क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार

दुनिया की पहली Crypto-Currency बिटकॉइन (Bitcoin) थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। इसकी खोज जापान के सतोषी नाकमोतो नामक एक प्रोग्रामर (इंजीनियर) द्वारा की गई। बाद में कई लोगों ने अलग-अलग जगहों से क्रिप्टोकरंसी के संस्थापक (Founder) Satoshi Nakamoto होने का दावा किया।
Cryptocurrency kya hai in Hindi | Cryptocurrency के pros एवं cons in 2022
Cryptocurrency अभी बहुत से लोगो के लिए एक नया शब्द है | हालाँकि अभी हाल के दिनों से यह काफी समाचार पत्रों में आ रहा है एवं चर्चा का विषय बना हुआ है | तो आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या?(what is cryptocurrency in hindi). यह कैसे काम करता है ? यह कितना प्रकार का होता है ? आप सब इसके बारे में अवश्य ही विस्तार से जानना चाहते हैं | अगर आप Cryptocurrency के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो इस post को अंत तक पढ़े आपके Cryptocurrency को लेकर जो भी जिज्ञासा है तो उन सब का जवाब मिल जायेगा |
Cryptocurrency kya hai in hindi
Cryptocurrency क्या है ? – Cryptocurrency एक डिजिटल करेंसी है जो सिर्फ डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध है और जिसका आप physical रूप में लेन देन के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते है | क्रिप्टोकरेंसी दो शब्दों क्रिप्टो एवं करेंसी से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है गुप्त मुद्रा | क्रिप्टोक्यूरेंसी विकसित कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की एन्क्रिप्शन तकनीकों के उपयोग द्वारा बनाई गई मुद्रा है। क्रिप्टोक्यूरेंसी आधुनिक कंप्यूटिंग के वैज्ञानिक सिद्धांतों और गणितीय सिद्धांतों को संयोजन से बना है| नए जमाने की डिजिटल मुद्रा का उपयोग सामान और सेवाओं को समान रूप से खरीदने के लिए किया जा सकता है। इसे आप digital asset भी कह सकते हैं |
क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है एवं यह केंद्रीय बैंकों से स्वतंत्र हैं और विकेंद्रीकृत हैं। इसका मतलब यह है कि लोग बिना बिचौलियों के सीधे एक-दूसरे को धन भेज और प्राप्त कर सकती हैं क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार का digital मुद्रा हैं जो peer-to-peer electronic system के रूप में काम करता है और लोगों के बीच सीधे भुगतान को सक्षम बनाती है।
Cryptocurrency के pros एवं cons–
इस डिजिटल करेंसी की कुछ खूबियाँ है तो कुछ खामियां भी है| तो चलिए बिदुवार समझने की कोशिश करते हैं-
Pros–
- इसके माध्यम से आप किसी भी वितीय संस्थान को शामिल किए बिना ही आसानी से फण्ड ट्रान्सफर कर सकते हैं |
- crypto के माध्यम से फंड ट्रांसफर करने के लिए आपको बिल्कुल ही न्यूनतम या नहीं के बराबर शुल्क भुगतान करने की जरुरत पड़ती है |
- इस सिस्टम के माध्यम से भुगतान तत्काल हो जाता है |
- इसमें फ्रॉड होने की संभावना बहुत कम है |
Cons–
- यह किसी भी गवर्निंग बॉडी या सरकार के अधीन नहीं है यानि इसमें किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होने पर आप सरकार से इसकी शिकायत नहीं कर सकते हैं |
- इसके साथ ही मार्केट में उतार चढ़ाव भी एक बहुत बड़ी समस्या है |
- इसके तहत होने लेन-देन सीक्रेट होता है।
Cryptocurrency कैसे काम करता है ?
यह आधुनिक तकनीक blockchain के माध्यम से काम करता है | इसमें लेन देन का सारा रिकॉर्ड digitally maintain होता है | यह peer-to-peer system पर आधारित है जिसमे बहुत सारे computers आपस में जुड़े रहते है | इसमें रिकॉर्ड maintain करने की प्रक्रिया को cryptocurrency mining कहते हैं एवं जो लोग रिकॉर्ड maintain करने का सारा काम देखते हैं उन्हें miners कहा जाता है |
Cryptocurrency के कितने प्रकार हैं ?
