क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है?

म्यूचुअल फंड Vs इक्विटी: गिरावट के दौर में कहां आपका निवेश ज्यादा सुरक्षित
बाजार में गिरावट के दौर में क्या शेयर की बजाए म्यूचुअल फंड एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है.
बाजार में गिरावट के दौर में क्या शेयर की बजाए म्यूचुअल फंड एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है.
शेयर बाजार में लंबे समय से जोखिम बना हुआ है. 28 अगस्त के बाद से यानी पिछले 2 महीने में निवेशकों को बाजार में करीब 24 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. इस दौरान बहुत से शेयरों में भी 50 से 60 फीसदी तक गिरावट आ चुकी है. जानकारों का मानना है कि बाजार में आगे भी जोखिम मौजूद रहेगा. ऐसे में क्या शेयर की बजाए म्यूचुअल फंड एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है. जानें, कितना सुरक्षित है म्युचूअल फंड्स में निवेश करना….
MF में क्यों कम हो जाता है जोखिम
बाजार में जब जोखिम होता है तो जानकार एक की बजाए अलग—अलग शेयरों में निवेश करने की सलाह देते हैं, जिससे जोखिम कवर हो जाता है. लेकिन निवेशक के लिए आसान नहीं है कि वह खुद से अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर दे. ऐसे में म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है. फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि म्यूचुअल फंड एक बजाए अलग—अलग शेयरों में रिसर्च करने के बाद निवेश करते हैं. ऐसे में अगर किसी एक शेयर में गिरावट होती है तो हो सकता है, दूसरे शेयर में उसकी भरपाई हो जाए. कुल मिलाकर इसमें जोखिम कम हो जाता है और निवेशक एक डिसेंट रिटर्न पा सकता है.
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फंड मैनेजर की देखरेख में निवेश
किसी इनडिविजुअल के लिए स्टॉक को चुनना और उन्हें समय समय पर ट्रैक करना आसान नहीं होता है, वह भी तब जब शेयर बाजार में वोलैटिलिटी ज्यादा हो. ऐसे में म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर की विशेषज्ञता का लाभ मिलता है. फंड मैनेजक बकायदा रिसर्च के बाद यह तय करते हैं कि किन शेयरों में निवेश किया जाए, जिससे आपको बेहतर रिटर्न मिले.
कम रिस्क लेने वालों के लिए बेहतर
म्यूचुअल फंड और इक्विटी की हिस्ट्री देखें तो लंबी अवधि में किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में एक डिसेंट रिटर्न मिलता है. वहीं, इक्विटी की बात करें तो इसमें छोटी अवधि में भी रिटर्न हाई भी हो सकता है, लेकिन बिगड़ें सेंटीमेंट पर अचानक से गिरावट भी बहुत बड़ी आ सकती है. ऐसे में सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकता है.
(Input: from bankbazaar.com)
निवेश में खर्च कम
म्यूचुअल फंड में निवेश, इक्विटी में निवेश की बजाए सस्ता होता है. इक्विटी में ब्रोकरेज चार्ज, हाई ट्रेडिंग कास्ट व डीमैट अकाउंट के खर्च के चलते निवेश ज्यादा खर्चीला होता है. वहीं, सेबी ने म्युचुअल फंड में निवेश करने पर होने वाले कुल खर्च यानी मैक्सिमम टोटल एक्सपेंस रेश्यो (टीईआर) की कैपिंग कर दी है. 50 हजार करोड़ से ज्यादा संपत्ति वाले फंड हाउस के लिए टीईआर को 1.75 फीसदी से घटाकर 1.05 फीसदी कर दिया गया है. सेबी ने अग्रिम कमीशनों को रोक दिया है जो फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स को निवेशकों को फंड में पैसा लगाने के लिए देते हैं.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है.)
