विकल्प प्रकार

( गोम्मटसार जीवकांड व जी.प्र./79-80/198) ( कार्तिकेयानुप्रेक्षा/123-133 )
जीव समास
संकेत―बा=बादर; सू=सूक्ष्म; प=पर्याप्त; अ=अपर्याप्त; पृ=पृथिवी, अप्=अप्; ते=तेज; वन=वनस्पति; प्रत्येक=प्रत्येक; सा=साधारण; प्र=प्रतिष्ठित; अप्र=अप्रतिष्ठित; एके=एकेंद्रिय; द्वी=द्वींद्रिय; त्री=त्रींद्रिय; चतु=चतुरिंद्रिय; पं=पंचेंद्रिय।
14. जीव समास
चार्ट
( षट्खंडागम 1/1,1/ सूत्र 33-35/231); ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/34 ); ( राजवार्तिक/9/5/4/594/7 ); ( धवला 2/1,1/416/1 ), ( समयसार / आत्मख्याति/55 ); ( गोम्मटसार जीवकांड/72/189 )।
21 भेद उपरोक्त सातों विकल्पों में प्रत्येक पर्याप्त, निवृत्त्यपर्याप्त व लब्ध्यपर्याप्त=21। ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/35 )
24. भेद
चार्ट
उपरोक्त 12 विकल्पों के पर्याप्त व अपर्याप्त=24। ( षट्खंडागम विकल्प प्रकार 1/1,1/ सू.39-42/264-272)
30. भेद
चार्ट
उपरोक्त 15 विकल्पों के पर्याप्त व अपर्याप्त=30 ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/36 )।
32. भेद
उपरोक्त 30 भेदों में वनस्पति के 2 की बजाय 3 विकल्प कर देने से कुल 16। उनके पर्याप्त व अपर्याप्त=32। ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/37 )
चार्ट
34. भेद
चार्ट
उपरोक्त 17 विकल्पों के पर्याप्त व अपर्याप्त=34 ( तिलोयपण्णत्ति/5/278-280 )।
36. भेद―उपरोक्त 30 भेदों में वनस्पति के दो विकल्पों की बजाय ये पाँच विकल्प लगाने से कुल विकल्प=18 इनके पर्याप्त व अपर्याप्त=36 ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/38 )।
चार्ट
38. भेद―उपरोक्त 30 भेदों में वनस्पति के दो विकल्पों की बजाय ये छह विकल्प लगाने से कुल विकल्प=19 इनके पर्याप्त व अपर्याप्त=38 ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/39 ); ( गोम्मटसार जीवकांड/77-78/195-196 )।
चार्ट
48. भेद―32 भेदों वाले 16 विकल्पों के पर्याप्त निवृत्त्यपर्याप्त व विकल्प प्रकार लब्ध्यपर्याप्त=48। ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/40 )
54. भेद―36 भेदों वाले 18 विकल्पों के पर्याप्त निवृत्त्यपर्याप्त व लब्ध्यपर्याप्त=54। ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/41 )
57. भेद―38 भेदों वाले 19 विकल्पों के पर्याप्त निवृत्त्यपर्याप्त व लब्ध्यपर्याप्त=57। ( पंचसंग्रह / प्राकृत/1/42 ); ( गोम्मटसार जीवकांड/73/190 तथा 78/196)।
चार्ट
उपरोक्त सर्व विकल्पों में स्थावर व विकलेंद्रिय संबंधी 17 विकल्प केवल संमूर्च्छिम जन्म वाले हैं। वे 17 तथा सकलेंद्रिय के संमूर्च्छिम वाले 6 मिलकर 23 विकल्प संमूर्च्छिम के हैं। इनके पर्याप्त, निवृत्त्यपर्याप्त और लब्ध्यपर्याप्त=69–गर्भज के उपरोक्त 8 विकल्पों के पर्याप्त व अपर्याप्त=16।
69+16=85 ( गोम्मटसार जीवकांड/79/198 ); (का.आ./मू./123-131)
98. भेद
एलआईसी जीवन अमर योजना
कर लाभ - इस योजना के तहत आपको आयकर की धारा 80C और धारा 10 (विकल्प प्रकार 10D) के अनुसार कर लाभ मिलता है।
सरेंडर वैल्यू - इस योजना के तहत रेगुलर पे विकल्प में कोई सरेंडर वैल्यू नहीं मिलता है लेकिन सिंगल पे और लिमिटेड पे आपको सरेंडर वैल्यू का लाभ मिलेगा।
फ्री लुक पीरियड - अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी लेने के बाद उससे संतुष्ट नहीं है तो वह इसे 15 दिन के भीतर रद्द कर सकता है।
तो इस प्रकार हमने एलआईसी जीवन अमर योजना के लगभग हर पहलू पर प्रकाश डाला, अगर आपको इस योजना के बारे में किसी प्रकार की कोई समस्या, प्रश्न सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
अगर आप भी करते हैं मोर रायपुर एप का इस्तेमाल तो अब मिलेगी गजब की सुविधा, काम का है यह अपडेट