वैसे तो बाज़ार में सैकड़ों Cryptocurrencies हैंजिनके के बारे में लोगों को नहीं पता होगा | लेकिन जब भी Cryptocurrencies की बात आती है दिमाग में एक ही नाम आता है Bitcoin की | हम आपको Bitcoin के अलावा कुछ ऐसे ही Cryptocurrencies के बारे में बताने वाले हैं जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और जिन्हें आप Bitcoin के अलावा भी try कर सकते हैं|
Top 10 Cryptocurrency
1. Bitcoin |
2. Ethereum |
3. Tether |
4. Binance Coin |
5. Cardano |
6. Polkadot |
7. XRP |
8. Litecoin |
9. Chainlink |
10. Bitcoin Cash |
Bitcoin क्या है ? Bitcoin कैसे खरीदें ?
Bitcoin एक Cryptocurrency है | एक ऐसी करेंसी जिस पर ना किसी सरकार ना ही किसी अथॉरिटी का नियंत्रण है | 2009 में जब Bitcoin को launch किया गया था तब इसकी मूल्य बहुत ही कम थी | परन्तु आज की तारीख में एक Bitcoin की कीमत लाखों में है |
Bitcoin की एक खासियत यह है कि ना तो इसे हैक किया जा सकता है और ना ही इसे ट्रैक किया जा सकता है | जब कोई व्यक्ति एक बैंक अकाउंट से दुसरे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर करता है तो बैंक नियंत्रक अथॉरिटी के नाते उसे ट्रैक कर लेता है | उसे सारे लेन देन का details पता रहता है| परन्तु Bitcoin के साथ ऐसा नहीं है |
Bitcoin transaction का पता नहीं लगाया जा सकता है क्योंकि Bitcoin की transactions की details एक computer पर स्टोर ना हो कर दुनिया के हजारों computers पर होता है | Bitcoin काफी वोलेटाइल होता है एवं इसका प्राइस ऊपर नीचे होते रहता है | यह डिमांड एवं सप्लाई की फार्मूला पर काम करता है | जितना ज्यादा डिमांड होगी उतनी ज्यादा प्राइस भी बढ़ेगा |
आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जो यह जानना चाहते हैं कि Bitcoin की ट्रेडिंग कैसे करें ? वैसे तो बहुत सारे applications हैं जिसकी सहायता से आप Bitcoin खरीद एवं बेच सकते हैं इसकी ट्रेडिंग करना बहुत सरल एवं आसान है और आप अपने मोबाइल फ़ोन से भी ट्रेडिंग कर सकते हैं | ऐसे बहुत सारे apps हैं जिसकी सहायता से आप Bitcoin की ट्रेडिंग कर सकते हैं | जैसे- Zebpay, Wazirx, CoinDCX आदि |
इसमें मै आपको Zebpay app की सहायता से कैसे ट्रेडिंग करें, उसके बारे में बताने वाला हूँ |
तो चलिए समझते हैं Bitcoin खरीदने एवं बेचने की पूरी प्रक्रिया |
- सबसे पहले Zebpay app डाउनलोड करें |
- उसमे एक A/C क्रिएट करें |
- A/C क्रिएट होने के बाद अपना ईमेल एड्रेस को verify कर लें |
- KYC अपडेट करें | KYC के लिए ID Document, Address Proof एवं Declaration देना होगा |
- KYC की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपको अपना बैंक A/C Add करना है |
- आपकी KYC complete होने के बाद आप उसमे पैसे डिपाजिट कर सकते हैं और वहां से Bitcoin एवं अन्य coin की खरीद बिक्री कर सकते हैं |
क्या Cryptocurrency लीगल है ?
Bitcoin को लेकर लोगों में काफी भ्रम है |लोग यह जानना चाहते हैं कि भारत में Bitcoin की ट्रेडिंग करना लीगल है या फिर नहीं | लोगों को यह भी लगता है कि यह एक प्रकार का गैंबलिंग है |
तो चलिए जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है ?
2018 में RBI के तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमे साफ़ तौर पर कहा गया था कि जो भी लोग, संस्था या फिर कोई एक्सचेंज crypto के अंदर लेन देन करते हैं उनके साथ कोई भी बैंक किसी प्रकार का लेन देन नहीं करेंगे | परन्तु हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक जजमेंट दिया जिसमे कहा गया कि RBI द्वारा बैंकों के लिए crypto को लेकर जारी किया गया सर्कुलर गलत है |
परिणामस्वरूप Bitcoin पर ट्रेडिंग करने वाले लोगों को काफी राहत मिली | जहाँ तक बात रही भारत में Bitcoin लीगल है या नहीं तो मै आपको बता देना चाहता हूँ कि भारत में Bitcoin की ट्रेडिंग लीगल है पर आप Bitcoin को किसी वस्तु या सेवा के बदले में भुगतान के लिए विनिमय के माध्यम के रूप में नहीं इस्तेमाल कर सकते हैं |
उम्मीद करता हूँ Cryptocurrency क्या है ?(cryptocurrency kya hai in Hindi) यह कैसे काम करता है ? यह किनते प्रकार का होता है ? इन सब से जुड़ी जानकारी आपको मिल गयी होगी |अगर यह आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें | इसी तरह के और भी informative ब्लॉग के लिए हमारे साइट पर दोबारा जरुर आएं और comment करके अपना फीडबैक जरुर दें | धन्यवाद !!
cryptocurrency क्रिप्टोकरेंसी क्या होता है। इसके लाभ हानि क्या है।
क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति के रूप मे है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। और जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है। आज इसके चर्चे हर जगह है।
जब यह शब्द पहले मार्केट मे आया था तो विभिन्न ‘विशेषज्ञों’ द्वारा ‘तकनीकि -बुलबुले ‘ के रूप में इसको खारिज कर दिया गया था। लेकिन अब फिर बदलते दौर मे वैश्विक हस्तियो ने इसको बढ़ावा दे दिया है।
मुद्रा किसी भी रूप में मुद्रा होती है। और जिसका उपयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाता है।
क्रिप्टो करेंसी भी उनमे से एक है जो मुद्रा का एक रूप है । और जो पैसे के रूप में कार्य करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग किया जा रहा है।
इससे डिजिटल रूप से कारोबार किया जा सकता है। और यह इस प्रकार कार्य कर रहा है।
1. विनिमय का एक माध्यम के रूप मे
2. खाते की एक इकाई के रूप मे
3. मूल्य का भंडारके रूप मे लेकिन कानूनी निविदा की स्थिति इसमे नही है।
इसको अलग अलग लोंगों के द्वारा इस प्रकार से देखा गया है।
बिल गेट्स के अनुसार
“बिटकॉइन एक तकनीकी माध्यम है जो टूर डी फोर्स हो सकता है।”
टायलर विंकलेवोस (जो की फेसबुक के सह-आविष्कारक)है उनके अनुसार –
“हमने अपना पैसा और विश्वास एक गणितीय ढांचे में लगाने के लिए इसका चुनाव किया है। जो राजनीति और मानवीय त्रुटि से मुक्त है।”
अल गोर (अमेरिका के 45वें उपराष्ट्रपति) के अनुसार –
मैं बिटकॉइन का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। इसका अर्थ यह है कि बिटकॉइन ब्रह्मांड एक एल्गोरिथ्म सरकार के कार्यों को बदल देता है। यह बहुत अच्छा है।
पीटर थिएल (पेपैल के सह-संस्थापक)के अनुसार –
“मुझे लगता है कि बिटकॉइन में दुनिया को बदलने की क्षमता है।”
जॉन मैक्एफ़ी के अनुसार –
आप बिटकॉइन को नहीं रोक सकते। यह हर जगह उपलब्ध होगाऔर इससे दुनिया को फिर से समायोजित करना होगा।
क्रिप्टोकरेंसी के फायदे –
क्रिप्टोकरेंसी को किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौगोलिक बाधा नहीं है।
क्रिप्टोकरेंसी सस्ता, सुरक्षित, तेज मुद्रा है।
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान-
क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है।
क्रिप्टोकरेंसीलेनदेन मे अपरिवर्तनीय हैं।
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अवैध गतिविधि या डार्क वेब में हो रहा है।
ब्लॉक श्रृंखला पर निर्धारित –
यह एक ऐसी गतिविधि है जहां व्यक्ति अपनी कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करके एक परेशान करने वाले 64-अंकीय हेक्साडेसिमल समीकरणों, पहेलियों और हैश के रूप में ज्ञात कोड को हल करने के लिए करता है। क्रिप्टोकरेंसी एक माध्यम है जिसमे लेनदेन को एक ब्लॉक श्रृंखला पर सत्यापित और मान्य किया जाता है। इससे एक नई क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करते हैं।
पहले बैंक था जो मुद्रा के रूप मे निवेश का माध्यम हुआ करता था। अब क्रिप्टोकुरेंसी के साथ लेनदेन सत्यापित करने के लिए कोई मध्यस्थ नहीं बचा है। दुनिया भर में ऐसे हजारों लोग हैं जो अपने लेनदेन को सत्यापित करने के लिए वहां मौजूद हैं।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता-
भारत मे ऐसा कोई कानून नहीं है जो क्रिप्टोकरेंसी की खरीद और बिक्री को प्रतिबंधित करता है। यहा पर यह परिसंपत्ति वर्ग है जहां कोई भी निवेश कर सकता है। लेकिन यहा पर इसको कानूनी निविदा नहीं माना जाता है।
भारत मे कोई भी तकनीकी रूप से क्रिप्टोकरेंसी को रोक नहीं सकता। क्योंकि इसमे किसी भी केंद्रीकृत पार्टी आदि का इसपर कोई नियंत्रण नहीं है।
भारत मे पिछले कुछ समय में क्रिप्टो करेंसी की भूमिका एक मुद्रा के रूप में कम हो गईथी जो अब फिर से बढ़ गयी है। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा है। यह सोने की तरह एक परिसंपत्ति वर्ग की तरह विकसित हो रहा है।
अब दुनिया मे यह तेजी से विकसित हो रही है। दुनिया के किसी भी देश ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। और आगे ईआई सल्वाडोर जैसे कुछ देशों ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर का दर्जा भी दे दिया है।
भारत में क्रिप्टो मुद्रा पर कर के प्रभाव और इसका स्वरूप –
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कर योग्यता की स्थिति के बारे में 23 मार्च 2021 को संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बताया था की जिसमें कहा गया है कि आयकर अधिनियम 1961 की धारा 5 के अनुसार यह कुल आय से एक व्यक्ति की सभी आय होगी। और इसके सभी स्रोत चाहे कानूनी हों या नहीं और , क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार कोई भी व्यावसायिक गतिविधि जो क्रिप्टोकरेंसी या संपत्ति से संबंधित हैउस पर जब तक कि विशेष रूप से छूट प्रदान न किया गया हो माल और सेवा कर के तहत कर योग्य है।
और इसी तरहसे “किसी भी सेवा की आपूर्ति यदि विशेष रूप से छूट प्रदान नही की गयी है तो वह जीएसटी के तहत कर योग्य है । और क्रिप्टोकुरेंसी एक्सचेंज से संबंधित किसी भी सेवा को छूट नहीं दी गई हैइसलिए यह भी कर योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खुले दिमाग से सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। और यह सुनिश्चित करेगी कि निवेशकों के हितों की रक्षा जिसमे हो उसको लागू किया जाए। आरबीआई भारत की अपनी डिजिटल मुद्रा पर भी काम कर रहा है। और सरकार ने एक अंतर-मंत्रालयी समिति की भी गठन किया गया है। जहां पर सचिवों ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2 (24) में आय की परिभाषाइस प्रकार से दी गयी है। जिसमे ‘आय’ शब्द ‘लाभ’ या ‘लाभ’ तक सीमित नहीं है। जबकि इस परिभाषा का उद्देश्य ‘आय’ के अर्थ को सीमित करना नहीं है बल्कि आय के स्त्रोत को चौड़ा करना है। भले ही एक रसीद परिभाषित किसी भी खंड के दायरे में क्यो नहीं क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार आती है। फिर भी यह आय की प्रकृति का एक हिस्सा हो सकती है। जब तक कि स्पष्ट रूप से छूट न दी गयी हो।
यदि डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में माना जाता है। तो यह आयकर अधिनियम के अनुसार कर के लिए अतिसंवेदनशील नहीं होगा। परंतु इसका प्राकृतिक अर्थ और न ही आईटी अधिनियम की धारा 2(24) में आय के रूप में क्रिप्टोकुरेंसी ‘पैसा’ या ‘मुद्रा’ मे शामिल किया गया है। हालांकि इसमें ‘मौद्रिक भुगतान’ शामिल है।
Cryptocurrency क्या है? कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान (Best Cryptocurrencies List)
सभी देशों की अपनी अलग अलग Currency (मुद्रा) होती है जिस तरह भारत में रुपया चलता है उसी तरह अमेरिका में डॉलर और अन्य देशों में अपनी अलग-अलग मुद्राएं चलती है जिन्हें आप जेब, घर अथवा बैंक में रख सकते हैं। परंतु अब बाजार में नई आभासी मुद्रा (Virtual Currency) तेजी से लोकप्रिय हो रही है जिसे क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कहा जाता है।
यह एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है जिसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह कंप्यूटर प्रोग्रामिंग द्वारा निर्मित एक डिजिटल डिजिट है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन बाजार में इसकी वैल्यू सभी भौतिक मुद्राओं से काफी अधिक है।
Top 5 Best Cryptocurrencies |
बीते सालों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज लोगों में काफी तेजी से बढ़ा है और लोग इस डिजिटल करेंसी की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं तथा की कीमत में काफी तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है ऐसे में लोग इसे इन्वेस्टमेंट का सबसे बढ़िया जरिया बता रहे हैं।
इस Digital Currency को लेकर कई अवैध गतिविधियों के मामले भी तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में सरकार ने पहले प्राइवेट क्रिप्टो-करेंसी को भारत में बैन करने का फैसला लिया तथा और सरकारी क्रिप्टोकरंसी को लॉन्च करने की बात कही थी। अब सरकार इसके इस्तेमाल को लेकर एक बिल ला रही है।
आज के इस लेख में हम आपको क्रिप्टो-करेंसी या आभासी मुद्रा क्या है? (Crypto currency in Hindi) यह कैसे काम करता है? और Best Cryptocurrencies की जानकारी देने जा रहे हैं जहां इसके फायदे (Benifits) और नुकसान के बारे में भी आपको जानकारी मिलेगी।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है? (Cryptocurrency in Hindi)
Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी एक आभासी मुद्रा है, जो पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक कैश सिस्टम पर काम करती है। इसे कंप्यूटर एल्गोरिथ्म की मदद से बनाया गया है जिसमें क्रिप्टोग्राफी और ब्लॉकचैन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाता है।
यहां होने वाले ट्रांजैक्शन डिजिटल सिगनेचर द्वारा वेरीफाई किये जाते है, और ब्लॉकचेन तकनीक की मदद से इसका पूरा लेखा-जोखा रखा जाता जिसे ledger (बही खाता) कहते है। यह विकेंद्रीकृत (Decentrallized) प्रणाली पर काम करती है इसलिए अधिकतर क्रिप्टो करेंसी स्वतंत्र होती है और इसे किसी वित्तीय संस्थान या अथॉरिटी द्वारा काबू नहीं किया जाता।
हालंकि इसका कोई भौतिक आस्तित्व नहीं है इसलिए इसे डिजिटल करंसी (E-currency) के तौर पर जाना जाता है। इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल लेन-देन और इन्वेस्टमेंट करने के लिए किया जा सकता है।
दुनिया की पहली Crypto-Currency बिटकॉइन (Bitcoin) थी जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई। इसकी खोज जापान के सतोषी नाकमोतो नामक एक प्रोग्रामर (इंजीनियर) द्वारा की गई। बाद में कई लोगों ने अलग-अलग जगहों से क्रिप्टोकरंसी के संस्थापक (Founder) Satoshi Nakamoto होने का दावा किया।
क्रिप्टो करेंसी कैसे काम करती है? (Crypto Mining in Hindi)
क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन में Peer to Peer तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और Crypto currency आम लोगों के बीच बटे Blockchain की मदद से भेजा जाता है, यहाँ सभी लेन-देन का हिसाब इस Blockchain में रखा जाता है।
प्रत्येक लेनदेन पर नजर बनाए रखने और इस ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाए रखने के लिए इसे वेरीफाई किया जाता है जिसे पावरफुल कंप्यूटर पर बैठे हजारों लोग करते हैं जिन्हें माइनर्स (Crypto Minners) कहा जाता है।
Crypto Mining किसे कहते है: कंप्यूटर की मदद से क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन को हल करके ई-करेंसी ट्रांजैक्शन को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने या CryptoCurrency प्राप्त करने की प्रक्रिया को क्रिप्टो माइनिंग/खनन (Crypto Mining) कहा जाता है।
List Best Cryptocurrencies to Buy in 2021
Bitcoin के अलावा दुनिया भर में 1000 से अधिक क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है, जिनमें से कुछ पॉपुलर Cryptocurrencies है: Ethereum, Ripple, Monero, Litecoin, आदि।
Top 5 Best Cryptocurrencies |
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Bitcoin (BTC): बिटकॉइन ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर आधारित एक डिजिटल करेंसी है जिसका आविष्कार ‘सतोषी नाकमोतो‘ नामक एक प्रोग्रामर ने किया था। इसका आदान-प्रदान पियर-टू-पियर तकनीक के जरिए होता है।
बीते साल 2019 में Facebook ने भी Libra Cryptocurrency को Launch करने का ऐलान किया था।
क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल (Use of Crypto Currency)
- Remitance: बिटकॉइन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रेमिटेंस (विदेश से आने वाले पैसे) के क्षेत्र में होता है क्योंकि यहाँ बैंक के मुकाबले काफी कम चार्ज लिया जाता हैं। जब विदेशी लोग बैंक के जरिए यह पैसा अपने देश भेजते हैं तो इस पर बैंक 5% से 30% तक फीस लेती है। तो वही सामान्य मनी ट्रांसफर की फीस 10% होती है।
CryptoCurrency के फायदे (Benifits)
- क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में आसानी होती है।
बिटकॉइन के नुकसान (Disadvantages of Crypto)
- बिटकॉइन का सबसे बड़ा नुकसान यही है कि इसे किसी सरकार या अथॉरिटी द्वारा Manage नहीं किया जाता, इसीलिए इसकी कीमत में अचानक उछाल और गिरावट देखने को मिलती है। ऐसे में यहां इन्वेस्ट करना जोखिम भरा हो सकता है।
क्या India में Cryptocurrency Legal है?
