डिजिटल करेंसी क्या होती है

आपको बता दें कि देश में bitcoin जैसे अन्य क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना दोनों ही बेहद आसान है। इसकी खासियत ये है कि दुनियाभर के सभी क्रिप्टो एक्सचेंज खरीदने और बेचने के लिए 24 घंटे खुले रहते हैं। किसी भी एक एक्सचेंज पर पंजीकरण कर आप क्रिप्टो को खरीद व बेच सकते हैं। एक्सचेंज पर पंजीकरण के लिए वेबसाइट पर जाकर साइनअप करें। साथ ही केवायसी प्रक्रिया को भी पूरा कर लें। इससे रुपये में क्रिप्टो को बदलकर अपने वॉलेट में पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं।
डिजिटल करेंसी/मुद्रा क्या है, निबंध, फायदे, नुकसान (Digital Currency in Hindi)
डिजिटल क्षेत्र में आज भारत किसी भी देश से कम नहीं। 2015 का वह साल था जब भारत ने पहली बार डिजिटल इंडिया कैंपेन की शुरुआत की थी। डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाने वाले तब और अब के भारत में काफी अच्छा बदलाव देखने को मिला है। 2015 से लेकर 2022 तक के सफर में भारत ने डिजिटल प्लेटफार्म में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। शॉपिंग, बिल भरने से लेकर बिजनेस करने तक, भारत डिजिटल बन चुका है। पिछले कुछ सालों में भारत डिजिटली बहुत प्रगति कर चुका है। ऐसे बहुत सारे स्कीम्स डिजिटल हो चुके हैं जैसे BHIM UPI, DIGI LOCKER, CoWIN, Aadhar, GEMS इत्यादि। इन सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने भारत के नागरिकों के कामों को काफी आसान कर दिया है। अब भारत बैंकिंग के क्षेत्र में भी एक बहुत बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। यह बदलाव भारत की सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी यानी डिजिटल मुद्रा को लाकर करना चाहती है। तो क्या है डिजिटल करेंसी और यह किस तरह भारत के लोगों के पैसों को एक डिजिटल प्लेटफार्म में बदल देगी? यह आर्टिकल आपको डिजिटल करेंसी/मुद्रा से जुड़ी सभी जानकारी देगा।
डिजिटल करेंसी/मुद्रा क्या है (What is Digital Currency)
जब किसी देश के नगदी रुपयों को डिजिटल सिस्टम में स्टोर किया जाता है और उसे इलेक्ट्रॉनिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है उसे हम डिजिटल करेंसी कहते हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे आप ही के पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप जैसे आपके पैसों या किसी भी एसिड का इलेक्ट्रॉनिक टोकन या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्म में इस्तेमाल किया जाने वाला। डिजिटल मुद्रा देश के नागरिकों और बैंकिंग सेक्टर ओं को ऐसा मौका देगा जिससे पैसों को लेकर सब कुछ इलेक्ट्रॉनिक होता हुआ नजर आएगा जैसे बैंकों में लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी और बस इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर मिनटों में ही उनका पैसा स्टार्ट हो जाएगा या फिर वह कुछ ही मिनटों में अपना पैसा कहीं पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे।
भारत की फाइनेंस मिनिस्टर के नेतृत्व में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बैठक हुई जिसमें डिजिटल करेंसी के ऊपर चर्चा की गई थी। चर्चा में भारत सरकार ने सेंट्रल बैंक से डिजिटल करंसी की शुरुआत करने की बात रखी। फाइनेंस मिनिस्ट्री ने सेंट्रल बैंक को डिजिटल करंसी लाने का सुझाव दिया जिससे लोग पैसों को डिजिटली इस्तेमाल कर सकें। भारतीयों का क्रिप्टो करेंसी के तरफ बहुत ज्यादा झुकाव को लेकर सरकार ने यह तय किया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एक ऐसा तरीका लेकर आए जिससे भारत के लोग अपने पैसों को डिजिटली इस्तेमाल कर सकें और डीजिटली कमा सकें। एक ऐसा तरीका जिससे लोगों का समय भी बच्चे और उनका पैसा सलामत भी रहे और साथ ही साथ यह देश डिजिटल उपकरणों को लेकर स्मार्ट बनें।
विदेशों में डिजिटल करेंसी की लहर (Digital Currency in Abroad)
