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विकल्प बाजार

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भारतीय शेयर बाजार में 10% रैली और चीन को 23% का झटका, जानिए सितंबर तिमाही ने कैसे पलट विकल्प बाजार दिया खेल

वर्ष 2021 की शुरुआत से अभी तक चीन के शेयर बाजार की वैल्यू 5 लाख करोड़ डॉलर कम हो गई है। वहीं लंबे समय से ‘next China’ कहा जा रहा भारत एशिया में सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ एक आकर्षक विकल्प बन गया है

लंबे समय से ‘next China’ कहा जा रहा भारत एशिया में सबसे तेज इकोनॉमिक ग्रोथ के साथ एक विकल्प बाजार आकर्षक विकल्प बन गया है

चीन के स्टॉक मार्केट में जारी भारी गिरावट ने अपने सबसे बड़े इमर्जिंग मार्केट प्रतिस्पर्धी भारत का आकर्षण खत्म कर दिया है। सितंबर में समाप्त तिमाही के दौरान भारतीय बाजार यानी MSCI India Index में लगभग 10 फीसदी की रैली आई है, जबकि इसके उलट MSCI China Index 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

इस प्रकार भारत का 33 फीसदी बेहतर प्रदर्शन मार्च, 2000 के बाद सबसे अच्छा रहा है।

हैदराबाद का रियल एस्टेट बाजार अनिवासी भारतीयों के लिए शीर्ष विकल्प के रूप में उभरा

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और रियल एस्टेट सलाहकार और डेवलपर एनारॉक द्वारा किए गए एक संयुक्त सर्वेक्षण में पाया गया कि 66 प्रतिशत उत्तरदाता दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और बेंगलुरु में आवास इकाइयों को पसंद करते हैं।

अधिकांश उत्तरदाता यानी 22 प्रतिशत हैदराबाद को चुन रहे हैं, जबकि 20 प्रतिशत और 18 प्रतिशत क्रमशः दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु को पसंद करते हैं।

हैरानी की बात यह है कि जब घर खरीदने की बात विकल्प बाजार आती है तो मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) एनआरआई द्वारा शीर्ष तीन पिक्स में नहीं है।

इस तथ्य के बावजूद कि अचल संपत्ति बाजार में निवेश की तुलना में स्टॉक और म्यूचुअल फंड अच्छा विकल्प बाजार रिटर्न देते हैं, एनआरआई हैदराबाद, बेंगलुरु और दिल्ली-एनसीआर जैसे शीर्ष शहरों में घर खरीदना पसंद कर रहे हैं।

इसके पीछे एक कारण COVID-19 के दौरान उनका अनुभव है। महामारी के दौरान, उनमें से कई विशेष रूप से जो खाड़ी देशों में काम कर रहे थे, उनकी नौकरी चली गई और उन्हें भारत लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इसके अलावा, अचल संपत्ति बाजार को पसंद करने वाले अनिवासी भारतीयों के पीछे रुपये का मूल्यह्रास भी एक और प्रेरणा है। जब रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत होता है, तो अनिवासी भारतीयों के लिए भारत में घर खरीदना कम खर्चीला हो जाता है।

सर्वे के मुताबिक 71 फीसदी एनआरआई मानते हैं कि रियल एस्टेट में निवेश सबसे अच्छा विकल्प है। पिछले साल की खोज की तुलना में प्रतिशत बढ़ गया।

कुल एनआरआई उत्तरदाताओं में से 77 प्रतिशत से अधिक बड़े घरों को पसंद करते हैं। लगभग 54 प्रतिशत 3बीएचके पसंद करते हैं, जबकि 23 प्रतिशत और 22 प्रतिशत क्रमशः 4बीएचके और 2बीएचके पसंद करते हैं।

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों विकल्प बाजार में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री विकल्प बाजार करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से विकल्प बाजार खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को विकल्प बाजार बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के लिए निवेश? अब सबसे विकल्प बाजार पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश विकल्प बाजार से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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त्योहार पर Personal Loan लेने में मददगार ये पांच उपाय, कमरतोड़ ब्याज से मिलेगी राहत

Personal Loan: आपको ऑनलाइन कर्ज के विकल्प बाजार में मिल जाएंगे, लेकिन अनजान कंपनियों से लोन लेना भरोसेमंद नहीं होता, वहीं क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपसे कमरतोड़ ब्याज वसूलती हैं। ऐसे में हमारे द्वारा बताए गए ये पांच उपाय आपको मदद पहुंचाने वाले हैं.