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अगर आपका भी है इस म्यूचुअल फंड में निवेश, रहें तैयार, होने जा रहा ये बड़ा बदलाव
अगर आपने इस म्यूचुअल फंड की स्कीम में निवेश किया है या आपकी कोई एसआईपी चल रही है. तो फिर खुद को अपडेट रखें, क्योंकि बहुत जल्द एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इसका असर आपकी म्यूचुअल फंड स्कीम पर पड़ने वाला है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: शरद अग्रवाल
Updated on: Nov 28, 2022 | 6:03 PM
अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए अगर आपने एलएंडटी म्यूचुअल फंड (L&T Mutual Fund) की किसी स्कीम में निवेश किया है या फिर कोई एसआईपी (SIP) ले रखी है, तो खुद को लगातार अपडेट रखें. इसकी वजह कंपनी के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है. इसका असर आपकी निवेश स्कीम पर भी पड़ने वाला है.
दरअसल एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट इंडिया (HSBC Asset Management India) ने एलएंडटी इंवेस्टमेंट मैनेजमेंट (L&T Investment Management) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है. एलएंडटी की ये कंपनी लोगों को म्यूचुअल फंड स्कीम्स ऑपरेट करती है, जो एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी है. एचएसबीसी ने अधिग्रहण का ये सौदा 42.5 करोड़ डॉलर में किया है.
HSBC Mutual Fund को ट्रांसफर होंगी स्कीम
इस अधिग्रहण के बाद एलएंडटी म्यूचुअल फंड की स्कीम्स एचएसबीसी म्यूचुअल फंड को ट्रांसफर हो जाएंगी. कुछ स्कीम को एचएसबीसी की स्कीम में मर्ज कर दिया जाएगा. यानी फिर इन स्कीम को एचएसबीसी ही ऑपरेट करेगा. इनकी स्पॉन्सरशिप एचएसबीसी सिक्योरिटीज एंड कैपिटल मार्केट, ट्रस्टीशिप बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ऑफ एचएसबीसी म्यूचुअल फंड और मैनेजमेंट एचएसबीसी एसेट मैनेजमेंट के हाथों में चला जाएगा.
बढ़ेगा एचएसबीसी की सर्विस का दायरा
इस अधिग्रहण को लेकर एचएसबीसी इंडिया के सीईओ हितेन्द्र दवे ने कहा कि हम भारत में अपनी और ग्रोथ के लिए लायलित हैं. एलएंडटी म्यूचुअल फंड का अधिग्रहण हमें भारत में अपने स्केल को बढ़ाने में मदद करेगा. ये भारत में रहने वाले लोगों के साथ-साथ 2 करोड़ एनआरआई तक पहुंच बनाने में मददगार होगा. ईटी की खबर के मुताबिक नई म्यूचुअल फंड कंपनी की जिम्मेदारी रवि मेनन और कैलाश कुलकर्णी जैसे लोगों के हाथ में होगी.
बढ़ रहा म्यूचुअल फंड का चलन
अगर म्यूचुअल फंड बाजार को देखें, तो शेयर बाजार के अच्छे रिटर्न के चलते म्यूचुअल फंड में निवेश बढ़ा है. खासकर के छोटे शहरों में म्यूचुअल फंड और एसआईपी को लेकर रुझान बदला है. एएमएफआई के ‘म्यूचुअल फंड सही है’ अभियान ने लोगों के बीच इसे लेकर जागरुकता बढ़ाई है. इससे हुए फायदे को देखते हुए इंश्योरेंस कंपनियों के समूह ने भी ‘सबसे पहले इंश्योरेंस’ अभियान चलाया है.
हालांकि आपको बताते चलें यदि आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं, तो पहले किसी विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें. सही से जांच-पड़ताल के बाद ही निवेश करें, क्योंकि म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिम भरा होता है.
Crypto Currency में निवेश कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर है कन्फ्यूजन तो जानिए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल रुपया जारी करेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल करेंसी से होनेवाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करना होगा. तो Crypto Currency में निवेश करना आपके लिए कितना है सुरक्षित, Bitcoin और डिजिटल करेंसी को लेकर अगर आपके मन में है किसी तरह की कोई कन्फ्यूजन, तो पढ़ें ये रिपोर्ट.
