किस समय सीमा को चुनना है

किस समय सीमा को चुनना है
एक किसान 10m की भुजा वाले एक व .
एक किसान 10m की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40s में चक्कर लगाता है। 2 minute 20s के बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा?
Updated On: 27-06-2022
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दिया हुआ है कि किसान 10 मीटर की भुजा वाले एक वर्गाकार खेत की सीमा पर 40 सेकंड में चक्कर लगाता है या पूर्ण करता है 2 मिनट 20 सेकंड के बाद किसान के विस्थापन का परिमाण क्या होगा हम इस पर्स में उसका मान ज्ञात करना है यदि हमारे के अनुसार देखे तो 1 वर्ग की रचना खेत की सीमाओं को बताता है जहां पर हमने एक बिंदु ए लिया हुआ है दूसरे बिंदु को भी मतलब खेत की दूरियों को कुछ इस प्रकार लिया हुआ है यहां जो हमें 10 मीटर तथा इससे पर भी 10 मीटर की दूरी दी हुई है वर्गाकार क्षेत्रफल के अंतर्गत सी और डी चिकित्सक वर्गाकार खेत की बाहरी सीमा पर घूमता है तब वह परिवार की दूरी पूर्ण करता है अर्थात यदि वह किसान यहां से निकलना चालू करें और यहां से जाकर 20:00 से होते हुए सी सी सी डी ए बी सी तथा अंतिम रूप से यह सब आता है तब वह कुल समय कितना लेगा समय हमें दिया हुआ है उसका मान पी = 40 सेकंड 40 सेकंड के
ऐसे में उसके द्वारा तय की गई दूरी कितनी होगी उसके द्वारा तय की गई दूरी एक चक्कर पूर्ण करने में दूरी को हम इस वर्ग का परिमाप से प्रस्तुत करेंगे परिमाप क्या होगा इसका किस समय सीमा को चुनना है 2 गुना लंबाई चौड़ाई लंबाई कितनी 10 है और पढ़ाई भी दशे वर्गाकर भुजा के लिए तो कुल मिलाकर सामान हमारे लिए 40 मिनट आता है अब चुकी इस पूरे वर्गाकार खेत पर छक्का लगाने के लिए उसके चाल की गणना करें हम किसान द्वारा तय की गई चाल चाल को हम किस प्रकार लिख सकते हैं उसके द्वारा चली गई कुल दूरी कुल दूरी और उसके लिए लिया गया किस समय सीमा को चुनना है उस दूरी को पूर्ण करने के लिए आ गए समय के अनुपात से जहां दूरी को हम जानते हैं दूरी कितनी मिली है हमें 40 मीटर की दूरी प्रत्येक चक्कर में यदि वर्क कंप्लीट करता है और और उसके लिए बहुत 40 सेकंड का समय लेता है 40 सेकंड के समय लेने पर उसके चाल को हम किस प्रकार परिभाषित कर सकते हैं कालका मा ना आएगा इस प्रकार यहां पर चार जैसे यदि हम भी से प्रेषित करें
इसका माल आता है 1 मीटर प्रति सेकंड 28 पूरे वर्गाकार खेत को खेत की एक चक्कर लगाने में 1 मीटर प्रति सेकंड की चाल से चलता है अब क्योंकि यह पूछा गया है कि 2 मिनट 20 सेकंड के पश्चात समय हमें दूसरी स्थिति पर समय जो दिया हुआ है समय इसे हम टीटू से यदि प्रेषित करें उसका मान 2 मिनट और 20 सेकेंड है इसे पूरी तरह सेकंड में प्रयोग किस प्रकार करें 2 * 60 जो सेकंड पर आ जाएगा इस प्रकार इसको हल करें तो 120 20 तक कुल समय हमें क्या दिख रहा है उसमें आ रहा है इसको 40 सेकंड अब दो यह बोला है कि इस 40 सेकंड यदि वह घूमता है इस पूरे हिस्से पर स्प्रे वर्गाकार खेत पर उसके द्वारा विस्थापन क्या होगा हम चुकी देख रहे हैं कि चारों की स्थिति पर बराबर है वह बराबर चाल से एक समान चाल से की गति करती हैं तो चल को हम क्या
