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बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार

बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार

सुविधा: बाजार समिति के जीर्णोद्धार के दूसरे फेज का काम जल्द शुरू, 57 करोड़ होंगे खर्च

बाजार समिति का स्थल निरीक्षण करते नगर आयुक्त व एसडीओ। - Dainik Bhaskar

स्मार्ट सिटी के तहत बाजार समिति को नया लुक देने का काम चल रहा है। यहां आने वाले किसानों के साथ-साथ व्यापारियों को तमाम जरूरी सुविधाएं दी जा सके। बता दें कि बाजार समिति का दो फेज में जीर्णोद्धार किया जाना है। फर्स्ट बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार फेज का काम जारी है। दूसरे फेज का भी टेंडर किया जा चुका है। कार्यादेश मिलने के बाद शीघ्र ही काम शुरू किया जाएगा। फेज टू का काम शुरू होने के पूर्व बुधवार को नगर आयुक्त अंशुल अग्रवाल एवं एसडीओ कुमार अनुराग ने स्थल निरीक्षण किया। फेज टू के लिए तैयार किए गए डीपीआर के अनुसार कहां-कहां क्या काम होना है, कहां अतिक्रमण की समस्या है और उससे कैसे निपटा जा सकता है। इन तमाम बातों की बारीकी से जानकारी ली। नगर आयुक्त ने बताया कि दूसरा फेज बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। कई बड़े काम किए जाने हैं। प्रशासनिक भवन, वेंडिंग प्लेटफार्म, तालाब निर्माण के साथ-साथ चौड़ी सड़कें होगी। इसके अलावा कई छोटी-छोटी दुकानें भी बनेगी। इस पर करीब 57 करोड़ खर्च किया जाना है। तैयार किए गए डिजाइन के अनुसार कहां-कहां अतिक्रमण को हटाना है। इसका निरीक्षण किया गया है। ताकि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद किसी प्रकार की समस्या न हो। जहां-जहां अतिक्रमण हटाना है इसपर एसडीओ से विचार कर रूप-रेखा तैयार किया जाएगा। निरीक्षण के क्रम में स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि, कंपनी के साइड इंजीनियर सत्येन्द्र शर्मा, इंचार्ज राकेश कुमार उर्फ पप्पू, सुपरवाइजर मिथुन कुमार, लेबर हेड कन्तु शर्मा समेत अन्य लोग मौजूद थे।

जी प्लस 3 होगा प्रशासनिक भवन : नगर आयुक्त ने बताया कि बाजार समिति में एक प्रशासनिक भवन का निर्माण किया जाना है जो जी प्लस 3 बिल्डिंग होगा। यहां मिटिंग हॉल के अलावे अन्य प्रकार की सुविधा होगी। किसानों व व्यापारियों को किसी प्रकार की समस्या होती है तो उसका निदान किया जाएगा। इसके अलावे बड़ा तालाब का भी निर्माण किया जाना है। इसके लिए स्थल का चयन किया जा रहा है।

14 मीटर चौड़ी होंगी सड़कें
नगर आयुक्त ने बताया कि छोटे - बड़े वाहनों के आने-जाने में कोई समस्या न हो इसके लिए सभी वेंडिंग प्लेटफॉर्म व दुकानों के बीच 14-14 मीटर चौड़ी सड़कें होगी। सड़क के किनारे ड्रेनेज भी हाेगा ताकि जल जमाव की समस्या न हो। मुख्य द्वारा के अलावा हाइवे से भी रास्ता दिया जाएगा। वर्तमान में व्यवस्थित रास्ता नहीं होने के कारण लोग हाइवे पर भी सब्जी की खरीद बिक्री करते हैं। जिसके कारण जाम की समस्या हो जाती है। रोड बनने के बाद बड़ी गाड़ियों का आसानी से आवागमन होगा और कोई भी किसान सड़क के किनारे बाजार नहीं लगाएंगे।