पूरे विश्व में 86% सेंट्रल बैंक ऐसे हैं जैसे ब्रिटेन की बैंक, चाइना की बैंक, अमेरिका की बैंक जो अपने कन्वेंशनल पैसों को बदलना चाह रही हैं यानी उन्हें बदलकर इलेक्ट्रॉनिक/डिजिटल बनाना चाह रही हैं। इस विषय पर कितने प्रतिशत देश काफी चर्चा कर रही है और इस पर काफी खोजबीन भी कर रही है।आपको बता दें कि पूरे विश्व में अब तक 14% सेंट्रल बैंक ने तो पायलट प्रोजेक्ट्स भी शुरू कर दिया है। उन देशों के सेंट्रल बैंक ने डिजिटल करेंसी पर अपना काम करना भी शुरू कर दिया है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि किसी भी नई चीज के आने से जितना उस चीज का फायदा होता है उतना ही वह अपने साथ डिजिटल करेंसी क्या होती है कुछ नुकसान भी लेकर आती है। ठीक उसी तरह यदि डिजिटल करेंसी देश के लिए काफी अच्छा बदलाव साबित होगी तो वह अपने साथ कुछ नुकसान भी लेकर आएगी जैसे यह डिजिटल मुद्रा के कुछ नुकसान हो सकते हैं:
2022 का यूनियन बजट संसद में 1 फरवरी, 2022 को पेश किया गया। भारत की वित्त मंत्री ‘निर्मला सीतारमण’ ने बजट के दौरान यह एलान किया कि वर्ष 2022-2023 में डिजिटल करेंसी की शुरुआत होगी। वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जो भारतीय क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे हैं उन्हें 30 फ़ीसदी टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। भारत सरकार आरबीआई यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री ने अपनी बात रखी कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। इससे भारत एक सस्ते एवं कुशल करेंसी सिस्टम की ओर बढ़ेगा।
माना जा रहा है कि भारत में लाई जाने वाली डिजिटल करेंसी दुनियाभर में प्रचलित क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन की तरह ही उपयोग की जाएगी। इसमें फर्क सिर्फ इतना होगा कि डिजिटल करेंसी सरकारी करेंसी होगी। इस पर सरकारी यानी कानून का मोहर होगा। डिजिटल करेंसी को कैसे उपयोग करें, इसकी गाइडलाइंस रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की जाएगी। डिजिटल करेंसी को ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद से इंट्रोड्यूस किया जाएगा जिसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जारी करेगी।
100 रुपये के एक नोट पर खर्च होते हैं 15 से 17 रुपये, Digital Rupee आने से RBI को होगी भारी बचत
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Feb 08, 2022 | 12:31 PM
सरकार अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) 2023 की शुरुआत में लॉन्च कर सकती है. डिजिटल करेंसी से केंद्रीय बैंक को करेंसी नोट (Currency Notes) के ऑपरेशनल कॉस्ट में बड़ी बचत हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को करेंसी नोटों की प्रिंटिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और स्टोरज पर करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं. डिजिटल रुपया (Digital Rupee) आने से आरबीआई को ऑपरेशनल कॉस्ट में काफी बचत करने में मदद मिलेगी. नकदी के एक हिस्से को ऑनलाइन लीडल टेंडर के साथ बदलने की संभावना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह वित्त वर्ष 2022-23 डिजिटल करेंसी क्या होती है का बजट (Budget 2022) पेश करते हुए कहा था कि RBI ‘डिजिटल रुपया’ (Digital Rupee) पेश करेगी.
100 रुपये के प्रत्येक नोट पर 15 से 17 रुपये का खर्च
बाजार के एक अनुमान के अनुसार 100 रुपये के प्रत्येक नोट पर चार साल की लाइफ सायकल के दौरान 15 से 17 रुपये का खर्च आता है. इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सायकल में नए नोटों की छपाई, कमर्शियल बैंकों के जरिए पुराने नोटों के आरबीआई में वापस करना शामिल है.
सरकार हाई वैल्यू वाले नोटों का चलन कम कर रही है और ज्यादा से ज्यादा छोटे नोट छापे जा रहे हैं. इसलिए डिजिटल करेंसी आने से आरबीआई को भारी बचत हो सकती है.
डिजिटल रुपये पर होगी सरकार की गारंटी
रिजर्व बैंक द्वारा विकसित डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन सभी तरह के लेनदेन का पता लगाने में सक्षम होगा. डिजिटल रुपया अगले वित्त वर्ष के अंत तक तैयार हो जाएगा. डिजिटल रुपये के मामले में लोगों के पास डिजिटल मुद्रा फोन में रहेगी और यह केंद्रीय बैंक के पास होगी. केंद्रीय बैंक के पास से इसे किसी दुकानदार आदि को स्थानांतरित किया जाएगा. इसपर पर पूरी तरह सरकार की गारंटी होगी.