बोल सकते हैं उसके द्वारा तय की गई किसी भी स्थान पर तय की गई दूरी और उसके द्वारा लिया गया समय को तब हमारे पास चाल कितना है साल का मान हमें प्राप्त हो चुका है 1 मीटर प्रति सेकंड और चुकी समय कितना दिया हुआ है में 140 सेकंड और दूरी हमें ज्ञात करनी है दूरी को यदि कुल दूरी हम स्थिति पर ज्ञात करें तो तेरे को क्या बोल सकते हैं हमारे पास किस प्रकार आएगा इस 40 को उस तरफ ले जाए तब दूरी का मान हमारे लिए 140 मीटर आएगा उसे 40 मीटर की दूरी वह पूर्ण करता है अब हमें दूरी की मानता मिल गया परंतु विस्थापन हमें ज्ञात करना है विस्थापन अंकित किस प्रकार से बोले अब चुकी 120 मीटर की दूरी है यह एक चक्कर में 40 मीटर की दूरी पूर्ण करता है तब 140 मीटर की दूरी किस प्रकार का है करेगा अब हमेशा देखे तब ध्यान दीजिएगा कि यहां से यहां पर एक चक्कर लगाने में से 40 मिनट लगते हैं तब हम 140 को इस प्रकार क्या लिख सकते हैं 140 मीटर
किस प्रकार होता है करता है पहले 40 मीटर की दूरी 1 पूरा चक्कर पूर्ण करने में फिर 40 मीटर की दूरी 1 चक्कर पूर्ण करने में और 40 मीटर की दूरी 1 चक्कर पूर्ण करें में और अंतिम रूप से 20 मीटर की दूरी जहां तक वही स्थिति पर आ जाता है तब लिखिए 40 मीटर की दूरी पूर्ण करेगा अर्थात एस ए बी सी डी और वापस के होते हुए वह कंप्लीट पुणे चक्कर पुणे करेगा इस प्रकार उसका विस्थापन सोनी होगा इस 40 मीटर में भी उसका विस्थापन सुने रहने वाला है दोस्ती से चक्कर में जो 40 मीटर की फिर से दूरी तय करता है उसका विस्थापन सुने रहने वाला है अब अंतिम रूप से हो 20 मीटर की दूरी और चलता है अर्थात यह से शुरू करके तीन बार जो घुमा जा चुका है वह अंतिम रूप से अपर आता है पर 10 मीटर और 10 मीटर की दूरी तय करके वह बिंदु सी पर पहुंच जाता है इस प्रकार किसान द्वारा विस्थापन का परिमाण हमें देखना अब अंतिम रूप से हम विस्थापन कहां पर देखेंगे विस्थापन विधि हमें देखना है तो विस्थापन क्या होता है
अंतिम स्थिति और प्रारंभिक स्थिति जहां अंतिम और प्रारंभिक में हमें अंदर देखना है अंतिम स्थिति को देखें तब हमारे लिए अंतिम तिथि क्या है और पति है तब हम इसके अंदर दिखेंगे इसके बीच की दूरी क्या होगी जहां यह बिंदु ए अरविंद उसी को बता रहा है जो कि हम जानते हैं कि यह एक त्रिभुज को परिभाषित कर रहा है इतनी शक्ति हमें केवल विस्थापन के लिए यहां से ऐसे सी तक की दूरी चाहिए यह दूरी 10 मीटर और यह दूरी 10 मीटर चुकी है समकोण त्रिभुज को दिखा रहा है समकोण त्रिभुज के अंतर्गत यह करने की स्थिति कोई खान की स्थिति हम किस प्रकार से निकाल सकते हैं अब हमें त्रिभुज के अनुसार इसकी दूरी को निकालना होगा उसकी दूरी हम किस प्रकार निकाल सकते हैं त्रिभुज एबीसी में करण की दूरी लेनी है करण की दूरी यहां पर करण के वर्क से प्रेषित होगी जहां आलम और आधार दोनों का मान हमारे लिए 10 वर्ग और 10 पर दिया हुआ
सेल करने के पश्चात इसका मनाता है 200 और इसे करण के रूप में हल करें तब हमें अंतिम रूप से करण करण करण कमान 200 वर्गमूल के अंडर आता है 200 वर्गमूल के अंदर या हमें मीटर से प्रदर्शित होगा ऐसे यदि और हल करें तब हमारे पास करने का मन अर्थात जो करने की मांग को प्रस्तुत करेगा हम यहां पर ऐसे कर के रूप में लिखते हैं तब इसका मान विस्थापन के रूप में हमारे पास अंतिम रूप से वर्गमूल 200 मीटर आएगा वर्ग में 200 मीटर को क्या लिखा जा सकता है 10 वर्ग मूल 2 मीटर इस प्रकार विस्थापन का मान हमारे लिए विस्थापन का मान ग्रुप से 10 वर्ग में 2 मीटर आएगा धन्यवाद
UP Nagar Nikay Chunav: सबको आरक्षण लिस्ट का इंतजार, जानें कौन लड़ सकेगा पार्षद और सभासद का चुनाव
नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए आयोग द्वारा उम्र सीमा भी निर्धारित की गई है. जिसके तहत नगर निगम के महापौर और नगर पालिका परिषद /नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की उम्र 30 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. वहीं नगर निगम के पार्षद और नगर पालिका नगर पंचायत के सदस्यों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए.
