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RBI के लिक्विडिटी इंफ्यूजन ने बढ़ाया कॉरपोरेट बांड में निवेश: इक्रा

बैलेंस शीट की लिक्विडिटी अधिक रखने की जरूरत कम होगी.

RBI के लिक्विडिटी इंफ्यूजन ने बढ़ाया कॉरपोरेट बांड में निवेश: इक्रा

आरबीआई की पहले से फ्रेश बांड इशू में बढ़ोतरी की उम्मीद है.

वित्तीय वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के अंत में समान अवधि की सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) के ऊपर कॉरपोरेट बांड्स का स्प्रेड कम हुआ है. दूसरी तिमाही में यह कोरोना से पहले के स्तर पर पहुंच गया. यह जानकारी रेटिंग एजेंसी इंवेस्टमेंट इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ऑफ इंडिया लिमिटेड (ICRA) ने दी. ICRA के मुताबिक, लिक्विडिटी केंद्रीय बैंक (RBI) द्वारा तरलता बढ़ाने की कोशिशों की घोषणा और कॉरपोरेट बांड के प्रति निवेशकों की बढ़ती रुचि ने स्प्रेड को घटाने में मदद की है.

174% बढ़ा बांड जारी होना

10 साल के सेग्मेंट में सरकारी प्रतिभूतियों के ऊपर AAA रेटेड बांड का डेली एवरेज स्प्रेड सितंबर महीने में 80 बेसिस पॉइंट (bps) रहा जबकि इस साल फरवरी में यह 111 बीपीएस था. 5 साल के सेग्मेंट की बात करें तो सितंबर में यह 54 बीपीएस रहा जबकि फरवरी में 57 बीपीएस रहा. बांड इशू में निवेशकों की रुचि बेहतर दिखी. इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में 2.2 लाख करोड़ के बांड इशू हुए. पिछले साल के समान अवधि की तुलना में यह 53 फीसदी अधिक है. इस वित्त वर्ष की पहली छमाही की बात करें तो बांड इशू में यह सालाना आधार पर 174 फीसदी बढ़कर 4.47 लाख करोड़ पहुंच गया.

बैलेंस शीट की लिक्विडिटी अधिक रखने की जरूरत कम

इक्रा के फाइनेंसियल सेक्टर रेटिंग्स के सेक्टर हेड अनिल गुप्ता ने कहा कि डेट कैपिटल मार्केट में निवेशकों की बढ़ती इच्छा से प्रतिस्पर्धात्मक दरों पर फंड की निश्चितता सुधरी है. उनका मानना है कि यह कॉरपोरेट और गैर-बैंकों द्वारा बैलेंस शीट की तरलता अधिक बनाए रखने की जरूरत कम करेगा जैसा कि वित्त वर्ष 2020-21 की पहली छमाही में अनिश्चित वित्तीय माहौल के कारण देखना पड़ा.

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फ्रेश बांड इश्यू में बढ़ोतरी की उम्मीद

इक्रा को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष 2021 में फ्रेश बांड इश्यू में बढ़ोतरी होगी और यह पिछले वित्तीय वर्ष 2020 में 6.55 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर इस बार 8-8.2 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगा. इस साल 4.95 लाख करोड़ रुपये के कॉरपोरेट बांड्स के रिडेम्प्शन का आकलन है और इसके साथ ही कॉरपोरेट बांड्स की आउटस्टैंडिंग बढ़कर 35.5-35.8 लाख करोड़ तक पहुंच जाएगी जो इस वित्तीय वर्ष के लिए 9.2-10 फीसदी की इयर-टू-इयर बढ़ोतरी है.

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RIL Annual Report: कंपनी के पास मजबूत बैलेंसशीट और पर्याप्त लिक्विडिटी: मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कहा कि रिलायंस के पास ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए अब मजबूत बैलेंसशीट है.

  • hindi.moneycontrol.com
  • Last Updated : June 03, 2021, 10:27 IST

मुंबई. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चैयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने कहा कि रिलायंस के पास ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए अब मजबूत बैलेंसशीट है. इसके साथ ही उन्होंने जियो, रिलायंस रिटेल और तेल से लेकर रसायन (O2C) बिजनेस में भारी निवेश के संकेत दिए.

उन्होंने कहा कि हमारे पास अब मजबूत बैलेंस शीट और पर्याप्त लिक्विडिटी है जिससे हमारे तीन हाइपर ग्रोथ इंजन- रिलायंस जियो, रिटेल और ऑयल-टू-केमिकल के ग्रोथ प्लान को सपोर्ट मिलेगा. रिलायंस की सालाना रिपोर्ट में अंबानी ने कहा है कि इन तीनों बिजनेस के ग्रोथ प्लान को सपोर्ट करने के लिए कंपनी के पास लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं है.

कंपनी ने राइट्स इश्यू के जरिए जुटाए 53,124 करोड़ रुपये
मुकेश अंबानी ने कहा है कि कंपनी ने अपने टेलीकॉम और डिजिटल बिजनेस का संचालन करने वाले जियो प्लेटफॉर्म्स और रिटेल कारोबार में माइनॉरिटी शेयर बेचकर करीब 2 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसके अलावा कंपनी ने राइट्स इश्यू के जरिए भी 53,124 करोड़ रुपये जुटाए हैं. जिससे कंपनी ने नेट जीरो डेट यानी कर्ज मुक्त होने के लक्ष्य को तय समय से पहले ही हासिल कर लिया है.

नेट जीरो डेट कंपनी बन गई है रिलायंस
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान रिलायंस ने जियो प्लेटफॉर्म्स की हिस्सेदारी बेचकर 1,52,056 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जबकि रिटेल बिजनेस में माइनॉरिटी शेयर बेचने से कंपनी को 47,265 करोड़ रुपये मिले हैं. इसके अलावा कंपनी ने बीपी ने कंपनी के फ्यूल रिटेल बिजनेस में 49 फीसदी शेयर खरीदने के लिए 7,629 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इन सभी फंड्स से रिलायंस नेट जीरो डेट कंपनी बन गई है.

सभी बिजनेस का ड्राइविंग फोर्स है टेक्नोलॉजी
टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य उन्हीं कंपनियों और संस्थानों का है, जो डिजिटल रिवोल्यूशन को लीड करेंगे और इसका भरपूर फायदा लिक्विडिटी उठाएंगे. उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी अब हरेक व्यक्ति के जीवन का अभिन्न अंग बन गया है. साथ ही यह सभी बिजनेस का ड्राइविंग फोर्स बन गया है.

(डिस्क्लेमर- नेटवर्क18 और टीवी18 कंपनियां चैनल/वेबसाइट का संचालन करती हैं, जिनका नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसमें लिक्विडिटी रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है.)

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Swiggy अगले दो वर्षों में अपने ESOP रखने वाले कर्मचारियों के लिए आयोजित करेगी दो लिक्विडिटी इवेंट

स्विगी ने एक बयान में कहता कि कंपनी अगले दो वर्षों में दो लिक्विडिटी इवेंट्स के जरिए कर्मचारियों की वेल्थ क्रिएशन में मदद करना चाहती है.

  • Money9 Hindi
  • Updated On - October 6, 2021 / 03:46 PM IST

Swiggy अगले दो वर्षों में अपने ESOP रखने वाले कर्मचारियों के लिए आयोजित करेगी दो लिक्विडिटी इवेंट

महत्वपूर्ण बात यह है कि लिक्विडिटी कर्मचारियों को अपने कैश फ्लो और इन्वेस्टमेंट दोनों की योजना बनाने में अधिक सहूलियत मिलेगी

फूड ऑर्डरिंग एवं डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) ने बुधवार को कहा कि उसके ESOPs रखने वाले सभी कर्मचारी अगले दो वर्षों में दो लिक्विडिटी इवेंट्स में भाग लेने के पात्र होंगे. अर्थात ये कर्मचारी अगले दो वर्षों में दो बार शेयरों को नकदी में भुना सकेंगे. कंपनी के इस कदम से एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन (ESOP) को लेकर ट्रांसपैरेंसी बढ़ जाएगी.

कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस के पूर्व-कोविड स्तरों को पार करने के साथ ही इंस्टामार्ट और सुपर डेली जैसे नॉन-फूड कारोबारों में भी मजबूत वृद्धि देखी जा रही है. साथ ही कंपनी ने हाल ही में 1.25 अरब डालर की फंडिंग भी जुटाई है. स्विगी ने एक बयान में कहता कि कंपनी अगले दो वर्षों में दो लिक्विडिटी इवेंट्स के जरिए कर्मचारियों के वेल्थ क्रिएशन में मदद करना चाहती है.