वेंडिंग प्लेटफार्म के अलावा होंगी दुकानें

फेज टू के तहत फल-सब्जी की खरीद बिक्री के लिए तीन बड़ा वेंडिंग प्लेट फार्म का निर्माण किया जाना है। ताकि सभी प्रकार के व्यवसाय के लिए अलग-अलग बाजार की व्यवस्था हो सके। इसके अलावा कई बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार छोटी-छोटी दुकानें भी होगी। नगर आयुक्त ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के धरातल पर उतरने के बाद बाजार समिति को नया लुक मिलेगा। जल जमाव एवं कीचड़ की समस्या से निदान मिलेगी।

Educational Consultant

➧ 14 अप्रैल, 2016 ईस्वी को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नई दिल्ली के विज्ञान भवन से एक राष्ट्रीय कृषि बाजार हेतु ई-व्यापार प्लेटफार्म (e-NAM) का पायलट आधार पर शुरू किया गया।

➧ इसी देश के 8 राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, तेलंगना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, झारखंड और हिमाचल प्रदेश) 21 मंडियों को राष्ट्रीय कृषि बाजार के साझा प्लेटफार्म (ई-ट्रेडिंग पोर्टल) से जोड़ दिया गया है

National Agriculture Market e-NAM (राष्ट्रीय कृषि बाजार e-NAM)

राष्ट्रीय कृषि बाजार का यह ई-व्यापार प्लेटफार्म कृषि विपणन क्षेत्र में सुधारों को प्रोत्साहित करेगा और इससे देशभर में किसी वस्तुओं के मुक्त प्रवाह के संवर्धन के साथ किसानों के उत्पादों के बेहतर विपणन की संभावनाओं में भी मदद करेगा

उल्लेखनीय है कि आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा 1 जुलाई, 2015 को कृषि-तकनीकी अवसंरचना कोष (ATIF: Agri-Tech Infrastructure Fund) के माध्यम से 'राष्ट्रीय कृषि बाजार' की स्थापना हेतु केंद्रीय क्षेत्र योजना को 2015-16 से 2017-18 अवधि हेतु 200 करोड रुपए के परिव्यय के साथ स्वीकृति प्रदान की गई थी

कृषि, सहकारिता एवं कृषि कल्याण विभाग DAC & FW) इस योजना का क्रियान्वयन देशभर में चयनित विनियमित कृषि बाजारों में परियोजना योग्य साझा इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के द्वारा लघु किसानों के लिए कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) के माध्यम से कर रहा है

साझा ई-व्यापार प्लेटफार्म के साथ एकीकरण हेतु राज्यों/संघीय क्षेत्रों को :-

(i) पूरे राज्य में वैध एकल लाइसेंस,

(ii) बाजार शुल्क की एकल बिंदु लेवी और

(iii) कीमतें प्राप्त करने के साधन के रूप में इलेक्ट्रॉनि नीलामी के प्रावधानों के रूप में अपने राज्य कृषि उत्पाद विपणन समिति (APMC) अधिनियमों (मंडी कानूनों) में पूर्व सुधार करना आवशयक है

शेयर बाजार सीखें सरल भाषा में

किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले ये बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उस इन्वेस्टमेंट की सही जानकारी ले | इसके बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार अलावा मार्किट से सम्बंधित बातों को भी समझे | इन् मुख्य बातों को ध्यान में रखते हुए हमने ये कोर्स डिज़ाइन किया है | इस कोर्स के माध्यम से आप उचित निवेश - निर्णय ले सकेंगे ।

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इसके अलावा ये कोर्स आपको शेयर बाजार से सम्बंधित विभिन्न फाइनेंसियल शब्दों जैसे कॉरपोरेट एक्शन्स, आईपीओ , म्यूच्यूअल फंड्स आदि शब्दों को भी सरल रूप से समझाएगा |

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About the Trainer

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Objective

यह पाठ्यक्रम निम्नलिखित वर्गों में प्रतिभागियों को सक्षम बनाएगा:

  • फाइनेंसियल बाजार और विशेष रूप से शेयर बाजार की मूल बातें
  • आईपीओ जैसे प्राइमरी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, सेकेंडरी मार्किट के कामकाज और विभिन्न बाजार प्रतिभागियों की भूमिका
  • शेयर बाजार सूचकांक और इसकी गणना की अवधारणा
  • करेंसी , फिक्स्ड इनकम, सिक्योरिटीज और म्यूचुअल फंड्स की मूल बातें
  • टाइम वैल्यू ऑफ़ मनी की अवधारणा
  • शेयर बाजार पर विभिन्न कॉरपोरेट एक्शन्स के प्रभाव की व्याख्या
  • डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
  • शेयर ट्रेडिंग की प्रक्रिया,रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम , ट्रेड लाइफ साइकिल, कॉन्ट्रैक्ट नोट्स आदि की व्याख्या
  • भारतीय कैपिटल मार्किट में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क , रेगुलेटर्स, इन्वेस्टर रेड्रेसाल मेकनिसिस की जानकारी

Benefits

इस कोर्स से विद्यार्थिओं को अनेक लाभ होंगे| इस कोर्स के अंत में दिए गए टेस्ट्स को सॉल्व करके विद्यार्थी अपने नॉलेज लेवल को चेक कर पाएंगे | सामग्री से संबंधित किसी भी प्रकार की संदेह निकासी के लिए एक ईमेल क्वेरी समर्थन, प्रश्न और उत्तर सामुदायिक मंच भी विद्यार्थिओं द्वारा लिया जा सकता है।

किसी भी प्रकार की कोर्स रिलेटेड दुविधा के लिए विद्यार्थी हमारे ईमेल सपोर्ट सुविधा, या फिर डिस्कशन फोरम प्लेटफार्म की मदद ले सकते है | ये प्लेटफार्म पैर आप २४*७ अपने प्रशन दाल सकते है और हमारा टीम आपको जल्द से जल्द इसके उत्तर देने को प्रयास करेगा |

Railway News: रेल यात्रियों को लगेगा महंगाई का झटका, प्‍लेटफार्म पर बिकने वाले खाने की बढ़ेगी कीमत

रेलवे में खान-पान की कीमत की तय करने के अधिकार अलग-अलग हैं। आम लोगों के खाने की कीमत (थाली में एक साथ दिए जाने वाले चावल दाल रोटी व सब्जी) साधारण नाश्ता पानी चाय व जनता खाना की कीमत बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार रेलवे बोर्ड द्वारा तय की जाती है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। रेल यात्रियों को जल्‍द ही महंगाई का झटका लगने वाला है। प्लेटफार्म पर मिलने वाला खाना अब महंगा हो जाएगा। हालांकि, राहत की बात यह है कि आम यात्री के खाने की कीमत यानी थाली वाला खाना महंगा नहीं होगा। स्‍टेशन पर बिकने वाले समोसे, बिरयानी आदि की कीमत बढ़ाई जाएगी। मंडल रेल प्रशासन ने 97 प्रकार के खाद्य पदार्थों की कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजा है।

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रेलवे में खान-पान की कीमत की तय करने के अधिकार अलग-अलग हैं। आम लोगों के खाने की कीमत (थाली में एक साथ दिए जाने वाले चावल दाल, रोटी व सब्जी), साधारण नाश्ता, पानी, चाय व जनता खाना की कीमत रेलवे बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार बोर्ड द्वारा तय की जाती है। रेलवे बोर्ड ने इस खाने की कीमत तीन साल पहले की बढ़ा चुका है। अब रेलवे बोर्ड ने स्टेशनों पर बिकने वाला खाना जैसे समोसा, सभी प्रकार की बिरयानी, डोसा, ब्रेछ पकौड़ा, स्पेशल खाना, पनीर से तैयार वाला होने वाले खाने की कीमत तय करने का अधिकार जोनल रेलवे को सौंप दिया है। बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार अब जोनल रेलवे प्रत्येक दस साल पर स्‍टेशन पर बिकने वाले खाने की कीमत निर्धारित करेगा। इससे पहले उत्तर रेलवे में वर्ष 2012 में खाने की कीमत बढ़ाई गई थीं।

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10 साल बाद कीमत बढ़ाने का प्रस्‍ताव भेजा गया