नगर निगम द्वारा बनवाए गए मोर रायपुर एप्लीकेशन अपडेट होने के बाद से कई प्रकार की सुविधाएं नदारद हो गई हैं। हालात ऐसे हैं कि मोबाइल से ग्रंथालय पंजीयन और पार्किंग के लिए बुकिंग करने का विकल्प विकल्प प्रकार ही नहीं डाला गया है।
रायपुर। नगर निगम द्वारा बनवाए गए मोर रायपुर एप्लीकेशन अपडेट होने के बाद से कई प्रकार की सुविधाएं नदारद हो गई हैं। हालात ऐसे हैं कि मोबाइल से ग्रंथालय पंजीयन और पार्किंग के लिए बुकिंग करने का विकल्प ही नहीं डाला गया है। वहीं, टैंकर मंगवाने की सुविधा भी पहले आनलाइन दी जाती थी, जिसे अब हटा दिया गया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही शहरी स्वास्थ्य केंद्र व हमर अस्पताल भी नदारद हैं। इसकी वजह से लोगों को एप्लीकेशन के जरिए सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है। प्लांटेशन का विकल्प दिया गया है, लेकिन लोकेशन ट्रेस करने में अब भी दिक्कतें सामने आ रही हैं। ऐसे में इसमें भी सुधार की जरूरत है। वहीं, जल कर जमा करने का भी विकल्प गायब है।
पीएम कृषि सिंचाई योजना : इन विकल्प के प्रयोग से किसान उठा सकते है अनुदान का लाभ
केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में लगातार आ रही सिंचाई की विभिन्न चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की शुरूआत की। केंद्र सरकार ने इस योजना को वर्ष 2015 में लागू किया था। सरकार की इस योजना के तहत सिंचाई तकनीक में बदलाव एवं सिंचाई की नई-नई तकनीकों को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाता हैं। केंद्र सरकार की इस योजना में देश विकल्प प्रकार कि कई राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर योगदान देकर अपने-अपने राज्य में किसानों को योजना विकल्प प्रकार का लाभ प्रदान करती है। जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा और मध्यप्रदेश जैसे कई अन्य राज्य किसानों को नई-नई सिंचाई तकनीक अपनाने पर 70 से 90 प्रतिशत तक का अुनदान सिंचाई यंत्रों पर देती है। इसके लिए ये राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर पोर्टल तैयार कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के विभिन्न घटकों के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित करती है। एवं अनुदान का लाभ देने के लिए अपने स्तर पर कुछ प्रावधान भी करती है। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य में सिंचाई यंत्रों पर सब्सिडी देने के नियमों में नई व्यवस्था निर्धारित की है। मध्यप्रदेश के उद्यानिकी विभाग ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022-23 में अनुदान का लाभ लेने हेतु MPFTS पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किये जाने की व्यवस्था की गयी है। आवेदन करते समय कृषक को तीन विकल्प दिये गये है। जिनमें कृषक किसी एक विकल्प का चयन कर सकता है। तो आइए ट्रैक्टरगुरु के इस लेख के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किये जाने की व्यवस्था के बारे में जानते है। और इससे किसानों को क्या लाभ मिलेगा।
MPFTS वेब पोर्टल पर कर सकते है ऑनलाइन पंजीकरण
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना के विभिन्न घटकों के तहत जिलेवार सिंचाई यंत्रों पर अलग-अलग वर्ग के किसानों को तय प्रतिशत के हिसाब से अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है। मध्यप्रदेश उद्योग संवर्धन नीति के विकल्प प्रकार अनुसार सिंचाई यंत्रो पर देय विशिष्ट वित्तीय सहायतायें अंतर्गत नवीन स्थापना एवं तकनीकी उन्नयन हेतु लागत पूंजी अनुदान सहायता 50 प्रतिशत से अधिकतम 55 प्रतिशत तक सब्सिडी सिंचाई उपकरण की कुल लागत पर दिया जाता है। मध्य प्रदेश उद्यानिकी विभाग राज्य के किसानो को ऑनलाइन पंजीकरण करने की सुविधा प्रदान कर रहा है । राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट को शुरू किया गया है । मध्य प्रदेश के किसान भाई मध्यप्रदेश उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का लाभ ऑनलाइन पंजीकरण करके प्राप्त कर सकते है।
