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा कि 23 में से 16 चुनावी न्यासों ने वित्त वर्ष 2020-21 में अपने योगदान की विस्तृत जानकारी निर्वाचन आयोग को सौंप दी है जिनमें से केवल सात ने ही राशि मिलने की घोषणा की है।

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ADR ने राजनीतिक पार्टियों की संपत्ति के बारे में जारी की रिपोर्ट, जानिए किस पार्टी के पास सबसे अधिक पैसा

ADR report

ADR report

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2022,
  • (Updated 29 जनवरी 2022, 4:39 PM IST)

बीजेपी की संपत्ति में हुई 67 फीसदी की बढ़ोतरी

देश में चुनाव का माहौल है ऐसे में सभी ADR क्या है पार्टियों दम खम दिखाने के लिए तैयार हैं. इसी बीच एडीआर की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें इस समय सबसे अमीर पार्टी कौन है उस पर खुलासा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार भारतीय जनता पार्टी देश की सबसे अमीर पार्टी में से एक है.

तीसरे स्थान पर खिसकी कांग्रेस
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2019-20 के लिए सात राष्ट्रीय राजनीतिक दलों द्वारा घोषित कुल 6,988.57 करोड़ रुपये की संपत्ति में से 69% या 4,847.78 करोड़ रुपये बीजेपी ने घोषित किए हैं. वहीं 698.33 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ बसपा दूसरे और कांग्रेस 588.16 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर है.

लगातार बढ़ी पार्टियों की संपत्ति
शुक्रवार को जारी की गई रिपोर्ट में सात पार्टियों की संपत्ति में काफी बढ़ोतरी देखी गई. पार्टियों की कुल संपत्ति में साल 2016-17 में 3,260.81 करोड़ रुपये से 2017-18 में 3,456.65 करोड़ रुपये, 2018-19 में 5,349.25 करोड़ रुपये और 2019-20 में 6,988.57 करोड़ रुपये का इजाफा देखा गया. भाजपा, बसपा, कांग्रेस, सीपीएम, एआईटीसी, भाकपा और राकांपा प्रमुख सात दल हैं.

गुजरात चुनाव: लगभग 20 प्रतिशत उम्मीदवार दागी, सर्वाधिक AAP के

गुजरात चुनाव: लगभग 20 प्रतिशत उम्मीदवार दागी, सर्वाधिक AAP के

सोमवार को जारी की गई असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ रहे कुल 1,621 उम्मीदवारों में से 330 उम्मीदवारों (करीब 20 प्रतिशत) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सर्वाधिक 61 उम्मीदवार आम आदमी पार्टी (AAP) के हैं, वहीं कांग्रेस के 60 उम्मीदवार और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा के 32 उम्मीदवार दागी हैं। दागी उम्मीदवारों की संख्या 2017 विधानसभा चुनाव के मुकाबले बढ़ी है और तब 238 उम्मीदवार दागी थे।

192 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर अपराध के मामले दर्ज

रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात चुनाव लड़ रहे कुल 196 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, रेप, अपहरण और हत्या का प्रयास जैसे गंभीर अपराधों में मामले दर्ज हैं। इनमें AAP के 43, कांग्रेस के 28 और भाजपा के 25 उम्मीदवार शामिल हैं। गौरतलब है कि ADR इन मामलों को गंभीर मामला मानता है जो गैर-जमानती होते हैं और जिनमें पांच वर्ष या इससे अधिक की सजा हो सकती है।

रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक, पांच उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में उनके खिलाफ हत्या का केस चलने की जानकारी दी है, वहीं 20 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास से संबंधित मामला चल रहा है। एक उम्मीदवार पर रेप का आरोप है।

167 उम्मीदवारों की संपत्ति 5 करोड़ रुपये से अधिक

ADR की रिपोर्ट की मानें तो चुनाव लड़ने जा रहे 167 उम्मीदवारों की घोषित संपत्ति पांच करोड़ रुपये से अधिक है। इसी तरह 151 उम्मीदवारों की संपत्ति दो करोड़ से पांच करोड़ रुपये के बीच है। भाजपा ने कुल 154 करोड़पति उम्मीदवारों (घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये या उससे अधिक) को टिकट दिया है, वहीं कांग्रेस और AAP के करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या क्रमशः 142 और 68 है।

ADR ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दागी उम्मीदवारों पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का गुजरात विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी, 2020 को सभी राजनीतिक पार्टियों को विशेष रूप से निर्देश दिया था कि वे दागी उम्मीदवारों को चुनने का कारण बताएं और यह भी बताएं कि बिना आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अन्य व्यक्तियों को उम्मीदवारों के तौर पर क्यों नहीं चुना जा सकता है।

दो चरणों में होने हैं गुजरात विधानसभा चुनाव

बता दें कि गुजरात विधानसभा की 182 सीटों पर अगले महीने दो चरणों में चुनाव होने हैं। प्रथम चरण में 1 दिसंबर को 89 विधानसभा सीटों के किए, वहीं दूसरे चरण में 5 दिसंबर को 93 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। सभी 182 विधानसभा सीटों के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव में भाजपा ने 182, AAP ने 181 और कांग्रेस ने 179 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

ADR की स्थापना 1999 में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद के प्रोफेसरों के एक समूह ने की थी। 1999 में ही ADR ने उम्मीदवारों की आपराधिक, वित्तीय और शैक्षिक पृष्ठभूमि का खुलासा करने करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में सभी उम्मीदवारों के लिए अपनी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया था। ADR ने पहली बार 2002 गुजरात विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि का विश्लेषण किया था।

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