Bitcoin को करेंसी का दर्जा?

Bitcoin अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी, क्रिप्टोकरंसी को कानूनी दर्जा देने वाला पहला देश
Bitcoin Cryptocurrency Legal Tender in El Salvador: अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन (Bitcoin) क्रिप्टोकरेंसी को लीगल करंसी का दर्जा दे दिया है. ऐसा करने वाला यह दुनिया का पहला देश है.
अल-सल्वाडोर में अमेरिकी डॉलर भी पहले की तरह लीगल करंसी बना रहेगा.
Bitcoin Cryptocurrency Legal Tender in El Salvador: क्रिप्टोकरंसी पर सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर (El Salvador) एक बड़ा कदम उठाया है. अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन (Bitcoin) क्रिप्टोकरेंसी को लीगल करंसी का दर्जा दे दिया है. ऐसा करने वाला यह Bitcoin को करेंसी का दर्जा? दुनिया का पहला देश है. दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी की कानूनी फ्रेमवर्क को लेकर बहस ही चल रही है. ऐसे में अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन क्रिप्टोकरंसी में ट्रांजैक्शन किया जा सकेगा.
अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति नायिब बुकेले (Nayib Bukele) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,980 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई. बिटकॉइन को लीगल करंसी बनाने का कानून 90 दिन में लागू हो जाएगा. बता दें कि अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने 5 जून को कहा था कि वह बिटकॉइन को देश का लीगल टेंडर Bitcoin को करेंसी का दर्जा? बनाने के लिए जल्द ही देश के कांग्रेस में बिल पेश करेंगे.
Bitcoin: नहीं लगेगा कैपिटल गेन टैक्स
राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की लीगल करंसी बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के Bitcoin को करेंसी का दर्जा? इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.
El Salvador में बढ़ेंगे जॉब के मौके
मियामी में हुई 2021 बिटकॉइन क्रॉन्फ्रेंस Bitcoin को करेंसी का दर्जा? में कहा गया कि सरकार के इस कदम से देश में रोजगार पैदा होगा और फॉर्मल इकोनॉमी के बाहर के बहुत सारे लोग इकोनॉमी की मेनस्ट्रीम से जुड़ेंगे. अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने आगे कहा कि देश में अमेरिकी डॉलर भी पहले की Bitcoin को करेंसी का दर्जा? तरह लीगल करंसी बना रहेगा और बिटकॉइन का इस्तेमाल ऑप्शनल रहेगा. बता दें, अल सल्वाडोर को पिछले साल रेमिटेंस के रूप में 6 अरब डॉलर मिले थे. यह देश की जीडीपी का करीब 16 फीसदी है. बुकेले का कहना है कि बिटकॉइन को कानूनी मान्यता से विदेश में रह रहे हमारे रेजिडेंट्स के लिए पैसे भेजने की लागत कम होगी.
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अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा।
हाइलाइट्स
- अल सल्वाडोर में अब वित्तीय लेनदेन के लिए बिटकॉइन का भी इस्तेमाल हो सकेगा।
- बिटकॉइन से लेनदेन की व्यवस्था को सुचारु रुप से लागू करने के लिए बिटकॉइन वॉलेट चीमो शुरू किया है।
- इसे लेकर वहां की जनता में बहुत भरोसा नहीं है।
दुनिया में बढ़ेगा चलन
अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को मान्यता देने और बिटकॉइन से लेनदेन की व्यवस्था को सुचारु रुप से लागू करने के लिए बिटकॉइन वॉलेट चीमो शुरू किया है। नेशनल आईडी नंबर से रजिस्टर करने वाले यूजर को $30 की करेंसी मुफ्त मिलेगी। अगर अल सल्वाडोर का बिटकॉइन से संबंधित प्रयोग सफल होता है तो दुनिया के दूसरे देश भी उसके नक्शे कदम पर चल सकते हैं। हालांकि भारत में ऐसा होने की गुंजाइश बहुत कम है। सरकार देश में बिटकॉइन को क्रिप्टो करेंसी के बजाय कमोडिटी का दर्जा देने पर विचार कर रही है।
जनता को मंजूर नहीं
अल सल्वाडोर ने कुछ महीने पहले ही अपने इस इरादे की जानकारी दे दी थी। देश के राष्ट्रपति नईब बुकेले (Nyib Bukele) की सरकार ने Bitcoin को करेंसी का दर्जा? बिटकॉइन को आधिकारिक दर्जा देने का कदम तब उठाया है, जब इसे लेकर वहां की जनता में बहुत भरोसा नहीं है और अंतरराष्ट्रीय मंच से उपभोक्ताओं के लिए जोखिमों का हवाला दिया जा रहा है।