Updated: February 3, 2022 10:31 AM IST
Crypto Currency: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल का बजट (Budget 2022-23) पेश करते हुए बड़ा ऐलान किया था. वित्त मंत्री ने भारत में भी डिजिटल करेंसी को मान्यता देने की बात कही और कहा कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. इसके साथ उन्होंने ये भी कहा था कि सभी क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत का TAX लगेगा. यह म्युचुअल फंड या यहां तक कि शेयरों से होने वाली आय पर आप जितना भुगतान करते हैं, उससे कहीं अधिक है.अब क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल पैदा हो गए हैं.
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जानिए क्रिप्टो करेंसी से जुड़े हर सवाल के जवाब
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा कि सरकार डिजिटल करेंसी को स्पेकुलेटिव असेट मानती है. यही कारण है कि अन्य स्पेकुलेटिव असेट जैसे हॉर्स रेसिंग की तरह ही क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाया जाएगा. साथ ही टोटल अमाउंट पर 1 प्रतिशत टीडीएस काटने का प्रावधान है.
इसके साथ ही राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बड़ी बात कही है कि अगर क्रिप्टो करेंसी से किसी तरह का कोई नुकसान होता है तो भरपाई की कोई व्यवस्था नहीं है. उन्होंने साफ किया कि अगर किसी वित्त वर्ष में आपको क्रिप्टो में निवेश से घाटा होता है तो आप इसे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते.
वहीं, टीवी सोमनाथन ने कहा कि क्रिप्टो की वास्तविक वैल्यू कोई नहीं जानता. इनके रेट्स में बदलाव होते रहता है. सरकार की नई नीति है कि क्रिप्टो पर होने वाली कमाई पर अब 30 प्रतिशत टैक्स देना क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? होगा.
Crypto Currency से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाया जाएगा. उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बिटकॉइन बेचकर 100 रुपये कमाते हैं, तो आपको सरकार को क्रिप्टो टैक्स के रूप में 30 रुपये का भुगतान करना होगा. आपको केवल अपनी आय या क्रिप्टोकरेंसी से लाभ पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि आपने 5,000 रुपये की क्रिप्टोकरेंसी खरीदी है और बेचते हैं तो 5,500 रुपये में केवल 500 रुपये पर 30 प्रतिशत कर लगेगा, न कि पूरे निवेश पर.
मौजूदा आयकर कानून करदाताओं को लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ के खिलाफ अपने दीर्घकालिक नुकसान को समायोजित करने की अनुमति देते हैं. यह करदाताओं को उनके दीर्घकालिक लाभ पर कर का भुगतान करने से छूट देता है. हालाँकि, क्रिप्टो आय के मामले में यह संभव नहीं होगा.
वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि केवल Crypto Currency प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कर लगाया जाएगा. इसलिए, अगर आप अपने दोस्त को 1 Bitcoin गिफ्ट कर रहे हैं, तो उसे उस ट्रांजैक्शन पर टैक्स देना होगा. हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि यह विरासत में मिली क्रिप्टो पर लागू होता है या नहीं.
भारत में अभी भी कोई क्रिप्टो कानून नहीं है. नया कराधान बस क्रिप्टो लेनदेन को वैधता देता है और सरकार को सभी लेनदेन की निगरानी करने की अनुमति देता है. इसे सरल शब्दों में समझें तो, यह भारत में क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी बनाता है. हालांकि, वे अभी भी अनियंत्रित हैं.
वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी. बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को केवल डिजिटल संपत्ति के रूप में वर्गीकृत किया गया है.इसका मतलब है कि जब आप उनमें निवेश कर सकते हैं, तो उनका उपयोग चीजों को खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता है.