दुनिया भर के 90 से अधिक देश आज क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं परंतु कुछ देशों में यह कानूनी रूप से सही (Legal) ठहराया गया है तो इसे कुछ देशों में अवैध (Illegal) घोषित किया गया है। क्योंकि वहां अब तक इसे लेकर कोई कानूनी मान्यता या फैसला नहीं हुआ क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार है। हालाँकि India में Cryptocurrency Legal (मान्य) है।
भारत में वर्ष 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया गया था, जिसके बाद वर्ष 2019 में आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक के ड्राफ्ट में प्रस्ताव पास कर Cryptocurrency की खरीद फरोख करने वालों को 10 साल की सजा का प्रावधान लाया गया। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टोकरेंसी (आभासी मुद्रा) पर लगे आरबीआई के बैन को हटाते हुए इससे ट्रेड करने की मंजूरी दे दी गयी।
फरवरी 2021 में सरकार ने प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी को बैन कर दिया है और सरकारी क्रिप्टो करेंसी को लॉन्च करने की तैयारी में है। यानी अब Bitcoin की तरह ही भारत की अपनी खुद की डिजिटल करेंसी होगी और हो सकता इसके बाद बिटकॉइन को भारत में पूर्ण रूप से बैन कर दिया जाए। एक रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल करेंसी के संबंध में भारत में तेजी से काम चल रहा है।
अंतिम शब्द
आने वाला युग डिजिटल करेंसी का युग होने जा रहा है ऐसे में यदि आप भी क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करना चाहे तो कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे यह फायदेमंद होने के साथ ही जोखिम भरा भी हो सकता है।
नोट: यदि आपके पास खोने के लिए कुछ पैसे है तो आप उसे यहां इन्वेस्ट कर सकते हैं कभी भी उधार लेकर या लोन पर लिए गए पैसों को इस तरह के इन्वेस्टमेंट में लगाने से बचें। केवल वही राशि निवेश करें जिसका आप वहन कर सकते हैं।
भारत भी अब क्रिप्टो करेंसी को स्वीकार चुका है ऐसे में आपको क्रिप्टोकरंसी क्या है? यह कैसे काम करती है? और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी के बारे में तथा इसके फायदे एवं नुकसान के बारे में भी आपको पता होना चाहिए इसलिए यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी जरूर शेयर करें।
क्रिप्टोकरेंसी - ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है?
बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाला एक डेटाबेस
क्रिप्टोकरेंसी शब्द आज के वक्त में बहुत ज्यादा पॉपुलर हो गया है, इसके पीछे ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी का ही हाथ है।क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता वित्त में ब्लॉकचेन की उपयोगिता को साबित कर रही है। यह बिना किसी वित्तीय मध्यस्थता के आधार पर वित्तीय लेन-देन का रिकॉर्ड रखने वाला एक डेटाबेस है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें जानकारी को रिकॉर्ड करके रखने में मदद मिलती है। इस सिस्टम में जानकारी कुछ इस प्रकार रिकॉर्ड की जाती है कि न तो इसे कोई हैक कर सकता है और न ही इसमे कोई बदलाव कर सकता है। ब्लॉकचेन एक स्पेसिफिक टाइप का डेटाबेस है जो हर ट्रांजैक्शन को स्टोर रखता है, ब्लॉकचेन में जो ब्लॉक होते हैं वह मॉनिटरी ट्रांजैक्शंस के डाटा को स्टोर करते हैं!
आखिर इसको ब्लॉकचैन का नाम क्यों दिया गया? : जिस प्रकार हजारों-लाखों कंप्यूटरों को आपस में एक साथ जोड़कर इंटरनेट की शुरुआत हुई , ठीक उसी प्रकार से डाटा ब्लॉकों को जोड़कर ब्लॉकचैन की शुरूआत हुई। इस टेक्नोलॉजी में डाटा ब्लॉक में स्टोर किया जाता है जो एक तरीके का डेटा का चेन बनाते हैं, और ये ब्लॉक्स एक-दूसरे से जुड़े होते हैं। इसी लिए इसे ब्लॉकचेन का नाम दिया गया है।
ब्लॉकचैन कितना सुरक्षित है? : ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक विकेन्द्रीयकरण (de-centralized) प्रणाली पर काम करती है। विकेन्द्रीयकरण (de-centralized) प्रणाली का मतलब यह है कि इस पर किसी व्यक्ति या विशेष का कंट्रोल नहीं होता। क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम लेन-देन को अपरिवर्तनीय बनाता है – जिसमें किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है। जब कोई ट्रांससेशन होता है तो उसकी कॉपी पूरे नेटवर्क के पास उपलब्ध होती हे, हर ब्लॉक अपने से पीछे वाले ब्लॉक की हेश आईडी रखता है। यदि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के एक हिस्से को हैक कर लिया जाए तो इससे दूसरे हिस्से प्रभावित नहीं होते! दूसरे शब्दों में, एक बार श्रृंखला पर बनाए गए ब्लॉक को बदला नहीं जा सकता है। दुनिया भर में इसके लाखों नोड हैं जो सिस्टम पर होने वाले सभी ट्रांजैक्शन का ट्रैक रिकॉर्ड रखते हैं। इसका उदाहरण नीचे देखा जा सकता है।
बैंकिंग क्षेत्र - ब्लॉकचेन तकनीक भुगतान भेजने का एक सुरक्षित और सस्ता तरीका प्रदान करती है जो तीसरे पक्ष से सत्यापन की आवश्यकता को कम करती है और पारंपरिक बैंक हस्तांतरण के लिए प्रसंस्करण समय को मात देती है। ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के जरिये देश या विदेश में कुछ ही मिनटों में पैसा भेजा जा सकता है। ब्लॉकचेन बैंकिंग और उधार सेवाओं को सरल कर क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार सकता है, प्रतिपक्ष जोखिम को कम कर सकता है। प्रमाणित दस्तावेज और केवाईसी/एएमएल डेटा, परिचालन जोखिमों को कम करने और वित्तीय दस्तावेजों के वास्तविक समय सत्यापन की पिरक्रिया में बहुत तेजी ला सकता है।
वोटिंग के लिए - चुनावों में वोट देने और उनकी गणना के लिए ब्लॉकचैन लागू किया जा सकता है। इसी साल अमेरिका के चुनावों की गणना में एक हफ्ते का समय लग गया था। ब्लॉकचैन टेक्नॉलजी के माध्यम से इस प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। भविष्य में ब्लॉकचेन तकनीक का प्रयोग कर इन सब को और मजबूती देना संभव हो सकता है। लेकिन इसके लिये सही दिशा में सही समय पर सही कदम उठाना जरूरी होगा।
नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) : NFT एक तरीके के डिजिटल टोकन होते हैं, जिन्हें असली चीजों यानी कि किसी पेंटिंग, गेम, म्यूजिक, मीम, कार्ड्स वगैरह चीजों से असाइन किया जाता है। कोई भी क्रिएटिव शख्स अपनी NFT बना कर बेच सकता हैं। हाल ही में सलमान खान ने अपनी खुद की NFT को बाजार में बेचना सुरु किया है।
शिक्षा (Education) : शिक्षा के क्षेत्र में भी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी बहुत बड़ा बदलाव ला सकती है। कोई भी यूनिवर्सिटी अपने विद्यार्थियों के सारे रिकॉर्ड ब्लॉकचैन के ऊपर स्टोर कर सकती है। हाल ही में CBSE बोर्ड ने ब्लॉकचैन का उपयोग किया है। ऐसे में ब्लॉकचैन का इस्तेमाल करके फर्जी कागजातों और डिग्रियों को रोका जा सकता है।
अर्थव्यवस्था और गवर्नेंस में ब्लॉकचेन : भारत के प्रधानमंत्री ने हमेशा डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कई बार ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के बारे में ट्वीट भी किये हैं। अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का उपयोग हो सकता है।
पुष्पेंद्र सिंह SmartViewAi.com के संस्थापक हैं जो भारत में क्रिप्टो और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के प्रति अपने यूट्यूब चैनल (PUSHPENDRA SINGH DIGITAL) के जरिये लोगों को जागरूक कर रहे हैं। आईटी की दुनिया से आने वाले पुष्पेंद्र सिंह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी/डेफी के महत्व को समझते हैं और इससे परिचित हैं। उन्हें ब्लॉकचैन और क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का 10 से अधिक वर्षों का अनुभव है। अपने खाली समय में, उन्हें ब्लॉकचैन जागरूकता YouTube लाइव वीडियो हिंदी में बनाने में मज़ा आता है। उनके चैनल को हर महीने लाखों में व्यूज मिलते हैं।
Investment in Crypto Currencies: BitCoin में निवेश का स्टेपवाइज प्रॉसेस, इन तीन चार्जेज के बारे में भी जानकारी है जरूरी
Investing in Crypto Currencies: भारत में बिटक्वाइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर निवेशक आकर्षित हुए हैं लेकिन अधिकतर के मन में यह सवाल रहता है कि इसकी शुरुआत कैसे की जाए.
दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है.
Investing in Crypto Currencies: भारत समेत दुनिया भर में निवेशकों के बीच बिटक्वाइन (BitCoin) जैसी क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. पिछले कुछ वर्षों में इसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है जिसे कंप्यूटर पर जटिल समीकरणों को हल कर माइन किया जाता है. इसे माइन करने वाले यानी माइनर्स को रिवार्ड के तौर पर क्रिप्टो करेंसी मिलती है लेकिन जिन्हें तकनीकी समझ नहीं है, वे भी क्रिप्टो हासिल कर सकते हैं. जिस प्रकार कंपनी के शेयरों की बीएसई और एनएसई जैसे एक्सचेंजों पर खरीद-बिक्री होती है, वैसे ही क्रिप्टो एक्सचेंजों पर बिटक्वाइन जैसे क्रिप्टो की खरीद-बिक्री होती है यानी कि आपको अगर बिटक्वाइन में निवेश करना है तो किसी एक्सचेंज पर जाकर आसानी से इसमें पैसे लगा सकते हैं.
इस प्रकार कर सकते हैं क्रिप्टो में निवेश
क्रिप्टों में निवेश के लिए वजीरएक्स (WazirX), क्वाइनडेक्स (Coindex), जेबपे Zebpay, क्वाइनस्विच कुबेर (Coin Switch Kuber) और यूनोकॉइन UnoCoin जैसे एक्सचेंज हैं. क्रिप्टो में निवेश के लिए पहले आपको एक्सचेंज की साइट पर जाकर पर्सनल डिटेल्स के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा.
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- क्रिप्टो करेंसी की वेबसाइट पर जाकर साइन अप करिए.
- फिर ई-मेल वेरिफिकेशन के बाद सिक्योरिटी पेज आएगा जिसमें ऐप, मोबाइल एसएमएस या कोई सिक्योरिटी विकल्प न चुनने का विकल्प आएगा.
- सिक्योरिटी विकल्स को ओके करने के बाद देश चुनने और केवाईसी चुनने का विकल्प मिलेगा. केवाईसी के तहत पर्सनल और कंपनी में से किसी एक को चुनना होता है जो बाय डिफॉल्ट पर्सनल पर होता है.
- केवाईसी के लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारियां जैसे कि नाम, जन्म तिथि, पता, पैन कार्ड, आधार (ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट) की डिटेल्स के साथ पैन कार्ड की फोटो, आधार कार्ड के फ्रंट व बैक साइड के साथ सेल्फी अपलोड करनी होती है.
- अकाउंट वेरिफाई होने के बाद आप क्रिप्टो में खरीदारी कर सकते हैं और इसका भुगतान अपने बैंक खाते से करना होगा.
क्रिप्टो ट्रेडिंग पर ये हैं चार्जेज
- एक्सचेंज फीस: क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है. फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
- नेटवर्क फीस: क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है. आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए यह फीस दी जाती है.
- वॉलेट फीस: क्रिप्टो करेंसी को ऑनलाइन बैंक खाते के समान एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं. क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.क्रिप्टोकरेंसी क्या है और उनके प्रकार
(यहां दी गई जानकारी एक्सचेंजों की वेबसाइट से ली गई है. निवेश शुरू करने की जो प्रक्रिया है, वह अलग-अलग एक्सचेंज पर थोड़ी भिन्न हो सकती है. लेख के जरिए आपको निवेश की कोई सलाह नहीं दी जा रही है और यह महज जानकारी के लिए है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)
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