कृषक हेतु महत्वपूर्ण सूचना
उद्यानिकी विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022-23 में अनुदान का लाभ लेने हेतु MPFTS पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत किए जाने की व्यवस्था के अनुसार आवेदन करते समय जिन कृषकों द्वारा तीसरे विकल्प का चयन किया गया है एवं वेंडर (प्रदायकर्ता) का चयन नहीं किया गया है उनसे विभाग ने अपील कि है। ऐसे कृषक पोर्टल पर अपने कृषक लॉग इन के माध्यम से शीघ्र प्रदायकर्ता (वेंडर) का चयन करे। विभाग ने किसी भी प्रकार की समस्या एवं इसके समाधान के लिए संपर्क नंबर भी जारी किए है। किसी समस्या का समाधान हेतु कृषक MPFTS हेल्प डेस्क नंबर 0755-4059242 पर संपर्क कर सकते है।
संचालनालय उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग मध्यप्रदेश ने विभिन्न योजना के माध्यम से उद्यानिकी फसलों की खेती विकल्प प्रकार के लिए अलग-अलग लक्ष्य जारी किए है। जिनमें उद्यानिकी विभाग ने राज्य योजना के तहत राज्य में वर्ष 2022-23 के अनुसार फल क्षेत्र विस्तार के लिए राज्य पोषित व्यावसायिक उद्यानिकी फसलों की संरक्षित खेती की प्रोत्साहन योजना में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किए गए है। उद्यानिकी विभाग ने राष्ट्रीय कृषि विकास (RKVY) योजना अर्न्तगत वर्ष 2022-23 में “उच्च तकनीक से पान खेती” में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किए गए है। इसके अलावा उद्यानिकी विभाग ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन ( MIDH) के अर्न्तगत राज्य में सब्जी क्षेत्र विस्तार एवं मासाला क्षेत्र विस्तार में भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य जारी किए गए है। योजना में लाभ लेने हेतु इच्छुक कृषक पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। लाभ देने हेतु कृषक का चयन कम्प्यूटरीकृत लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। लॉटरी की तिथि विभाग द्वारा निर्धारित किये जाने पर उसकी सूचना पृथक से जारी की जायेगी । किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर MPFTS हेल्प डेस्क No. 0755-4059242 पर सम्पर्क कर सकते है ।
पूर्व वर्ष के आवेदनों को विभाग ने किया निरस्त
उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2022-23 अंतर्गत आवेदन प्राप्त करने एवं लॉटरी के माध्यम से चयनित कृषको को लाभ देने हेतु MPFTS पोर्टल पर व्यवस्था की गयी है। उद्यानिकी विभाग द्वारा प्राप्त आवेदनों में से लाभार्थियों का चयन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा, इस लिए आवेदन करने हेतु कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में पूर्व वर्ष के प्रतीक्षारत आवेदनों को विभाग के निर्देश अनुसार निरस्त किया गया है, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वर्ष 2022-23 में लाभ लेने हेतु कृषकों को पुनः आवेदन प्रस्तुत करना होगा। लॉटरी की तिथि विभाग द्वारा निर्धारित किये जाने पर उसकी सूचना पृथक से जारी की जायेगी एवं आवेदक को एसएमएस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। जिला अधिकारी द्वारा प्रत्येक आवेदन के परीक्षण उपरांत उपयुक्त पाए गए आवेदनों को ही आगामी लॉटरी में शामिल किया जाएगा। सामग्री प्रदाय हेतु वेंडर का चयन लॉटरी के पश्चात किया जा सकेगा।
फैट विकल्प
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