जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग

Cancer Monthly Horoscope : कर्क राशि वालों की आध्यात्मिक गतिविधियों में बढ़ेगी रुचि, जानिए क्या है मासिक राशिफल
Cancer Monthly Horoscope : कर्क राशि वालों के लिए यह मार्च 2022 कैसा रहेगा, आइए जानते हैं कर्क राशि का मासिक राशिफल.
By: पं. शशिशेखर त्रिपाठी | Updated at : 27 Feb 2022 01:01 PM (IST)
Cancer Monthly Horoscope : इस माह एक तरफ जहां बहुत खर्चे होंगे, तो वहीं दूसरी तरफ अचानक धन लाभ के भी योग बनते नजर आ रहे हैं. कठिन मुश्किलों के बाद भी आप अपना काम करने में सफल होंगे. अवरोधों को समाप्त करने में ग्रहों का सपोर्ट मिल सकता है. आध्यात्मिक मामलों में गहरी रुचि होगी, ऐसे में मनपसंद पुस्तकों को खरीदना और धार्मिक यात्रा करना चाहिए. आपसे बड़ी संख्या में लोग मिलेंगे साथ ही उनसे आपको लाभ भी होता दिखाई देगा. लोकप्रियता में वृद्धि होगी और माह के उत्तरार्ध में मान-सम्मान के साथ अर्थ-लाभ में भी वृद्धि होगी. ग्रहों का कांबिनेशन आपको मल्टी टाक्स कराएंगा. माह का दूसरा सप्ताह ख्याति या प्रतिष्ठा के बल पर अपना काम निकालने में सफल होंगे.
आर्थिक एवं करियर- इस माह कर्मक्षेत्र में जो मित्र और सहयोगी आदि हैं वह सामंजस्य की स्थिति में चल रहे हैं जिनसे आपको लाभ होगा. जिन महिलाओं की जॉब छूट गयी थी उनको इस ओर पुनः विचार करना चाहिए, ग्रहों की स्थिति को देखते हुए नया ऑफर प्राप्त हो सकता है.ऑफिशियल कार्य को लेकर अलर्ट रहें नहीं तो महत्वपूर्ण सूचना मिस हो सकती है जिसकी वजह से नौकरी से संबंधित परेशानियाँ हो सकती हैं. दिमाग काफी एक्टिव रहेगा इसलिए व्यापार को बढ़ाने के लिए निर्णय लेने होंगे. पैतृक कारोबार करने वालों को पारिवारिक विवादों से दूर रहना चाहिए, ध्यान रहें घर की समस्या व्यापार को क्षति न पहुंचाए. खुदरा व्यापारियों को पैसे का लेन-देन लिखित रूप में करना चाहिए, यदि आप बड़े व्यापारियों से सामान उधार में लेते हैं तो पर्चा अवश्य बना लें.
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य संबंधित समस्या परेशान कर सकती है खासकर इस बार सर्दी जुकाम को अनदेखा न करें. यूरिन इन्फेक्शन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में पानी का सेवन अधिक करना चाहिए और साफ-सफाई का भी ध्यान रखें. खानपान में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले रोग दस्तक दे सकते हैं. माह मध्य में खानपान को लेकर अलर्ट रहें, अधिक चिकनाई युक्त भोजन से इस माह परहेज करना आवश्यक है, क्योंकि पेट संबंधित दिक्कत हो सकती है. माह अंत में सिर दर्द परेशानी का कारण बन सकती है. गर्भवती महिलाओं को सजग रहना होगा, फिसलन और ऊंचाई वाले स्थान से दूर रहना चाहिए. छोटे बच्चों पर भी पैनी निगाह रखनी चाहिए, ऊंचाई से गिरकर खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं. रसोई घर में काम करते समय धारदार चीजों को इस्तेमाल करते समय अलर्ट रहने की सलाह है.
परिवार एवं समाज- इस माह घरेलू सामान की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं. लोग आपको कुछ न कुछ भेंट करते रहेंगे. जिन लोगों का इस माह जन्मदिन है, उन्हें अपनों से मनचाहा उपहार प्राप्त होगा. आपका अपनी चादर से ज्यादा पैर पसारना ठीक नहीं है, साथ ही अपनी जेब के अनुसार ही खर्च करें. ससुराल पक्ष में कोई मांगलिक आयोजन की सूचना मिल सकती है. घर में खुशियों का माहौल रहेगा. पुराना ऋण परेशानी खड़ी कर सकता है, उसको खत्म करने की योजना तैयार करें. माह के अंतिम दिनों में सदस्यों के साथ तनाव की स्थिति बन सकती है. छोटी-छोटी बातों को लेकर पारिवारिक सदस्यों से विवाद होने की आशंका है.