उदय गुप्ता
- चंदौली ,
- 02 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 02 नवंबर 2022, 7:55 AM IST)
UP Nagar Nigam Election: यूपी में नगर निकाय चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. वोटर लिस्ट के बाद अब सबकी निगाहें आरक्षण लिस्ट पर है. यूपी में निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दल और संभावित प्रत्याशियों को अब मेयर की सीट और वार्डों में आरक्षण का इंतजार है. यूपी में अभी वार्डों का रैपिड सर्वे पूरा हो गया है. इसके बाद महापौर की सीट और वार्डों का आरक्षण तय होगा. आरक्षण लिस्ट के लिए समय सीमा भी तय कर दी गई है. नगर निगम में मेयर यानी महापौर और पार्षदों को चुना जाता है.जबकि नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष और सभासद चुने जाते हैं.
जानें कौन लड़ सकता है निकाय चुनाव:
आयोग ने नगर निकाय चुनाव लड़ने के लिए उम्र सीमा भी निर्धारित की है. नगर निगम के महापौर और नगर पालिका परिषद /नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी की उम्र 30 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. वहीं नगर निगम के पार्षद और नगर पालिका नगर पंचायत के सदस्यों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए. नगर निकाय का चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी को भारत का नागरिक होना चाहिए और पर्चा दाखिला करते समय प्रत्याशी के साथ दो प्रस्तावक और दो समर्थक होने चाहिए जो उसी के संबंधित वार्ड के निवासी हों. नगर निकाय चुनाव में नगर निगम नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में निवास करने वाले मतदाता वोट डालते हैं.खास बात यह है कि नगर निकाय चुनाव के लिए इन मतदाताओं की सूची अलग से तैयार की जाती है.
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कुल 198 नगर पालिका परिषद और 493 नगर पंचायतें
उत्तर प्रदेश में कुल 17 नगर निगम हैं. जिनमे आगरा,अलीगढ़,अयोध्या,बरेली,फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर,लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद,प्रयागराज,सहारनपुर, शाहजहांपुर और वाराणसी शामिल हैं.इनमें शाहजहांपुर को हाल ही में नगर निगम की श्रेणी में लाया गया है.इस बार शाहजहांपुर मे नगर निगम के लिए पहली बार वोट डाले जाएंगे. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कुल 198 नगर पालिका परिषद और 493 नगर पंचायतें हैं.
जल्द जारी होगी वोटर लिस्ट:
निर्वाचन आयुक्त मनोज सिन्हा ने बताया कि 7 नवंबर तक दावे अैर आपत्तियां लिए जाएंगे. 8 से 12 नवंबर के बीच दावे व आपत्तियों का निस्तारण होगा. 14 से 17 नवंबर तक पूरक मतदाता सूची तैयार कर उन्हें मूल सूची में शामिल किया जाएगा और वहीं अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 18 नवंबर को होगा. इलेक्शन कमिश्नर ने यह भी बताया कि,नगरीय निकाय चुनाव की मतदाता सूची में आनलाइन नाम दर्ज कराने के लिए इस बार मात्र चार दिन मिलेंगे. एक नवंबर से चार नवंबर के बीच आयोग की वेबसाइट (http://sec.up.nic.in) पर आनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
जल्द जारी हो सकता है तारीखों का ऐलान:
निर्वाचन आयोग की तरफ़ से जल्द ही निकाय चुनाव की तारीख का ऐलान किया जा सकता है. जानकारी अनुसार,नवंबर के दूसरे सप्ताह में निकाय चुनाव की तारीख का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, फिलहाल उम्मीद जताई जा रही है कि राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव कराने के लिए अधिसूचना के लिए सरकार को प्रस्ताव नवम्बर के पहले सप्ताह में भेजेगा और ऐसे में सरकार अगर मंजूरी देती है तो फिर चुनाव का ऐलान नवंबर के दूसरे सप्ताह में किया जा सकता है. ऐसे में नगर निकाय के चुनाव कराने को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग तैयारियां शुरू कर दी है, वह लगातार सरकार द्वारा नए नगर पंचायतों के गठन और नगर निकाय सीमा के विस्तारों पर नजर बनाए हुए है और नई नगर पंचायतों की सूची इकट्ठा कर रही है ताकि आने वाले समय में वोटर लिस्ट बनाने में कम समय लगे.
