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वायदा कारोबार

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Pulses Market Indore: चने के वायदा कारोबार पर रोक, दाल की महंगाई पर काबू के लिए सरकार का कदम

Pulses Market Indore: चने के वायदा कारोबार पर रोक, दाल की महंगाई पर काबू के लिए सरकार का कदम

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Pulses Market Indore। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेेबी) ने सोमवार शाम आदेश जारी कर चने के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। सेबी के आदेश के प्रभाव से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में चने के नए वायदा सौदों पर तत्काल प्रभाव वायदा कारोबार से रोक लग गई है। दाल-दलहनों की बढ़ती कीमतों पर काबू करने और खाद्यान्नों में सट्टेबाजी रोकने की दिशा में इसे केंद्र वायदा कारोबार सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। सोमवार को इंदौर और प्रदेश की मंडि़यों में चने का दाम में करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आया था। इसके असर से मिलों की ओर से सभी तरह की दाल की कीमतें भी 100 रुपये से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई थी।

सेबी के आदेश के मुताबिक चना वायदा कारोबार के लिए एनसीडीईएक्स के टर्मिनलों पर अब कोई भी नया व्यापार अनुबंध नहीं हो सकेगा। साथ ही मौजूदा सौदे जारी रहेंगे लेकिन उन्हेें भी भविष्य केे लिए आगे वायदा कारोबार नहीं बढ़या जा सकेगा। सेबी केे आदेश के अनुसार मौजूदा सौदों को उनकी अवधि पूरी होने पर कटान करना होगा। यानी समय पूरा होते ही सौदों का हिसाब कर कारोबारियों को वायदा से बाहर होना पड़ेेगा। सेबी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हुआ है। सोमवार शाम को आदेश जारी होने तक वायदा बाजार बंंद हो चुका था। यानी 17 अगस्त बुधवार को एनसीडीईएक्स पर कारोबार शुरू होते ही यह लागू हो जाएगा। सोमवार को वायदा में चना 5180 रुपयेे तक पहुंच चुका था। जबकि मंंडी यानी हाजर बाजार में चने की कीमतों मेें सप्ताह भर में 500 रुपये क्विंटल तक की तेजी आ चुकी है। सरकार को डर था कि चने की सट्टेबाजी से आगे जाकर अन्य दालों की कीमतें भी बढ़ने लगेगी। फिलहाल देश में चने का स्टाक सीमित है। विदेश में चना उपलब्ध नहीं है ऐसे में सरकार आगे कीमतों पर नियंत्रण के लिए अगर आयात भी करना चाहती तो संभव नहीं होता। दालों की महंगाई पर काबू के लिए सरकार बीते दिनों दालों पर स्टाक लिमिट भी लागू कर चुकी है। वायदा के असर से सोयाबीन और सोयाबीन तेेल की महंगाई अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैै। सरकार चाहकर भी अब बाजार में कीमतों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। ऐसे में दालों के मामले में सरकार ने समय रहतेे कदम उठाना बेहतर समझा।

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एनसीडीईएक्स पर 10 तरह की कृषि कमोडिटी में वायदा कारोबार होता है। इनमें चना के साथ केस्टर (अरंडी) बीज, काटन सीड आइल केक यानी कपास्या खली, ग्वार गम, ग्वार बीज, जीरा, सरसो बीज, सोयाबीन रिफाइंड तेल, सोयाबीन और हल्दी शामिल है। असल में एनसीडीईएक्स वायदा कारोबार को हेजिंग टूल यानी बढ़ती या घटती कीमतों से किसान और कारोबारियों को सुरक्षा देने के रूप में प्रचारित कर शुरू किया गया था। बताया गया था कि किसान भविष्य के सौदे कर सके ताकि उसे सही कीमत मिले और उपयोगकर्ता ऐसे सौदे करे ताकि उसे अचानक दाम बढ़ने से सुरक्षा मिल सके। हालांकि हुआ ये कि एनसीडीईएक्स पर बिना भौतिक स्टाक के सिर्फ टर्मिनल पर भविष्य के सौदे होते रहेे। सट्टेबाजी नेे जोर पकड़ा और कीमतें मनमाने तरीके से ऊपर नीचे की जाने लगी।

