क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी क्या है पूरी जानकारी | what is cryptocurrency in Hindi 2022
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, क्रिप्टोकरेंसी के लाभ, क्रिप्टोकरेंसी के दुष्परिणाम, [Cryptocurrency kya h, What is cryptocurrency, benefits of cryptocurrency, side effects of cryptocurrency]
क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी (मुद्रा) होती है, जिसमें लेन-देन संबंधी सभी जानकारियों को कूटबद्ध (Encrypt) तरीके से विकेंद्रित डेटाबेस (Decentrelised Database) में सुरक्षित रखा जाता है। क्रिप्टोकरेंसी क्या है? हालाँकि अभी तक ऐसी मुद्रा को किसी देश के केंद्रीय बैंक की मान्यता नहीं प्राप्त है, जिसके कारण इनकी वैधता या भविष्य को लेकर भय बना रहता है।
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वर्तमान में विश्व भर में 1500 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी प्रचलित हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक द्वारा घोषित लिब्रा के अतिरिक्त बिटकॉइन, एथरियम (Ethereum) आदि क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरण हैं। क्रिप्टोकरेंसी के आविष्कार का मुख्य उद्देश्य वित्तीय लेन देन में बैंकों या अन्य बिचौलियों की भूमिका को बिल्कुल समाप्त करना था। सामान्य बैंकिंग प्रक्रिया में लेन देन के विवरण बैंकों द्वारा सत्यापित किया जाता है जबकि क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लॉकचेन तकनीकी के माध्यम से कई देशों में फैले विकेन्द्रित डेटाबेस द्वारा सत्यापित किया जाता है। सन् क्रिप्टोकरेंसी क्या है? 2009 में किसी समूह या व्यक्ति ने सतोशी नाकामोतो के छद्म नाम से बिटकोइन के नाम से पहली क्रिप्टोकरेंसी बनाई।
डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी को समझने के लिए पढ़िए
इन दिनों डिजिटल करेंसी की बड़ी चर्चा है। आरबीआई ने एक दिसंबर से रिटेल डिजीटल करेंसी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया है। इस प्रोजेक्ट के प्रथम चरण में इसे चार शहरों और चार बैंकों में शुरू किया जा रहा है। उसके बाद इसे अन्य नौ शहरों में भी शुरू कर दिया जाएगा।
अब भारतवासियों को जेब में काग़ज के रुपये लेकर निकलने की कोई जरूरत नहीं है और ना ही किसी ऐप द्वारा किसी को ऑनलाइन पेमेंट करने की जरूरत है। अगर सब ठीक ठाक रहा तो आने वाले दिनों में कोई भी व्यक्ति किसी भी दुकान से, खुदरा डिजिटल रुपये द्वारा खरीदारी कर सकता है। अब एक बात कई लोगों को समझ में नहीं आ रही है कि डिजिटल करेंसी को सरकार द्वारा स्वीकर किया जा रहा है लेकिन बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को नहीं, तो क्या है फर्क दोनों में? आइए जानते हैं।
दरअसल एक्सपर्ट्स के अनुसार डिजिटल रुपये का आईडीया बिटकॉइन से ही प्रेरित है लेकिन डिजीटल करेंसी यानी डिजिटल रुपये केंद्रीय बैंकों के नियमों के आधीन है और केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की जाती है जबकि बिटकॉइन अनियंत्रित और विकेंद्रित यानी डी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? सेंट्रलाइज्ड संपत्ती होती है।
क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई बैंक या संस्था नहीं है। यह पूरी तरह से निजी करेंसी है। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी के रेट में उतार चढाव हो सकती है जबकि डिजीटल क्रिप्टोकरेंसी क्या है? करेंसी में कोई उतार चढाव नहीं होगा। क्रिप्टोकरेंसी क्या है? इसका वही प्रभाव होगा जो नकद मुद्रा का होता है। क्रिप्टोकरेंसी का संचालन एक कंप्यूटर एल्गोरिथ्म के अनुसार किया जाता है जबकि डिजीटल करेंसी को प्राधिकरण द्वारा कंट्रोल किया जाता है। डिजिटल करेंसी को सरकार की मान्यता मिली हुई है। यह पूरी तरह से सरकार द्वारा समर्थित वैध मुद्रा है। इसे केंद्रीय बैंक के बैलेंस शीट में रखी जाएगी और इसे हमारे देश की संप्रभु मुद्रा में बदला जा सकता है।
डिजिटल करेंसी के लेन देन में किसी भी तरह की समस्या होने से वित्तीय संस्थान दखल दे सकते हैं। डिजिटल करेंसी को बैंक नोट के व्याख्या में भी रखे जाने की संभावना है। डिजीटल करेंसी दो तरह की होती है। रिटेल, यानी खुदरा डिजीटल करेंसी का उपयोग आम लोग और कम्पनी के लिए है और होलसेल डिजीटल करेंसी का उपयोग वित्तीय संस्थानों के लिए क्रिप्टोकरेंसी क्या है? है।
डिजिटल करेंसी के कई लाभ है। इससे लेन देन की प्रक्रिया में बहुत तेजी आ जाएगी, डिजिटल करेंसी को सरकार मार्केट क्रिप्टोकरेंसी क्या है? में अच्छी तरह से कन्ट्रोल कर पाएगी। यह काग़ज़ के नोट छापने से कम खर्चीला होगा। डिजीटल करेंसी रखने के लिए लोगों को बैंक में खाता खोलने की जरूरत नहीं। इस प्रकार के करेंसी के साथ ऑफलाइन लेन देन भी की जा सकेगी। इसे आप आसानी से मोबाइल वॉलेट में रख सकते हैं। डिजिटल रूपी को क्रिप्टोकरेंसी क्या है? नकदी में भी बदला जा सकता है। डिजीटल रुपये के आने से नकली नोट की समस्या से भी छुटकारा मिल जाएगा क्रिप्टोकरेंसी क्या है? और क्रिप्टोकरेंसी क्या है? प्रत्येक डिजीटल रुपये पर सरकार की क्रिप्टोकरेंसी क्या है? कड़ी निगरानी रहेगी और कोई भी गलत लेन देन नहीं कर पाएगा। काग़ज़ के नोट कुछ वर्षो में खराब हो जाते हैं, जबकि डिजिटल नोट में यह समस्या नहीं होगी।