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एक बार की निवेश योजना: प्रभावित करने वाले कारक, पेशेवरों और क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? विपक्ष
जो लोग म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, वे आमतौर पर एसआईपी के लिए जाते हैं, जिसमें किसी के नाम पर एक निश्चित राशि जमा की जाती है। नियमित छोटे भुगतानों का उपयोग करके धन का निर्माण करना उनके लिए आसान हो जाता है। जानें कि म्यूचुअल फंड और एसआईपी में बुनियादी अंतर क्या है । लेकिन कुछ मामलों में, अनुभवी निवेशक प्रत्यक्ष योजना में एक बड़ी राशि का निवेश करने का विकल्प चुनते हैं, जब यह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, लेकिन भविष्य में बढ़ेगा। वे प्रत्यक्ष योजनाओं में निवेश करते हैं जहां उन्हें उच्च रिटर्न की बड़ी संभावना दिखाई देती है। इसे एकमुश्त निवेश या एकमुश्त निवेश योजना के रूप में जाना जाता है। जानें कि क्या म्यूचुअल फंड में एकमुश्त निवेश करना आपके लिए सही विकल्प है । जहां एक व्यक्ति एक योजना में धन का निवेश करता है जो लंबे समय में सबसे अधिक संभावना होगी।
कुछ कारक जो एकमुश्त निवेश योजना के निर्णय को प्रभावित करते हैं
बाजार का मूल्यांकन
आपको बाजार में उतार-चढ़ाव के बारे में पता होना चाहिए और इसके लिए, आप पी / ई अनुपात (कमाई के लिए मूल्य) का उपयोग कर सकते हैं। इन गणनाओं के लिए, पिछली 4 तिमाहियों के आंकड़ों पर विचार करें। क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? आप इसके लिए बेंचमार्क पर भी विचार कर सकते हैं, जैसे निफ्टी । निफ्टी पी / ई चाहे निचले या ऊपरी छोर के करीब हो। यदि पी / ई क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? कम है (14 के करीब) से अधिक होने पर लाभ उत्पन्न करने का एक बेहतर मौका है, जब यह उच्च (22 के करीब) है।
निवेश से पहले संभावित रिटर्न और लिक्विडिटी उम्मीदों का अनुमान लगाना
यदि निवेशकों की आवश्यकताएं अल्पावधि के लिए हैं, तो कोई कम अस्थिरता वाले डेट फंड या लिक्विड फंड में निवेश कर सकता है । डेट म्यूचुअल फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट के बीच की गई तुलना पर पढ़ें । इसके अलावा, जानें कि 2019 में निवेश करने के लिए बेस्ट डेट फंड क्या हैं । इन फंडों की कम अस्थिरता के कारण, शॉर्ट टर्म परिप्रेक्ष्य के लिए इक्विटी फंडों की तुलना में ये फंड अधिक सुरक्षित हैं। 2019 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ लघु अवधि के निवेश की योजना के बारे में जानकारी रखें । इसलिए, हम मानते हैं कि लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड में निवेश फलदायी होना चाहिए। सर्वश्रेष्ठ इक्विटी म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन करना सीखें । इन फंडों को प्रदर्शन करने के लिए 5 साल या उससे अधिक की अवधि की आवश्यकता होती है।
धैर्य रखें
निवेश के बाद, आपको घबराहट नहीं करनी चाहिए और यदि बाजार लंबे समय में बेहतर किराया नहीं देता है तो एक जल्दबाज़ी में निर्णय लें। यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि समय के साथ प्रदर्शन में सुधार होगा। जैसे, यदि आप Apple Inc. में अभी कुछ पैसे डालते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह तुरंत रिटर्न देगा, तो यह आपके लिए अच्छा नहीं होगा। लेकिन अगर आप इस निवेश के साथ धैर्य रखते हैं और इसे बनाए रखते हैं, तो लंबे समय में, यह निश्चित रूप से एक बुद्धिमान विकल्प होगा।
लिप्स को SIP करें
