सरकार क्यों Bann करना चाहती है Cryptocurrency को

CRYPTO NEWS TODAY
Cryptocurrency: क्या क्रीप्टो मार्केट के अच्छे दिन वापस आएंगे?
ताज़ा वीडियो
वोट के लिए सांप्रदायिकता का जहर फैलाने वालों की घंटी बजाओ । Shraddha Murder Case
उत्तर प्रदेश में अब स्थानीय निकाय चुनाव का काउंटडाउन शुरू. | UP Municipal Election 2022 | UP News
भारत का 'खलनायक' कतर में जाकिर नायक! । Qatar Fifa World Cup
UP By election से पहले Rampur में BJP के शक्ति प्रदर्शन ने बढ़ाई Azam Khan की टेंशन ! | UP News
क्रिप्टोकरेंसी पर केंद्र सरकार नहीं लगाने जा रही पूरी तरह बैन! जानिए अब आगे क्या होगा
Cryptocurrency Latest News-इस बिल सरकार क्यों Bann करना चाहती है Cryptocurrency को से क्रिप्टोकरेंसी पर कोई बैन नहीं लगेगा. सरकार क्रिप्टोकरेंसी को हवाला, टेरर फंडिंग में उसकी भूमिका पर नजर रखने के लिए रेगुलेट कर रही है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी
Updated on: Nov 24, 2021 | 1:02 PM
Cryptocurrency Ban- सरकार संसद के आने वाले शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक बिल पेश करने जा रही है. यह बिल प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बैन भी करेगा. ऐसे में इसे लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं कि क्या इसके बाद देश में क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग जाएगा और लोग इसमें निवेश नहीं कर सकते हैं. लेकिन CNN न्यूज 18 के मुताबिक, इस बिल से क्रिप्टोकरेंसी पर कोई बैन नहीं लगेगा. उसके मुताबिक, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को हवाला, टेरर फंडिंग में उसकी भूमिका पर नजर रखने के लिए रेगुलेट कर रही है.
सरकारी सूत्रों ने उसे बताया कि भारत में binance ऐप के जरिए ट्रेड होने वाले डॉलर बेस्क क्रिप्टो को रेगुलेट किया जाएगा, जिससे हवाला ट्रांजैक्शन्स को रोका जा सके. उसके मुताबिक, भारतीय रुपये और शेयर बाजार पर ट्रेड होने वाले सभी क्रिप्टो ट्रेड करते रहेंगे. ग्लोबल एक्सचेंज पर binance या भारत के बाहर किसी दूसरे प्लेटफॉर्म के जरिए ट्रेडिंग को बैन किया जाएगा.
सरकार इस टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं: एक्सपर्ट्स
जानकारों के मुताबिक, यह समझना होगा कि सरकार इस टेक्नोलॉजी के खिलाफ नहीं है. आरबीआई अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लाने की तैयारी कर रही है. सरकार का मानना है कि इसमें बहुत फ्रॉड हो गया है. इस करेंसी का इस्तेमाल बहुत गैर-आधिकारिक ट्रांजैक्शन के लिए हो रहा है. पूरी तरह बैन नहीं होगा. एक्सपर्ट्स ने कहा कि इस साल फरवरी के बजट सेशन के बुलेटिन में समान चीजें हैं. इस बीच काफी चीजें हुई हैं. इस बीच सरकार से जुड़े लोगों और वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि वे कोई बीच का रास्ता अपनाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के साथ क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन को लेकर चर्चा की है. इसके अलावा स्टैंडिंग कमेटी ने भी इंडस्ट्री के लोगों से बात की है. इन सभी बातों को देखते हुए ऐसा नहीं लगता कि पूरी तरह बैन हो जाएगा. कुछ रेगुलेशन, टैक्स होंगे. एक्सचेंज और कंप्लायंट बनेंगे. हमें बिल के कंटेंट को देखने का इंतजार करना चाहिए.
इंडस्ट्री ने भी दिया था सरकार को प्रस्ताव
इंडस्ट्री ने जनवरी 2021 को सरकार को एक रेगुलेटरी प्रपोस्ड फ्रेमवर्क सब्मिट किया था. इसमें उन्होंने प्रस्ताव किया था कि सेबी को एक्सचेंजेज को रेगुलेट करना चाहिए. इसके साथ आरबीआई को देश के अंदर और बाहर जा रहे ट्रांजैक्शन्स की निगरानी करनी चाहिए. प्रस्ताव के मुताबिक, एक नई इडीविजुअल बॉडी बनाई जा सकती है, जिसमें क्रिप्टो को समझने वाले लोग हों, जो यह काम करें. जानकारों के मुताबिक, सबसे आदर्श फ्रेमवर्क यही होगा.