जानिए एमएलसी का पूरा गणित, एक ऐसा चुनाव जिसमें सिर्फ शिक्षित लोग ही डाल सकते हैं वोट
उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां विधानसभा के साथ विधान परिषद (एमएलसी ) का भी अस्तित्व है। इसी के लिए मंगलवार को प्रदेश में मतदान हुआ। इसे शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के चुनाव भी कहा जाता है। हमारेे देश का संचालन दो सदनों पर निर्भर करता है। केंद्र में इन्हें लोकसभा और राज्यसभा के नाम से जाना जाता है तो राज्य में विधानसभा और विधान परिषद के नाम से। हमारे देश में छह राज्य ऐसे हैं जहां विधान परिषद हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (100 सीटें), महाराष्ट्र (78 सीटें), कर्नाटक (75 सीटें), बिहार (58 सीटें) और तेलंगाना (40 सीटें) शामिल है।
आखिर क्यों होते हैं ये चुनाव?
हमारे देश का लोकतंत्र प्रतिनिधित्व के सिद्धांत पर चलता है। ऐसे में संविधान निर्माताओं ने इस बात को सुनिश्चित करना चाहा कि भारत के निर्माण में शिक्षकों और स्नातकों की भूमिका होनी चाहिए। विधान परिषद की संरचना और उसका गठन करते समय संविधान निर्माताओं ने इस प्रावधान को शामिल किया था और उसी समय से ये चुनाव हो रहे हैं। शिक्षकों और स्नातकों के कोटे से चुने गए एमएलसी को भी विधायक जितनी ही शक्तियां हासिल होती हैं।
कैसे होता है सदस्यों का चुनाव?
इसके लिए पैमाना निर्धारित है। विधान परिषद में विधानसभा के एक-तिहाई से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं लेकिन इनकी संख्या 40 से कम भी नहीं होनी चाहिए। इसके एक-तिहाई सदस्यों को विधायक मिलकर चुनते हैं। वहीं एक-तिहाई सदस्यों को नगर निगम, जिला बोर्ड वगैरह के सदस्यों द्वारा चुना जाता है। 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड स्नातक चुनते हैं। बाकी सदस्यों को मनोनीत करने का राज्यपाल का विशेषाधिकार है। विधान परिषद के जिन सदस्यों को शिक्षक और स्नातक चुनते हैं, उन्हें चुनने की प्रक्रिया को शिक्षक और स्नातक क्षेत्र का चुनाव कहा जाता है।
कौन चुनाव लड़ सकता है?
हाईस्कूल के शिक्षक, प्रधानाचार्य और कॉलेज के प्रोफेसर चुनाव लड़ सकते हैं। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 30 साल है। विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।
किसे है मतदान का अधिकार?
