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डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर?

Budget 2022 : जानें, Cryptocurrency और Digital Currency में क्या है अंतर?

आज एडिटरजी आपको बताने जा रहा है कि आखिर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी ( Difference between Digital Currency and Cryptocurrency ) में अंतर क्या है.

ये क्रिप्टो, क्रिप्टो क्या है, ये क्रिप्टो क्रिप्टो. बजट 2022 के वक्त, क्रिप्टो में निवेश कर चुके करोड़ों लोगों का ध्यान वित्त मंत्री पर सिर्फ इसीलिए था कि वे जान सकें, वित्त मंत्री इस मार्केट से जुड़ा क्या ऐलान करेंगी. वित्त मंत्री ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी ( RBI Digital Currency ) जारी करने की घोषणा की और मुनाफे पर 30 पर्सेंट टैक्स की बात भी की लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई ऐलान नहीं किया. आज एडिटरजी आपको बताने जा रहा है कि आखिर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी ( Difference between Digital Currency and Cryptocurrency ) में अंतर क्या है.

कौन करता है जारी

- डिजिटल करेंसी या CBDC को सरकार या सेंट्रल बैंक जारी करती है. इसे रेग्युलेट सेंट्रल बैंक करता है

- क्रिप्टोकरेंसी को निजी संस्थाएं स्वतंत्र रूप से डेवलप करती हैं. क्रिप्टो के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है, जो क्रिप्टो ट्रांजेक्शन का हिसाब रखने वाला डिजिटल बहीखाता प्रणाली है.

किसके पीछे कौन?

डिजिटल करेंसी को देश और सेंट्रल बैंक जारी करते हैं, इसका मतलब है कि टेक्निकल ब्रेकडाउन की स्थिति में यही रेग्युलेटर उसे कंट्रोल करेंगे.
डिजिटल करेंसी सेंट्रलाइज्ड है; लेनदेन की प्रक्रिया, सेंट्रल बैंक से जुड़े सर्वर से होती है.
व्यापक तौर पर उतार-चढ़ाव वाली कीमतों के साथ ट्रेड किए जाने वाले एसेट से उलट, सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी, फिजिकली अस्तित्व में नहीं होती है लेकिन इसकी स्वीकृति बड़े पैमाने पर होती है.
उधर, क्रिप्टोकरेंसी अपने बने स्ट्रक्चर के अंदर डीसेंट्रलाइज्ड होती है; नियम, क्रिप्टो कम्युनिटी में ज्यादातर पार्टिसिपेंट्स के जरिए तय किए जाते हैं और इनमें अनियमित अस्थिरता होती है.

डिजिटल करेंसी / CBDC कौन इस्तेमाल कर रहा है ?

चीन का सेंट्रल बैंक, अपने सीबीडीसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, चीन के कुछ प्रांतों में ट्रायल के तौर पर युआन डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? का एक वर्चुअल वर्शन जारी किया गया है. पीपल्स बैंक ऑफ चाइना, सीबीडीसी को पूरी तरह से लॉन्च करने वाली पहली संस्था हो सकती है. चीन, पहले ही सभी क्रिप्टो पर बैन लगा चुका है.

जापान में, लगभग 70 जापानी फर्मों का एक कंसोर्टियम जिसमें देश के तीन मेगा-बैंक भी शामिल हैं, वे 2022 के मध्य में डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से जुड़ा प्रयोग शुरू करेंगे.

Digital Currency क्या है डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर क्या है 2022

(CBDC) सेन्ट्रल बैंक डिजिटल करेंसी जिसे Digital Currency भी कहा जाता है क्रिप्टो निवेशकों का मानना है की क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स लगाना मतलब इसे कभी भी बन नहीं किया जायेगा.

लेकिन इसे कानूनी कोई अधिकार नहीं है Digital currency का आप भविष्य में कैसे इस्तमाल कर पाएंगे Digital Currency क्या है

अगर आप भी डिजिटल करेंसी के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जानना चाहते है तो पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़िएगा.

Digital Currency क्या है ?

Digital Currency kya hai ?

Digital currency (CBDC) सेन्ट्रल बैंक के द्वारा जारी की हुई डिजिटल करेंसी है यह लीगल. टेंडर होगा इसे RBI के द्वारा इस्यु किया जायेगा इस करेंसी पर पूर्णयता हक़ सेंट्रल बैंक का होगा.

इसे बैलेंसशीट की लिबलिटी में दर्शाया जायेगा भविष्य में हर कोई इस करेंसी का इस्तमाल कर सकेगा और CBDC के बराबर मूल्य पर इसे कैश में एक्सचेंज किया जायेगा.

वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण जी ने बजट 2022-2023 के भाषण के दौरान Digital Currency, NFT, Metaverse या क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगा दिया है

भाषण देते हुए उन्होंने कहा की रिजर्व बैंक (RBI) अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया लॉन्च करेगा वित्त मंत्री के द्वारा यह ब्यान दिया गया की डिजिटल रुपया सेन्ट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी होंगी जिसे 2023 में लॉन्च किया जायेगा अभी फिलहाल इस पर काम चल रहा रहा है

सीतामरण जी ने इसके फायदे बताते हुए कहा की डिजिटल करेंसी डिजिटल एकनोमी के लिए एक बेहतर बुस्ट साबित हो सकती है

वित्त मंत्री का कहना है की इस डिजिटल करेंसी से मैनेजमेंट सिस्टम और आर्थिक स्तर को काफी फायदा पहुंचेगा आइये इस करेंसी के फायदे के बारे में जानते है

CBDC की क्या जरूरत है कैसे होंगी डिजिटल ट्रांसक्शन

जिस तरह से आप किसी भी नोट को नस्ट कर सकते है उस तरह से आप CBDC को नस्ट नहीं कर सकते इसे एक बार जारी करने के बाद में नस्ट नहीं किया जा सकता है

किफायती होने की वजह से इसकी लोकप्रियता दुनिया भर में देखि जा सकती है CBDC किसी भी देश की ऑफिशल करेंसी का डिजिटल रिकॉर्ड या फिर डिजिटल टोकन होता है

डिजिटल करेंसी दो तरह की होती है Retail और Holesale

होलसेल करेंसी का इस्तमाल वित्तीय संस्थाओ के द्वारा किया जाता है वही होलसेल करेंसी ka इस्तमाल आम लोगो के द्वारा किया जाता है

डिजिटल करेंसी वास्तव में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित करेंसी होती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी Decentralized है मतलब हर तरह की सूचनाएं एक नेटवर्क पर होती है

लेकिन डिजिटल रुपया इस से बिलकुल अलग होगा क्युकी इस रूपये को RBI के द्वारा रेगुलेट किया जायेगा इसलिए yयर्ह करेंसी Decentralized नहीं होंगी इसकी मदद से आप हर तरह के लेन-देन कर पाएंगे और हर सर्विश जा इस्तमाल कर पाएंगे

डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर ?

Digital Currency :

Digital currency को उसी देश की सरकार के द्वारा मान्यता प्राप्त होती है

यह देश के सेंट्रल बैंक के द्वारा जारी किया जाता है इसी कारण से यह पूरी तरह से जोखिमो से अधीन होती है

यह जारी किये गए देश में खरीददारी और लेन -देन के रूप में प्रयोग में लायी जाती है

डिजिटल करेंसी को सावरेन मुद्रा अर्थात उस देश की करेंसी में बदला जा सकता है

Cryptocurrency :

डिजिटल करेंसी की में क्रिप्टो करेंसी की तरह कोई उतर चढ़ाव नहीं होता है

क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कोई मौलिक अधिकार नहीं होता क्युकी यह ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित होती है

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी Decentralized होती है

क्रिप्टोकरेंसी में कोई पैमेंट इशू होने पर आप किसी को शिकायत नहीं कर सकते

क्रिप्टोकरेंसी से उसी देश में लेन -देन किया जा सकता है जहाँ क्रिप्टो को सरकार द्वारा मान्यता उस देश में मान्यता प्राप्त हो.

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Conclusion

आज की इस पोस्ट में हमने डिजिटल करेंसी के बारे में जाना और इसके साथ ही डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी के अंतर के बारे में भी जाना अगर आपको जानकारी अच्छे लगी हो तो आप इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते है. ऐसी जानकारी के लिए आप हमें सोशल मीडिया पर follow कर सकते है

डिजिटल करेंसी: क्या आप डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करेंसी जानते हैं अंतर जानें

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डिजिटल मुद्रा: भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर, 2022 से प्रयोगात्मक स्तर पर डिजिटल रुपये की मुद्रा शुरू की है। पहले पायलट प्रोजेक्ट के तहत डिजिटल रुपये का व्यापक रूप से उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस परियोजना में नौ बैंकों को शामिल किया है, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं। स्वाभाविक रूप से, डिजिटल रुपया और क्रिप्टो मुद्रा क्या है ? आपने यह सवाल जरूर पूछा होगा। तो चिंता न करें आज का हमारा लेख उसी के बारे में है और हम आपको डिजिटल रुपया और क्रिप्टो करेंसी के बीच का अंतर बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं और जानकारी।

CBDC यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक की कानूनी मुद्रा है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी किए गए नोट डिजिटल रूप में हैं। इस डिजिटल मुद्रा का मूल्य कागज के नोटों के समान है और इसे उसी रूप में कैशलेस लेनदेन किया जा सकता है। फिलहाल यह प्रयोग होलसेल सेगमेंट के लिए लागू किया जा रहा है।

डिजिटल मुद्रा दो प्रकार की होती है

वर्तमान में हमारे देश में दो प्रकार की डिजिटल मुद्राएं हैं। पहला है रिटेल सीबीडीसी और दूसरा है होलसेल सीबीडीसी। खुदरा सीबीडीसी सभी के लिए सुलभ होगा। जबकि थोक सीबीडीसी चयनित वित्त या वित्तीय संस्थानों के लिए होने जा रहा है। यह मुद्रा नकदी पर निर्भरता कम करेगी और विश्वसनीय लेनदेन को सक्षम करेगी। इस मुद्रा का उपयोग करना आसान होगा और इसे मोबाइल वॉलेट में रखा जा सकता है और जरूरत पड़ने पर बैंक से आसानी से नकद में बदला जा सकता है।

इससे सरकार सभी आधिकारिक नेटवर्क के माध्यम से देश से बाहर जाने और देश के बाहर से आने वाले धन की निगरानी कर सकेगी। इससे आपको नकली नोटों की समस्या के साथ-साथ कागज के नोटों को छापने के खर्चे से भी मुक्ति मिलेगी। डिजिटल करेंसी पेपर बिल की तरह खराब नहीं होती है। यह मुद्रा स्थायी है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुरक्षित है।

क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में अंतर

क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में बहुत बड़ा अंतर है। जबकि डिजिटल मुद्रा रुपये से रुपये के लेनदेन पर आधारित है, क्रिप्टो में व्यापार बाजार के जोखिम पर आधारित है। चूंकि डिजिटल मुद्रा आरबीआई द्वारा लॉन्च की गई है, इसलिए इसे केवल उनके द्वारा नियंत्रित किया जाता है। दूसरी ओर, क्रिप्टो एक निजी परियोजना है। तो इसमें बड़ा खतरा है।

Digital Rupee : क्या है डिजिटल रुपी,डिजिटल रुपी के लाभ,क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में अंतर की सम्पूर्ण जानकारी

Digital Rupee: क्या है डिजिटल रुपी

भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपी (Digital Rupee) का पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से प्रारंभ कर दिया है। हम सन जानना चाहते है कि क्या है डिजिटल रुपी तो आइये जानते है विस्तार से : ये भारत का पहला सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) है जिसे डिजिटल रुपी (Digital Rupee) कहा जा रहा है , इस टेस्टिंग के द्वारा सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन किया जाएगा।

आज के सूचना युग है जिसमे हम सभी का पूरा जीवन बदलता जा रहा है क्योंकि तकनीक बदलती जा रही है। इसीलिए अब हमारा पैसों का लेनदेन का तरीका भी बदल रहा है। तकनीक के निरंतर होते विकास ने पैसो के लेनदेन के पारंपरिक स्वरूप को एक डिजिटल रूप दिया है।
अब संसार कैशलेस इकोनॉमी की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में भारत भी पीछे नही रहना चाहता है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने (RBI) को होलसेल क्षेत्र के लिए डिजिटल रुपी का पायलट प्रोजेक्टज लॉन्च किया है और रिटेल क्षेत्र में डिजिटल रुपी का पहला पायलट प्रोजेक्टज कुछ चुने हुए स्थानों पर एक महीने के भीतर लॉन्च करने की योजना है।

फरवरी २०२२ में वित्त मंत्री निर्मला ने अपने बजट भाषण में डिजिटल करेंसी लाने की घोषणा कर दी थी. आरबीआई के अनुसार होलसेल सेगमेंट पायलट प्रोजेक्ट में भागीदारी के लिए नौ बैंकों की पहचान की गई है.

ये नौ bank हैं :-
भारतीय स्टेहट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक,एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक HSBC बैंक हैं.

डिजिटल करेंसी का प्रयोग अनेक देश करना चाहते हैं किन्त्तु कुछ ही देश अपनी डिजिटल करेंसी को विकसित करने के पायलट चरण से आगे बढ़ने में सफल रहे हैं.

Digital Rupee: क्या है डिजिटल रुपी

क्या है डिजिटल रुपी ?

What is Digital Rupee?

भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार सीबीडीसी, डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक वैध मुद्रा है, जो कागजी मुद्रा के समान है और आवश्यकता पड़ने पर कागजी मुद्रा के साथ इसका विनिमय किया जा सकेगा,
हम इसे सरल शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं कि डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपी आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल फॉर्म में करेंसी नोट्स हैं.
डिजिटल रुपी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में परिवर्तित पैसा है जिससे कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन किया जा सकता है.
भारत में डिजिटल करेंसी दो प्रकार की होगी जिसमे होलसेल सीबीडीसी (CBDC-W) और रिटेल सीबीडीसी (CBDC-R),
होलसेल सीबीडीसी का उपयोग कुछ चुने हुए वित्ती य संस्थासनों के द्वारा ही होगा जबकि रिटेल सीबीडीसी का प्रयोग सब कर सकेंगे

डिजिटल रुपी के लाभ

Advantages of Digital Rupee

अब भारतीय लोग भी बहुत बड़ी संख्या digital transaction करते हैं इसलिए भविष्य में CBDC के अनेक लाभ होंगे.
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले वर्ष लोकसभा को बताया था , “डिजिटल रुपी के अनेक लाभ होंगे. इससे नकदी पर निर्भरता कम होगी और साथ ही साथ सीबीडीसी मजबूत, विश्वसनीय, विनियमित और एक वैध भुगतान का माध्यम बनेगी .
जब देश में डिजिटल रुपी (Digital Rupee) प्रयोग होने लगेंगे तब आपको अपने पास कैश रखने की आवश्यकता कम हो जाएगी और आपको अपने परम्परागत बटुए में अधिक धन रखने की आवश्यकता ही नहीं होगी.
डिजिटल करेंसी को लोग अपने मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे जिसे कैश में आसानी से बदला भी जा सकेगा.

अधिक नियंत्रित पैसों का लेनदेन

more controlled money transactions

चूँकि इस डिजिटल करेंसी का लेनदेन सरकार के द्वारा अधिकृत नेटवर्क के भीतर ही होगा इसलिए डिजिटल रुपी का लेनदेन में देश में आने और बाहर जाने वाले धन पर अधिक कंट्रोल होगा और भारतीय डिजिटल करेंसी होने के कारण ट्रांजेक्शन कॉस्ट भी घट जाएगी
डिजिटल रुपी के प्रयोग से नकली करेंसी की समस्या से छुटकारा मिलेगा और साथ ही साथ कागज के नोट की प्रिटिंग का खर्च नही लगेगा
डिजिटल रुपी क्योंकि डिजिटल करेंसी है इसलिए यह कभी खराब नहीं होगी.

अधिक सुरक्षित पैसों का लेनदेन

more secure money transactions

डिजिटल रुपी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है, ब्लॉभकचेन टेक्नोवलॉजी में भुगतान तेजी से होता है जिससे डिजिटल रुपी का लेनदेन सुरक्षित है और इसके लेनदेन में सेंध लगाना अत्यधिक कठिन होता है ,
पारंपरिक डिजिटल लेनदेन के मुकाबले सीबीडीसी अधिक सुरक्षित है,

क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल रुपी में क्या अंतर है

What is the difference between Cryptocurrency and Digital Rupee

क्रिप्टोकरेंसी और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी- डिजिटल रुपी में मुख्यॉ अंतर यह है कि डिजिटल रुपी पूरी प्रकार से सरकारी नियंत्रण में काम करेगी और ये यह सरकार समर्थित वैध मुद्रा है.

जबकि क्रिप्टोकरेंसी एक निजी करेंसी है इसे किसी भी देश की सरकार मॉनिटर नहीं करती और न ही सेंट्रल बैंक का इस पर कोई कंट्रोल होता है.

क्रिप्टोीकरेंसी के रेट में उतार-चढाव आता रहता है जबकि दूसरी ओर डिजिटल रुपी भारतीय मुद्रा का ही digital रूप है इसलिए इसके रेट में उतार-चढाव आता रहता है
क्रिप्टोकरेंसी को नकद मुद्रा में नही बदला जा सकता है किन्तु डिजिटल रुपी को नकदी में बदल सकेंगे.

Digital Currency: भारत भी बना डिजिटल करेंसी वाला देश, आखिर होती है डिजिटल करेंसी और कैसे करें इस्तेमाल

Digital Currency: डिजिटल करेंसी को वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम से जाना जाता है। यह दो प्रकार की होती हैं। पहला होलसेल डिजिटल और दूसरा रिटेल डिजिटल। डिजिटल करेंसी के रूप में पहला होलसेल सेगमेंट RBI ने लॉन्च कर दिया है।

Viren Singh

Digital Currency

Digital Currency (सोशल मीडिया)

Digital Currency: 21वीं डिजिटल क्रांति का दौर है। इस दौर में हर चीजें डिजिटलीकरण होती जा रही है। फिर रुपया को क्यों छोड़ा जाए। भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई 01 नवंबर, 2022 मंगलवार को देशी पहली डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को लॉन्च किया है। अभी इस करेंसी का इस्तेमाल सरकारी सिक्योरिटी (प्रतिभूतियों) के लेन-देन के तौर पर शुरू किया जा रहा है, जोकि होलसेल ट्रांजेक्‍शन करने वाले के लिए है, जबकि आने वाले एक महीने में CBDC को रिटेल सेगमेंट के लिए भी जारी किया जाएगा। इसके आते ही लोगों के मन में इसको लेकर डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? कई सवाल पैदा हो रहे हैं कि आखिर डिजिटल करेंसी क्या है? इसका उपयोग कैसे किया जाएगा? क्या है क्रिप्टोकरेंसी के तर्ज पर काम करेगी और कौन से देश डिजिटल करेंसी को लागू कर चूके हैं। आईये जानते हैं इन सभी बातों को।

यह देश कर रहें उपयोग और अन्य देश तैयारी में

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी 2022 को देश का आम बजट पेश करते हुए संसद भवन से CBDC को लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस घोषणा के साथ यह संभावना प्रबल हो गई थी कि जल्दी भारत डिजिटल मुद्रा उतारने वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने वाला है और आज वह दिन आ गया है। हालांकि भारत से पहले साल इक्वाडोर, बहामास व ट्यूनीशिया देशों में अपने यहां डिजिटल करेंसी की डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी में अंतर? मान्यता दे चुके हैं। साथ ही, 2017 में सेनेगल ने भी डिजिटल करेंसी की मान्यता दी है, जिसकी वैल्यू फिजिकल करेंसी के बरारबर है, जबकि चीन, जापान और स्वीडन जैसे देशों ने डिजिटल करेंसी पर ट्रायल भी शुरू कर दिया है। वहीं, दुनिया का सबसे शाक्तिशाली देश अमेरिका भी डिजिटल करेंसी लाने की ओर कदम बढ़ा दिया है। हालांकि अमेरिकी में क्रिप्टोकरेंसी को वैध है,जोकि एक प्रकार से यह भी डिजिटल करेंसी,लेकिन अन्य देशों में वैध नहीं है।

क्या होती है डिजिलट करेंसी ?

दरअसल, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई विनियमित डिजिटल करेंसी होती है। यह मुद्रा केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होती है। यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी एक डिजिटल टोकन है। मूल्यत: इसका उपयोग इंटनेट पर ही किया जाएगा। इसके लिए यूजर्स को बैंक जाने की आवश्कता नहीं होगी। यह एक तरह का डिजिटल वॉलेट होगा, जिसमें आप डिजिटल मुद्रा रखेंगें और इसके माध्य से एक डिजिटल वॉलेट से लेकर दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर करेंगे। हालांकि इसके उपयोग के लिए फोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का होना सख्त जरूरत है।

दो तरह की डिजिटल करेंसी

डिजिटल करेंसी वैसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के नाम जानते हैं। इसको देश की सरकार से मान्यता हासिल होती और इसको केंद्रीय बैंक जारी करता है। डिजिटल करेंसी दो टाइप की होती है। पहली होलसेल डिजिटल और रिटेल डिजिटल। होलसेल का उपयोग देश के बड़े वित्तीय संस्थान इस्तेमाल करते हैं। इसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरे बड़े वित्तीय लेन देन करने वाले संस्थान शामिल हैं, जबकि रिटेल डिजिटल का इस्तेमाल आम लोग और कंपनियां करती है।

डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी में अंतर

सवाल यह उठा है कि क्या डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक जैसी मुद्रा है? तो मैं आपको बता दूं कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों ही डिजिटल मुद्रा होती हैं, लेकिन इसमें कुछ हल्का अंतर होता है। डिजिटल करेंसी देश की केंद्रीय बैंक की ओर से जारी होती है। यह एक मान्यता प्राप्त मुद्रा है। हालांकि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश के मान्यता प्राप्त नहीं है और इसको किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं जारी किया है। डिजिटल करेंसी की कीमत में उतार-चढ़ाव नहीं होता है, जबकि क्रिप्टो में ऐसी स्थिति बनी रहती है। हालांकि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी एक की टेक्नोलॉजी पर काम करती है, जो ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी पर आधारित होती है।

आरबीआई का बयान

आरबीआई की ओर से सोमवार को बयान में कहा था कि CBDC का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट सरकारी सिक्योरिटिज के सेंकडरी बाजार के लेन देन का सेलमेंट के लिए किया जाएगा। आगे एक महीने के अंदर रिलेट सेगमेंट के लिए भी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करनी योजना है। डिजिटल करेंसी को उतारने पर केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूकर करना है ,जिसके लोगों को वर्तमान में पेमेंट भुगतान प्रणालियों के साथ अन्य भुगतान के विकल्प मिल सकें।

शुरुआती दौर में यह बैंक हैं शामिल

CBDC होलसेल के लॉंचिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहते फिलहाल देश की कुछ सरकारी और निजी क्षेत्र की बैंकों शामिल किया गया है। सरकारी बैंक में एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं, जबकि निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक कोटक बैंक, फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है।

इस प्रकार करेंगे इस्तेमाल

जिस प्रकार लोग Paytm, PhonePe जैसे वॉलेट के साथ लेन देन की प्रक्रिया करते हैं। ठीस उसकी प्रकार डिजिटल करेंसी का उयोग कर सकेंगे। ई-रुपए को मोबाइल वॉलेट में रख सकेंगे और किसी भी पेमेंट के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते है। खास बात यह है कि डिजिटल मुद्रा को फिजिकल मुद्रा में भी बदला जा सकता है। इतना ही नहीं, डिजिटल करेंसी को आने वाले समय यूपीआई से भी अट्रैच करने की तैयारी है।

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