ब्लॉकचेन ईटीऍफ़ में निवेश कर सकेंगे
भारत में म्यूचुअल फंड के निवेशक जल्द ही ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित प्रोडक्ट में निवेश कर सकेंगे। इंवेस्को म्युचुअल फंड ने भारत में ब्लॉकचेन ईटीएफ स्कीम लाने के लिए सेबी के पास दस्तावेज जमा किए हैं। इंवेस्को म्युचुअल फंड इंवेस्को एलवुड ग्लोबल ब्लॉकचेन ईटीएफ में पैसे लगाने जा रही है। आमतौर पर ब्लॉकचेन को क्रिप्टो करेंसी से जोड़कर देखा जाता है लेकिन यह क्रिप्टो करेंसी नहीं है। इसका इस्तेमाल क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कई क्षेत्रों में हो सकता है। कुल मिलाकर यह एक नेटवर्क है जो इंफॉर्मेशन तुरंत ट्रांसफर करने और उसे मेंटेन रखने में कंपनियों और लोगों की मदद करता है।
क्रिप्टो करेंसी की वैधता को लेकर वित्त सचिव ने कही ये बात, क्रिप्टों निवेशकों के लिए जानना है बेहद जरूरी
दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है।
भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।
आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई द्वारा डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की घोषणा की थी। जिसके बाद बहुत से लोगों को लगने लगा कि, सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर कानून बनाकर इसे वैध कर देगी। लेकिन इस पूरे मामले पर वित्त सचिव टी वी सोमनाथ ने गुरुवार को साफ कर दिया कि, निजि डिजिटल करेंसी कभी भी कानूनी मुद्रा नहीं बनेगी। आइए जानते है पूरे मामले को।
क्रिप्टो करेंसी पर लगेगा 30 फीसदी टैक्स – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस सप्ताह संसद में पेश 2022-23 के बजट में क्रिप्टो करेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन पर होने वाले लाभ को लेकर 30 प्रतिशत कर लगाने का प्रस्ताव किया। साथ ही एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर एक प्रतिशत टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) लगाने की भी घोषणा की।
RBI का डिजिटल रुपया होगा वैध मुद्रा- सोमनाथन ने कहा कि जिस प्रकार सोना और हीरा मूल्यवान होने के बावजूद वैध मुद्रा नहीं है, निजी क्रिप्टोकरेंसी भी कभी वैध मुद्रा नहीं होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘क्रिप्टो कभी भी वैध मुद्रा नहीं होगी। कानून के हिसाब से वैध मुद्रा का मतलब है कि उसे कर्ज के निपटान में स्वीकार किया जाएगा। भारत किसी भी क्रिप्टो संपत्ति को वैध मुद्रा नहीं बनाएगा। केवल भारतीय रिजर्व बैंक का डिजिटल रुपया ही देश में वैध मुद्रा होगा।’’
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पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन केवल यहां है वैध – दुनिया में केवल अल-सल्वाडोर ने ही पिछले साल सितंबर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार किया है। किसी भी अन्य देश में क्रिप्टो को वैध मुद्रा का दर्जा नहीं मिला है। देश में क्रिप्टो मुद्रा के लिये नियम बनाने को लेकर विचार-विमर्श जारी है। लेकिन अब तक कोई मसौदा जारी नहीं किया गया है।
इस बीच, केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा अगले वित्त वर्ष से परिचालन में आएगी। यह पूछे जाने पर कि संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टो संपत्ति के नियमन को लेकर विधेयक लाने की बात संसद के कामकाज में शामिल थी लेकिन मौजूदा बजट सत्र में ऐसा नहीं है, सोमनाथन ने कहा, ‘‘यह महसूस किया गया कि क्रिप्टो पर कानून लाने से पहले इस पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। इस विचार-विमर्श का मकसद इस बात पर गौर करना है कि क्या इसके लिये नियमन की जरूरत है।’’
वित्त सचिव ने कहा, ‘‘हमारी व्यवस्था लोकतांत्रिक है। लोकतंत्र में सरकार कुछ Bitcoin को करेंसी का दर्जा? शुरू करती है लेकिन फिर प्रतिक्रिया होती है। सरकार उस प्रतिक्रिया को सुन रही है और उसके आधार अभी तक अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा गया है…। इस बीच, चूंकि क्रिप्टो और अन्य डिजिटल संपत्तियों में लेन-देन लगातार बढ़ रहा था, अत: कर स्पष्टता की जरूरत थी।’’