एक बेहतर ब्रोकर चुनें

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सुरक्षित ट्रेडिंग के लिए चुनें सिर्फ EagleFX
EagleFX के 5,000 से अधिक ग्राहक है। पिछले 2 वर्षों में ब्रोकर ट्रेडर्स के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है क्योंकि यह कुछ बहुत ही अनोखी सेवाएं प्रदान करता है। ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर का दृष्टिकोण और उसके पावरफुल स्वयं से चलने वाले सॉफ़्टवेयर टूल्स ग्राहकों के लिए काफी लाभकारी हैं। सिंपल फंक्शनैलिटी, ग्रेट कस्टमर सर्विस, अच्छे रिटर्न और लिवरेज की शर्तें ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उनके लिए प्रचलित विशेषताएं हैं। अन्य ब्रोकर के विपरीत, EagleFX कोई कमीशन नहीं लेता है। इसके अलावा, नए खाताधारकों के लिए, वे उसी दिन विड्रोल की पेशकश करते हैं। यह उन विशेषताओं में से एक है जिसने ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है।
इस ब्रोकर के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- 5,000 से अधिक ग्राहक विश्वास करते हैं।
- नेगेटिव बैलेंस में सुरक्षा प्रदान करता है।
- इनएक्टिविटी शुल्क नहीं लेता है।
- कोई डिपॉजिट शुल्क नहीं
- सबसे अच्छा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म MT4, वेब ट्रेडर प्रदान करता है।
- टैबलेट और मोबाइल पर उपलब्ध।
- 100 ट्रेडिंग टूल्स हैं।
- प्रमुख फॉरेन करंसी पेयर्स, नॉर्मल फॉरेन करेंसी पेयर्स, और फॉरेन करेंसी पेयर्स के साथ ट्रेडिंग करता है। एक बेहतर ब्रोकर चुनें
- क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेडिंग
- लगभग 734.34 रुपए की न्यूनतम डिपॉजिट अमाउंट के साथ ट्रेडिंग करना शुरू करें।
- रेटिंग 4/5 है।
- ट्रेड के लिए 50 फॉरेन करेंसी पेयर्स प्रदान करता है।
EagleFX ट्रेड के लिए उपलब्ध टूल्स की 100 से अधिक प्रकारों की पेशकश करता है। इस ब्रोकर के साथ काम करना सुरक्षित है क्योंकि इसमें कोल्ड स्टोरेज की अनूठी विशेषताएं हैं। यहां ग्राहक अपनी बचत को बिना किसी डर के स्टोर कर सकते हैं। वे कुछ देशों में रेगुलेटरी रेस्ट्रीकेशन के कारण विभिन्न बिजनेस टूल्स प्रदान करते हैं।
शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.
Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.
अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.
कैसे करें निवेश (How to Invest in Share Market)
ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकता है. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. ऑफलाइन ट्रेडिंग में विशेष रूप से दलालों को निर्देश देते हैं. दलाल ब्रोकिंग एजेंसी पर निर्भरता बनाते हैं. ऑनलाइन खाते से ये निर्भरता खत्म हो जाती है.
डिस्काउंट ब्रोकर (Broker in Share Market)
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. आपको निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते. ईमेल पर इलेक्ट्रोनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलता है.
डिस्काउंट ब्रोकर कब चुनें
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं
फुल सर्विस ब्रोकर (Full Service broker in share market)
फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. ये निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देते हैं और IPO भरने की सुविधा-सलाह भी देते हैं. बाजार से जुड़ी खबरों के बारे में निवेशकों को बताना इनकी ड्यूटी होती है.
आपको बाजार की उथल-पुथल की समझ नहीं है और बाजार की हलचल नहीं समझ पाते हैं तो फुल सर्विस ब्रोकर का चुनाव बेहतर होता है.
ब्रोकिंग चार्जेज (Broking Brokerage Charges)
अक्सर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स रखते हैं. चार्जेज कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. इसलिए ब्रोकर को चुनने से पहले उसके चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता कर लें.
ब्रोकर को चुनने से पहले उसके बारे में जान लें. बाजार में उसकी छवि कैसे, ये भी देख लें. ब्रोकर की सेवाओं, सुविधाओं से संतुष्ट होने पर ही उसकी सर्विस लें.
पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
पावर ऑफ अटॉर्नी एक लीगल डॉक्युमेंट होता है. दूसरे व्यक्ति को अकाउंट ऑपरेट करने का अधिकार मिलता है. पावर ऑफ अटॉर्नी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक अधिकार होता है.
शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के दौरान कई बार पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. आप शेयर बेच रहे हैं या शेयर्स को प्लेज करना है, वहां पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. ऑनलाइन इन्वेंस्टमेंट के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. ऑफलाइन इन्वेस्टेमेंट में इंस्ट्रक्शन स्लिप भेजनी पड़ती थी. ऑनलाइन ब्रोकिंग में ऑफलाइन मेथड प्रभावी नहीं होता है.
स्टॉक ब्रोकिंग के बारे मे कितना जानते हैं आप? शेयर मार्केट की जानकारी रहती है इनके पास
आज के युग मे मार्केटिंग, बैंकिग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर माना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा।
दरअसल, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रोसेस को 'स्टॉक ब्रोकिंग' कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक मार्केट की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5-10 फीसदी एक बेहतर ब्रोकर चुनें से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यु 19-20 हजार करोड़ के आस-पास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग की फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।
स्टॉक ब्रोकर किसे कहते हैं?
स्टॉक ब्रोकर वो होता है जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखता है। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और आपके यह दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है।
वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहें उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय एक बेहतर ब्रोकर चुनें दे सकता है जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।
कोर्सेसस्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग एंड फाइनेंस में डिप्लोमा कर सकते है। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग आपरेशंस, फाइने फाइनेस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
योग्यता
ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंक के साथ उर्तीण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को बिजनेस अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रा में रूचि होनी चाहिए।
प्रमुख संस्थान
गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
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टीकेडब्ल्यूएस इंस्टिट्यूट ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस, नई दिल्ली,
www.tkwsibf.edu.in -
आज के युग मे मार्केटिंग, बैंकिग, स्टॉक ब्रोकिंग, अकाउंटेंसी के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन प्रगति हो रही है साथ ही इन क्षेत्रों में करियर के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं। कॉमर्स स्ट्रीम के छात्रों के लिए स्टॉक ब्रोकर एक आकर्षक करियर माना जाता है। अगर आप यह समझते हैं कि सेंसेक्स और निफ्टी कैसे काम करता एक बेहतर ब्रोकर चुनें एक बेहतर ब्रोकर चुनें है और आपको इन सब क्षेत्रों में रुचि है तो स्टॉक ब्रोकिंग क्षेत्र का चयन करना आपके करियर के लिए यकीनन सही होगा।
दरअसल, स्टॉक्स और अन्य सिक्योरिटीज को खरीदने और बेचने की प्रोसेस को 'स्टॉक ब्रोकिंग' कहा जाता है। हमारे देश में स्टॉक एक बेहतर ब्रोकर चुनें मार्केट की फील्ड में स्टूडेंट्स के लिए बहुत अच्छे करियर ऑप्शन्स उपलब्ध हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 में इंडियन ब्रोकिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट (पिछले वर्ष की मॉडरेट ग्रोथ रेट) 5-10 फीसदी से ज्यादा है और एस्टीमेटेड रेवेन्यु 19-20 हजार एक बेहतर ब्रोकर चुनें करोड़ के आस-पास रहेगा। इसलिए, भारत में स्टॉक ब्रोकिंग की फील्ड में कैंडिडेट्स का भविष्य आशाजनक है और कुछ वर्षों के वर्क एक्सपीरियंस के बाद इन प्रोफेशनल्स को काफी अच्छा सालाना सैलरी पैकेज भी मिलता है।
स्टॉक ब्रोकर किसे कहते हैं?
स्टॉक ब्रोकर वो होता है जो शेयर मार्केट में अपने क्लाइंट के लेन-देन के मामलों को देखता है। एक स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक के बीच एक कड़ी का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी निवेशक अपना सौदा शेयर मार्केट में नहीं डाल सकता है। अगर आप शेयर मार्केट में कदम रखना चाहते हैं तो आपको एक डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है, और आपके यह दोनों अकाउंट एक स्टॉक ब्रोकर संभालता है।
वह अपने क्लाइंट को शेयर मार्केट में हो रहें उतार-चढ़ाव की भी जानकारी देता है। वह शेयर मार्केट में कब, कैसे, क्यों पैसे निवेश करना चाहिए यह भी बताता है। अगर किसी को शेयर मार्केट में निवेश करना हो तो स्टॉक ब्रोकर ही सही राय दे सकता है जिससे कि निवेश करने वाले व्यक्ति को फायदा हो।
कोर्सेसस्टॉक ब्रोकर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए उम्मीदवार बैंकिंग एंड फाइनेंस में डिप्लोमा कर सकते है। यह एक वर्ष का कोर्स होता है। इसमें बैंकिंग आपरेशंस, फाइने फाइनेस जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।
योग्यता
ग्रेजुएशन कर चुके छात्र और ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र पीजी डिप्लोमा इन बैंकिंग एंड फाइनेस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं और स्टॉक ब्रोकर बनने की दिशा में अपना पहला कदम रख सकते हैं। इस कोर्स के लिए छात्र को कॉमर्स स्ट्रीम से 50 प्रतिशत अंक के साथ उर्तीण होना चाहिए। इस फील्ड में करियर बनाने वाले छात्रों को बिजनेस अकाउंटिंग और फाइनेंस जैसे क्षेत्रा में रूचि होनी चाहिए।
शेयर बाजार में करनी है एंट्री, ऑनलाइन या ऑफलाइन निवेश क्या है फायदेमंद, जानें यहां
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और एक बेहतर ब्रोकर चुनें बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं.
