विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं

विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट
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करीब 634 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार
साल 2018-19 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 411.9 बिलियन डॉलर का रहा था जिसके बाद यह 2019-20 में करीब 478 अरब डॉलर का हुआ। तत्पश्चात 2020-21 में भी विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि दर्ज की गई। यह 577 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा और फिर 31 दिसंबर 2021 तक यह करीब 634 अरब डॉलर तक जा पहुंचा। यानि 2021-22 की पहली छमाही में विदेशी मुद्रा भंडार 600 बिलियन डॉलर के आंकड़े से ऊपर निकल कर 633.6 बिलियन डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
इस अवधि में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 32.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसी आधार पर नवंबर 2021 तक चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत का विदेशी मुद्रा भंडार दुनिया में सबसे ज्यादा रहा। यह भारत की गौरवशाली उपलब्धि है जिस पर हर भारतीय को गर्व महसूस करना चाहिए। विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं आज भारत मजबूत स्थिति में खड़ा है जिसमें पूरे देश का समग्र विकास होता दिखाई दे रहा है।
भारत के विदेशी व्यापार में मजबूती से बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार
दरअसल, वर्ष 2021-22 में भारत के विदेशी व्यापार में मजबूती से सुधार हुआ जिसके परिणामस्वरूप भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में भी वृद्धि दर्ज हुई। देश के विदेशी व्यापार के बढ़ने से भारत को विदेशी मुद्रा कमाने का सुनहरा अवसर मिला। सबसे खास बात यह रही कि ये उपलब्धि भारत ने कोविड संकट से लड़ते हुए हासिल की। यानि जब दुनिया के तमाम देश इस महामारी से जूझ रहे थे तब भारत ने स्वयं के प्रयासों से देश की आवाम को विदेशी व्यापार में वृद्धि दर्ज करने को प्रोत्साहित किया। उसी का नतीजा रहा है कि आज भारत कोविड संकट में छाई वैश्विक मंदी से तेजी से उभर विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं रहा है। भारत 2021-22 के लिए निर्धारित 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर के महत्वाकांक्षी वस्तु निर्यात लक्ष्य को हासिल करने के मार्ग पर बेहतर तरह से अग्रसर रहा और इस लक्ष्य को हासिल कर दिखाया। 2021-22 में 400 बिलियन डॉलर के एक्सपोर्ट में भारत ने नॉन बासमती राइस, गेहूं, समुद्री उत्पाद, मसाले और चीनी जैसी चीजों ने जमकर एक्सपोर्ट विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं किया। उसके बाद पेट्रोलियम प्रोडक्ट यूएई निर्यात किए गए। साथ ही अन्य देशों में रत्न और आभूषणों का भी ज्यादा निर्यात किया गया। केवल इनता ही नहीं भारत ने इस बीच बांग्लादेश को ऑर्गेनिक और नॉन ऑर्गेनिक केमिकल निर्यात किया और ड्रग्स और फार्मास्युटिकल्स का सबसे ज्यादा निर्यात नीदरलैंड को किया। इससे देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि में काफी मदद मिली। विदेशी मुद्रा भंडार के बढ़ने से अर्थव्यवस्था को बहुत से फायदे होते हैं।
आयात के लिए डॉलर रिजर्व जरूरी
जब भी हम विदेश से कोई सामान खरीदते हैं तो ट्रांजेक्शन डॉलर में होती है। ऐसे में इंपोर्ट को मदद के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का होना जरूरी है। अगर विदेश से आने वाले निवेश में अचानक कभी कमी आती है तो उस समय इसकी महत्ता और ज्यादा बढ़ जाती है। भारत बड़े पैमाने पर आयात करता रहा है लेकिन बीते कुछ साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने अपने आयात स्तर को कम करके निर्यात स्तर को बढ़ाया है। पीएम मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दिखाए रास्ते पर देश अब चल पड़ा है तभी तो आज भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है।