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Published at : 27 Feb 2022 01:01 PM (IST) Tags: Kark Rashifal monthly Horoscope Monthly Horoscope for Cancer हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Astro News in Hindi
निफ्टी 17000 नीचे, पड़ गया है रंग में भंग, जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग
निफ्टी 18000 के ऊपर दिख रहा है लेकिन मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि बॉन्ड मार्केट के प्रतिफल और इक्विटी मार्केट के प्रतिफल के बीच बढ़ता अंतर रंग में भंग डाल सकता है
बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर निवेशकों का रुख इक्विटी मार्केट को लेकर क्या होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस वजह से बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है
बाजार में इस समय तेजी का मूड देखने को मिल रहा है। लेकिन निफ्टी के अर्निंग और 10 ईयर बॉन्ड यील्ड के बीच बढ़ता अंतर आगे पार्टी का मूड बिगाड़ सकता है। गौरतलब है कि इस समय (12 सितंबर 2022) को 10 ईयर बॉन्ड यील्ड 7.17 फीसदी पर नजर आ रहा है। वहीं निफ्टी का अर्निंग यील्ड 4.78 फीसदी पर दिख रहा है। इन दोनों यील्डों के बीच का अंतर 2 फीसदी से ज्यादा (2.35 फीसदी) हो गया है। पिछले इतिहास पर नजर डालें तो इन दोनों के यील्ड में जब भी इतना बड़ा अंतर देखने को जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग मिला है तब निफ्टी में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। अक्टूबर 2021, जनवरी 2022 और अप्रैल 2022 में हमें कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। जेफरीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी का रजिस्टेंस लेवल 18000- 18500 के बीच रहा है।
बॉन्ड यील्ड और निफ्टी के अर्निंग यील्ड के बीच का संबंध
बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर निवेशकों का रुख इक्विटी मार्केट को लेकर क्या होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस वजह से बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है। अगर इकोनॉमी में ग्रोथ और इसकी वजह से महंगाई में होने वाली बढ़ोतरी के कारण बॉन्ड यील्ड बढ़ती है तो निवेशक इक्विटी मार्केट में निवेश करते नजर आ सकते हैं। इसकी वजह यह है कि निवेशकों को विश्वास होता है कि शानदार ग्रोथ के दौर में कंपनियां अच्छी कमाई कर सकती हैं और अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकती हैं।
Multibagger Penny Stock: मल्टीबैगर पेनी स्टॉक क्या है, इसमें निवेश करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें
Penny Stocks: कई बार ऐसा होता है की किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है. फिर उस कंपनी की गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है. अब ऐसे में शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं. ऐसे में ज्यादातर ये जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग मान लिया जाता है कि जिसकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वो पैनी स्टॉक है.
मल्टीबैगर पेनी स्टॉक
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 10 फरवरी 2022,
- (Updated 10 फरवरी 2022, 10:28 AM IST)
सोच समझकर करें इसमें निवेश
कभी फायदा तो कभी नुकसान दे सकते हैं पेनी स्टॉक्स
Penny Stocks In India: आज कल शेयर मार्केट में हर कोई पैसा लगा रहा है. शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कई बार पेनी स्टॉक्स काफी पसंद आता है. पसंद आए भी क्यों ना, ये स्टॉक काफी ज्यादा फायदा जो देते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर ये पेनी स्टॉक्स (penny stocks) हैं क्या और इससे आपको कितना रिटर्न मिल सकता है.
क्या होते हैं पैनी स्टॉक्स?
पेनी स्टॉक्स वो शेयर होते हैं, जिनकी लिक्विडिटी काफी कम होती है. इन शेयरों को बंगार शेयर भी कहा जाता है. कई बार ऐसा होता है की किसी छोटी कंपनी का कारोबार अचानक बढ़ने लगता है. फिर उस कंपनी की गिनती सफल कंपनियों में होने लगती है. अब ऐसे में शेयरों की कीमतें भी उछल जाती हैं. ऐसे में ज्यादातर ये मान लिया जाता है कि जिसकी कीमत 10 रुपये से भी कम है, वो पैनी स्टॉक है.