उत्तर रेलवे ने दस साल बाद जोन के सभी मंडल रेल प्रबंधक को पत्र भेजा है। जिसमें कहा है कि स्टेशन पर बिकने वाले खाने की कीमत का बाजार से आकलन करें और संबंधित खाने की कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेज दें। इसके आदेश के बाद मुरादाबाद रेल मंडल के देहरादून, हरिद्वार, मुरादाबाद व बरेली शहर में खाने की कीमत का सर्वे कराया गया। इसके बाद खाने की प्रस्तावित कीमत तैयार कर मुख्यालय भेज दी गई है।

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डोसा की कीमत 33 रुपये बढ़ाने का भेजा गया प्रस्‍ताव

रेलवे में 17 रुपये में बिकने वाले डोसा की कीमत 50 रुपये करने का प्रस्ताव है। इसी तरह से समोसा की कीमत में पांच रुपये, इडली की कीमत में पांच रुपये, स्पेशल खाने की कीमत पर तीस रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। नान वेज खाने पर चिकन की कीमत में 40 रुपये, अंडा बिरयानी की कीमत में 20 रुपये बढ़ाया जाना प्रस्तावित है।

मंडल के भेजे गए प्रस्‍ताव पर उत्‍तर रेलवे मुख्‍यालय लेगा निर्णय

इसी तरह के कंपनी के डिब्बा बंद खाने में दो रुपये से पांच रुपये तक बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। जोन के पांच मंडल से भेज गए प्रस्ताव पर मुख्यालय के अधिकारी खाने की कीमत तय करने का काम करेंगे। जिसके आधार पर कीमत बढ़ाई जाएगी। सीनियर डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि बाजार का सर्वे कराने के बाद स्टेशनों पर बिकने वाले खाने की कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। मुख्यालय स्तर से कीमत बढ़ाने का अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

सेबी क्या है? जानिए क्या है इसका इतिहास, कार्य, संरचना, शक्तियाँ और अधिकार?

सेबी क्या है? जानिए क्या है इसका इतिहास, कार्य, संरचना, शक्तियाँ और अधिकार?

दोस्तों, अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे है या आपका कोई मित्र शेयर बाजार में निवेश करता है तो आप सेबी के बारे में अवश्य जानते होंगे या सुने होंगे। सेबी या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड एक नियामक निकाय है जो भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों और वित्तीय बाजारों को नियंत्रित करता है। यह भारतीय वित्तीय बाजारों में स्टॉक एक्सचेंज, स्टॉक, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड और लगभग हर दूसरे वित्तीय उत्पाद और खिलाड़ी सेबी द्वारा नियंत्रित होते हैं। आइए आज हम सेबी का इतिहास, संरचना, कार्यों, अधिकार और शक्तियों के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का मुख्यांश बिंदु

सेबी क्या है?

सेबी (SEBI) का पूरा नाम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड है। यह एक वैधानिक संस्था है जो भारतीय पूँजी बाजार के कामकाज को नियमित करती है और इसके साथ यह शेयर बाजार में शेयर के लेन- देन को तथा म्यूचुअल फंड का नियंत्रण करती है| इसका प्रमुख कार्य निवेशकों के हितों की रक्षा करना और समय -2 पर विभिन्न नियमों और विनियमों को लागू करके भारतीय पूँजी बाजारों को विकसित करना है। भारत में शेयर बाजार इसी संस्था के दिशा निर्देशों पर चलता है|

सेबी का इतिहास

सेबी से पहले भारतीय पूँजी बाजार कंट्रोलर ऑफ़ कैपिटल इश्यूज की एक नियामक प्राधिकरण संचालित कर रही थी इसको कैपिटल इश्यूज़ (कंट्रोल) एक्ट, 1947 के तहत अधिकार दिया गया था। सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 में हुई और भारत सरकार ने एक अध्यादेश के माध्यम से सेबी अधिनियम 1992 के तहत इसको 30 जनवरी 1992 को वैधानिक मान्यता दिया गया। सेबी का मुख्यालय मुंबई में स्थित है और इसके कुछ क्षेत्रीय कार्यालय है जो नई दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई, कोच्चि, अहमदाबाद, हैदराबाद, शिमला, जयपुर और लखनऊ में स्थित है।

