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Cryptocurrency कैसे खरीदें

Cryptocurrency कैसे खरीदें
रिपोर्ट के मुताबिक इस समय देश में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों की संख्या करीब 1 करोड़ है और इन लोगों के पास करीब 10 हजार करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी है. बैंकिंग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रॉयटर्स से नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि RBI का कहना है कि इस रास्ते से मनी लॉन्ड्रिंग की भारी संभावना है. इसलिए बैंकों को बैंकिंग सुविधाएं नहीं उपलब्ध करानी चाहिए.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में जितनी भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, उनका टोटल मार्केट कैप 2 ट्रिलियन डॉलर पार कर चुका है. यह मार्केट कैप 7 जनवरी 2021 को महज 1 ट्रिलियन डॉलर था. केवल तीन महीने में मार्केट कैप दोगुना हो गया है. इसमें आधे से ज्यादा योगदान तो केवल बिटक्वॉइन का है. बिटक्वॉइन का मार्केट कैप 1.13 ट्रिलियन डॉलर को भी पार कर गया है.

Cryptocurrency App: क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाने के लिए इन ऐप का करें इस्तेमाल, मिनटों में खरीद-बेच पाएंगे सिक्के

By: abp news | Updated at : 16 Nov 2021 10:44 AM (IST)

Cryptocurrency app (फाइल फोटो)

Cryptocurrency Exchange Apps: आजकल भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसमें पैसा लगाकर निवेशक करोड़पति हो रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी के जरिए बंपर कमाई हो रही है. ऐसे में अगर आप भी इसमें पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो अब आप यह काम आसानी से कर सकते हैं. आजकल मार्केट में कई ऐसे ऐप मौजूद हैं, जिसके जरिेए आप पैसा लगा सकते हैं. इन पर करेंसी को आसानी से खरीद और बेच सकते हैं.

इंटरफेस है काफी आसान
इन सभी ऐप में INR में ट्रेडिंग कर सकते हैं. इसके अलावा इसमें USD का ऑप्शन भी रहता है. इन ऐप के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को लैपटॉप का इस्तेमाल करके क्रिप्टो को माइन करने की जरूरत नहीं है. इन सभी ऐप का इंटरफेस काफी आसान है. आप उसको आसानी से समझ सकते हैं. ये ऐप एंड्रॉयड और मोबाइल दोनों पर काम करते हैं. आपको बता दें भारत में क्रिप्टो की वैधता पर अभी तक कुछ साफ नहीं है यानी इसको कानूनी रूप से घोषित नहीं किया गया है.

कमाई का एक नया तरीका

AnyTask b>, हमारा नया फ़्रीलांसर बाज़ार, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के उन लाखों लोगों को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल होने का मौक़ा दे रहा है, जिनके पास बैंक का खाता नहीं है।

हम पहले से ही परिवर्तनशील उद्योग में और Cryptocurrency कैसे खरीदें बदलाव ला रहे हैं।

भेजना का एक नया तरीका

ETN क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसफ़र में क्रांति ला रहा है।
लगभग शून्य लागत (एक अमेरिकी सेंट के एक अंश के बराबर) पर दुनिया में कहीं भी ETN भेजें।

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भुगतान करने का एक नया तरीका

एक अरब से भी ज्यादा लोगों के पास कोई डिजिटल भुगतान व्यवस्था नहीं है। वीसा नहीं। मास्टरकार्ड नहीं। Paypal नहीं। Apple Pay नहीं। रोज Electroneum (ETN) ही सामान और सेवाओं के भुगतान के लिए सब तरफ लोगों की सहायता कर रहा है, दुकान में भी और ऑनलाइन भी।

बड़े पैमाने पर क्रिप्टो अपनाने के लिए विनियमन ज़रूरी कदम है। इसीलिए 2018 में हमने 5वीं यूरोपीय एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग Cryptocurrency कैसे खरीदें डायरेक्टिव से पहले अपने आप KYC और AML अनुपालन प्रक्रियाओं को शुरू कर दिया, और सुनिश्चित किया कि सभी नए उपयोगकर्ताओं को इसके अनुसार ऑनबोर्ड किया जाए और हम 5वें EU AML निर्देश डायरेक्टिव (जिसे बाद में इंग्लैंड और वेल्स के क़ानूनों में शामिल किया गया) द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के तहत काम करें।

भरोसेमंद सत्यापनकर्ता

Electroneum के नेटवर्क सत्यापनकर्ताओं में वे भरोसेमंद गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) शामिल हैं, जिनके लक्ष्य हमारे अपने लक्ष्यों से मेल खाते हैं। इनके कमाए गए ETN ब्लॉक रिवार्ड इनके परोपकारी कार्यक्रमों के लिए धन की व्यवस्था करने में मदद कर रहे हैं। आने वाले महीनों में, माइनिंग, विश्वविद्यालयों जैसे दुनिया भर के अन्य संगठनों के लिए उपलब्ध होगा।

Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी

Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी

दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.

Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) Cryptocurrency कैसे खरीदें जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.

इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश

क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.

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क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज

  • एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
  • नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
  • वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.

ऐसे खरीद सकते हैं Bitcoin, केवल 100 रुपए से भी शुरू हो सकता है निवेश

TV9 Hindi | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: Feb 12, 2021, 2:16 PM IST

Bitcoin

16 फरवरी को यह पहली बार 50 हजार डॉलर के पार पहुंचा. 17 फरवरी को यह 52 हजार डॉलर, 19 फरवरी को 56 हजार डॉलर, 20 फरवरी को 57 हजार डॉलर, 21 फरवरी को 58 हजार डॉलर तक पहुंचा. उसके बाद उसकी कीमत में कुछ दिनों के लिए गिरावट आई. 13 मार्च को एकबार फिर इसने 61 हजार का स्तर छुआ. टेस्ला के अलावा बैंक ऑफ न्यूयॉर्क मेलन, ब्लैकरॉक, क्रेडिट कार्ड जायंट मास्टरकार्ड ने भी इस क्रिप्टोकरेंसी को सपोर्ट किया है, जिसके कारण इसकी कीमत में उछाल आया है.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin Cryptocurrency कैसे खरीदें जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ Cryptocurrency कैसे खरीदें रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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