Share Market Investment: शेयर बाजार इन दिनों गुलजार है, निवेशकों की बहार है. मार्केट की मदमस्त चाल से निवेशक मालामाल हो रहे हैं. ऐसे में अगर आप भी स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एंट्री का अच्छा मौका है.
अब सवाल उठता है कि शेयर मार्केट में ब्रोकर के जरिए निवेश करना चाहिए या खुद भी इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. अगर खुद निवेश करते हैं तो ऑनलाइन या ऑफलाइन, कैसे निवेश करना चाहिए. निवेश के दौरान पावर ऑफ अटॉर्नी का क्या महत्व है. इन तमाम बातों के बारे में चर्चा कर रहे हैं Zerodha के सह-संस्थापक निखिल कामथ.
कैसे करें निवेश (How to Invest in Share Market)
ऑनलाइन निवेशक खुद ट्रेडिंग कर सकता है. जबकि, ऑफलाइन में ब्रोकर की सेवाएं लेनी पड़ेंगी. ऑफलाइन ट्रेडिंग में विशेष रूप से दलालों को निर्देश देते हैं. दलाल ब्रोकिंग एजेंसी पर निर्भरता बनाते हैं. ऑनलाइन खाते से ये निर्भरता खत्म हो जाती है.
डिस्काउंट ब्रोकर (Broker in Share Market)
डिस्काउंट ब्रोकर आपके आदेशानुसार सिर्फ शेयरों की खरीद-फरोख्त करते हैं. आपको निवेश या ट्रेडिंग की सलाह नहीं देते. ईमेल पर इलेक्ट्रोनिक कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलता है.
डिस्काउंट ब्रोकर कब चुनें
बाजार की उथल-पुथल को समझते हैं और बाजार की हलचल की समझ रखते हैं तो आप डिस्काउंट ब्रोकर का चुनाव कर सकते हैं
फुल सर्विस ब्रोकर (Full Service broker in share market)
फुल सर्विस ब्रोकर आपको निवेश आइडिया भी देते हैं. ये निवेश या ट्रेडिंग की सलाह देते हैं और IPO भरने की सुविधा-सलाह भी देते हैं. बाजार से जुड़ी खबरों के बारे में निवेशकों को बताना इनकी ड्यूटी होती है.
आपको बाजार की उथल-पुथल की समझ नहीं है और बाजार की हलचल नहीं समझ पाते हैं तो फुल सर्विस ब्रोकर का चुनाव बेहतर होता है.
ब्रोकिंग चार्जेज (Broking Brokerage Charges)
अक्सर ब्रोकर्स अपना ब्रोकिंग चार्ज फिक्स रखते हैं. चार्जेज कारोबार के वॉल्यूम और फ्रीक्वेंसी पर भी निर्भर करते हैं. इसलिए ब्रोकर को चुनने से पहले उसके चार्जेज के बारे में अच्छी तरह से पता कर लें.
ब्रोकर को चुनने से पहले उसके बारे में जान लें. बाजार में उसकी छवि कैसे, ये भी देख लें. ब्रोकर की सेवाओं, सुविधाओं से संतुष्ट होने पर ही उसकी सर्विस लें.
पावर ऑफ अटॉर्नी (Power of Attorney)
पावर ऑफ अटॉर्नी एक लीगल डॉक्युमेंट होता है. दूसरे व्यक्ति को अकाउंट ऑपरेट करने का अधिकार मिलता है. पावर ऑफ अटॉर्नी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक एक बेहतर ब्रोकर चुनें अधिकार होता है.
शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट के दौरान कई बार पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. आप शेयर बेच रहे हैं या शेयर्स को प्लेज करना है, वहां पावर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. ऑनलाइन इन्वेंस्टमेंट के लिए पॉवर ऑफ अटॉर्नी की जरूरत होती है. ऑफलाइन इन्वेस्टेमेंट में इंस्ट्रक्शन स्लिप भेजनी पड़ती थी. ऑनलाइन ब्रोकिंग में ऑफलाइन मेथड प्रभावी नहीं होता है.