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Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
  • कंपनियों के नतीजे समझने की कोशिश करे। कैसे वो आपको ट्रेडिंग में मदद और नुकसान दे सकते है
  • शेयर के असली मूल्यांकन को समझे
  • बाजार की चाल समझे। आखिर इस दौरान ट्रेडिंग में क्या चल रहा है? क्या आपको ज्यादा प्रॉफिट दे सकता है
  • किसी कंपनी के Share purchase करने से पहले उसके कारोबार और शेयर की असली कीमत को जरूर परखे.
  • जब शेयर का भाव कम हो तब शेयर खरीदने में ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है क्युकि शेयर मार्किट में शेयर का भाव कभी एक सामान नहीं होता है. हो सकता है अभी रेट कम है अगले ही पल बढ़ जाये तब आप अपने शेयर बेंच कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है

4 प्रकार के प्राइस गैप जो एक ट्रेडर को पता होना चाहिए

महत्वपूर्ण बिंदु:

  • Price Gaps सामान्य पैटर्न होते है जो डे ट्रेडर्स और पोजीशनल ट्रेडर्स दोनों के ही द्वारा ट्रेडिंग रणनीति के तौर पर उपयोग किए जाते है׀
  • एक गैप तब बनता है जब पिछले दिन के क्लोजिंग प्राइस और अगले दिन के ओपनिंग प्राइस में अलग-अलग प्राइस लेवल होता है׀
  • गैप को कॉमन गैप, ब्रेकअवे गैप, एग्जॉशन गैप और रनअवे गैप में वर्गीकृत किया जा सकता है׀
  • ट्रेडर्स बनने वाले गैप के प्रकार के आधार पर ट्रेडिंग रणनीति बना सकते है׀

क्या आपने कभी पिछले दिन के ओपनिंग प्राइस और क्लोजिंग प्राइस के बीच में एक ब्रेक देखा है?

यदि हां, तो इन दो ट्रेडिंग सेशन के बीच के ब्रेक को Price Gaps के रूप में जाना जाता है׀

गैप सामान्य पैटर्न होते हैं जो डे ट्रेडर्स और पोजीशनल ट्रेडर्स दोनों के ही द्वारा ट्रेडिंग रणनीति के तौर पर उपयोग किये जाते है׀

इस ब्लॉग में, हम गैप की मूल बातों के साथ-साथ आमतौर पर ट्रेडिंग में उपयोग किये जाने वाले 4 प्रकार के गैप के बारे में चर्चा करेंगे׀

Price Gaps क्या होता हैं?

एक गैप तब बनता है जब पिछले दिन के क्लोजिंग प्राइस और अगले दिन के ओपनिंग प्राइस में अलग-अलग प्राइस लेवल होता है׀

यह गैप मुख्य रूप से ट्रेडिंग सेशन के बाद उस एक विशेष स्टॉक में किसी भी समाचार के कारण बनता है

उदाहरण के लिए, यदि कंपनी की कमाई उम्मीद से अधिक है, तो अगले दिन स्टॉक की गैप बढ़ जाएगी׀

एक Price Gap क्यों बनता हैं?

एक गैप आमतौर पर तब बनता है जब मार्केट में लिक्विडिटी कम होती है׀ उस स्टॉक का ट्रेड करने के लिए पर्याप्त खरीदार या विक्रेता नहीं होते है׀

यह तब भी हो सकता है जब उस स्टॉक में हाई वॉल्यूम होता है׀

अर्निंग रिलीज़ होने और कंपनी से सम्बंधित समाचारों जैसे महत्वपूर्ण इवेंट जो स्टॉक के क्लोज होने के बाद बाज़ार के सेंटिमेंट को प्रभावित करते है, जब स्टॉक अगले दिन खुलता है तो ये स्टॉक की कीमतों में गैप बनने का नेतृत्व करते हैं׀

4 प्रकार के Price Gaps:

Price Gaps को मुख्य रूप से 4 समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

price-gaps

1. कॉमन Price Gaps:

कॉमन गैप को कभी-कभी ट्रेडिंग गैप या एरिया गैप भी कहा जाता है׀

यह गैप नर्वस मार्केट में होता है और आमतौर पर कुछ दिनों में बंद हो जाता है׀ जब वॉल्यूम कम होता है, तब पूर्व-लाभांश में जाने वाले स्टॉक के कारण यह गैप बन सकता है׀

