करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं

भारत में, निम्नलिखित में से कौन सा वायदा बाजार आयोग द्वारा नियंत्रित है?
• वायदा बाजार आयोग भारत में कमोडिटी भविष्य के बाजारों का मुख्य नियामक है। एफ.एम.सी. वायदा अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1952 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह सितंबर 2013 से आर्थिक मामलों के विभाग, वित्त मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत कार्य करता है।
• वायदा बाजार आयोग एक इकाई है जो भारत में वस्तुओं के भविष्य के बाजारों के संचालन और गतिविधियों की निगरानी और विनियमन करता है।
• एफ.एम.सी. विभिन्न वस्तुओं के लिए व्यापार स्थितियों से संबंधित जानकारी एकत्रित और प्रकाशित करता है। इसलिए, 2 सही उत्तर है।
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Last updated on Nov 29, 2022
The SSC is going to release the SSC CHSL notification on 6th December 2022. Earlier, the notification was scheduled to be released on 5th November 2022. Candidates could log in to their profiles and check individual marks between 26th November 2022 to 16th November 2022. Candidates who have completed Higher Secondary (10+2) can appear for this exam for recruitment to various posts like Postal Assistant, Lower Divisional Clerks, करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं Court Clerk, Sorting Assistants, Data Entry Operators, etc. The SSC Selection Process consists of Computer Based Exam, Descriptive Test and Typing/Skill Test. Recently, the board has released the SSC CHSL Skill Test Result for the 2020 cycle. The candidates करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं who are qualified are eligible to attend the document verification.
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क्रिप्टो ऑप्शंस की OTC ट्रेडिंग करने वाला अमेरिका का पहला बड़ा बैंक बना Goldman Sachs
OTC ट्रेड में दो पार्टीज अन्य क्रिप्टोकरेंसीज या सामान्य करेंसी के लिए क्रिप्टो एसेट्स में सीधे ट्रेड करती हैं
OTC क्रिप्टो ऑप्शंस ट्रेडिंग में रिस्क अधिक है.
खास बातें
- यह OTC प्रोडक्ट अमेरिका के किसी बड़े बैंक की ऐसी पहली पेशकश है
- OTC ट्रेड में दो पार्टीज सीधे ट्रेड करती हैं
- इस तरह के ट्रेड में रिस्क अधिक होता है
अमेरिका में क्रिप्टो ट्रेडिंग में बढ़ोतरी हो रही है. इसी कड़ी में Goldman Sachs ने इनवेस्टमेंट फर्म Galaxy Digital के साथ बिटकॉइन से जुड़े एक इंस्ट्रूमेंट की शुरुआत की है. यह ओवर-द-काउंटर (OTC) प्रोडक्ट अमेरिका के किसी बड़े बैंक की क्रिप्टो सेगमेंट में पहली पेशकश है. यह एक 'नॉन-डिलीवरेबल ऑप्शन' है. इसकी सेटलमेंट पहले से तय मैच्योरिटी की तिथि पर कैश में की जाएगी.
OTC ट्रेड में दो पार्टीज अन्य क्रिप्टोकरेंसीज या सामान्य करेंसी के लिए क्रिप्टो एसेट्स में करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं सीधे ट्रेड करती हैं. इसमें बड़ी मात्रा में क्रिप्टो एसेट्स को बिना किसी इंटरमीडियरी के खरीदा जा बेचा जा सकता है. Galaxy Digital के को-प्रेसिडेंट, Damien Vanderwilt ने कहा, "Goldman Sachs का हमारी फर्म पर लगातार विश्वास हमारी एक्सपर्टाइज और इंस्टीट्यीशंस की ओर से बढ़ती डिमांड को पूरा करने की क्षमता का प्रमाण है." Goldman Sachs की शुरुआत 1869 में हुई थी. पिछले वर्ष इसने CME Group के साथ बिटकॉइन प्रोडक्ट्स की ट्रेडिंग शुरू की थी. इसके डिजिटल एसेट्स के एशिया पैसिफिक के हेड, Max Minton का कहना था, "Galaxy Digital के साथ हमारा पहला कैश में सेटलमेंट वाला क्रिप्टोकरेंसी ऑप्शंस ट्रेड के लिए जुड़कर हम खुश हैं. यह हमारी डिजिटल एसेट्स से जुड़ी क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण प्रगति है."
Galaxy Digital जैसे इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स आमतौर पर अपने फंड को एसेट्स की बड़ी मात्रा में लगाते हैं. ये ट्रांजैक्शंस क्रिप्टो एक्सचेंजों के जरिए करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं होती हैं और इस वजह से व्यक्तिगत इनवेस्टर्स या इंस्टीट्यूशंस एक OTC सिस्टम करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं में इसके लिए डेस्क से संपर्क कर सकते हैं. Coinbase Ventures के Connor Dempsey ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, "उदाहरण के लिए, अगर आप बड़ी संख्या में बिटकॉइन खरीदने की कोशिश करते हैं तो आपको समस्या हो सकती है. अगर आप यह पूरी खरीद एक एक्सचेंज पर करते हैं तो ऐसा हो सकता है कि इसे एक बार में न खरीदा जा सके और आपकी इसे कई सेलर्स से खरीदना पड़ सकता है."