स्विगी के एचआर हेड गिरीश मेनन ने कहा, “यह इंडस्ट्री में पहली ऐसी पहल है, जिसके तहत हम अपने सभी ईएसओपी होल्डिंग कर्मचारियों को 2022 और 2023 में हमारे लिक्विडिटी इवेंट्स में भाग लेने के लिए सक्षम बनाकर धन सृजन का लोकतांत्रीकरण कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, ‘इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कर्मचारियों को अपने कैश फ्लो और इन्वेस्टमेंट दोनों की योजना बनाने में अधिक सहूलियत मिलेगी.’ ये कंपनी द्वारा तीसरा (जुलाई 2022 में) और चौथा (जुलाई 2023 में) इस तरह का लिक्विडिटी इवेंट होगा. ऐसा पहला लिक्विडिटी इवेंट जून 2018 में और दूसरा नवंबर 2020 में आयोजित हुआ था.

लिक्विडिटी बढ़ाने को निर्मला सीतारमण ने बैंकों को दिया ‘शामियाना मंत्र’, अगले 10 दिनों तक 200 जिलों में नए कर्ज देने की सलाह, NPA में भी दी छूट

बकौल सीतारमण, “अगले 200 जिलों में कुछ ऐसी ही सभाएं 10 से 15 अक्टूबर के बीच होंगी। बाजार में लिक्विडिटी को लेकर हमने समीक्षा भी की है। यह कहते हुए खुशी भी है कि बैंक कम से कम आगे बढ़ रहे हैं।”

लिक्विडिटी बढ़ाने को निर्मला सीतारमण ने बैंकों को दिया ‘शामियाना मंत्र’, अगले 10 दिनों तक 200 जिलों में नए कर्ज देने की सलाह, NPA में भी दी छूट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।

देश की पस्त अर्थव्यवस्था और Economic Slowdown के माहौल के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बाजार में कैश की दिक्कत से निपटने के लिए बैंकों को शामियाना मंत्र दिया है। उन्होंने कहा है कि कर्ज देने के लिए नॉन बैंकिंग फाइनैंशियल कंपनियों के साथ देश भर के कुल 400 जिलों में बैंक खुली बैठकें/सभाएं करें।

गुरुवार (19 सितंबर, 2019) शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लिक्विडिटी उन्होंने कहा- बैंक एनबीएफसी और खुदरा कर्ज लेने वालों के साथ 400 जिलों में बैठकें करेंगे। ये बैठकें अगले सप्ताह से शुरू होंगी। इसका मकसद मकान खरीदारों और किसानों समेत कर्ज चाहने वालों को ऋण सुलभ कराना है।

वित्त मंत्री के मुताबिक, “खुले रूप से ये बैठकें दो चरणों में होगी। पहली बैठक मंगलवार 24 सितंबर से 29 सितंबर को 200 जिलों में होगी। उसके बाद 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच 200 अन्य जिलों में इसी प्रकार की बैठकें होंगी। इसके पीछे सोच यह है कि त्योहारों के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा कर्ज देना सुनिश्चित किया जा सके। दिवाली अक्टूबर में है और इसे देश में खरीदारी का सबसे अच्छा समय माना जाता है।”

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इन खुली बैठकों में खुदरा, कृषि और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) और आवास एवं अन्य क्षेत्रों के लिए कर्ज उपलब्ध कराए जाएंगे। मंत्री ने बताया कि बैंकों से दबाव वाले किसी भी एमएसएमई कर्ज को 31 मार्च 2020 तक फंसा कर्ज (एनपीए) घोषित नहीं करने को कहा गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि रिजर्व बैंक की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया जा चुका है, जिसमें कहा गया है कि एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को एनपीए घोषित नहीं किया जाए। बैंकों को इस परिपत्र का अनुपालन करने को कहा गया है। बैंकों से कहा गया है कि वे एमएसएमई के दबाव वाले कर्ज को मार्च, 2020 तक एनपीए घोषित नहीं करें और उनके कर्ज के पुनर्गठन के लिए काम लिक्विडिटी करें।

उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई क्षेत्र की मदद हो सकेगी। बैंकों ने कुछ ऐसी एनबीएफसी की पहचान की हैं, जिन्हें कर्ज उपलब्ध कराया जा सकता है। ऐसे में कर्ज लेने के इच्छुक लोगों को नकदी और ऋण उपलब्ध कराया जा सकेगा। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)

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