पहली बार निवेशक या निवेशक जो बाजार के उतार-चढ़ाव के बारे में निश्चित नहीं हैं, उन्हें निवेश के इस विकल्प पर विचार करना चाहिए। इस मामले में, निवेश एसआईपी का उपयोग करते हुए लिक्विड फंड या अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म फंड में होते हैं । पर पढ़ते रहें कैसे एसआईपी में निवेश करने की है कि आप के लिए सर्वश्रेष्ठ है । इसके अलावा, आपको 2019 में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी घूंट योजना के बारे में पढ़ना चाहिए । फिर आप महीनों के दौरान इक्विटी फंड स्कीम में धीरे-धीरे पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। इस तरह, आपको बैंक में निवेश की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलेगा और आपको बाजार में समय नहीं लगाना होगा।
एकमुश्त निवेश योजना के पेशेवरों
- इस तरह से पैसा निवेश करना या तो नकदी को हाथ में रखने या बैंक खाते में सहेजने और कम ब्याज अर्जित करने से बेहतर है।
- एक बार की निवेश योजना निवेशकों के लिए सुविधा प्रदान करती है क्योंकि निवेशकों को भविष्य में किश्तों का भुगतान करने या निवेश की तारीखों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
- निवेश का उद्देश्य लंबा है। यह बच्चों की शिक्षा, शादी, अचल संपत्ति या अन्य खरीदने के मामले में हो सकता है।
- निवेश उन परिसंपत्तियों में होते हैं जो लंबे समय में बेहतर किराया देने की गारंटी देते हैं और इसलिए जल्दी शुरू करना महत्वपूर्ण है। पहले आप शुरू करते हैं, दीर्घकालिक वित्तीय लाभ। आप 2019 में निवेश करने के लिए सर्वश्रेष्ठ निवेश योजनाओं या भारत में सर्वश्रेष्ठ निवेश विकल्पों पर भी पढ़ सकते हैं
- अगर एक बार इक्विटी मार्केट में निवेश किया जाए तो एकमुश्त निवेश योजना की लेनदेन लागत बहुत कम होती है। अगर आप Rs। एकमुश्त निवेश योजना में 10 लाख, तो रु। 100 क्या आपका निवेश सुरक्षित हाथ में है? का होगा शुल्क आयोग लेकिन अगर आप इसे 10 अलग-अलग लेन-देन में विभाजित करते हैं, तो आपको इसके लिए कुल 1,000 रुपये का भुगतान करना होगा। हालांकि SIP निवेश के मामले में, कोई लेनदेन लागत (इकाइयों की खरीद या बिक्री दोनों में) नहीं है। लेकिन 2019 में निवेश करने के लिए सबसे अच्छी एसआईपी योजना क्या है ?
एकमुश्त निवेश योजना की विपक्ष
- एकमुश्त निवेश योजना के मामले में निवेश किया गया धन, निवेश अनुशासन की कोई भागीदारी नहीं है। इसके अलावा, एकमुश्त सुविधा उपलब्ध होने पर निवेशक को कम रिटर्न जनरेट करने वाले निवेश विकल्पों में निवेश करना पड़ सकता है।
- बाजार की अस्थिरता के कारण, निवेशक ऐसे समय में उच्च इकाइयां खरीद सकता है जब कीमत अधिक हो और फिर कीमतों में गिरावट देखी जाए क्योंकि निवेश एक बार में होता है। इस मामले में, बीच या नियमित रूप से इकाइयों को खरीदने का कोई विकल्प नहीं है। ऑनलाइन म्युचुअल फंड में निवेश करना सीखें ।
- लोग आमतौर पर इस प्रकार के निवेशों पर विचार नहीं करते हैं, खासकर इक्विटी योजनाओं में। इसके अतिरिक्त, यदि आपके पास निकट भविष्य में धन की आवश्यकता होगी तो एकमुश्त निवेश सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है। जैसे कि अगर रिटर्न लंबी अवधि के लिए है तो रिटर्न जेनरेट होता है। फिर, अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म फंड या लिक्विड फंड में पैसा निवेश करना बेहतर विकल्प होगा।
WealthBucket में हमारी विशेषज्ञ सेवाएं म्युचुअल फंड में आपके निवेश को परेशानी मुक्त बनाती हैं। जब आप इक्विटी फंड , लार्ज-कैप फंड , लिक्विड फंड या मल्टी-कैप फंड और कई और अधिक निवेश करना चाहते हैं, तो हमारी टीम केवल हमारे ग्राहकों को ओवर-डिलीवरी करने में विश्वास करती है । आप या तो हमसे +91 8750005655 पर संपर्क कर सकते हैं या हमसे [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं