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तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें

तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें

शिक्षा तकनीकी (Shiksha Takniki)

प्रस्तुत पुस्तक सुसंगठित विषयवस्तु के साथ रोचक शैली में लिखी गयी है | इसकी भाषा अत्यंत सरल, बोधगम्य तथा परिमार्जित है | इसमें शिक्षा तकनीकी से संबंधित सभी आधारभूत तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें प्रकरणों पर उचित प्रकाश डाला गया है | विषयवस्तु को सारगर्भित तथा तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें रोचक बनाने के लिए इसमें यथासंभव तालिकाओं, चित्रों तथा उदाहरणों का समावेश किया गया है | यह पुस्तक डी. एड., बी. एड., एम. एड., एम. ए. (शिक्षा शास्त्र) तथा एम. फिल. (शिक्षाशास्त्र) के लिए अत्यंत उपयोगी है | इसके अलावा, यह अध्यापकों, अनुसंधानकर्ताओं तथा विद्यालयों एवं कालेजों के प्रशासकों के लिए भी लाभकारी होगी साथ ही शिक्षण संस्थानों द्वारा सेवारत अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए समय-समय पर आयोजित कार्यशालाओं के लिए भी यह उपयोगी साबित होगी |

शिक्षा तकनीकी के क्षेत्र में सभी प्रकार के आधुनिकतम विचारों तथा नवीनतम प्रयोगों, जैसे - विद्यार्थी नियंत्रित अनुदेशन, व्यक्तिगत अनुदेशन प्रणाली, विनिमयात्मक विश्लेषण सहित कक्षा-कक्ष अंत:क्रिया विश्लेषण की विभिन्न तकनीकें, साइबरनेटिक्स, प्रशिक्षण मनोविज्ञान, टोली शिक्षण, सहकारी अधिगम, आडियो ट्यूटोरियल प्रणाली, भाषा प्रयोगशाला, टेलिकानफ्रेंसिंग, ई-लर्निंग, कंप्यूटर सहाय तथा प्रबन्धित अनुदेशन, सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी, अवास्तविक कक्षा-कक्ष तथा दूरवर्ती शिक्षा आदि का इसमें यथोचित वर्णन किया गया है |

This book is recommended in Patna University, T.M. Bhagalpur University, Magadh University Bodh Gaya , Aryabhat Knowledge University, Patna.

यह संस्थान ऐसी घटनाओं का आयोजन करता है जो हर साल प्रशंसा के साथ तकनीकी नवाचारों और प्रबंधन प्रक्रियाओं को स्वीकार करते हैं। एबीवी-आईआईआईटीएम अपने विद्वानों के बीच प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्रों में उत्कृष्टता को पहचानने के अपने सतत प्रयासों में हर साल 'इन्फोट्सव' आयोजित करता है। प्रतिभागियों को इस देश के प्रमुख तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों के रूप में आमंत्रित किया जाता है, जबकि प्रमुख औद्योगिक और व्यावसायिक घर इस कार्यक्रम को प्रायोजित करते हैं। पुरस्कार पुरस्कार राशि और मान्यता के रूप में हैं।

इंफोट्सव अक्टूबर / नवंबर में आयोजित किया जाता है।

एच आई क्यू - उच्च खुफिया लब्धि

एचआईक्यू अपने शिक्षार्थियों के बीच अभिनव ज्ञान को प्रोत्साहित करने के लिए इस संस्थान की पहल है। हम एबीवी-आईआईआईटीएम में मानते हैं कि यदि यह उद्देश्यपूर्ण और तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें व्यवहार्य है तो हर सपना हासिल किया जा सकता है। हम इंटरैक्टिव सत्र, कक्षा व्याख्यान और प्रश्नोत्तरी दौर के माध्यम से छात्रों के बीच रचनात्मक विचारों और ज्ञान का जश्न मनाते हैं। 2001 में शुरूआत यह इस संस्थान के अधिक सफल प्रयासों में से एक है।

शिक्षा तकनीकी (Shiksha Takniki)

प्रस्तुत पुस्तक सुसंगठित विषयवस्तु के साथ रोचक शैली में लिखी गयी है | इसकी भाषा अत्यंत सरल, बोधगम्य तथा परिमार्जित है | इसमें शिक्षा तकनीकी से संबंधित सभी आधारभूत प्रकरणों पर उचित प्रकाश डाला गया है | विषयवस्तु को सारगर्भित तथा रोचक बनाने के लिए इसमें यथासंभव तालिकाओं, चित्रों तथा उदाहरणों का समावेश किया गया तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें है | यह पुस्तक डी. एड., बी. एड., एम. एड., एम. ए. (शिक्षा शास्त्र) तथा एम. फिल. (शिक्षाशास्त्र) के लिए अत्यंत उपयोगी है | इसके अलावा, यह अध्यापकों, अनुसंधानकर्ताओं तथा विद्यालयों एवं कालेजों के प्रशासकों के लिए भी लाभकारी होगी साथ ही शिक्षण संस्थानों द्वारा सेवारत अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए समय-समय पर आयोजित कार्यशालाओं के लिए भी यह उपयोगी साबित होगी |

शिक्षा तकनीकी के क्षेत्र में सभी प्रकार के आधुनिकतम विचारों तथा नवीनतम प्रयोगों, जैसे - विद्यार्थी नियंत्रित अनुदेशन, व्यक्तिगत अनुदेशन प्रणाली, विनिमयात्मक विश्लेषण सहित कक्षा-कक्ष अंत:क्रिया विश्लेषण की विभिन्न तकनीकें, साइबरनेटिक्स, प्रशिक्षण मनोविज्ञान, टोली शिक्षण, सहकारी अधिगम, आडियो ट्यूटोरियल प्रणाली, भाषा प्रयोगशाला, टेलिकानफ्रेंसिंग, ई-लर्निंग, कंप्यूटर सहाय तथा प्रबन्धित अनुदेशन, सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी, अवास्तविक कक्षा-कक्ष तथा दूरवर्ती शिक्षा आदि का इसमें यथोचित वर्णन किया गया है |

This book is recommended in Patna University, T.M. Bhagalpur University, Magadh University Bodh Gaya , Aryabhat Knowledge University, Patna.

Technical Course in Regional Languages: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा का किया शुभारंभ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 11 नवंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया है. इनमें ओडिया भाषा में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की इंजीनियरिंग पुस्तकें, उड़िया भाषा में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) द्वारा विकसित तकनीकी शब्दावली और ई-कुंभ तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें पोर्टल शामिल हैं.

Published: November 12, 2022 10:24 AM IST

President Draupadi Murmu inaugurated technical education in regional languages

Regional Languages Course: कई छात्रों को अंग्रेजी में तकनीकी शिक्षा को समझने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसीलिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाए हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 11 नवंबर को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया है. इनमें ओडिया भाषा में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की इंजीनियरिंग पुस्तकें, उड़िया भाषा में वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दावली आयोग (सीएसटीटी) द्वारा विकसित तकनीकी शब्दावली और ई-कुंभ (एकाधिक भारतीय भाषाओं में ज्ञान का प्रसार) पोर्टल शामिल हैं. राष्ट्रपति ने भुवनेश्वर के जयदेव भवन में इन योजनाओं का शुभारंभ किया है.

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मातृभाषा छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक होती

राष्ट्रपति ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मातृभाषा छात्रों के बौद्धिक विकास में सहायक होती है. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मातृभाषा में सीखने से छात्रों में रचनात्मक सोच और विश्लेषण के कौशल का विकास होगा और इससे शहरी और ग्रामीण छात्रों को समान अवसर प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि पहले क्षेत्रीय भाषाओं में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने बाधा आती थी, क्योंकि स्थानीय भाषाओं में तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें पाठ्यपुस्तकों की अनुपलब्धता थी. उन्होंने इस बाधा को दूर करने के प्रयासों के लिए एआईसीटीई की सराहना की.

राष्ट्रपति ने तपोबन हाई स्कूल का दौरा किया

राष्ट्रपति ने तपोबन हाई स्कूल का दौरा भी किया. इसके तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें बाद, उन्होंने राजकीय बालिका उच्च विद्यालय इकाई 2 जहां उनकी शिक्षा-दीक्षा हुई और कुंतला कुमारी सबत आदिवासी बालिका छात्रावास इकाई 2 का दौरा किया, जहां वह अपने स्कूल जीवन में रहती थी. राष्ट्रपति ने विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों और छात्रावास के निवासियों से भी बातचीत की. राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की इन महत्वपूर्ण पहलों की शुरूआत करते हुए खुशी हो रही है. यह सराहनीय कदम शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने की दिशा में उठाए गए हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा सशक्तिकरण का एक साधन है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे हर बच्चे की हर स्तर पर शिक्षा तक पहुंच हो. हमें बिना किसी भेदभाव के सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करनी होगी. उन्होंने कहा कि भाषा को छात्रों को शिक्षा प्रदान करने में एक सक्षम कारक बनना चाहिए, बाधा नहीं.क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं में शिक्षा प्रदान कर हम एक सुशिक्षित, जागरूक और जीवंत समाज का निर्माण कर सकते हैं.

राष्ट्रपति ने कहा कि उड़िया एक प्राचीन और समृद्ध भाषा है। इसकी एक विशिष्ट साहित्यिक परंपरा और समृद्ध शब्दावली है. इसलिए तकनीकी विश्लेषण पर पुस्तकें उड़िया भाषा में तकनीकी शिक्षा प्रदान करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं में कमोबेश एक जैसी क्षमता है. उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी भारतीय भाषाओं को समान महत्व दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इससे सभी भारतीय भाषाओं के विकास का एक नया युग शुरू हुआ है.

इनपुट- आईएएनएस

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