इस चुनाव की रोचक बात यह है कि मतदान पहचान पत्र होने के बाद भी आप इसमें हिस्सा नहीं ले सकते हैं। एमएलसी चुनाव में हाईस्कूल और उसके ऊपर पढ़ाने वाले शिक्षक ही वोट डाल सकते हैं। इसके अलावा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षक को भी मतदान के अधिकार होते हैं। वो शिक्षक ही मतदान कर सकते हैं जिन्हें कम से कम तीन साल पढ़ाने का अनुभव हो। मतदाता बनने के लिए शिक्षक को एक फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म के साथ इस बात सबूत देना होताा है कि आप शिक्षक हैं। इसके बाद आपका नाम मतदाता सूची में आने के बाद आप मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
इसी प्रकार स्नातक निर्वाचन सीट के लिए स्नातक करने के तीन साल बाद ही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। मतदाता बनने की बाकी सारी प्रक्रिया शिक्षक निर्वाचन की तरह ही होती है। स्नातक निर्वाचन एमएलएसी चुनाव में वही वोट दे सकता है, जो स्नातक हो। इस चुनाव में प्रत्याशी का भी स्नातक होना जरूरी है।
यूपी में शिक्षक निर्वाचन की सीटें
बरेली-मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर-फैजाबाद, वाराणसी, इलाहाबाद-झांसी, कानपुर, आगरा, मेरठ।
स्नातक निर्वाचन की सीटें
स्नातक निर्वाचन के लिए यूपी में आठ सीटें हैं। ये सीटे हैं लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद, गोरखपुर-फैजाबाद, इलाहाबाद-झांसी, कानपुर।
विस्तार
उत्तर प्रदेश देश का एक ऐसा राज्य है जहां विधानसभा के साथ विधान परिषद (एमएलसी ) का भी अस्तित्व है। इसी के लिए मंगलवार को प्रदेश में मतदान हुआ। इसे शिक्षक और स्नातक क्षेत्र के चुनाव भी कहा जाता है। हमारेे देश का संचालन दो सदनों पर निर्भर करता है। केंद्र में इन्हें लोकसभा और राज्यसभा के नाम से जाना जाता है तो राज्य में विधानसभा और विधान परिषद के नाम से। हमारे देश में छह राज्य ऐसे हैं जहां विधान परिषद हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश (100 सीटें), महाराष्ट्र (78 सीटें), कर्नाटक (75 सीटें), बिहार (58 सीटें) और तेलंगाना (40 सीटें) शामिल है।
आखिर क्यों होते हैं ये चुनाव?
हमारे देश का लोकतंत्र प्रतिनिधित्व के सिद्धांत पर चलता है। ऐसे में संविधान निर्माताओं ने इस बात को सुनिश्चित करना चाहा कि भारत के निर्माण में शिक्षकों और स्नातकों की भूमिका होनी चाहिए। विधान परिषद की संरचना और उसका गठन करते समय संविधान निर्माताओं ने इस प्रावधान को शामिल किया था और उसी समय से ये चुनाव हो रहे हैं। शिक्षकों और स्नातकों के कोटे से चुने गए एमएलसी को भी विधायक जितनी ही शक्तियां हासिल होती हैं।
कैसे होता है सदस्यों का चुनाव?
इसके लिए पैमाना निर्धारित है। विधान परिषद में विधानसभा के एक-तिहाई से ज्यादा सदस्य नहीं हो सकते हैं लेकिन इनकी संख्या 40 से कम भी नहीं होनी चाहिए। इसके एक-तिहाई सदस्यों को विधायक मिलकर चुनते हैं। वहीं एक-तिहाई सदस्यों को नगर निगम, जिला बोर्ड वगैरह के सदस्यों द्वारा चुना किस समय सीमा को चुनना है जाता है। 1/12 सदस्यों को शिक्षक और 1/12 सदस्यों को रजिस्टर्ड स्नातक चुनते हैं। बाकी सदस्यों को मनोनीत करने का राज्यपाल का विशेषाधिकार है। विधान परिषद के जिन सदस्यों को शिक्षक और स्नातक चुनते हैं, उन्हें चुनने की प्रक्रिया को शिक्षक और स्नातक क्षेत्र का चुनाव कहा जाता है।
कौन चुनाव लड़ सकता है?
हाईस्कूल के शिक्षक, प्रधानाचार्य और कॉलेज के प्रोफेसर चुनाव लड़ सकते हैं। चुनाव लड़ने के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 30 साल है। विधान परिषद के सदस्य का कार्यकाल छह साल के लिए होता है।
किसे है मतदान का अधिकार?