सीबीडीसी की तकनीक, रूप और उपयोग को अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से ढाला जा सकता है. सीबीडीसी को नकदी के बराबर एक्सचेंज किया जा सकेगा. सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा.
किसी भी डिजिटल करेंसी को चलाने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक की जरूरत होती है. ब्लॉकचेन असल में एक डिजिटल लेजर या बही-खाता होता है जो ट्रांजैक्शन का हिसाब रखता है. इस ट्रांजैक्शन को ट्रैक किया जा सकता है. लेजर से पता चल जाएगा कि कहां और कितनी डिजिटल करेंसी खर्च हुआ है.
Digital Rupee: जल्द आ रही भारत की डिजिटल करेंसी, जानें क्रिप्टो से होगी कितनी अलग
- Mohammad Faisal
- @itsmeFSLMohammad Faisal -->
- Updated: February 1, 2022 3:06 PM IST
Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2022 पेश किया, जहां इन्होंने Digital Rupee भी अनाउन्स किया। इन्होंने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2022-23 में Central Bank Digital Currency (CBDC) डिजिटल करेंसी क्या होती है लॉन्च करेगी, जो भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगा। सीतारमण ने बताया कि यह करेंसी “ब्लॉकचेन और दूसरी तकनीकों” के इस्तेमाल से उतारी जाएगी। Bitcoin और Ether जैसी क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन पर काम करती हैं। आइए जानते हैं कि यह Digital Rupee या CBDC क्या है और यह करेंसी कैसे काम करेगी। Also Read - RBI Digital Rupee आज से होगा यूज, कैश रखने की नहीं पड़ेगी जरूरत!
क्या है Digital Rupee?
Digital Rupee लीगल टेंडर होगा जिसे, केंद्रीय बैंक (RBI) द्वारा पेश किया जाएगा। यह डॉलर, पाउंड या भारतीय रुपये की तरह फिएट मुद्रा होगी, मगर इसका रूप अलग होगा। यह वैल्यू में भी रुपये के जैसा ही होगा बस यह सिक्के या नोट की जगह पर डिजिटल रूप में मौजूद होगा। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, Digital Rupee देश में इस्तेमाल की जाने वाली कानूनी मुद्रा के समान है, बस यह डिजिटल रूप में है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप
RBI 2022-23 तक Digital Rupee या CBDC पेश करेगी, जो ब्लॉकचेन और दूसरी तकनीकों के इस्तेमाल से बनाई जाएगी। सरकार ने अभी इन दूसरी तकनीकों के बारे में नहीं बताया है मगर अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, CBDC क्रिप्टोकरेंसी की चलित परिभाषा में फिट नहीं बैठती। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड
Budget 2022: क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी पर 30 प्रतिशत टैक्स, जानिए ये क्या है और इसे कैसे खरीदते हैं.
लोकसभा में क्रेंद्रिय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट 2022-23 को पेश किया। इस बार के बजट में भी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि, आईटीआर (ITR) ंमें गड़बड़ी होने पर 2 साल में सुधार करने की सुविधा प्रदान की है। इसके अलावा कोर्पोरेट, दिव्यागों के माता-पिता और पेंशन में टैक्स छूट दी गई है। हालांकि, वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और गिफ्ट्स (Virtual Digital Assets and Gifts) पर टैक्स देने का ऐलान किया गया है। साथ ही डिजिटल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) पर भी टैक्स लिया जाएगा।
आपको बता दें कि बजट 2022-23 में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स और गिफ्ट्स पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगेगा। जबकि, डिजिटल करेंसी (Digital Currency) और क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) पर 30 प्रतिशत तक का टैक्स देना होगा। ऐसे में क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल आय पर 30 प्रतिशत टैक्स भरना होगा। आइए आपको बताते हैं कि क्या होती है क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी? साथ ही इसे खरीदने का तरीका भी बताने जा रहे हैं.
क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग है आरबीआई की डिजिटल करेंसी, जानिए दोनों के बीच का मुख्य अंतर और खासियत
Representations of cryptocurrency Bitcoin are seen in this picture illustration taken June 7, 2021. REUTERS/Edgar Su/Illustration
भारत को जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी मिलने वाली है। इसको लेकर भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने अपनी योजना का खुलासा किया है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रबि शंकर ने गुरुवार को कहा कि रिजर्व बैंक फेसवाइज तरीके से डिजिटल करेंसी डिजिटल करेंसी क्या होती है डिजिटल करेंसी क्या होती है पेश करने की योजना बना रहा है। सबसे पहले डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया जाएगा।