Goldman Sachs ने पिछले वर्ष Galaxy Digital के साथ बिटकॉइन फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रेडिंग शुरू की थी. हालांकि, इसकी नई OTC क्रिप्टो ऑप्शंस ट्रेडिंग में रिस्क अधिक है. इसमें Goldman Sachs के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में वोलैटिलिटी एक समस्या हो सकती है. हाल के करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं महीनों में कुछ फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस ने क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर अपना रुख बदला है और ये इससे जुड़ी ट्रेडिंग में संभावना तलाश रहे हैं.
इस हफ्ते 13 हजार का स्तर पार कर सकता है निफ्टी, विदेशी संकेतों पर नजर
नवंबर सीरीज के फ्यूचर्स व ऑप्शंस सेगमेंट के अनुबंधों की एक्सपायरी इस सप्ताह होने जा करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं रही है, जिसकी वजह से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। वहीं अमेरिका और चीन के अर्थव्यवस्था से जुड़े आंकड़े भी इस हफ्ते जारी होंगे।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 22, 2020 20:30 IST
Photo:FILE
शेयर बाजार में कैसा रहेगा अगला हफ्ता
नई दिल्ली। शेयर बाजार में इस सप्ताह फ्यूचर्स व ऑप्शंस सेगमेंट के चालू महीने के अनुबंधों की एक्सपायरी को लेकर उतार-चढ़ाव का दौर दिखने को मिल सकता है। ऐसे में निफ्टी के लिए करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं 13,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को छूने की चुनौती होगी जोकि बीते सप्ताह 40 अंक से भी कम के अंतर से रह गया था। विदेशी निवेशकों का बीते दिनों भारतीय शेयर बाजार के प्रति रुझान बना रहा है और नवंबर में एफपीआई की लिवाली देखने को मिली है। लिहाजा, बाजार के जानकार मान रहे हैं कि इस हफ्ते निफ्टी 13,000 का स्तर छू सकता है।
कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के बीच वैक्सीन आने की दिशा में हो रही प्रगति से निवेशकों का मनोबल उंचा होने के कारण घरेलू शेयर बाजार में बीते सप्ताह तेजी का रुझान बना रहा और प्रमुख संवेदी सूचकांकों ने ऐतिहासिक उंचाइयां बनाईं, हालांकि मुनाफा वसूली के चलते सेंसेक्स और निफ्टी अपने नए शिखर से थोड़ा फिसल कर बंद हुए जबकि साप्ताहिक स्तर पर लगातार तीसरे सप्ताह बढ़त का सिलसिला जारी रहा। चालू महीने नवंबर सीरीज के फ्यूचर्स व ऑप्शंस सेगमेंट के अनुबंधों की एक्सपायरी इस सप्ताह गुरुवार यानी 26 नवंबर को होने जा रही है जिसके बाद निवेशक अगले महीने के अनुबंधों में अपना पोजीशन बनाएंगे लिहाजा, बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
हालांकि बाजार की करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं चाल तय करने में वैश्विक बाजारों से मिलने वाले संकेतों और भारत में निवेश के प्रति विदेशी निवेशों की दिलचस्पी की अहम भूमिका होगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले देसी करेंसी रुपये की चाल पर भी निवेशकों की निगाहें होंगी। ट्रेड स्विफ्ट के निदेशक संदीप जैन कहते हैं कि निफ्टी बीते सप्ताह 13,000 के काफी करीब पहुंच गया था और इस सप्ताह यह स्तर टूट सकता है। जैन कहते हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की भारतीय बाजार में दिलचस्पी बनी हुई है जिससे आगे तेजी का रुझान देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि बाजार में तेजी की सूरत में निफ्टी में 13,100 से 13,400 का लेवल देखने को मिल सकता है।
वहीं, निवेश सलाहकार सोमेश कुमार का कहना है कि निफ्टी बहरहाल 12600-13,000 के रेंज में रहेगा, लेकिन तेजी की करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं सूरत में इसका अगला टारगेट 13,200 रहेगा जबकि गिरावट की स्थिति में टारगेट 12,400 रहेगा। सोमेश कुमार ने कहा कि इस समय बाजार में लिक्विडिटी काफी है और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव खत्म होने के बाद पहले से इंतजार कर रही तरलता अब बाजार में आने लगी है। उन्होंने कहा कि एफआईआई की लिवाली नवंबर में इस वित्त वर्ष सबसे ज्यादा रही है और एक्विटी सेगमेंट में 20 नवंबर तक एफआईआई की निवल लिवाली 46,000 करोड़ से अधिक रही है।
हालांकि कोरोना महामारी के गहराते प्रकोप के चलते भारत के कई शहरों और दुनिया के अन्य देशों में जो पाबंदियां लगाई गई हैं उनपर भी निवेशकों की नजर बनी हुई है। उधर, विदेशों में इस सप्ताह जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों का भी असर शेयर बाजार पर देखने को मिलेगा। अमेरिका में बुधवार को अक्टूबर महीने के व्यक्ति खर्च व आय के आंकडों के साथ-साथ टिकाऊ वस्तुओं के ऑर्डर के आंकड़े भी जारी होंगे। वहीं, करेंसी फ्यूचर्स क्या हैं सप्ताह के आखिर में चीन में अक्टूबर महीने के औद्योगिक मुनाफे के आंकड़े जारी होंगे।