एक कॉमन गैप एक ट्रेडिंग रेंज में प्रकट होता है और उस समय में स्टॉक में उत्साह की कमी की स्पष्ट पुष्टि करता है׀

इस प्रकार के गैप के बारे में जानना अच्छा है, लेकिन आमतौर पर यह संदेहपूर्ण होता है कि वे ट्रेडिंग अवसरों को उत्पन्न करेंगे׀

बाजार विशेषज्ञों द्वारा टेक्निकल ट्रेडिंग अब हुआ आसान के साथ ट्रेडिंग की मूल बातें जानें

2. ब्रेकअवे Price Gaps:

ब्रेकअवे गैप आमतौर पर शुरू में नहीं भारती हैं׀

एक ब्रेकअवे गैप तब बनता है जब एक स्टॉक गैप की कीमत सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल से अधिक होता है׀ यह एक ब्रेकआउट पैटर्न की तरह होता है, लेकिन यहाँ वास्तविक ब्रेकआउट एक गैप के रूप में होता है׀

इस तरह के गैप मजबूत गति के संकेत देते है और कीमत एक ब्रेकअवे गैप के बाद ट्रेंड करता रहता है׀

इसके अलावा, ब्रेकअवे गैप जितना अधिक होगा, गैप के बाद की कैंडल उतनी ही मजबूत होगी, और प्रचलित ट्रेंड भी उतना ही मजबूत होगा׀

3. रनअवे/ कंटिन्यूएशन Price Gaps:

रनअवे गैप को मेजरिंग गैप के रूप में भी संदर्भित किया जाता है׀

एक अपट्रेंड में रनअवे गैप उन ट्रेडर्स को प्रदर्शित करता है जो अपट्रेंड की शुरुआत के दौरान ट्रेड में अन्दर नहीं आये थे और कीमत में एक रिट्रेसमेंट की प्रतीक्षा करते समय, वे यह तय करते है कि यह होने वाला ही नहीं था׀

वहां अचानक खरीदी की रूचि में वृद्धि हुई है׀ इस प्रकार का रनअवे गैप ट्रेडर्स में लगभग पैनिक स्थिति को प्रदर्शित करता है׀

रनअवे गैप महत्वपूर्ण समाचार इवेंट के कारण भी हो सकते है जो स्टॉक में नयी रूचि को उत्पन्न कर सकते है׀

एक डाउनट्रेंड में, रनअवे खरीदारों के द्वारा स्टॉक के लिक्विडेशन में वृद्धि को प्रदर्शित करता है जो कि किनारे पर खड़े होते हैं׀

निफ्टी के दैनिक चार्ट में हम रनअवे गैप का एक उदाहरण देख सकते है:

runaway price gaps

4. एग्जॉशन Price Gaps:

एग्जॉशन गैप आमतौर पर भर जाते है और एग्जॉशन गैप को ट्रेड करने का सबसे अच्छा तरीका अटकले लगाना नहीं बल्कि पैटर्न के आसपास सही एंट्री और एग्जिट टाइम की जानकारियों का उपयोग करना है׀

एक एग्जॉशन गैप आमतौर पर एक ट्रेंड के अंत में या एक महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पर बनता है׀

ट्रेंड की दिशा में पहला गैप एक रनअवे गैप की तरह लग सकता है लेकिन दी हुई कैंडल आमतौर पर एक दोजी पैटर्न के बाद होता है जो प्राइस लेवल की अनिर्णय या अस्वीकृति को दर्शाता है׀

हम नीचे दिए गए निफ्टी के दैनिक चार्ट में एग्जॉशन गैप का एक उदाहरण देख सकते हैं:

exhausion gap

गैप के साथ खेलना:

ट्रेडर्स बनने वाले गैप के प्रकार के आधार पर ट्रेडिंग रणनीति बना सकते है׀

थम्ब रूल के अनुसार, नीचे कुछ बिंदु दिए गए है जिन पर ट्रेडर्स को विचार करने की आवश्यकता है जब ट्रेडिंग गैप:

  • कॉमन गैप को आमतौर पर विपरीत दिशा में ट्रेड करना चाहिए, क्योंकि बाज़ार में गैप होने के बाद वे भर जाते है׀
  • कंटिन्यूएशन गैप एक मजबूत ट्रेंड का सिग्नल देता है, और एक कंटिन्यूएशन गैप होने के बाद ट्रेडर्स ट्रेंड की दिशा में एंट्री कर सकते है׀
  • एग्जॉशन गैप ट्रेंड रिवर्सल का सिग्नल देता है और ट्रेडर्स को इस गैप का पता लगने के बाद विपरीत ट्रेंड में एंट्री करनी चाहिए׀

ऊपर दिए गए थम्ब रूल्स की मदद से, दोनों डे ट्रेडर्स और पोजीशनल ट्रेडर्स चार्ट में गैप का एनालिसिस कर सकते है और इसके अनुसार ट्रेड कर सकते है׀

आप स्टॉकएज एप, जो वेब वर्जन में भी उपलब्ध है, का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग के लिए, स्टॉक को फ़िल्टर करने के लिए टेक्निकल स्कैन का उपयोग कर सकते है׀

नीचे कमेंट करके बताएं की क्या आपको यह प्राइस पैटर्न इंट्रेस्टिंग लगा׀

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Share Market में ट्रेडिंग कैसे करे? Trade meaning in Hindi

Trade-meaning-in-hindi

आप भी Share market के जरिये से पैसा कमा सकते है बस आपको मेहनत करने की जरुरत होती है यदि आप Beginner है या आपने अभी अभी स्टार्ट किया है और आप एवरेज मेहनत कर रहे है तो आपको इससे पैसा कमाने के लिए कम से कम 6 महीने से 1 साल के बीच लग सकता Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है यदि आप अच्छी खासी मेहनत कर रहे है

आप 6 महीने से पहले भी शुरू कर सकते है ये टोटली आप पर Depend करता है। Share market से पैसा कमाने के लिए आपको Share market trading आना बहुत जरुरी होता है

आज कि हमारी पोस्ट 'Share market trading' पर ही आधारित है जिसमे हम बात करेंगे कि Share market में trading क्या मतलब होता है (Trade meaning in hindi), Share market में trading कैसे करे, Trading कितने प्रकार की होती है, और इसके प्रकारो के बारे में बारीकी से बात करेंगे

Table of Contents

Share Market में ट्रेडिंग कैसे करे?

हम सब जानते और समझते है कि लाखो लोग हर वर्ष Share market में अपना हाथ अजमाते है लेकिन उनमे से अधिकतर नाकाम हो जाते है ऐसा क्यों होता है? चलिए समाझते है

ज्यादातर लोगो को रातो रात आमिर बनना होता है. जैसा वो मूवी देखते है. उन्हें बहुत जल्दी होती है. इसके चलते वो काफी चीज मिस कर देते है. कुछ चीजे गलत कर देते है. कुछ जरुरी चीजे तो करते ही नहीं है

अपना सारा पैसा एक साथ निवेश कर देते है निवेश करने से पहले ये पता करना जरुरी नहीं समाझते है कि आखिर उन्हें कहा, कितना और कैसे पैसे इन्वेस्ट करने है.

पैसे इन्वेस्ट करने से पहले सही कंपनी/जगह नहीं चुनते है जिससे उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ता है और वो ट्रेडिंग छोड़ देते है

यदि आपको ट्रेडिंग में सफल होना है तो ऊपर दी गयी गलतियां न करे. Points को जरूर फॉलो करे. इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी

Trading का क्या मतलब होता है? (Trade meaning in hindi)

Share को खरीदना और बेचना Trading कहलाता है. जितने भी लोग Share market में Trading करते है उन सभी का अपना अपना तरीका होता है. Trading करने का. शेयर खरीद कर वो अपने Demat account में रखते हैं.

Demat account का उपयोग शेयर को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडर द्वारा किया जाता है

शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है. ट्रेडिंग करने से पहले ध्यान रखे कि इसमें काफी जोखिम होता है. यदि आप सही तरीके से करते है तो आप कम से कम 2-3 गुने पैसे कमा सकते है

यदि आप गलत तरीके को चुनते है तो आपके द्वारा निवेश किये गए पैसे पुरे डूब भी सकते है. चलिए Stock market से जुड़े कुछ Important point के बारे में चर्चा करते है.

