इक्विटी शेयर के नुकसान

आपके 4 लाख की कमाई वाले शेयर बेचते समय ही STT के 125 रुपए कट गए. एक साल पूरा होने के एक हफ्ते बाद ये 5 लाख रुपए के शेयर बेचे तो उस पर LTCG टैक्स 10% लगा और 50 हजार रुपए कट गए. मान लीजिए अब आपने इसके अलावा 3 लाख रुपए दूसरे जरिए से कमाए. इस तरह उसकी टोटल इनकम 3 लाख+5 लाख = 8 लाख रुपए हो गई. इसमें से पहले 50 हजार रुपए कट गए थे. इनकम बची 8 लाख-50,000=7.50 लाख रुपए. अब इस 7.50 लाख पर आपको इनकम टैक्स भी देना है.
ITR Filing 2022: शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में हुए नुकसान को कैसे करें एडजस्ट
अगर किसी वित्त वर्ष के दौरान आपको इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश से नुकसान होता है तो आप उस वित्त वर्ष के दौरान अन्य कैपिटल एसेट (बॉन्ड, गोल्ड, प्रॉपर्टी वगैरह) से होने वाले इनकम (जो कैपिटल गेन्स के अंतर्गत आते हैं) से उसको सेट ऑफ कर सकते हैं।
सीनियर टैक्स कंसलटेंट अजय अग्रवाल के अनुसार, यदि इक्विटी या म्यूचुअल फंड में निवेश पर आपको शॉर्ट-टर्म कैपिटल लॉस हुआ है तो आप उसका एडजस्टमेंट किसी अन्य लौंग या शॉर्ट दोनों तरह के कैपिटल इक्विटी शेयर के नुकसान गेन से कर सकते हैं। लेकिन अगर लौंग टर्म कैपिटल लॉस है तो उसका एडजस्टमेंट सिर्फ किसी अन्य लौंग-टर्म कैपिटल गेन से ही हो सकता है।
इक्विटी/इक्विटी फंड: अजय अग्रवाल के मुताबिक, एक वर्ष से कम अवधि में अगर आप लिस्टेड इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड बेचते या रिडीम करते हैं तो कैपिटल गेन/लॉस शॉर्ट-टर्म मानी जाएगी। शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन/इनकम पर आपको 15 फीसदी (4 फीसदी सेस मिलाकर कुल 15.6 फीसदी) शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
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शेयर बाजार से हुई इक्विटी शेयर के नुकसान कमाई पर कैसे और कितना लगता है टैक्स, समझिए पूरा नफा-नुकसान
अगर शेयर मार्केट में लिस्टेड शेयरों को खरीदने से 12 महीने के बाद बेचने पर लाभ होता है तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स कहते है.
शेयर बाजार में आप भी निवेश करते हैं. अगर हां तो आपको टैक्स का नियम समझना जरूरी है. हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 09, 2022, 11:07 IST
नई दिल्ली . शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर कई तरह के टैक्स लगते हैं. बहुत सारे लोगों को यह जानकारी कम होती है कि कितना टैक्स लगता है. जब कमाई के बाद पैसा कट कर आता है तो निवेशक सोचते हैं कि पैसा कहां कट गया. आज हम आपको बता रहे हैं कि स्टॉक मार्केट से कमाई इक्विटी शेयर के नुकसान पर कितना और कैसे टैक्स देना पड़ता है.
मान लीजिए आपको एक साल में शेयर बाजार से 5 लाख की कमाई हुई. लेकिन आपके अकाउंट में सिर्फ 4.50 लाख रुपए ही आएंगे. दरअसल, इस कमाई पर सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स यानी STT और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG देना पड़ा. इसके साथ ही कुल कमाई पर इनकम टैक्स भी देना होगा. यानी आपको तीन टैक्स देने पड़ रहे हैं.
इन शेयरों ने निवेशकों का किया सबसे ज्यादा नुकसान
बाजार के गिरने में केवल ट्रेड वॉर का हाथ नहीं है. कर्इ अन्य बातों ने भी बाजार की धारणा को कमजोर किया है. राजनीतिक अनिश्चितता, चालू खाते के घाटे में बढ़ोतरी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी भी चिंता के कारण हैं.
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निफ्टी के करीब 70 फीसदी शेयरों ने 11 अक्टूबर और 22 मार्च के दौरान निवेशकों को निगेटिव रिटर्न दिया है. इसी दौरान ल्यूपिन और अरबिंदो फार्मा समेत लार्जकैप कंपनी के शेयर क्रमश: 27 फीसदी और 24 फीसदी लुढ़के हैं.
एचपीसीएल, टाटा मोटर्स, यस बैंक, अंबुजा सीमेंट्स और बॉश 25 फीसदी तक टूटे हैं. पिछले साल 11 अक्टूबर से निवेशकों को धोखा देने वाले टॉप शेयरों में इनकी गिनती हैं. जिन अन्य शीर्ष लार्जकैप कंपनियों ने निवेशकों को दगा दिया है, उनकी लिस्ट यहां दी गर्इ है.
विस्तार
वैश्विक बाजारों में तेज बिकवाली के बीच पिछले चार दिनों से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट के कारण इक्विटी निवेशकों की संपत्ति में 13.30 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आ गई है। सोमवार को लगातार चौथे दिन 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स टूटकर 953.70 अंक या 1.64 प्रतिशत की गिरावट के इक्विटी शेयर के नुकसान साथ 57,145.22 पर बंद हुआ। पूरे दिन के कारोबारी सोशन में इसमें 1,060.68 अंक यानी लगभग 1.82 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। एक समय पर यह 57,038.24 के स्तर पर पहुंच गया।
बीते चार दिनों में बीएसई बेंचमार्क में 2,574.52 अंक (4.31 फीसदी) की गिरावट आई है। इस दौरान बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इक्विटी शेयर के नुकसान पिछले चार सत्रों में 13,30,753.42 करोड़ रुपये गिरकर 2,70,11,460.11 करोड़ रुपये पर रह गया।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के रिटेल रिसर्च सेगमेंट के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार में पिछले चार इक्विटी शेयर के नुकसान कारोबारी सत्रों में घरेलू इक्विटी में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है आने का बड़ा कारण वैश्विक अनिश्चितता की भावनाओं का बाजार पर हावी रहना है। बाजार में इस बड़ी बिकवाली के बाद छोटे समय अंतराल में एक बड़ी रिकवरी दिख सकती है।