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वैश्विक शांति सूचकांक 2023

वैश्विक शांति सूचकांक 2023
2021-06-22 : हाल ही में, जारी वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index 2021) के 15वें संस्करण में 163 देशों की सूची में आइसलैंड को दुनिया का सबसे शांतिप्रिय देश घोषित किया गया है। वर्ष 2021 के इस सूचकांक में विश्व के 163 स्वतंत्र देशों/क्षेत्रों को उनको शांति के स्तर के अनुसार रैंकिंग प्रदान की गई है। पाठकों को बता दे की इस सूचकांक में भारत को 135वां स्थान प्राप्त हुआ है।

Global Peace Index 2021: दुनिया का सबसे 'अशांत' देश है अफगानिस्तान, देखिए 'शांतिपूर्ण' देशों की लिस्ट

World Most and Least Peaceful Countries Ranke: अफगानिस्तान (Afghanistan) इस समय दुनिया का सबसे अशांत देश है। इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने अपने 15वें ग्लोबल पीस इंडेक्स 2021 (Global Peace Index 2021) में दुनिया के सबसे शांतिपूर्ण देशों का पता लगाने के लिए 163 स्वतंत्र देशों को इस लिस्ट में जगह दिया है।

ग्लोबल पीस इंडेक्स 2021 के मुताबिक, अफगानिस्तान पृथ्वी पर सबसे कम शांतिपूर्ण वाला देश है। भारत को इस रैंकिंग में 135वां स्थान मिला है। देखिए, सबसे शांतिपूर्ण देशों (Peaceful Countries Ranke) की लिस्ट.

- आइसलैंड (Iceland) दुनिया का सबसे शांत देश है, इसका ग्लोबल पीस इंडेक्स स्कोर (Peace Index Score) 1.1 है।

- इस लिस्ट में न्यूजीलैंड को दूसरा स्थान मिला है, इसका पीस इंडेक्स स्कोर 1.253 है।

वैश्विक शांति सूचकांक 2018 में भारत का कौनसा स्थान है?

वैश्विक शांति सूचकांक 2018 में भारत का 136वाँ स्थान है। यह सूचकांक लंदन स्थित 'इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एण्ड पीस' (IEP) द्वारा जारी किया जाता है। वर्ष 2018 के वैश्विक शान्ति सूचकांक वैश्विक शांति सूचकांक 2023 में विश्व के 163 स्वतन्त्र देशों को उनकी शान्ति के स्तर के अनुसार रैंकिंग प्रदान की गई है। आइसलैंड को इस सूचकांक में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि सीरिया के अन्तिम (163वाँ) स्थान प्राप्त हुआ है।. अगला सवाल पढ़े

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2023 में भारत में होने वाले SCO सम्मेलन की वेबसाइट जारी

इस साइट पर अगले साल होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गई हैं। साइट को खोलते ही अगले वर्ष के लिए एससीओ के बैठक स्थल वाराणसी के विषय में वीडियो जानकारियाँ प्रदान की गई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर पर कहा कि एक सुरक्षित एससीओ के लिए। राष्ट्राध्यक्षों की एससीओ परिषद की भारत की अध्यक्षता हेतु आधिकारिक वेबसाइट अब https://indiainsco.in पर लाइव है। उन्होंने एससीओ अध्यक्ष के रूप में भारत के बारे में नवीनतम जानकारी, घटनाओं के कैलेंडर और अन्य अपडेट के लिए वेबसाइट पर जाने संबंधी जानकारियाँ प्रदान की।

वर्ष 2023 में शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता करेगा भारत

इस वर्ष भारत को उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ की अध्यक्षता प्राप्त हुई थी। भारत सितंबर 2023 तक एक वर्ष के लिए समूह की अध्यक्षता करेगा जिसमें एससीओ सदस्य देशों के नेता शामिल होगें। ये 23वां एससीओ सम्मेलन होगा, इस से पहले 22वे एससीओ सम्मेलन की अध्यक्षता उज्बेकिस्तान ने वर्ष 2022 में की थी।

वाराणसी को वर्ष 2022-2023 के लिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी नामित किया गया है। यह निर्णय समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन के राष्ट्राध्यक्षों की वैश्विक शांति सूचकांक 2023 22वीं बैठक में लिया गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार इससे भारत और एससीओ सदस्य देशों के बीच पर्यटन, सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा। यह निर्णय एससीओ के सदस्य देशों, विशेष रूप से मध्य एशियाई गणराज्यों के साथ भारत के प्राचीन संबंधों को भी दर्शाता है।

एससीओ क्या है ?