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: October 10, 2022 15:37 IST

त्योहार पर Personal Loan लेने. - India TV Hindi News

Photo:INDIA TV त्योहार पर विकल्प बाजार Personal Loan लेने में मददगार ये पांच उपाय

Highlights

  • बीमा पॉलिसी पर लोन
  • अपने मकान के बदले में लोन
  • एफडी पर लोन

Personal Loan: त्योहार शुरु हो चुके हैं। दिवाली आने वाली है। धनतेरस के मौके पर भारतीय अधिक मात्रा में खरीददारी करते हैं। ऐसे में कई बार खरीदारी के लिए पैसों की कमी पड़ जाती है। फिर पर्सनल लोन एक विकल्प होता है जहां से आप कुछ दिनों के लिए पैसे उधार ले सकते हैं। हालांकि पर्सनल लोन के मामले में एक बात ये भी साफ है कि SBI जैसे सरकारी बैंक हो या कोई भी प्राइवेट बैंक, सभी बैंक पर्सनल लोन के मामले में बहुत ही सतर्क हो गए हैं। बैंक प्रचार में पर्सनल लोन की प्रक्रिया को जितना इंस्टैंट बताएं, लेकिन यह उतनी सुविधाजनक है नहीं। आपको ऑनलाइन कर्ज के विकल्प बाजार में मिल जाएंगे, लेकिन अनजान कंपनियों से लोन लेना भरोसेमंद नहीं होता, वहीं क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपसे कमरतोड़ ब्याज वसूलती हैं। दूसरी ओर बैंक भी आपसे तमाम दस्तावेज मांगते हैं और आपके उब जाने जितना वक्त भी लेते हैं।

यदि आप SBI सहित किसी भी बैंक से कर्ज लेना चाहते है तो आपके पास 5 आसान उपाय होते है, दरअसल आपके घर की अलमारी में आपके कुछ ऐसे निवेश मौजूद होते हैं जिनके बल पर आप आसानी से लोन ले सकते हैं। बैंक इन कागजातों को गिरवी रखकर झटपट और सस्ता लोन उपलब्ध करा देते हैं। आइए ऐसे ही 5 विकल्पों के बारे में जानते हैं।

बीमा पॉलिसी पर लोन

बीमा पॉलिसी आपको भविष्य की सुर​क्षा ही नहीं देती। बल्कि आपके वर्तमान को संवारने में भी काम आ सकती है। आप जरूरत पड़ने पर इंश्योरेंस पॉलिसी पर लोन का फायदा ले सकते हैं। इस पर आपको सरेंडर वैल्यू का 85-90 फीसदी तक का लोन आसानी से मिल सकता है। इस पर आपको 9-10 फीसदी का ब्याज देना पड़ सकता है।

गोल्ड पर लोन

कर्ज लेने का यह तरीका इस समय काफी प्रचलित है। बैंक विकल्प बाजार से लेकर मुथूट और मण्णपुरम जैसी कंपनियां वैसे गोल्ड लोन प्रदान कर रही हैं। लेकिन फिर भी लोग घर का सोना निकालने से हिचकिचाते हैं। लेकिन फिर भी आप अपने घर में रखे सोने पर भी बैंक से लोन ले सकते हैं। अच्छी बात यह है कि इस तरीके से लोन फटाफट मिलता है, वहीं ब्याज की दरें भी पर्सनल लोन या ​क्रेडिट कार्ड से कम होती है। रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस के मुताबिक अधिकतम 75 फीसदी वैल्यू तक का लोन आप पा सकते हैं। ऐसे लोन की अवधि अमूमन 12 महीने होती है, लेकिन इसे अधिक समय के लिए भी लिया जा सकता है।

अपने मकान के बदले में लोन

आप यदि घर के मालिक हैं तो आपको अचानक पैसों की जरूरत के वक्त घबराने की जरूरत कतई नहीं है। आपका घर आपके लिए पैसों का इंतजाम कर देगा। जी नहीं, हम घर बेचने की बात नहीं कर रहे हैं। आप अपने कागजात गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं। बता दें कि घर के कागजात के बदले आपको अपने घर की वैल्यू का 60-70 फीसदी तक लोन मिल सकता है। आप अपने बैंक से बात कर के यह लोन 2 साल से लेकर 20 साल तक की अवधि तक के लिए ले सकते हैं। अलग अलग बैंक मकान के बदले लोन पर 11 से 15 प्रतिशत का ब्याज चार्ज करते हैं।

एफडी पर लोन

देश में अभी भी बहुत से लोग एफडी में निवेश करते हैं। भविष्य की जरूरतों के लिए करवाई गई यह एफडी आपके मौजूदा जरूरत के लिए भी काम आ सकती है। हम यहां आपको एफडी तुड़वाने के लिए नहीं कह रहे हैं। क्योंकि इससे आपको न तो ब्याज मिलता है, वहीं चार्जेज़ भी देने पड़ते हैं। ऐसे में आपके पास एफडी पर लोन लेने का विकल्प है। बैंक अक्सर एफडी के 90 फीसदी तक लोन देते हैं, हालांकि आपको इस पर ज्यादा ब्याज देना पड़ सकता है। लेकिन इससे आपकी एफडी टूटने से बच जाएगी।

शेयर के बदले लोन

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं और आपको अचानक पैसों की जरूरत आन पड़ी है तो आपको अपने शेयर नुकसान में बेचने की जरूरत नहीं है। आप इन शेयरों के बदले बैंक से कर्ज ले सकते हैं। आपको शेयर पर उसकी वैल्यू के 50 फीसदी के बराबर तक का लोन मिल सकता है। बैंक शेयरों के बदले भी कर्ज देते हैं, इस पर अमूमन 11 से 22 फीसदी की दर से ब्याज लेते हैं। यहां लोन की अवधि पर निर्णय पूरी तरह से बैंक पर निर्भर करता है।

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