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मूल्य सीमा

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नई दिल्ली, पीटीआइ। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस पर पांच साल के लिए मूल्य सीमा लागू की जा सकती है। किरीट पारेख की अगुआई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति ने इसकी सिफारिश की है। सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस यानी पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा।

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ONGC की गैस पर मूल्य सीमा की सिफारिश कर सकती है पारेख समिति, रिलायंस का नहीं बदलेगा फॉर्मूला

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पुराने क्षेत्रों से निकलने वाली प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय की जा सकती है। सरकार द्वारा किरीट पारेख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति इसकी सिफारिश कर सकती है। सीएनजी और पाइपलाइन से आने वाली रसोई गैस पीएनजी की कीमतों में नरमी लाने के लिए ऐसा किया जाएगा। हालांकि, मुश्किल क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को नहीं बदला जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि किरीट पारेख समिति को ‘भारत में गैस-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने मूल्य सीमा के लिए बाजार-उन्मुख, पारदर्शी और भरोसेमंद मूल्य निर्धारण व्यवस्था’ सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया था। समिति को यह भी तय करना था कि अंतिम उपभोक्ता मूल्य सीमा को उचित मूल्य पर गैस मिले।

प्राकृतिक गैस के लिए तय हो सकती मूल्य सीमा, CNG और PNG की कीमतों में आएगी नरमी

नई दिल्ली। सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में नरमी आ सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली प्राकृतिक गैस के लिए मूल्य सीमा तय की जा सकती है। किरीट पारेख की अगुवाई में नियुक्त गैस मूल्य समीक्षा समिति इसकी सिफारिश कर सकती है। हालांकि, मुश्किल क्षेत्रों से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य निर्धारण फॉर्मूले को नहीं बदला जाएगा।

अधिकारियों ने बताया कि किरीट पारेख समिति को भारत में गैस-आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बाजार-उन्मुख, पारदर्शी और भरोसेमंद मूल्य निर्धारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सुझाव देने का काम सौंपा गया था। अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए समिति दो अलग-अलग मूल्य निर्धारण व्यवस्था का सुझाव दे सकती है।

ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लि. (OIL) के ओल्ड फील्ड से निकलने वाली गैस के लिए मूल्य सीमा तय करने की सिफारिश की जा सकती है। इन क्षेत्रों में लंबे समय से लागत वसूली जा चुकी है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कीमतें उत्पादन लागत से नीचे नहीं गिरेंगी, जैसा कि पिछले साल हुआ था। या मौजूदा दरों की तरह रिकॉर्ड ऊंचाई तक भी नहीं बढ़ेंगी।

मूल्य सीमा

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गरीबी रेखा की गणना कैसे की जात .

भारत सरकार द्वारा प्रकाशित एक मूल्य सीमा के तहत एक व्यक्ति की आय किसी व्यक्ति की एक दिन की आय 50 रुपये से कम हो ना देश में सभी व्यक्तियों की आय औसत एक हो एक परिवार की एक दिन की आय 100 रुपये से कम हो

Solution : भारत में गरीबी रेखा .न्यूनतम आय. को परिभाषित करती है, इस न्यून आय से कम आय अर्जित करने वाले परिवारों को गरीब माना जाता है। र -तेंदुलकर समिति ने 2011 में भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत और यातायात .मासिक व्यय के आधार पर गरीबी रेखा को परिभाषित किया। इस अनुमान अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में ₹27.2 और शहरी क्षेत्रों में ₹33.3 प्रतिदिन से। व्यय करने वाले व्यक्ति को गरीबी रेखा से नीचे के रूप में परिभाषित नि गया है। वर्ष 2015 में गरीबी के मुद्दे पर नीति के तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में गठित आयोग ने तेंदुलकर समिति द्वारा तय मानको को ही आधार माना है। इस प्रकार वर्तमान में भारत में गरीबी मापने के लिए तेंदुलकर विधि का ही मूल्य सीमा प्रयोग किया जाता है।

ईयू ने गैस मूल्य सीमा तय की

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इसका उद्देश्य गैस आपूर्ति की सुरक्षा को बनाए रखना है। युद्ध की पृष्ठभूमि और ऊर्जा आपूर्ति के सैन्यीकरण के विरुद्ध, प्राकृतिक गैस की कीमतें आसमान छू रही हैं। वे ऐतिहासिक चोटियों तक पहुँचते हैं, विशेष रूप से अगस्त 2022 की दूसरी छमाही के दौरान।

यूरोपीय संघ बिजली की कीमतों पर संक्रामक प्रभाव और हेडलाइन मुद्रास्फीति में वृद्धि का अनुभव कर रहा है। यह इस बात को ध्यान में रखते हुए है कि यूरोपीय संघ आयोग इस तंत्र का प्रस्ताव करता है, जो कई प्रकार की कार्रवाइयों पर आधारित है। यह इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए है।

तंत्र गैस बाजारों में स्वचालित रूप से हस्तक्षेप करने के लिए एक अस्थायी और लक्षित साधन पर आधारित है। गैस की कीमतों में अत्यधिक वृद्धि की स्थिति में, एक महीने के टीटीएफ (टाइटल ट्रांसफर फैसिलिटी) डेरिवेटिव्स पर €275 की सुरक्षा सीलिंग कीमत तय करने की बात होगी। यह यूरोपीय संघ में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली संदर्भ गैस की कीमत है।

एक स्वचालित तंत्र

यह स्वचालित तंत्र दो शर्तों पर आधारित है। एक ओर, पहले महीने के टीटीएफ डेरिवेटिव का निपटान मूल्य दो सप्ताह के लिए €275 से अधिक है। दूसरी ओर, टीटीएफ की कीमतें दो हफ्तों में लगातार 10 दिनों के लिए एलएनजी संदर्भ मूल्य से 58 यूरो ऊपर हैं।

ऊर्जा नियामकों के सहयोग के लिए एजेंसी (ACER) यूरोपीय संघ के आधिकारिक जर्नल में तुरंत बाजार सुधार नोटिस प्रकाशित करेगी। यह आयोग, यूरोपीय प्रतिभूति और बाजार प्राधिकरण (ESMA) और यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) को सूचित करेगा। तंत्र को 1 जनवरी, 2023 से सक्रिय किया जा सकता है।

फिर, गैस की स्थिर मांग की गारंटी के लिए, सदस्य राज्यों को खपत को कम करने के लिए किए गए उपायों को सूचित करने के लिए प्रस्ताव की आवश्यकता होती है। बाजार सुधार तंत्र की सक्रियता से उनके पास दो सप्ताह की अवधि है। संभावित नकारात्मक परिणामों पर प्रतिक्रिया करने के लिए तंत्र किसी भी समय निलंबन प्रदान करता है।

पांच साल के लिए तय हो सकती है गैस के दाम

बता दें कि फ्लोर और सीलिंग प्राइस पांच साल के लिए लागू होगा, हालांकि शुरुआती विचार इसे तीन साल तक रखने के लिए था, उन्होंने कहा कि सीलिंग प्राइस को जोड़ने से सालाना एस्केलेशन क्लाज होगा। वृद्धि का सुझाव दिया जा रहा है कि पहले दो वर्षों के लिए कोई परिवर्तन मूल्य निर्धारण के साथ सालाना 0.5 अमेरिकी डालर प्रति एमएमबीटीयू या पांच वर्षों के लिए 0.25 अमेरिकी डालर प्रति एमएमबीटीयू वार्षिक वृद्धि है।

New rules from 1 December 2022, See Full Details

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