कितने भरोसेमंद हैं पेनी स्टॉक?
पेनी स्टॉक्स में निवेश (investing in penny stocks) करने का जोखिम काफी ज्यादा रहता है. ऐसे शेयर में काफी कम समय में ही उतार-चढ़ाव होने लगता है. ऐसे में निवेशक काफी जल्दी मालामाल भी हो सकते हैं और उन्हें भारी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि केवल निवेशकों का ध्यान खींचने के लिए प्रमोटर्स ही उन स्टॉक्स के दाम बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. अब ऐसे में अगर आप पेनी स्टॉक्स में अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं तो आपको काफी सजग जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग रहना होगा, और साथ ही इसकी बारीकी को समझना होगा, तभी आप तगड़ा मुनाफा कमा पाएंगे.
क्यों इतनी जल्दी पैसा हो जाता है डबल?
पेनी स्टॉक्स की कीमत (penny stocks price) काफी कम होती है, इसीलिए कुछ पैसे वाले इसकी कीमत को अपने हिसाब से कम ज्यादा कर लेते हैं. ये लोग अपने ही शेयर में पैसा लगाकर उसकी कीमत बढ़ा देते हैं. जब शानदार रिटर्न देखकर ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें पैसा निवेश कर देते हैं तो कीमत और बढ़ जाती हैं. जिसके बाद इन शेयरों को जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग ऑपरेट करने वाले अपनी मुनाफा कमा कर उससे बाहर निकल जाते हैं.
निफ्टी 18000 के पार लेकिन पड़ सकता है रंग में भंग, जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग
Moneycontrol 13-09-2022 Moneycontrol Hindi
© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त निफ्टी 18000 के पार लेकिन पड़ सकता है रंग में भंग, जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग बाजार में इस समय तेजी का मूड देखने को मिल रहा है। लेकिन निफ्टी के अर्निंग और 10 ईयर बॉन्ड यील्ड के बीच बढ़ता अंतर आगे पार्टी का मूड बिगाड़ सकता है। गौरतलब है कि इस समय (12 सितंबर 2022) को 10 ईयर बॉन्ड यील्ड 7.17 फीसदी पर नजर आ रहा है। वहीं निफ्टी का अर्निंग यील्ड 4.78 फीसदी पर दिख रहा है। इन दोनों यील्डों के बीच का अंतर 2 फीसदी से ज्यादा (2.35 फीसदी) हो गया है। पिछले इतिहास पर नजर डालें तो इन दोनों के यील्ड में जब भी इतना बड़ा अंतर देखने को मिला है तब निफ्टी में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। अक्टूबर 2021, जनवरी 2022 और अप्रैल 2022 में हमें कुछ ऐसा ही देखने को मिला था। जेफरीज की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक निफ्टी का रजिस्टेंस लेवल 18000- 18500 के बीच रहा है। बॉन्ड यील्ड और निफ्टी के अर्निंग यील्ड के बीच का संबंध बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर निवेशकों का रुख इक्विटी मार्केट को लेकर क्या होगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि किस वजह से बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हो रही है। अगर इकोनॉमी में ग्रोथ और इसकी वजह से महंगाई में होने वाली बढ़ोतरी के कारण बॉन्ड यील्ड बढ़ती है तो निवेशक इक्विटी मार्केट में निवेश करते नजर आ सकते हैं। इसकी वजह यह है कि निवेशकों को विश्वास होता है कि शानदार ग्रोथ के दौर में कंपनियां अच्छी कमाई कर सकती हैं और अपने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दे सकती हैं। वहीं अगर बढ़ती महंगाई से निपटने के लिए सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में बढ़ोतरी करते हैं और इसके कारण बॉन्ड यील्ड में बढ़त होती है तो निवेशक इक्विटी बाजार में बढ़ते जोखिम से बचने के लिए बॉन्ड बाजार की तरफ रुख करते नजर आ सकते हैं। ऐसे में निवेशकों में इस बात का डर होता है कि कंपनियां बढ़ती महंगाई के दौर में अच्छी कमाई नहीं कर पाएंगी। इससे स्टॉक मार्केट में उनको घाटा हो सकता है। गौरतलब है कि 12 सितंबर को सेसेंक्स के 60000 के ऊपर बंद होने के बाद कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स ने बॉन्ड यील्ड में तेज बढ़ोतरी को देखते हुए निवेशकों को सर्तक जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग रहने की सलाह दी है। निफ्टी पर बचे हुए सेशन के लिए तीन दिग्गज एक्सपर्ट की राय और कमाई के लिए शानदार स्टॉक्स ICICI Direct के पकंज पांडे का कहना है कि पिछले कुछ तिमाहियों से बाजार में अच्छी तेजी देखने को मिली। लेकिन अब निवेशकों को बढ़ती महंगाई, लिक्विडिटी में लाई जा रही कमी को देखते हुए सर्तक हो जाना चाहिए। केंद्रीय बैंकों के मौद्रिक नीतियों में लगातार आ रही कड़ाई के चलते बॉन्ड यील्ड में तेज बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जिसके चलते इक्विटी जैसे जोखिम वाले एसेट क्लास में तेज गिरावट देखने को मिल सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरीके से दुनिया भर में बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है उससे बाजार में वर्तमान लेवल से 10-15 फीसदी गिरावट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कौन से सेक्टर कर सकते हैं आउटपरफॉर्म जेफरीज के एनालिस्टों के मुताबिक पिछले 3 मार्केट करेक्शन के दौरान ऑटो इंडस्ट्रियल और FMCG आउटपरफॉर्म करते नजर आए हैं। जबकि इसी दौरान आईटी, हेल्थकेयर और मटेरियल में अंडरपरफॉर्मेंस देखने को मिला। जेफरीज ने अपनी रिपोर्ट में अक्टूबर 2021 और 2022 के बीच आए 3 मार्केट करेक्शन में अलग -अलग सेक्टरों के प्रदर्शन विश्लेषण किया है। अपने इस विश्लेषण के आधार पर जेफरीज का कहना है कि इस समय हमें एक बार फिर बाजार में करेक्शन की उम्मीद दिखाई दे रही है। ऐसे में हमें आईटी में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिल सकती है जबकि खपत से जुड़े शेयर बाजार में गिरावट की स्थित में सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरते नजर आ सकते हैं। डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें। (डिस्क्लेमर: नेटवर्क 18 मीडिया एंड इनवेस्टमेंट लिमिटेड पर इंडिपेंडेंट मीडिया ट्रस्ट का मालिकाना हक है। इसकी बेनफिशियरी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)
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क्या वाकई चुनावी नतीजे शेयर बाजार पर असर डालते हैं?
निवेशक चुनाव के नतीजों के अनुमान से प्रभावित होते हैं. वे मौके का फायदा उठाने के बारे में भी सोच सकते हैं.
निवेशकों को दीर्घावधि के लिए मजबूत पोर्टफोलियो बनाने पर जोर देना चाहिए. निवेशकों को विभिन्न एसेट क्लास और प्रोडक्ट की विविधता पर ध्यान देना चाहिए.
हाइलाइट्स
- आम तौर पर माना जाता है कि चुनावी साल में शेयर बाजार में ज्यादा उतार-चढ़ाव रहता है.
- हमने लोकतंत्र को अपनाया है. इ वजह से चुनाव एक नियमित प्रक्रिया है. आम चुनाव हर पांच साल में होते हैं.
- अकसर हमें नतीजों में उठा-पटक देखने को मिलती है. इस दौरान नए गठबंधन, नई धारणाएं और नई सरकार बनती है.
हमने लोकतंत्र को अपनाया है. इ वजह से चुनाव एक नियमित प्रक्रिया है. आम चुनाव हर पांच साल में होते हैं. अकसर हमें नतीजों में उठा-पटक देखने को मिलती है. इस दौरान नए गठबंधन, नई धारणाएं और नई सरकार बनती है.
हालांकि, इस पर बहस होती रही है कि क्या जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग वाकई चुनावों का शेयर बाजार पर असर पड़ता है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं. नीचे दिए गई टेबल में अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल के दौरान सेंसेक्स के रिटर्न की जानकारी दी गई है:
इस टेबल से साफ हो जाता है कि अलग-अलग प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में सेंसेक्स ने लंबी अवधि में दौलत बनाने में अहम योगदान दिया है. इस रुझान में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है. अब आम चुनावों से पहले और बाद के रिटर्न पर एक नजर डालते हैं:
यह देखना काफी दिलचस्प है कि पिछले छह लोकसभा चुनावों में बाजार के रुझान में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला है. चुनावों से पहले बाजार में तेजी का रुख रहता है. भले ही नतीजों ने बाजार को आश्चर्यचकित किया हो.