इस चुनाव की रोचक बात यह है कि मतदान पहचान पत्र होने के बाद भी आप इसमें हिस्सा नहीं ले सकते हैं। एमएलसी चुनाव में हाईस्कूल और उसके ऊपर पढ़ाने वाले शिक्षक ही वोट डाल सकते हैं। इसके अलावा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के शिक्षक को भी मतदान के अधिकार होते हैं। वो शिक्षक ही मतदान कर सकते हैं जिन्हें कम से कम तीन साल पढ़ाने का अनुभव हो। मतदाता बनने के लिए शिक्षक को एक फॉर्म भरना होता है। इस फॉर्म के साथ इस बात सबूत देना होताा है कि आप शिक्षक हैं। इसके बाद आपका नाम मतदाता सूची में आने के बाद आप मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं।
इसी प्रकार स्नातक निर्वाचन सीट के लिए स्नातक करने के तीन साल बाद ही मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया जा सकता है। मतदाता बनने की बाकी सारी प्रक्रिया शिक्षक निर्वाचन की तरह ही होती है। स्नातक निर्वाचन एमएलएसी चुनाव में वही वोट दे सकता है, जो स्नातक हो। इस चुनाव में प्रत्याशी का भी स्नातक होना जरूरी है।
यूपी में शिक्षक निर्वाचन की सीटें
बरेली-मुरादाबाद, लखनऊ, गोरखपुर-फैजाबाद, वाराणसी, इलाहाबाद-झांसी, कानपुर, आगरा, मेरठ।
स्नातक निर्वाचन की सीटें
स्नातक निर्वाचन के लिए यूपी में आठ सीटें हैं। ये सीटे हैं लखनऊ, आगरा, मेरठ, वाराणसी, बरेली-मुरादाबाद, गोरखपुर-फैजाबाद, इलाहाबाद-झांसी, कानपुर।
सीमा नंदा अमेरिकी श्रम विभाग की सॉलीसिटर बनीं, सीनेट में 53-46 वोटों से हुई नियुक्ति
अमेरिकी संसद ने भारतीय अमेरिकी नागरिक अधिकारों की वकील सीमा नंदा को चुना श्रम विभाग का सॉलीसिटर। सीमा नंदा की नियुक्ति सीनेट में 53-46 वोटों से हुई। ओबामा प्रशासन में श्रम विभाग में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी संसद ने भारतीय अमेरिकी नागरिक अधिकारों की वकील सीमा नंदा को श्रम विभाग का सॉलीसिटर चुना है। 48 वर्षीय सीमा नंदा की नियुक्ति सीनेट में 53-46 वोटों से हुई है। वह ओबामा प्रशासन में श्रम विभाग में अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी की वह सीईओ भी रह चुकी हैं। कांग्रेशियल एशियन पैसेफिक काकस की अध्यक्ष जूडी च्यू ने सीनेट के मतदान पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि वह श्रम विभाग के सॉलीसिटर के पद पर सीमा नंदा के चुनाव के लिए वह उन्हें बधाई देती हैं। उन्होंने कहा कि भले ही यह कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा हो, पर्यावरण परिवर्तन से बढ़ता तापमान हो या फिर कुछ और कर्मचारियों को हर दिन नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसीलिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने श्रम विभाग के वकील के तौर पर नंदा जैसी अनुभवी को चुना है।
च्यू ने कहा कि उनका आफिस कानूनी लड़ाइयां लड़ने और चुनौतियों का सामना करने में अहम भूमिका निभाएगा। डिप्टी सॉलीसिटर के अनुभव और श्रम विभाग के उप सचिव टाम पेरेज के अनुभवों के साथ मिलकर सीमा कर्मचारियों के अधिकारों और पीडि़त समुदायों के लिए बेहतरीन कार्य कर सकेंगी। ओबामा और बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिकी श्रम विभाग ने नंदा को बतौर चीफ आफ स्टाफ, डिप्टी चीफ आफ स्टाफ व डिप्टी सॉलीसिटर के प्रभाग संभाले हैं। नंदा मौजूदा समय में हार्वर्ड ला स्कूल लेबर और वर्क लाइफ फ्लो की वैज्ञानिक हैं। नंदा कनेक्टिकट में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने ग्रेजुएशन ब्राउन विश्वविद्यालय और बोस्टन कालेज ला स्कूल से पढ़ाई की है।
इससे पहले बीते साल अप्रैल में भारतीय मूल की अमेरिकी वकील सीमा नंदा ने मुख्य विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रीय समिति के सीईओ का पद छोड़ने का एलान किया था। हालांकि उन्होंने पद छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया था। 48 वर्षीय सीमा नंदा जून 2018 में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय मूल की अमेरिकी थीं। नंदा के पिता दंत चिकित्सक थे और उनका पालन-पोषण कनेक्टिकट में हुआ है। ब्राउन यूनिवर्सिटी और बोस्टन कॉलेज लॉ स्कूल से पढ़ाई करने वाली नंदा ने कानून विभाग के नागरिक अधिकार प्रभाग में काम किया है।