अगर विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी आती है तो इसका मतलब होता है कि देश में बड़े पैमाने पर एफडीआई आ रहा है। ऐसे में अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश बहुत अहम होता है। अगर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में पैसा लगाते रहे हैं विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं तो दुनिया के लिए यह संकेत जाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर उनका भरोसा बढ़ रहा है। भारत सरकार ने इसके लिए भी देश में बीते कुछ साल में बेहतर माहौल तैयार किया है। केंद्र सरकार ने देश में ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ का माहौल प्रदान किया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एक तरह का इंडेक्स है। इसमें कारोबार सुगमता के लिए कई तरह के पैमाने रखे गए हैं। इनमें लेबर रेगुलेशन, ऑनलाइन सिंगल विंडो, सूचनाओं तक पहुंच, पारदर्शिता इत्यादि शामिल हैं। देश में इसे उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) तैयार करता है। आज भारत इस लिहाज से भी काफी सुधार कर चुका है। यही कारण है कि विदेशी निवेशक अब भारत में निवेश को तैयार खड़े हैं।
Dollar vs Rupee: सबके लिए घाटे का सौदा नहीं होता गिरता रुपया, इन भारतीयों को हो रहा है मोटा फायदा!
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 17 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 17 जुलाई 2022, 2:04 PM IST)
- एक्सपोर्टरों को भी मिलता है गिरते रुपये का फायदा
- इंपोर्ट के लिए खर्च करनी पड़ती है अधिक रकम
डॉलर (Dollar) के मुकाबले भारतीय रुपया (Indian Currency) इन दिनों अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. रुपया डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर लुढ़क चुका है. गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 79.99 पर बंद हुआ था. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डॉलर के मुकाबले सिर्फ भारतीय करेंसी विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं ही कमजोर हुई है. डॉलर ने यूरोप से लेकर अमेरिकी महाद्वीप की कई बड़ी अर्थव्यवस्था वाली करेंसी को भी गहरी चोट पहुंचाई है. लेकिन भारतीय रुपये की गिरती कीमत कुछ लोगों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
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अगर 100 डॉलर आपके लिए किसी ने भेजा है, विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं तो आज के समय भारतीय करेंसी (Indian Currency) में ये लगभग 8000 रुपये होगी. वहीं, अगर डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की वैल्यू 70 रुपये होती, तो आपको 7000 रुपये मिलते. यानी 1000 रुपये आपको कम प्राप्त होते. इस तरह रुपये की गिरती वैल्यू के बीच भी कई लोगों को तगड़ा फायदा मिल रहा है.
कितना आता है विदेशों से पैसा
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत में विदेशों से साल 2020 में 83 अरब डॉलर से अधिक धन भेजा गया था. वहीं, 2021 में 87 अरब डॉलर की रकम भारत आई थी. विदेशों में नौकरी कर रहे भारतीय भारी मात्रा में पैसा देश में अपने परिवारों के पास भेजते हैं. इससे देश के विदेशी मुद्रा कोष को फायदा होता है.
एक्सपोर्टरों के लिए भी फायदे का सौदा
जब भी डॉलर के मुकाबले रुपये की वैल्यू विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं गिरती है, तो एक्सपोर्टर फायदे में रहते हैं. सॉफ्टवेयर कंपनियां और फार्मा कंपनियां इसका अधिक फायदा उठाती हैं. क्योंकि उन्हें पेमेंट का भुगतान डॉलर में मिलता है, जिसकी वैल्यू भारत में आकर बढ़ जाती है. इस वजह उन्हें रुपये में आई गिरावट का फायदा मिलता है.
विदेशी मुद्रा के मुद्रा व्यापार के सिस्टम के बारे में जानें
यदि आप फाइनैंस के छात्र हैं और अगर आप दुनिया के सबसे उत्साही बाजार में प्रतिस्पर्धी बने रहना चाहते हैं तो यह आपके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आपको विदेशी मुद्रा के मुद्रा व्यापार का गहरा ज्ञान हो। बहुत से लोग सोचते हैं कि विदेशी मुद्रा बाजार में व्यापार करना आसान है लेकिन विदेशी मुद्रा की दुनिया में प्रतिस्पर्धी बने विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं रहना इतना आसान नहीं है जितना यह दिखता है। आपको साइट से विश्वसनीय सूचना की विशाल राशि इकट्ठा करने की जरूरत है जो कि आपको रेखांकन और चार्ट के रूप में कुछ महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध कराती है। कुछ अन्य चीजों है जो कि आपको विदेशी मुद्रा प्रणाली की मुद्रा विनिमय का अध्ययन करते हुए ग़ौर करनी चाहिए, इस प्रकार हैं:
आप को कई कारणों के लिए उच्च गुणवत्ता विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली लेने की जरूरत है:
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विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं
- एक व्यापार प्रणाली है जिसको पूर्णता के साथ बनाया गया है, आपका समय बचा सकती है। अगर आप आपके लिए एक अच्छी व्यापार प्रणाली को देख रहे हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि जिस तरह से आप चाहते हैं कि यह काम करे वास्तव में यह उसी तरह से काम करे।
- एक अच्छी और विश्वसनीय व्यापार प्रणाली आपको उपयोगी जानकारी प्रदान कर सकती है और यह वास्तव में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के अवसरों में वृद्धि कर सकती है।
कुछ महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा के मुद्रा मिथकों से सतर्क रहें
यदि आप विदेशी मुद्रा साहित्य के शौकीन हैं और यदि आप विदेशी मुद्रा चर्चा संगोष्ठी में नियमित रूप से जाते हैं तो आपको जल्दी ही एहसास हो जाएगा कि वहाँ कुछ चीजें हैं जो वास्तव में विदेशी मुद्रा कारोबार में काम नहीं करती हैं। वहाँ कई विदेशी मुद्रा मिथक हैं जो कि विदेशी मुद्रा के मुद्रा बाजार में लम्बी अवधि से हैं, लेकिन यह मिथक बिल्कुल सच नहीं हैं।उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- 85% लोग विदेशी मुद्रा में अपने निवेश खो देते हैं यदि वे इस रोबोट एक्स की मदद नहीं लेते।यह पूरी तरह से एक गलत अवधारणा है क्योंकि वहाँ विदेशी मुद्रा व्यापार में जादू की गोलियां हैं और हर रोबोट के कुछ गुण और दोष हैं।
- विदेशी मुद्रा व्यापार सीधे आपकी मानसिक दशा से संबंधित है। यह भी एक गलत अवधारणा है क्योंकि आप केवल अपनी मानसिक दशा की मदद से ही विदेशी मुद्रा का खेल नहीं जीत सकते। विदेशी मुद्रा के कारोबार में बड़ी सफलता प्राप्त करने के लिए आपके पास डेमो खाते, विश्वसनीय प्रणाली और महत्वपूर्ण उपकरण के होने की जरूरत है।
यह भी पढ़ें | देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार दूसरे हफ्ते बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पर
आंकड़ों के मुताबिक चार नवंबर को समाप्त हफ्ते के दौरान मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण घटक विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) भी 12 करोड़ डॉलर घटकर 470.73 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा व्यापार में सबसे महत्वपूर्ण चीजें क्या हैं रह गई है। इसी तरह देश का स्वर्ण भंडार का मूल्य 70.5 करोड़ डॉलर घटकर 37.057 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) भी 23.5 करोड़ डॉलर घटकर 17.39 अरब डॉलर रह गया है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में रखा देश का मुद्रा भंडार भी 2.7 करोड़ डॉलर घटकर 4.82 अरब डॉलर रह गया।
उल्लेखनीय है कि एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार बढ़कर 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। जानकारों का कहना है कि देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य कारण वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का मुद्रा भंडार से मदद लेना रहा है। (एजेंसी, हि.स.)