सरकार के लिए क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या फिर पूरी तरह से बैन करना कितना आसान? जानिए एक्सपर्ट्स की राय
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह से क्लियर हो चुका है. लेकिन, एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर हमें ग्लोबल लेवल पर मुकाबला करना है तो सरकार को रेगुलेशंस लाना चाहिए.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकिता चौहान
Updated on: Nov 24, 2021 | 2:15 PM
दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (Crypto Currency)का चलन बढ़ रहा है. लेकिन भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का स्टैंड पूरी तरह से क्लियर हो चुका है. लेकिन अगर आप अब भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो पहले ही जान लीजिए कि, भारत सरकार ने निजी क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से बैन करने की तैयारी कर ली है.
वहीं, सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल लाने का ऐलान भी कर दिया है. जिसपर फिलहाल सबकी निगाहें रहने वाली है, खासकर उन लोगों की जिन लोगों को क्रिप्टो में निवेश करने में दिलचस्पी है. लेकिन आज सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि क्या सरकार के लिए क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या फिर पूरी तरह से बैन करना आसान है?
क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट या बैन करना कितना आसान?
दरअसल क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पहले ही दो पार्ट में लोग बंट गए है, पहले हिस्से में वो लोग है जिन्हें लगता है कि क्रिप्टो को पूरी तरह से बैन कर दिया जाना चाहिए और इसमें निवेश करना एक सरकार क्यों Bann करना चाहती है Cryptocurrency को अच्छा विकल्प नहीं है. लेकिन वहीं दूसरा हिस्सा वो है, जो क्रिप्टो में निवेश करने में रुचि रखते हैं और चाहते है कि सरकार इसे बेशक रेगुलेट कर लें, लेकिन बैन नहीं किया जाना चाहिए. अब इस स्थिति में सरकार इसके बीच का कोई विकल्प खोजने की कोशिश जरूर कर रही होगी, लेकिन वो क्या होगा, सबसे पहले जानते है क्रिप्टो क्या है?
क्या है क्रिप्टो करेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है. अगर साधारण शब्दों में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश (Digital Money)प्रणाली है. ये आपके हाथों में नहीं है लेकिन आप इसे रख सकते हैं. यानी की ये रुपये और पैसों की तरह आपकी जेब में नहीं होती, लेकिन यह पूरी तरह से ऑनलाइन है. और यह काफी बड़ी टैक्नोलॉजी है, जिसे कुछ लोग समझते है, लेकिन एक बड़ी संख्या आज भी ऐसी है, जिसे इस बारे में कोई नॉलेज नहीं है.
क्रिप्टो करेंसी रेगुलेट किया जा सकता है- एक्सपर्ट्स
अगर चाहे तो भारत में क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट किया जा सकता है, क्योंकि कई देश जैसे- सिंगापुर और US क्रिप्टो को रेगुलेट कर रहे हैं. इसलिए रेगुलेशन पॉसिबल है. आज के दौर में कई ऐसी टैक्नोलॉजी है, जिसका कहीं अच्छा तो कही गलत इस्तेमाल हो रहा है, ऐसे में उन्हें बंद करने की बजाय यह तय करना कि उसे रोका कैसे जा सकता है, यह अहम है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर हमें ग्लोबल लेवल पर मुकाबला करना है और गूगल, फेसबुक जैसे कंपनी बनानी है तो सरकार को रेगुलेशंस लाना चाहिए. जिससे इसका गलत इस्तेमाल करने पर कंट्रोल किया जा सके और सही यूज के लिए प्रोत्साहन दें. इसके अलावा एक्सपर्ट्स में भी इस बात पर सहमति बनी है कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन के बजाय इसे रेगुलेट करने की जरूरत है.
Budget 2021: अब आपका रुपया भी होगा डिजिटल! सरकार इस बिल पर करेगी चर्चा
सरकार क्रिप्टोकरेंसी करेंसी (cryptocurrency) पर पूरी तरह से पर बैन लगाने पर फैसला ले सकती है. बजट सत्र (Budget Session) क्रिप्टोकरेंसी पर बैन से जुड़े एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है.सरकार रुपये की डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) लाने की तैयारी में है.