शंघाई सहयोग संगठन जिसे संक्षेप में एससीओ कहा जाता है एक आठ सदस्यीय बहुपक्षीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान के नेताओं द्वारा चीन के शंघाई में की गई थी। उज्बेकिस्तान को छोड़कर ये देश, शंघाई फाइव ग्रुप के सदस्य हुआ करते थे, जिसका गठन 26 अप्रैल 1996 को सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य ट्रस्ट को गहरा करने की संधि पर हस्ताक्षर के साथ किया गया था।

2001 में, शंघाई में वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान ही पांच सदस्य देशों ने पहली बार उज्बेकिस्तान को शंघाई फाइव मैकेनिज्म में शामिल किया जिसके बाद यह शंघाई सिक्स में बदल गया। इसके बाद, 15 जून 2001 को शंघाई सहयोग संगठन की घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए और जून 2002 में एससीओ सदस्य देशों के प्रमुखों ने एससीओ चार्टर पर हस्ताक्षर किए, जो संगठन के उद्देश्यों, सिद्धांतों, संरचनाओं और संचालन के रूपों पर व्याख्या करने के साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करता है।

भारत और वैश्विक शांति सूचकांक 2023 एससीओ

भारत के एससीओ क्षेत्र के साथ सदियों पुरानी सभ्यतागत, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंध हैं। बौद्ध भिक्षुओं से लेकर मसाला व्यापारियों तक, साहसिक खोजकर्ताओं से लेकर सूफी संतों तक, भारत और एससीओ सदस्य राज्यों के बीच बातचीत से वस्तुओं का आदान-प्रदान, विचारों का संलयन, नए व्यंजनों और कला-रूपों का परिचय हुआ है। इसलिए 2017 में एससीओ की भारत की सदस्यता इस क्षेत्र के साथ अपने ऐतिहासिक संबंधों को गहरा करने के लिए भारत की उत्सुकता की पुष्टि थी।

भारत ने 2017 में वैश्विक शांति सूचकांक 2023 एक पूर्ण सदस्य राज्य बनने के बाद से संगठन के साथ सक्रिय जुड़ाव बनाए रखा है। 2020 में, भारत ने पहली बार एससीओ काउंसिल ऑफ गवर्नमेंट की दूसरी सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था की बैठक की मेजबानी की। भारत ने वैश्विक शांति सूचकांक 2023 एससीओ में सहयोग के तीन नए स्तंभों – स्टार्टअप्स एंड वैश्विक शांति सूचकांक 2023 वैश्विक शांति सूचकांक 2023 इनोवेशन, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और ट्रेडिशनल मेडिसिन पर जोर देकर अपने लिए एक जगह बनाई है।

वैश्विक शांति सूचकांक 2021 की घोषणा

वैश्विक शांति सूचकांक 2021 की घोषणा |_40.1

इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Institute for Economics and Peace – IEP) सिडनी द्वारा घोषित वैश्विक शांति सूचकांक (Global Peace Index – GPI) का 15 वां संस्करण, GPI वैश्विक शांति का दुनिया का प्रमुख उपाय है. सूचकांक 163 स्वतंत्र राज्यों और क्षेत्रों को उनके शांति स्तर के अनुसार रैंक करता है. यह रिपोर्ट शांति के रुझानों, इसके आर्थिक मूल्य और शांतिपूर्ण समाजों को कैसे विकसित किया जाए, इस पर अब तक का सबसे व्यापक डेटा-संचालित विश्लेषण प्रस्तुत करती है.

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