Pulses Market Indore: चने के वायदा कारोबार पर रोक, दाल की महंगाई पर काबू के लिए सरकार का कदम

Pulses Market Indore: चने के वायदा कारोबार पर रोक, दाल की महंगाई पर काबू के लिए सरकार का कदम

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Pulses Market Indore। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेेबी) ने सोमवार शाम आदेश जारी कर चने के वायदा कारोबार पर रोक लगा दी है। सेबी के आदेश के प्रभाव से नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में चने के नए वायदा सौदों पर तत्काल प्रभाव से रोक लग गई है। दाल-दलहनों की बढ़ती कीमतों पर काबू करने और खाद्यान्नों में सट्टेबाजी रोकने की दिशा में इसे केंद्र सरकार का सबसे बड़ा कदम माना जा रहा है। सोमवार को इंदौर और प्रदेश की मंडि़यों में चने का दाम में करीब 200 रुपये प्रति क्विंटल का उछाल आया था। इसके असर से वायदा कारोबार मिलों की ओर से सभी तरह की दाल की कीमतें भी 100 रुपये से 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई थी।

सेबी के आदेश के मुताबिक चना वायदा कारोबार के लिए एनसीडीईएक्स के टर्मिनलों पर अब कोई भी नया व्यापार अनुबंध नहीं हो सकेगा। साथ ही मौजूदा सौदे जारी रहेंगे लेकिन उन्हेें भी भविष्य केे लिए आगे नहीं बढ़या जा सकेगा। सेबी केे आदेश के अनुसार मौजूदा सौदों को उनकी अवधि पूरी होने पर कटान करना होगा। यानी समय पूरा होते ही सौदों का हिसाब कर कारोबारियों को वायदा से बाहर होना पड़ेेगा। सेबी का आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हुआ है। सोमवार शाम को आदेश जारी होने तक वायदा बाजार बंंद हो चुका था। यानी 17 अगस्त बुधवार को एनसीडीईएक्स पर कारोबार शुरू होते ही यह लागू हो जाएगा। सोमवार को वायदा में चना 5180 रुपयेे तक पहुंच चुका था। जबकि मंंडी यानी हाजर बाजार में चने की कीमतों मेें सप्ताह भर में 500 रुपये क्विंटल तक की तेजी आ चुकी है। सरकार को डर था कि चने की सट्टेबाजी से आगे जाकर अन्य दालों की कीमतें भी बढ़ने लगेगी। फिलहाल देश में चने का स्टाक सीमित है। विदेश में चना उपलब्ध नहीं है ऐसे में सरकार आगे कीमतों पर नियंत्रण के लिए अगर आयात भी करना चाहती तो संभव नहीं होता। दालों की महंगाई पर काबू के लिए सरकार बीते दिनों दालों पर स्टाक लिमिट भी लागू कर चुकी है। वायदा के असर से सोयाबीन और सोयाबीन तेेल की महंगाई अब तक के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी हैै। सरकार चाहकर भी अब बाजार में कीमतों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही है। ऐसे में दालों के मामले में सरकार ने समय रहतेे कदम उठाना बेहतर समझा।

Bhopal News: आशा एवं पर्यवेक्षकों ने कलेक्टर कार्यालय में मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

एनसीडीईएक्स पर 10 तरह की कृषि कमोडिटी में वायदा कारोबार होता है। इनमें चना के साथ केस्टर (अरंडी) बीज, काटन सीड आइल केक यानी कपास्या खली, ग्वार गम, ग्वार बीज, जीरा, सरसो बीज, सोयाबीन रिफाइंड तेल, सोयाबीन और हल्दी शामिल है। असल में एनसीडीईएक्स वायदा कारोबार को हेजिंग टूल यानी बढ़ती या घटती कीमतों से किसान और कारोबारियों को सुरक्षा देने के रूप में प्रचारित कर शुरू किया गया था। बताया गया था कि किसान भविष्य के सौदे कर सके ताकि उसे वायदा कारोबार सही कीमत मिले और उपयोगकर्ता ऐसे सौदे करे ताकि उसे अचानक दाम बढ़ने से सुरक्षा मिल सके। हालांकि हुआ ये कि एनसीडीईएक्स पर बिना भौतिक स्टाक के सिर्फ टर्मिनल पर भविष्य के सौदे होते रहेे। सट्टेबाजी नेे जोर पकड़ा और कीमतें मनमाने तरीके से ऊपर नीचे की जाने लगी।

बढ़त पर बाजार: रिफाइंड सोया और सोयाबीन वायदा कीमतों में तेजी

सटोरियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने के कारण वायदा कारोबार में गुरुवार को रिफाइंड सोया तेल का दाम 26.6 रुपये की तेजी के साथ 1,205.2 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया। नेशनल कमोडिटी एंड.

बढ़त पर बाजार: रिफाइंड सोया और सोयाबीन वायदा कीमतों में तेजी

सटोरियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने के कारण वायदा कारोबार में गुरुवार को रिफाइंड सोया तेल का दाम 26.6 रुपये की तेजी के साथ 1,205.2 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्ज एक्सचेंज में मार्च माह में डिलीवरी के लिए रिफाइंड सोया तेल के वायदा अनुबंध का भाव 26.6 रुपये यानी 2.26 वायदा कारोबार प्रतिशत की तेजी के साथ 1,205.2 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया। इस अनुबंध में 40,520 लॉट के लिए सौदे किए गए।

रिफाइंड सोया तेल के अप्रैल महीने में डिलीवरी किए जाने वाले वायदा अनुबंध का भाव 23.8 रुपये यानी 2.04 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,188.8 रुपये प्रति 10 किग्रा हो गया। इस अनुबंध में 15,335 लॉट के लिए सौदे किए गए। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि व्यापारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने के कारण मुख्यत: यहां वायदा कारोबार में रिफाइंड सोया तेल कीमतों में लाभ दर्ज हुआ।

सोयाबीन वायदा भी बढ़त पर

हाजिर मांग में तेजी की वजह से व्यापारियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में गुरुवार को सोयाबीन की कीमत 76 रुपये प्रति क्विन्टल की तेजी के साथ 5,068 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई। एनसीडीईएक्स में सोयाबीन के मार्च माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 76 रुपये अथवा 1.52 प्रतिशत की तेजी के साथ 5,068 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई, जिसमें 1,37,630 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

सोयाबीन के अप्रैल माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 75 रुपये अथवा 1.51 प्रतिशत की तेजी के साथ 5,032 रुपये प्रति क्विन्टल हो वायदा कारोबार गई जिसमें 1,03,020 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार की अधिक मांग को देखते हुए सटोरियों की ताजा लिवाली से मुख्यत: सोयाबीन वायदा कीमतों में तेजी आई।

बिनौलातेल खली वायदा कीमतों में तेजी

गुरुवार को बिनौलातेल खली की कीमत 16 रुपये प्रति क्विन्टल की तेजी के साथ 2,248 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई। एनसीडीईएक्स में बिनौलातेल खली के मार्च माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 16 रुपये अथवा 0.72 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,248 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई, जिसमें 1,13,580 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

बिनौलातेल खली के अप्रैल माह में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 19 रुपये अथवा 0.84 प्रतिशत की तेजी के साथ 2,275 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई जिसमें 51,290 लॉट के लिए कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि पशुचारा निर्माता कंपनियों की बढ़ती मांग के बीच कारोबारियों द्वारा अपने सौदों का आकार बढ़ाने से मुख्यत: बिनौलातेल खली वायदा कीमतों में तेजी आई।

वायदा कारोबार पर लगाई गई रोक, तिलहन और कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर काबू पाने के लिए वायदा कारोबार सरकार ने उठाया कदम

गौरतलब कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण सरकार चिंतित थी. सरकार द्वारा उपभोक्ता मंत्रालय , वाणिज्य मंत्रालय एवं कृषि मंत्रालय द्वारा संयुक्त तौर पर आयोजित वेबीनार में शंकर ठक्कर ने यह सुझाव दिया था की दामों को काबू में लाना है तो वायदा कारोबार पर रोक लगानी चाहिए

वायदा कारोबार पर लगाई गई रोक, तिलहन और कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर काबू पाने के लिए सरकार ने उठाया कदम

TV9 Bharatvarsh | Edited By: पवन कुमार

Updated on: Dec 20, 2021 | 5:58 PM

देश में पिछले दो वर्षों से तेल और तिलहन के दाम लगातार बढ़ रहे थे. तिलहन और कच्चे तेलों के वायदे खेलने की कमोडिटी वायदा कारोबार एक्सचेंज पर कारोबार करने की मंजूरी भी इसके दामों के बढ़ने के पीछे का एक कारण बताया जा रहा था. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के महानगर अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि, इस विषय पर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ ने लगातार सरकार से मांग की थी, की तेलों और तिलहन संबंधी चीजों के वायदा कारोबार वायदे पर रोक लगाई जाए जिससे हो रहे “खेले” को रोका जा सके और बड़े सटोरिए एवं पूंजीपतियों द्वारा किसी भी चीज पर वायदे के माध्यम से काबू में न कर सके.

अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने आगे कहा सरकार ने आज आदेश जारी कर सात जिंसों के वायदा कारोबार पर रोक लगाई है. भारत ने बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के अपने ताजा कदम में सात जिंसों के वायदा कारोबार को तत्काल प्रभाव से एक साल के लिए निलंबित कर दिया है. वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार, सात जिंसों – धान (गैर-बासमती), गेहूं, चना, सरसों के बीज और इसके डेरिवेटिव, सोयाबीन और इसके डेरिवेटिव, कच्चे पाम तेल और मूंग का व्यापार तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

वायदा कारोबार पर रोक लगाने की दी गयी थी सलाह

गौरतलब कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण सरकार चिंतित थी. सरकार द्वारा उपभोक्ता मंत्रालय , वाणिज्य मंत्रालय एवं कृषि मंत्रालय द्वारा संयुक्त तौर पर आयोजित वेबीनार में वायदा कारोबार शंकर ठक्कर ने यह सुझाव दिया था की दामों को काबू में लाना है तो वायदा कारोबार पर रोक लगानी चाहिए और इस बारे में संबंधित मंत्रालयों को बार-बार चिट्ठी लिख कर भी अवगत कराया था.

इसलिए सरकार ने उठाया यह कदम

सरकार के लिए आगामी दिनों में पांच राज्यों के चुनाव सर पर है और नवंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.91 फीसदी हो गई है इसके साथ ही खाद्य कीमतों में भी वृद्धि हुई. यह सरकार और राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद था, जिसने मुद्रास्फीति को कम करने में ज्यादा राहत नहीं दी. नवंबर में थोक महंगाई दर एक महीने पहले के 12.54 फीसदी से बढ़कर 14.23 फीसदी हो गई. यह लगातार आठवां महीना था जिसमें यह दोहरे अंक के स्तर पर रहा जिससे सरकार को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने वायदा कारोबार कहा हमारी मांग पर सरकार द्वारा वायदा कारोबार पर देर से ही सही रोक लगाने के लिए सरकार के आभारी है.

हाजिर मांग के कारण धनिया वायदा कीमतों में तेजी

नयी दिल्ली, 22 जुलाई (भाषा) हाजिर बाजार में मजबूती के रुख को देखते हुए सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा कारोबार में शुक्रवार को धनिया की कीमत 22 रुपये की तेजी के साथ 12,194 रुपये प्रति क्विन्टल हो गई।

एनसीडीईएक्स में धनिया के अगस्त महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 22 रुपये अथवा 0.18 प्रतिशत की तेजी के साथ 12,194 रुपये प्रति क्विनटल हो गई। इसमें 14,825 लॉट के लिए कारोबार हुआ।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि हाजिर बाजार में मजबूती के रुख और उत्पादक क्षेत्रों से सीमित आपूर्ति के कारण मुख्यत: धनिया वायदा कीमतों में तेजी आई।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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