  • कंपनियों के नतीजे समझने की कोशिश करे। कैसे वो आपको Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? ट्रेडिंग में मदद और नुकसान दे सकते है
  • शेयर के असली मूल्यांकन को समझे
  • बाजार की चाल समझे। आखिर इस दौरान ट्रेडिंग में क्या चल रहा है? क्या आपको ज्यादा प्रॉफिट दे सकता है
  • किसी कंपनी के Share purchase करने से पहले उसके कारोबार और शेयर की असली कीमत को जरूर परखे.
  • जब शेयर का भाव कम हो तब शेयर खरीदने में ज्यादा प्रॉफिट हो सकता है क्युकि शेयर मार्किट में शेयर का भाव कभी एक सामान नहीं होता है. हो सकता है अभी रेट कम है अगले ही पल बढ़ जाये तब आप अपने शेयर बेंच कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है

Share market me trading kaise kare in hindi

Share Market me trading kaise kare? इसको समझने के लिए आपको बाजार का सही ज्ञान होना जरुरी है. Share market में सफल होने के लिए नीचे दी गयी Marketing tips को जरूर फॉलो करे ये आपको इस क्षेत्र में Pro बना सकती है

एक Trading account खोलें: सबसे पहले एक Trading account खोले। अकाउंट खोलने के लिए एक अच्छा ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर ढूंढें। अकाउंट खोलने के बाद अच्छे से ट्रेडिंग करने के Trading tools का उपयोग करे।

आज के समय में Trading tools मुफ्त और paid दोनों फॉर्म में मौजूद करे। मैं आपको राय देना चाहूंगा कि आप Paid trading tool का उपयोग करे उसमे आपको Latest और Powerful feature देखने को मिलेंगे। यदि आपको ये अच्छे फीचर Free trading tool में मिलते है तो आप उसे भी यूज़ कर सकते है

पढ़ना सीखें- एक मार्केट क्रैश कोर्स: यदि आप कम समय में अच्छी ट्रेडिंग करना सीखना चाहते है और उससे पैसे कमाना चाहते है तो आपको एक्सपर्ट की राय लेना जरूरी हो जाता है उन्होंने अपने सालो के एक्सपेरिंस में जो भी सीखा है

आप वो सिख सकते है और कम समय में ज्यादा नॉलेज प्राप्त कर सकते है कई Expert, Market Crash Course प्रोवाइड करते है आप उसे खरीद सकते है मार्केट क्रैश कोर्स खरीदने से पहले एक बात हमेशा ध्यान रखे कोर्स हमेशा एक्सपर्ट से ही ख़रीदे जो आज टॉप पर है और अच्छा ट्रैड कर रहे है. हर किसी से कोर्स मत ख़रीदे

Analysis करना सीखें: अभी मैंने आपको कुछ गलतिया बताई है जो अक्सर नए Trader करते है आप उन गलतियों को बिल्कुल न करे उन चीजों को बारीकी से विश्लेषण करना सीखें।

Share market chart kaise samjhe | शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस

Share market chart kaise samjhe– दोस्तों अगर आपको सही समय पर अच्छा मुनाफा कमाई करना है तो शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस करना जरुर आना चाहिए। इससे आप कम समय में ही अपने नुकशान को कम करके बहुत अच्छा रिटर्न कमाई कर चकते हो।

अगर आप बिना सीखे शेयर मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करते हो तो आप एकतरह से जुआ खेल रहे हो इससे आपको नुकशान होने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं। आपको पता होना चाहिए कब स्टॉक को खरीदना चाहिए और कब प्रॉफिट कमाई करके बेचना चाहिए।

इसी को जानने के लिए आपको Share Market के चार्ट को अच्छी तरह समझना बहुत जरुरी हैं। क्यूंकि इसी से ही आपको पता लगेगा स्टॉक ऊपर या नीचे जाने की कितने ज्यादा संभावना हैं।

Share market chart kaise samjhe

ज्यादातर रिटेल निवेशक किसी भी चार्ट को खोलते ही उनके मन में इस चार्ट में देखे किया और शुरु कहा से करे ये सवाल जरुर आता हैं। शेयर मार्केट में किसी भी चार्ट को समझने के लिए सबसे पहले बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत पड़ती हैं। उसके बाद ही काम आएगा आपका विश्लेषणात्मक कौशल जो आपको प्रयोग करना होगा उस चार्ट में।

Chart का Trend देखना चाहिए:- किसी भी स्टॉक के चार्ट अच्छी तरह से समझने के लिए आपका सबसे पहला काम होना चाहिए उस शेयर के Trend किस तरफ जा रहा हैं। उसको अच्छी तरह से देखना बहुत जरुरी हैं। वैसे तो चार्ट में 3 तरह का Trend देखने को मिलेगा। इन तीनो Trend के अन्दर से कोई ना कोई एक Trend में वो स्टॉक या Chart जरुर फॉलो कर रहा होगा। और इन ट्रेन्ड में काम करने के तरीका भी अलग अलग होता हैं।

  • Up Trend:- इस Trend का मतलब है Higher Top and Higher Bottom। जब भी चार्ट इस Trend को फॉलो करेगा आपको लगातार स्टॉक सीढ़ी की तरह ऊपर जाते ही नजर आएगा। तब आपको हमेसा उस स्टॉक को खरीदना चाहिए।
  • Down Trend:- इस ट्रेन्ड का मतलब है Lower top Lower bottom। जब भी आपको चार्ट में Down Trend देखने को मिलेगा स्टॉक हमेशा सीढ़ी की तरह नीचे आता नजर आनेवाला हैं। इस समय हमेशा उस स्टॉक को बेचके चलना चाहिए।
  • Sideways Trend:- इस ट्रेन्ड में आपको स्टॉक ना ऊपर जाता नजर आएगा और ना ही नीचे जाता नजर आएगा। एक ही रेंज में ट्रेड होता नजर आनेवाला हैं। अगर आप नए हो तो एसी चार्ट वाले ट्रेन्ड शेयर में कभी भी आपको काम नहीं करना हैं। क्यूंकि इसमें दिशा पता नहीं चलते जिसकी वजह से आपका पैसा डूबने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाता हैं।

शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस

Chart का मजबूत:- किसी भी स्टॉक के Chart का मजबूत जानने के लिए आपको पहले उस स्टॉक का गतिविधि कैसा हैं उसको जानना बहुत जरुरी हैं। जब भी उस शेयर में Correction देखने को मिलते वो कितना बड़ा गिरावट होता है आपको देखना चाहिए।

यदि बहुत ज्यादा ऊपर नीचे होता दिखाई दिए आपको एसी शेयर से दूर रहना ही बेहतर हैं। अगर आपको लगता है धीरे धीरे ऊपर या नीचे जाने की Trend दिख रहा हैं उस स्टॉक में ट्रेन्ड की हिसाव से काम करोगे तो हमेसा फ़ायदा होते देखने को मिलेगा।

चार्ट का Momentum:- जिस भी स्टॉक के चार्ट में काम करना है उसका Momentum को ध्यान में रखके काम करना चाहिए। बहुत सारे ऐसे चार्ट आपको देखने को मिलेगा जिसका ऊपर जाने की स्पीड बहुत ही कम है।

अगर आप इस स्टॉक में काम करोगे तो आपको अच्छी मुनाफा कमाने के लिए बहुत समय लगनेवाला हैं। इसलिए आपको अच्छी Momentum वाले चार्ट को ही चुनना चाहिए।

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शेयर मार्केट चार्ट कैसे समझे और कमाई

रिस्क और रिवॉर्ड विश्लेषण:- अगर आप ऊपर दिए गए स्टेप को फॉलो करके कोई चार्ट को सेलेक्ट किया हो तो Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? आपको उस चार्ट का Support और Resistant को ध्यान से देखना चाहिए। उसके बाद आपका Stop Loss वोही होना चाहिए जहा उस चार्ट ने हाल ही में कोई Support लेके ऊपर की तरफ गया हैं।

जहा पर Support लिया है स्टॉक ने, वहा आपको Stop Loss लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान में रखना चाहिए आपका Stop Loss बहुत दूर ना हो। अगर आपको लगता है की रिस्क बहुत कम है और रिवॉर्ड बहुत ज्यादा मिल चकता है तभी आपको उस चार्ट में ट्रेड लेना चाहिए।

पतियोगी स्टॉक के चार्ट:- आप जिस भी स्टॉक के चार्ट को सेलेक्ट किया हो बाकि पतियोगी कंपनी को भी देखना चाहिए कैसा पदर्शन कर रहा हैं। आपको ध्यान में रखना चाहिए वो स्टॉक उस सेक्टर में बाकि पतियोगी कंपनी से बेहतर पदर्शन दिखा रहा हैं।

और साथ ही मार्केट यदि 1 पतिशत का मूवमेंट दिखाई उस स्टॉक की चार्ट में उससे ज्यादा की मूवमेंट दिखाने की क्षमता होना चाहिए। अगर आपको ऐसा होता दिखाई नहीं देते तो आपको दुसरे स्टॉक को खोजना चाहिए।

Maturity ट्रेन्ड चार्ट:- जब आप सभी स्टेप फॉलो कर रहे हो तब आपको अंतिम में देखना चाहिए कही वो स्टॉक कम समय में बहुत ज्यादा ऊपर तो चला नहीं गया। अगर आपको लगता है प्रॉफिट बुकिंग का समय आ चकता है। उस स्टॉक के चार्ट से आपको दूर रहना चाहिए।

चाहे न्यूज़ में कितना भी अच्छा उस स्टॉक के बारे में बताए। ज्यादा लालश के चक्कर में बिल्कुल नहीं पड़ना हैं। क्यूंकि वो स्टॉक पहले ही बहुत ज्यादा भाग चूका है आगे चार्ट में जितना बढ़ने की संभवाना होता है उतना ही ज्यादा गिरावट का मोहौल देखने को मिल चकता हैं। इसलिए Maturity ट्रेन्ड चार्ट से दूर रहना ही बेहतर हैं।

निष्कर्ष:-

शेयर बाज़ार में अगर आप ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करके कम समय में अच्छी मुनाफा कमाना चाहते हो तो ये 6 स्टेप आपको बहुत मदद करनेवाला हैं। उसी के साथ आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरुरत होगी। जितना ज्यादा आप इन स्टेप को फॉलो करके अभ्यास करोगे उतना ही आपका ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट निपुण होते जाएंगे। तभी आप किसी भी चार्ट को देखके अच्छा कमाई कर पाओगे।

आशा करता हु आपको Share market chart kaise samjhe शेयर मार्किट चार्ट एनालिसिस पोस्ट को पढ़के चार्ट के बारे में अच्छी तरह समझ गए होंगे। अगर आपके मन में अभी भी कोई सवाल है तो कमेंट में जरुर बताए। साथ ही शेयर मार्केट के महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे अन्य पोस्ट को पढ़ चकते हैं।

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा

Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्‍ड्स, म्‍यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्‍स छोटी फीस वसूलते हैं.

इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्‍स ही किन्‍हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्‍या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्‍योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

Demat and Trading अकाउंट की पूरी जानकारी

Photo of Rishika Mukherjee

जैसा कि हम सभी जानते है कि परिवर्तन ही प्रकृति का नियम है। प्राचीन काल से लेकर आज तक हमारे रहन सहन, काम करने के तरीकों आदि में भारी बदलाव आया है तथा टेक्नोलॉजी की वजह से दुनिया लगातार बदल रही है। इसके कारण शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने तथा इन्वेस्टिंग करने के तरीकों में भी काफी बदलाव आया है।

मार्च 2020 के बाद से ही बड़ी संख्या में डीमैट अकाउंट खुलने लगे है तथा विशेष रूप से हमारे देश के युवा लोग इस क्षेत्र की और काफी आकर्षित हो रहे है लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि अभी भी बहुत सरे लोगों को शेयर मार्केट तथा इससे जुडी बहुत सारी बेसिक डिटेल्स का भी पता नहीं है।

तो आज के इस ब्लॉग में हम डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

Demat Account क्या है ?

हम सभी बैंक अकाउंट के नाम तथा इसके उपयोग के बारे में परिचित है। हमारे बैंक अकाउंट में हम पैसे रख सकते है तथा निकाल सकते है तथा जमा भी करवा सकते है। एक डीमैट अकाउंट भी हमारे बैंक अकाउंट की तरह सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक रूप में होल्ड करने के काम आता है।

अगर आपके पास फिजिकल शेयर्स है तथा आप उनको इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में एक सुरक्षित जगह पर रखना चाहते है तो उस स्थिति में आप एक डीमैट अकाउंट खुलवाकर अपने शेयर्स को सुरक्षित रूप से इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रख सकते है। इसके अलावा आप इस खाते में पैसे भी रख सकते है जिनकी मदद से आप शेयर्स खरीद सकते है। लेकिन यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको यहां पर बैंक अकाउंट की तरह किसी प्रकार के मिनिमम शेयर्स या पैसे रखने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर आपके पास 0 शेयर्स है तो भी आपका डीमैट अकाउंट एक्टिव रह सकता है।

लेकिन इस Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? अकाउंट की मदद से आप सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली नहीं कर सकते अर्थात ट्रेडिंग नहीं कर सकते।

डीमैट अकाउंट के प्रकार -

हमने यह तो समझ लिया कि एक डीमैट अकाउंट क्या होता है तो आइये अब यह समझ लेते है कि ये कितने प्रकार के होते है तथा उनमें क्या क्या फर्क होता है -

1. Regular Demat Account -

अगर आप एक सामान्य भारतीय नागरिक है तो यह अकाउंट आपके लिए एक आदर्श अकाउंट है जिसमे आप अपनी सिक्योरिटीज तथा इक्विटीज को होल्ड करके रख सकते हो तथा इसकी मदद से आप IPOs में भी इन्वेस्ट कर सकते हो।

लेकिन समस्या तब खड़ी होती है जब आप उन शेयर्स को बेचना चाहते है और उसके लिए आपको एक डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ेगी।

सेबी के नए नियम के अनुसार आपको 50 हजार रूपये से कम की होल्डिंग्स के लिए किसी भी प्रकार के Maintenance Charges देने की भी जररूत नहीं पड़ेगी।

2. Repatriable Demat Account -

अगर आप एक NRI है तथा आप जिस देश में रहते है उस देश से भारत में फण्ड ट्रांसफर करना चाहते है तो ये अकाउंट आपके लिए ही बना है जिसमे आप एक साल में अधिकतम 1 मिलियन USD तक का फण्ड ट्रांसफर कर सकते है लेकिन इस प्रकार का डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको एक NRE Bank Account की जरूरत पड़ेगी।

Non - Resident External या NRE अकाउंट एक बैंक अकाउंट है जो एक NRI द्वारा उसके वर्तमान देश से भारत में पैसे ट्रांसफर करने के काम आता है तथा यह अकाउंट रूपये के Denominations पर आधारित है।

3. Non - Repatriable Demat Account -

यह अकाउंट भी उन लोगों के लिए है जो भारत से बाहर रहते है लेकिन Repatriable Account की तरह आप इसमें विदेश से हमारे देश में पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकते। अगर आप इस प्रकार का अकाउंट खुलवाना चाहते है तो आपके पास एक NRO अकाउंट होना चाहिए।

अगर आप वर्तमान में विदेश में रह रहे है लेकिन आप जब भारत में थे तब आपने कुछ शेयर्स खरीदे थे तथा अब आप उन शेयर्स को होल्ड करना चाहते है तो यह अकाउंट आपके लिए बिल्कुल सही है।

Trading क्या है?

जैसे कि हमने पहले भी चर्चा की थी कि एक डीमैट अकाउंट में आप केवल सिक्योरिटीज को होल्ड करके रख सकते है लेकिन अगर आप इनकी खरीददारी तथा बिकवाली करना चाहते है तो इसके लिए आपके पास एक ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए इसको भी हम निम्नलिखित प्रकारों में बाँट सकते है -

1. Equity तथा Derivatives Trading Account

यह सबसे आम ट्रेडिंग अकाउंट है जिसकी मदद से आप Shares , Futures तथा Options में ट्रेड कर सकते है। ये सारे Transactions आप अपने घर से ही कर सकते हो या फिर अपने ब्रोकर को कॉल करके भी बता सकते हो तथा आपका ब्रोकर आपका ये काम कर देगा। आपके सभी अकाउंट T+1 Day के हिसाब से Execute हो जाएंगे।

अगर आप केवल Futures and Options में ही ट्रेड करते है तो आपको डीमैट अकाउंट की भी जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि यह ट्रेड एक विशेष समय में ही ख़तम हो जाता है लेकिन स्टॉक्स के लिए आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ सकती है।

2. Commodity Trading Account

अगर आप Multi Commodity Exchange (MCX) में ट्रेड करना चाहते है तो आपको एक कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी इस अकाउंट को खुलवाने के बाद आप आसानी से कमोडिटी futures and Options में ट्रेड कर सकते है।

यहां पर भी transactions T+1 Day के आधार पर ही Execute होते है।

3. Discount Trading Account

जो लोग भारी संख्या में स्टॉक्स का Transactions करते है तो इस प्रकार के अकाउंट में फीस काफी कम लगती है लेकिन ये किसी भी प्रकार की एडिशनल सर्विसेज प्रदान नहीं करते है लेकिन Call and Trade जैसी सर्विसेज का फायदा आप कुछ एक्स्ट्रा फीस देकर उठा सके है।

एक इन्वेस्टर के तौर पर आप उपरोक्त तीनों में से किसी भी प्रकार का अकाउंट खुलवा सकते हो। कई बैंक्स आपको 3-in-1 की भी सुविधा भी प्रदान करती है। जो भी ब्रोकिंग फर्म्स बैंकों से जुडी होती है उनमें आप इस प्रकार के अकाउंट का फायदा उठा सकते हो इसमें आपको बैंकिंग सर्विसेज के साथ-साथ ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट की सर्विसेज भी मिलती है।

डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट में अंतर :-

आधार

डीमैट अकाउंट

ट्रेडिंग अकाउंट

उपयोग

शेयर्स तथा सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में स्टोर करने के लिए एक डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है

सिक्योरिटीज को खरीदने तथा बेचने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है

पहचान

डीमैट अकाउंट खुलने के बाद इन्वेस्टर को एक यूनिक ID नंबर दिया जाएगा

इसमें आपको अकाउंट खुलवाने के बाद एक ट्रेडिंग ID दी जाएगी

उद्देश्य

शेयर्स की सुरक्षा के लिए

शेयर्स तथा सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए


एक ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट कैसे खुलवाएं?

एक ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए या फिर आपको अभिभावकों की कानूनी परमिशन चाहिए होगी तथा उसके बाद आप शेयर्स तथा सिक्योरिटीज की खरीददारी तथा बिकवाली कर सकते है।

इसके अलावा आपको एक पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी तथा इन स्टेप्स को फॉलो करना होगा -

1 डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए आपको Depository Participant या DP से संपर्क करना होगा जिसके बारे में आप Central Depository Services या फिर National Securities Depository Limited से जानकारी प्राप्त कर सकते है। ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको एक ब्रोकर या ब्रोकिंग फर्म से संपर्क करना होगा।

2 अपने एड्रेस प्रूफ, पैन कार्ड, ID प्रूफ आदि देने के बाद आपको एक KYC भरनी पड़ेगी।

3 डीमैट अकाउंट की स्थिति में आपको एक एग्रीमेंट साइन करना होगा। इसकी एक कॉपी अपने पास जरूर रखें।

4 ट्रेडिंग अकाउंट के लिए आपको एक वेरिफिकेशन प्रोसेस से गुजरना होगा।

5 थोड़े समय बाद आपके डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाएंगे तथा आप उनका उपयोग कर सकते है।

निष्कर्ष -

हम आशा करते है कि इस आर्टिकल में लिखी गयी बातें आपके ट्रेडिंग तथा डीमैट अकाउंट से सम्बंधित सारे डाउट्स दूर कर देगी तथा आपको एक सही डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने में सहायता मिलेगी।

शेयर मार्किट एक ऐसी जगह है जहां आप अगर बिना नॉलेज काम करते है तो आपको नकारात्मक परिणाम मिल सकते है। इसलिए आपको हमेशा इसके बारे में कुछ नया सीखते रहना चाहिए।

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