दीर्घावधि निवेशकों को अपनी समयावधि के अनुसार रिटर्न को देखना चाहिए. उन्हें छोटी अवधि के रिटर्न और घटनाओं से प्रभावित नहीं होना चाहिए. आइए अलग-अलग समयावधि में रिटर्न पर भी नजर डालते हैं:
10 सालों की अवधि में सेंसेक्स ने 16 फीसदी वार्षिक दर से रिटर्न दिया है. यह दर्शाता है कि बतौर एसेट क्लास शेयर सबसे बढ़िया प्रदर्शन करने का दम रखता है. यह बात भी साफ हो जाता है कि निवेश के लिए सही समय का चुनाव करने के बजाय हमें लंबी अवधि के निवश पर ध्यान देना चाहिए.
पुराने आंकड़े न सिर्फ दीर्घावधि में देश की ग्रोथ को पुख्ता करते हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित करते जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग हैं कि राजनीतिक और भौगोलिक घटनाओं के बावजूद लंबे समय तक बने रहने वाले निवेशकों को फायदा होता है. 2019 की स्थिति के मद्देनजर यह शेयरों में निवेश बढ़ाने का अच्छा समय है.
अभी भी कई अच्छी क्वालिटी वाले शेयर किफायती वैल्यूएशन पर उपलब्ध हैं. शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक अपने शिखर स्तर के करीब हैं. BSE सेंसेक्स 18.6 गुना के पीई पर कारोबार कर रहा है, जबकि इसका पांच साल का औसत पीई 16.7 है. मिडकैप इंडेक्स का पीई 19.1 है, जबकि इसका लंबी अवधि का औसत 19.1 है.
रिटेल निवेशकों को अगले छह महीनों में धीरे-धीरे इक्विटी में निवेश बढ़ाना चाहिए. जोखिम क्षमता और बड़ी गिरावटों को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर में निवेश के कई विकल्प मिल सकते हैं. निवेशक क्वालिटी मिडकैप या स्मॉलकैप फंड पर भी गौर कर सकते हैं.
डेट बाजार के लिए कम महंगाई दर, स्थिर राजकोषीय घाटा, वैश्विक केंद्रीय बैंकों का नरम रवैया और रिजर्व बैंक की तरफ से ओपन मार्केट ओपरेशन में सक्रियता सकारात्मक बाते हैं. हालांकि, राजकोषीय घाटे का स्तर चिंता का सबब बन सकत है.
निवेशक कम अवधि वाले या अल्ट्रा शॉर्ट टर्म बॉन्ड्स पर दांव खेल सकते हैं. इस रणनीति के जरिए वे अपने जोखिम को कम कर सकते हैं. निवेशकों को क्रेडिट क्वालिटी के प्रति भी सजग रहना चाहिए और अच्छी क्वालिटी वाले डेट को ही पोर्टफोलियो में जगह देनी चाहिए.
भारतीय अर्थव्यवस्था अभी काफी अहम स्थान पर है. जीएसटी, दिवालियापन का कानून, प्रत्यक्ष कर का बढ़ता दायरा, फैसला संगठित क्षेत्र और तेजी से डिजिटल होती अर्थव्यवस्था अच्छी खबर है. राजनैतिक दलों मे भी ठोस आर्थिक नीतियों को प्रोत्साहन देने का मानस है जिससे सतत विकास संभव होगा.
निवेशकों को दीर्घावधि के लिए मजबूत पोर्टफोलियो बनाने पर जोर देना चाहिए. निवेशकों को विभिन्न एसेट क्लास और प्रोडक्ट की विविधता पर ध्यान देना चाहिए. उन्हें अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर ही चयन करते हुए अपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने वाले पोर्टफोलियो का निर्माण करना चाहिए.
(नोट: इस लेख में दिए गए विचार लेखक के निजी हैं. ईटी मार्केट्स के इन विचारों से सहमत होना अनिवार्य नहीं है. लेखक इक्विरियल वेल्थ मैनेजमेंट के सीईओ हैं.)
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