बजट सत्र में आपका रुपया हो सकता है डिजटल ( फोटो - रॉयटर्स )
Budget 2021: केंद्र सरकार (central government) बजट 2021 सत्र में भारत में बिटक्वॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है. सरकार क्रिप्टोकरेंसी करेंसी (cryptocurrency) पर पूरी तरह से पर बैन लगाने पर फैसला ले सकती है. बजट सत्र (Budget Session) क्रिप्टोकरेंसी पर बैन से जुड़े एक विधेयक को संसद के पटल पर सूचीबद्ध किया गया है. इसका मतलब है कि केंद्र इसी सत्र में इस विधेयक को पारित कर बिटक्वॉइन पर हमेशा के लिए बैन लगाने पर विचार कर रही है. इसके साथ ही ये भी बता दें कि सरकार रुपये की डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) लाने की तैयारी में है.
किया जा सकता है बड़ा ऐलान Big announcement can be made
मोदी सरकार (Modi government) इस बार बजट में रुपये के डिजिटल (digital form of rupees) रूप को लेकर भी बड़ा ऐलान कर सकती है. सरकार इस सत्र में डिजिटल करेंसी (digital currency) को लेकर बिल लाने की तैयारी में है. सरकार के इस नए बिल में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की तैयारी हो रही है. 25 जनवरी को आरबीआई की एक बुकलेट में रुपए के डिजिटल संस्करण का जिक्र है. आरबीआई (RBI) यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि रुपए के डिजिटल एडिशन (digital edition) से क्या फायदा है और यह कितना उपयोगी है.
RBI ने दी ये जानकारी RBI gave this information
आरबीआई ने बुकलेट जारी करते हुए कहा सेंट्रल बैंक (Central Bank) डिजिटल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है. हालांकि यह प्राइवेट करेंसी नहीं होंगी. सेन्ट्रल बैंक ने अपनी बुकलेट में कहा, "प्राइवेट डिजिटल करेंसी (private digital currency) की लोकप्रियता हाल के दिनों में काफी बढ़ी है. भारत में सरकार और रेगुलेटरों को इस पर काफी संदेह है. ऐसे में आरबीआई इस संभावना की खोज कर रहा है कि इसकी आवश्यकता है या नहीं अगर है तो इसे कैसे चालू किया जाए.
फिलहाल को निश्चति गाइलडलाइन नहीं Presently No Guildline
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई निश्चित गाइडलाइन नहीं है. 2018 में सरकार ने एक सर्कुलर के जरिए क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार क्यों Bann करना चाहती है Cryptocurrency को पूरे प्रकरण की सुनवाई करते हुए सर्कुलर पर रोक लगाने के साथ इस मान्यता दे दी थी. साल 2019 में भी इस कानून को प्रतिबंध करने की मांग हो चुकी है. हालांकि तब सरकार ने इसको लेकर कोई भी बिल संसद में पेश नहीं किया था. क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 में कुछ अपवादों को छोड़कर डिजिटल करेंसी के बढ़ावा देने की अनुमति देगा.
क्रिप्टोकरेंसी पर लगेगी लगाम Cryptocurrency will be controlled
दुनिया के कई बड़े देशों में सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को नियंत्रित (control cryptocurrency) करने की कोशिश कर रही हैं. भारत सरकार (Indian government) भी ऐसा करना चाहती है लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह बैन लगने से अर्थव्यवस्था (economy) पर बुरा असर भी पड़ सकता है. मार्च, 2020 में भारत सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों को एक्सचेंज और ट्रेडर्स के साथ क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लेनदेन हैंडल करने की अनुमति दे दी थी और माना था कि इनपर बैन लगने से इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होने का खतरा है. नए क्रिप्टोकरेंसी बिल में इस बात पर जोर दिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी का गलत इस्तेमाल हो सकता है और किया जा रहा . बिल में इस बात पर जोर दिया गया है कि सरकार नए कानून की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering), आतंकवादियों की फंडिंग और दूसरे अवैध लेनदेन पर रोक लगाना चाहती है. हालांकि, रुपये को आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी में बदलने के बाद इसे नियंत्रित करने के लिए सरकार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (blockchain technology) का इस्तेमाल कर सकती है.
इस वजह से है चिंता This is the reason
करीब सात लाख भारतीय यूजर्स के पास इस वक्त एक बिलियन डॉलर (करीब 7,290 करोड़ रुपये) से ज्यादा मूल्य के क्रिप्टो असेट्स मौजूद हैं. नया कानून लाने से पहले सरकार अर्थव्यवस्था में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना रुख भी साफ कर सकती है और इससे जुड़ी बड़ी घोषणा कर सकती है.
ज़ी बिज़नेस LIVE TV यहां देखें
Zee Business App: पाएं बिजनेस, शेयर बाजार, पर्सनल फाइनेंस, इकोनॉमी और ट्रेडिंग न्यूज, देश-दुनिया की खबरें, देखें लाइव न्यूज़. अभी डाउनलोड करें ज़ी बिजनेस ऐप.
‘’Bitcoin पर पाबंदी लगे, ये जरूरी नहीं’’- Crypto बिल पर एक्सपर्ट से खास बातचीत
क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगने से Crypto ओनर्स गवां सकते हैं अपना पैसा
Cryptocurrency Bill: लोकसभा वेबसाइट पर उपलब्ध क्रिप्टोकरेंसी बिल के विवरण के अनुसार इस बिल से सभी 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इसी समय रिजर्व बैंक खुद की डिजिटल करेंसी लाने पर काम करेगा. लेकिन बिल के पूरे ड्राफ्ट की गैर-मौजूदगी में लोग क्रिप्टो बिल के विवरण का अलग-अलग मतलब निकाल रहे हैं. ऐसे में क्विंट हिंदी ने इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर दीपांशु मोहन से इस विषय पर खास बातचीत कर बिल के विभिन्न पहलुओं को डिटेल में समझने की कोशिश की.
आइए नजर डालते हैं ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर और Carleton यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स में विजिटिंग प्रोफेसर दीपांशु मोहन की क्विंट हिंदी से खास बातचीत के प्रमुख बिंदुओं पर-
'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' शब्द पर संशय
क्विंट हिंदी के सवाल 'क्या भारत सभी क्रिप्टो पर बैन लगाने जा रहा है?' प्रोफेसर कहते हैं कि ये अभी साफ नहीं है क्योंकि अभी उपलब्ध जानकारी में यह बात मिसिंग है कि सरकार 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' को कैसे डिफाइन कर रही है. 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' को डिफाइन करना काफी मुश्किल है. यह बात पूरी तरीके से इस पर निर्भर करता है कि सरकार इस बिल में 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' को कैसे समझाना चाह रही है.
बिल के संसद में आने के बाद ही इस बिल पर सरकार क्यों Bann करना चाहती है Cryptocurrency को चर्चा, और विचार-विमर्श होगा और तभी हम सरकार 'प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी' शब्द से क्या कहना चाहती है इसे समझ सकेंगे.
शायद बिटकॉइन पर न लगे बैन
उन्हें लगता है गवर्नमेंट शायद बिटकॉइन, इथेरियम (Ethereum) जैसे क्रिप्टो पर रोक नहीं लगाए, क्योंकि ये कॉइन्स पब्लिक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं और इस वजह से इनके द्वारा किए जाने वाले ट्रांजैक्शन ट्रांसपेरेंट होती हैं और इनको ट्रेस किया जा सकता है.
वहीं, दूसरी तरफ मोनेरो (Monero), Zcash और Dash जैसे प्राइवेट क्रिप्टो जिसको ट्रेस करना नामुमकिन है, सरकार उसे बैन कर सकती है.
कई लोग ये भी तर्क दे रहे हैं कि सरकार उन सभी डिजिटल करेंसी पर बैन लगा देगी जो RBI की तरफ से जारी नहीं होता और गवर्नमेंट केवल सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जारी होने वाली डिजिटल करेंसी को मान्यता देगी.
जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क
क्रिप्टो को रेगुलेट करना काफी मुश्किल
रेगुलेशन वाले मुद्दे पर दीपांशु ने कहा कि- अमेरिका सहित दुनियाभर में क्रिप्टो पर रेगुलेशन की बात हो रही है लेकिन इसे रेगुलेट करना किसी भी सेंट्रल बैंक या अथॉरिटी के लिए काफी मुश्किल काम है. प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी द्वारा किए गए ट्रांजेक्शन काफी गोपनीय होते हैं, आप ये पता नहीं लगा सकते कि कौन लोग इस कॉइन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस पैसे को कहा भेजा जा रहा है और इसका इस्तेमाल किस उद्देश्य के लिए हो रहा है. इसी वजह से हमें ऐसे कई केस देखने को मिल रहे हैं जिसमें इस तरह के टोकन्स का इस्तेमाल ब्लैक मार्केट ट्रेडिंग, स्मगलिंग जैसे गैर-कानूनी चीजों में किया जा रहा है.
मुख्य तौर पर सरकार रेग्युलेशन के नाम पर क्रिप्टो के ट्रेड पर कार्रवाई या सभी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है. क्योंकि प्राइवेट क्रिप्टो का नेचर ही ऐसा है कि इसे ट्रेस कर पाना काफी मुश्किल है.