सेबी का कार्य

सेबी (SEBI) वैधानिक संस्था होने के बाद इसके पास कई महत्वपूर्ण कार्य करने की शक्तियां प्राप्त हो गयी। सेबी 1992 अधिनियम में नियामक निकाय में निहित ऐसी शक्तियों की एक सूची दी गई है। सेबी के कार्य इसे प्रतिभूतियों का जारीकर्ता, निवेशकों और व्यापारियों का रक्षक और एक वित्तीय मध्यस्थ बनाते हैं। सेबी एक्ट के अनुच्छेद 11 में सेबी के कार्य को मुख्य रूप से तीन प्रकार में विभाजित किया गया है।

  1. सुरक्षात्मक कार्य (Protective Function)
  2. विनियामक कार्य (Regulatory Functions)
  3. विकासात्मक कार्य( Development Functions)

1. सुरक्षात्मक कार्य (Protective Function)

इस कार्य का उद्देश्य मुख्य रूप से वित्तीय बाजारों में व्यवसाय के कामकाज पर नज़र रखना है। इसको कुछ महत्वपूर्ण अंश इस प्रकार है -

  • शेयर मूल्यों के हेराफरी की जाँच करता है।
  • इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकता है।
  • निष्पक्ष शेयर के लेनदेन को बढ़ावा देता है।
  • निवेशकों को जागरूक करता है।
  • धोखाधड़ी और अनुचित तरीके से प्रतिभूति के लेनदेन को रोकता है।

2. विनियामक कार्य (Regulatory Functions)

इस कार्य के अंतर्गत सेबी निवेशकों तथा अन्य वित्तीय प्रतिभागियों के हितों की रक्षा करता है। कुछ महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार है -

  • यह वित्तीय मध्यस्थों और कॉर्पोरेट को उचित तरीके से काम करने का दिशा निर्देश देती है और आचार संहिता का निर्माण करती है। प्रतिभूति के लेनदेन की जांच और लेखापरीक्षा (ऑडिट) करना है।
  • एक प्लेटफार्म की व्यवस्था प्रदान करता है जहा पर पोर्टफोलियो मैनेजर, बैंकर, स्टॉकब्रोकर, निवेश सलाहकार, मर्चेंट बैंकर, रजिस्ट्रार, शेयर ट्रांसफर एजेंट और अन्य लोग एक साथ लेनदेन कर सके।
  • शेयर के एक निश्चित समय में पर्याप्त अधिग्रहण को विनियमित करना और कंपनियों का अधिग्रहण करना।

3. विकासात्मक कार्य( Development Functions)

सेबी का प्रमुख कार्यो में से विकास करना भी शामिल करना भी है इसके कुछ मुख्य बिंदु निम्नलिखित है -

  • ब्रोकर्स को प्रशिक्षण देना।
  • बाजार प्लेटफार्मों के प्रकार
  • निवेशक को निवेश के बारें में शिक्षित करना।
  • अनुसंधान का संचालन करना और शेयर बाजार के प्रतिभागियों व सभी के लिए उपयोगी जानकारी प्रकाशित करना।
  • उचित लेनदेन को बढ़ावा देना।
  • स्व-विनियमन (सेल्फ रेगुलेटरी) संगठनों को प्रोत्साहित करना।
  • ब्रोकर के माध्यम से या सीधे म्यूचुअल फंड खरीदना और बेचना।
  • निष्पक्ष लेनदेन को बढ़ावा देना।
  • धोखाधड़ी को संज्ञान में लेना और उचित कार्यवाही करना।

सेबी की संरचना

सेबी एक ऐसी संस्था है जिसका प्रबंधन उसके सदस्यों द्वारा किया जाता है। सेबी में एक कॉर्पोरेट ढांचे के तहत विभिन्न विभाग शामिल हैं जिनका प्रबंधन विभाग प्रमुखों द्वारा किया जाता है। SEBI में कुल लगभग 20 विभाग हैं। इन विभागों में कानूनी मामले, निगम वित्त, ऋण और संकर प्रतिभूतियां, प्रवर्तन, आर्थिक और नीति विश्लेषण, कमोडिटी डेरिवेटिव बाजार विनियमन और कई अन्य शामिल हैं। सेबी की एक पदानुक्रमित संरचना है जिसमें ये सदस्य शामिल हैं:

  • सेबी का प्रमुख अध्यक्ष होता है जिसे भारत की केंद्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है।
  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय संरचना के एक भाग के रूप में अपने दो अधिकारियों की नियुक्ति करता है।
  • भारतीय रिजर्व बैंक एक सदस्य की नियुक्ति करता है।
  • भारत की केंद्र सरकार पांच सदस्यों को मनोनीत करती है।

सेबी की शक्ति

सेबी को अधिनियम 1992 के तहत बहुत से शक्तियां प्राप्त है जिससे सेबी भारतीय वित्तीय बाजार को सुचारु और सशक्त रूप से संचालित कर सके। सेबी को मुख्यतः तीन शक्तियां इस प्रकार है -

सेबी को अधिनियम 1992 के तहत बहुत से शक्तियां प्राप्त है जिससे सेबी भारतीय वित्तीय बाजार को सुचारु और सशक्त रूप से संचालित कर सके। सेबी को मुख्यतः तीन शक्तियां इस प्रकार है।

  • अर्ध न्यायिक (Quasi-Judicial) – इन शक्तियों के अंतर्गत प्रतिभूति बाजार में कोई धोखाधड़ी और अनैतिक व्यवहार करता है तो सेबी के पास निर्णय लेने की शक्ति है। यह शक्तियां प्रतिभूति बाजार में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता बनाए रखने की सुविधा देती है।
  • अर्ध कार्यकारी ( Quasi-Executive)- अगर कोई व्यक्ति, कॉर्पोरेट या संस्था सेबी को नियमों, दिशा निर्देश और निर्णयों को उल्लंघन करता है तो सेबी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार रखता है। यदि यह नियमों के किसी भी उल्लंघन के लिए आता है, तो यह पुस्तकों के खातों और अन्य दस्तावेज़ों का निरीक्षण करने के लिए अधिकृत है।
  • सेबी के अध्यक्ष के पास “खोज और जब्ती संचालन” (search and seizure operations) का आदेश देने का अधिकार है। सेबी बोर्ड किसी भी प्रतिभूति लेन देन के संबंध में किसी भी व्यक्ति, कॉर्पोरेट, संस्थाओं से टेलीफ़ोन कॉल डेटा रिकॉर्ड या अनुबंध दस्तावेज जैसी जानकारी भी मांग सकता है।
  • अर्ध विधान (Quasi-Legislative)- सेबी निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियमों और विनियमों को लागू करने का अधिकार रखता है। इसके कुछ नियमों में इनसाइडर ट्रेडिंग विनियम, लिस्टिंग दायित्व और प्रकटीकरण आवश्यकताएं शामिल हैं।

सेबी का उद्देश्य शेयर भारतीय वित्तीय बाजार को निष्पक्ष और सुरक्षित करना था। सेबी की स्थापना के बाद नए कानूनों, नियमो और दिशा निर्देश के माध्यम से बहुत से सुधार कार्य हुए। सेबी समय -2 पर नए नए नियमो कर समावेश करता है। यह शेयर बाजार को सुधार करता हैं ताकि भारतीय वित्तीय बाजार निवेशकों के लिए सुरक्षित हो सके। सेबी ने शेयर बाजार को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में परिवर्तित कर दिया। आज कोई भी व्यक्ति घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से ख़ुद शेयर बाजार में निवेश कर सकता हैं। इसके अलावा, यह शेयर बाजार की नियामक प्रणाली को मजबूत करता है। यह भारतीय सिक्योरिटी मार्केट में मजबूती प्रदान करता है, जो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म की ओर अधिक निवेशकों को आकर्षित करता है। अंत में, सेबी एक शक्तिशाली निकाय है जो स्टॉक एक्सचेंजों और पूंजी बाजार में धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करता है। अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए सोच रहे है और आपको शेयर बाज़ार के बारें में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप सेबी से पंजीकृत निवेश सलाहकार की सहायता ले सकते है यह आपको सही शेयर खरीदने में सहायता करेगा।

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