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भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार

भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार
क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में रिजर्व बैंक (File Photo)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा स्थिति और आगे का कैसा हो सकता है रास्ता?

हम यह कह सकते हैं कि Web 3.0 से इंटरनेट पूरी तरह डीसेंट्रलाइज्ड हो जाएगा और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि वे बिना किसी इंटरमीडियरी के विभिन्न सर्विसेज हासिल कर सकेंगे.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा स्थिति और आगे का कैसा हो सकता है रास्ता?

Web 3.0 से क्रिएटर्स को भी बड़ा मौका मिलेगा क्योंकि वे सीधे ऑडिएंस तक पहुंचने में सक्षम होंगे

देश में हाल ही में बहुत से Web 3.0 प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप्स उभरे हैं. इसकी वजह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है जो इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. हम यह कह सकते हैं कि Web 3.0 से इंटरनेट पूरी तरह डीसेंट्रलाइज्ड हो जाएगा और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि वे बिना किसी इंटरमीडियरी के विभिन्न सर्विसेज हासिल कर सकेंगे. Web 3.0 से क्रिएटर्स को भी बड़ा मौका मिलेगा क्योंकि वे सीधे ऑडिएंस तक पहुंचने में सक्षम होंगे.

भारतः Web 3.0 का हब!

इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि हमारे जीवन में इंटरनेट एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है और इसमें Web 2.0 एप्लिकेशंस का बड़ा योगदान रहा है क्योंकि हमारी सामाजिक क्रांति के लिए यह मुख्य कारणों में से एक है.

हालांकि, आने वाला दौर Web 3.0 का होगा और कई वर्षों बाद इंटरनेट का यह वर्जन दुनिया में लगभग प्रत्येक व्यक्ति और बिजनेस पर असर डालेगा और इसमें CoinSwitch जैसे बड़े एक्सचेंजों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार आप क्रिप्टो सेगमेंट में सक्रिय हैं तो आपको पता होगा कि Web 3.0 अधिक ऑटोनॉमस, इंटेलिजेंट और ओपन है. यह सभी डेटा को एक डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से इंटरकनेक्ट करता है जिससे किसी एक के पास अथॉरिटी नहीं होती.

भारत में Web 3.0 से जुड़े प्रोजेक्ट्स की रफ्तार बढ़ रही है और इससे लोगों को फायदा होगा क्योंकि यह उनके जॉब करने, कंटेंट क्रिएट करने और नई चीजों को सीखने के तरीके को पूरी तरह बदल देगा. अगर देश में Web 3.0 अपनी जगह बनाने में सफल रहता है तो मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन में इनवेस्ट करने वालों की संख्या बढ़ेगी.

Web 3.0 को लेकर जल्द कदम बढ़ाने से कुछ मजबूत क्रिप्टो एसेट्स का महत्व भी बढ़ सकता है क्योंकि लोगों को नए इकोसिस्टम्स में एक्सचेंज के एक जरिए की जरूरत होगी. CoinSwitch के भविष्य की ओर देखने वाले नजरिए के साथ इसके यूजर्स के लिए क्रिप्टोकरेंसीज में ट्रांजैक्शन करना और सभी क्रिप्टो एसेट्स में सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट करना आसान हो जाएगा.

देश में क्रिप्टो को लेकर दिलचस्पी Web 3.0 के साथ और बढ़ सकती है क्योंकि इससे डेटा का स्वामित्व और नियंत्रण यूजर्स को भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार वापस मिलेगा और इंटरमीडियरीज और इंटरनेट पर काफी नियंत्रण रखने वाली कुछ बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की जरूरत नहीं रहेगी.

भारत में क्रिप्टो इनवेस्टमेंटः कैसे यह बदल रहा है?

देश में क्रिप्टो इनवेस्टर्स और 'होडलर्स' को पिछले कुछ महीनों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है क्योंकि केंद्र सरकार ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए नए कानून प्रस्तुत किए हैं. हालांकि, इससे क्रिप्टो इनवेस्टमेंट पर रवैया नहीं बदला है और इसे लेकर उत्साह बरकरार है. इस दावे की पुष्टि CoinSwitch जैसे प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंजों की बढ़ती यूजर वॉल्यूम से होती है. इससे पता चलता है कि क्रिप्टो इनवेस्टर्स और होडलर्स का क्रिप्टो पर विश्वास बरकरार है.

अब लोग केवल क्रिप्टो सेगमेंट में खरीदारी और बिक्री नहीं कर रहे. वे अब NFT, मेटावर्स से जुड़े इनवेस्टमेंट और DeFi-बेस्ड इनवेस्टमेंट जैसे अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं, जिनसे भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार फाइनेंशियल इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव होना तय माना जा रहा है. इनमें से कुछ इनवेस्टमेंट ट्रेंड्स के बारे में यहां आपको जानकारी दी जा रही हैः

नॉन-फंजिबल टोकन

आपको यह पता होना चाहिए कि नॉन-फंजिबल का मतलब है कि कोई ऐसी चीज जिसे कॉपी या रिप्लेस नहीं किया जा सकता क्योंकि यह अनूठी है. नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFT) के लिए हम ऐसे डिजिटल एसेट्स के बारे में बात करते हैं जिन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता और जो एक्सक्लूसिव होते हैं. प्रत्येक NFT यूनीक है और इसे वैल्यू के नुकसान के बिना बेचा या एक्सचेंज किया जा सकता है, जो इनवेस्टर्स के लिए अच्छा है. NFT की बिक्री NFT मार्केट में हो सकती है, जहां इसमें दिलचस्पी रखने वाला कोई व्यक्ति इसे आसानी से खरीद सकता है.

मेटावर्स से जुड़ा इनवेस्टमेंट

मेटावर्स से मतलब एक वर्चुअल वर्ल्ड है जिसमें यूजर्स 3D वर्चुअल स्पेस और एनवायरमेंट्स में शामिल हो सकते हैं. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मेटावर्स की मनी क्रिप्टोकरेंसीज हैं. इनका इस्तेमाल मेटावर्स में NFT, डीसेंट्रलाइज्ड में लैंड, कॉन्सर्ट की टिकट्स और आपके अवतार के लिए क्लोदिंग खरीदने में किया जाता है.

स्टेकिंग जैसे DeFi-बेस्ड इनवेस्टमेंट

अगर आप क्रिप्टो मार्केट में लंबी अवधि के इनवेस्टर हैं तो आप क्रिप्टो स्टेकिंग पर विचार कर सकते हैं. स्टेकिंग से आपको कैपिटल में बढ़ोतरी और आपके स्टेक्ड कॉइन्स के लिए गारंटीड रिवॉर्ड्स जैसे बेनेफिट मिलते हैं. क्रिप्टो माइनिंग के विपरीत, इसे कोई भी व्यक्ति एक निर्धारित क्रिप्टो वॉलेट में क्रिप्टो कॉइन्स को नेटवर्क के कामकाज में मदद के लिए लॉकिंग के जरिए कर सकता है. इसके बदले में इनवेस्टर को ब्लॉक रिवॉर्ड्स नए माइन किए गए कॉइन्स के तौर पर मिलते हैं.

देश में Web 3.0 और क्रिप्टो से जुड़े अन्य इनवेस्टमेंट के ट्रेंड्स में काफी संभावना है और इस सेगमेंट में दुनिया की अगुवाई भी भारत कर सकता है. इस क्रांति का हिस्सा बनने के लिए देश की सबसे आसान और विश्वसनीय क्रिप्टो ऐप CoinSwitch तैयार है.

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Cryptocurrency News: क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लग जाएगा प्रतिबंध? जानिए क्या बताया निर्मला सीतारमण ने

आरबीआई (Reserve Bank of India) ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र (RBI Circular) भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी।

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में बताया कि किसी देश की मौद्रिक (Monetary) और भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार राजकोषीय (Fiscal) स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री के अनुसार आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

Reserve Bank in favor of banning cryptocurrencies (File Photo)

क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के पक्ष में रिजर्व बैंक (File Photo)

लिखित जवाब भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार में बताया
लोकसभा में थोल थिरूमावलवन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह बात कही। उनसे प्रश्न किया गया था कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था में क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपभोग को परिसीमित करने वाला भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार कोई कानून लाने की कोई योजना है? वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘जी, हां। भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी चिंता जाहिर की है। आरबीआई ने उल्लेख किया है कि क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक मुद्रा को केंद्रीय बैंक/सरकार द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है।’’

राजकोषीय स्थिरता पर दुष्प्रभाव
उन्होंने बताया कि फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है हालांकि क्रिपटोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों एवं उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो स्थिर है। उन्होंने कहा कि इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा। गौरतलब है कि फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है।

रिजर्व बैंक की क्या है सिफारिश
सीतारमण ने बताया कि किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव संबंधी चिंताओं के मद्देनजर आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा, ‘‘ आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने बताया कि आरबीआई ने 24 दिसंबर 2013, एक फरवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से डिजिटल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को आर्थिक, वित्तीय, कानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी जोखिमों से आगाह कर रहा है।

वर्चुअल करेंसी पर क्या
सीतारमण ने कहा कि आरबीआई ने 6 अप्रैल 2018 को एक परिपत्र भी जारी किया जिसमें अपनी विनियमित संस्थाओं को वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने या निपटान में किसी भी व्यक्ति या संस्था को सुविधा प्रदान करने के लिये सेवाएं प्रदान करने पर रोक लगाई थी। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त, आरबीआई ने 31 मई, 2021 के परिपत्र के माध्यम से अपनी विनियमित संस्थाओं को डिजिटल करेंसी में लेनदेन के लिए ग्राहक की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिये विभिन्न मानकों के अनुरूप कार्य के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी है।

फीचर आर्टिकल: क्रिप्टोकरेंसी की भारत में स्थिति और निवेशकों का भविष्य

पिछले कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश सबसे हॉट इन्वेस्टमेंट के रूप में उभरा है। खासकर युवा निवेशकों के बीच यह तेजी से लोकप्रिय हुआ है। परंपरागत रूप से सुरक्षित तरीके से पैसा लगाने वाले निवेशक भी इसमें लगातार दिलचस्पी ले रहे हैं।

जहां एक और ब्लॉकचेन की मुख्य भूमिका वाले वेब 3.0 की बात हो रही है, वहीं देश में स्टार्टअप कल्चर भी तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में दुनिया की सबसे अधिक युवा आबादी वाले देशों में शुमार भारत इस कल्चर को भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार तेजी से अपना रहा है और ब्लॉकचेन आधारित तकनीकों पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है।

क्रिप्टो टैक्स: क्रिप्टो निवेश अब मुख्यधारा में आ चुका है
भारत में क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हमेशा से इस बात को लेकर आशंकित रहे हैं कि देश में यह निवेश कानूनी रूप से वैध है या नहीं! इसी धारणा को स्पष्ट भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार करने के लिए पहली बार देश में इस साल के बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स की बात की गई है।

इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर अब 30 प्रतिशत कर लगेगा। कराधान उद्देश्य के लिए, क्रिप्टोकरेंसी को अब वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) की परिभाषा में शामिल कर लिया गया है।

इसके अलावा, लेन-देन के विवरण को विनियमित और कैप्चर करने के लिए क्रिप्टो एक्सचेंज या किसी अन्य भुगतानकर्ता द्वारा क्रिप्टोकरंसी के विक्रेता से 1 प्रतिशत टीडीएस की कटौती का भी प्रावधान किया गया है, यदि कुल भुगतान 10,000 रुपए वार्षिक से ऊपर है। यह प्रावधान 1 जुलाई 2022 से लागू किए जा रहे हैं।

इस तरह से कहा जा सकता है कि अब भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश पूरी तरह से कानूनी रूप से वैध हो चुका है। जहां तक अधिक कर की बात है तो यह एक लचीली व्यवस्था है। यह शुरुआती समय है और आने वाले समय में इस पर अधिक विचार किया जाएगा। इसके बाद निवेशकों को हित को देखते हुए इसमें आवश्यक बदलाव किए जा सकते हैं।

भारत बन रहा वेब 3.0 हब
वेब3 या वेब 3.0 एक नई शब्दावली है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इसका अर्थ एक ऐसे इंटरनेट स्पेस से है, जो विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। सरल शब्दों में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के पास इंटरनेट चरण के स्वामी होने की शक्ति होती है। इसके अनुसार इंटरनेट की दुनिया में आम इंटरनेट उपयोगकर्ता शेयरधारक होंगे।

वेब 3.0 मूल रूप से यह निर्धारित करता है कि किसी दिए गए इंटरनेट व्यापार पारिस्थितिकी तंत्र में भाग लेने वाले सभी विभिन्न हितधारक अपने डेटा पर नियंत्रण कैसे बनाए रखते हैं। अच्छी बात यह है कि भारत धीरे-धीरे वेब 3.0 अर्ली एडॉप्टर के रूप में विकसित हो रहा है, जिसमें पूरे देश में कार्यक्रमों की योजना तेजी से बनाई जा रही है।

वेब 3.0 में इकोसिस्टम के लिए क्रिप्टो एसेट की जरूरत होती है और यही वजह है कि वेब 3.0 क्रिप्टो करेंसी के अभाव में सफल नहीं हो सकता। नए इकोसिस्टम में एक्सचेंज के मीडियम के रूप में क्रिप्टोकरेंसी का होना जरूरी है। यही कारण है कि वेब 3.0 का क्रेज क्रिप्टो व्यापार को और आगे ले जाएगा।

भारत में क्रिप्टो निवेश: लगातार विकास के पथ पर अग्रसर
भारत में क्रिप्टो निवेशक और HODLers उत्साहित हैं और आशावाद से भरे हुए हैं। HODLers शब्द का चलन क्रिप्टो करेंसी को खरीदकर उसे लंबे समय तक होल्ड करने वाले लोगों के लिए किया जाता है। भारत में क्रिप्टो को वैधानिक मान्यता मिलने, वेब 3.0 को जल्दी अपनाने की स्पर्धा और निवेश के लिए आधुनिक विकल्प ने अग्रणी क्रिप्टो एक्सचेंजों रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ाई है।

कॉइनस्विच कुबेर प्लेटफॉर्म पर 15 मिलियन यानी डेढ़ करोड़ से अधिक यूजर्स हैं और कंपनी अपनी वर्कफोर्स को दिसंबर 2022 तक 1000 तक पहुंचाना चाहती है। कॉइनस्विच भारत का पहला ऐसा क्रिप्टो एक्सचेंज होगा, जो अपनी टीम में वेब 3.0 इंजीनियर्स की भर्ती करेगा। इसके अलावा​ क्रिप्टो के निवेशक इस वजह से भी बढ़ रहे हैं क्योंकि लोग बड़े पैमाने पर निवेश के दूसरे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।

इसमे शामिल है: एनएफटी, मेटावर्स-संचालित निवेश और डिफाइ-आधारित निवेश।

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि भारत में क्रिप्टो में काफी संभावनाएं हैं। निवेशकों की दिलचस्पी के साथ ही वेब 3.0 के विकास की वजह से क्रिप्टो समय की मांग बन चुके हैं। आधुनिक युग में नवीनतम तकनीकों के साथ यदि किसी निवेश को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है तो वह क्रिप्टो निवेश ही है।

क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग का पहला मामला अमेरिका में सामने आया, दो भारतीय भाई, एक इंडियन अमेरिकन आरोपी

 इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.

इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.

First ever cryptocurrency insider trading tipping scheme: क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला साम . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 22, 2022, 09:21 IST

हाइलाइट्स

यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा.
इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं.
आरोपी वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया.

वॉशिंगटन. शेयर बाजार में इनसाइडर ट्रेडिंग और घपले-घोटाले की खबरें तो आपने पढ़ी होंगी लेकिन अब क्रिप्टोकरेंसी में इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला सामने आया है. एक तरह से भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार देखा जाए तो यह क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में पहला इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला होगा. यह मामला अमेरिका में सामने आया है. इसमें में दो भारतीय भाई और उनके एक इंडियन अमेरिकन दोस्त पर इसमें शामिल होने का आरोप लगा है.

केस के मुताबिक, इस इनसाइडर ट्रेडिंग से इन लोगों ने एक मिलियन डॉलर यानी लगभग भारत में क्रिप्टोकरेंसी व्यापार 8 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाए हैं. मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 32 वर्षीय ईशान वाही (Ishan Wahi) और उसका 26 वर्षीय भाई निखिल वाही (Nikhil Wahi) भारत के नागरिक हैं और सिएटल में रह रहे थे. वहीं, उनका इंडियन अमेरिकन दोस्त 33 वर्षीय समीर रमानी ह्यूस्टन में रहता है.

क्वॉइनवेस एक्सचेंज से जुड़ा मामला
न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए संयुक्त राज्य अटॉर्नी डेमियन विलियम्स और फेडरल जांच ब्यूरो के न्यूयॉर्क फील्ड ऑफिस के असिस्टेंट डायरेक्टर-इन-चार्ज माइकल जे. ड्रिस्कॉल ने गुरुवार को इस केस को ओपन करने की घोषणा की. इस मामले में वाही ब्रदर्स और रमानी पर फ्रॉड कॉन्सपिरेसी और क्रिप्टोकरेंसी एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग का चार्ज लगा है. इन तीनों ने क्वॉइनवेस एक्सचेंज पर लिस्ट होने वाली क्रिप्टो एसेट को लेकर गुप्त सूचनाएं लीक की.

वाही बंधुओं को गिरफ्तार किया गया
सिक्यूरिटी एंड एक्सचेंज कमिशन ने गुरुवार को इन तीन लोगों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोपों की घोषणा की. वाही बंधुओं को गुरुवार सुबह सिएटल में गिरफ्तार किया गया. इनको वाशिंगटन के जिला कोर्ट में पेश किया जाएगा. एसईसी कम्प्लेन में कहा गया है कि माना जा रहा है कि रमानी वर्तमान में भारत में है. रमानी और ईशान वाही ने एक ही समय में ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय में पढ़ाई की और घनिष्ठ मित्र बने.

25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में इनसाइडर ट्रेडिंग
प्रॉसक्यूटर्स ने कहा कि इन तीनों को पहली क्रिप्टोकरेंसी इनसाइडर ट्रेडिंग टिपिंग स्कीम में आरोपित किया गया है. इस मामले में आरोपियों ने कम से कम 25 अलग-अलग क्रिप्टो एसेट में अवैध व्यापार किया और लगभग 1.5 मिलियन अमरीकी डालर का अवैध प्रॉफिट कमाया है.

ईशान वाही पर वायर फ्रॉड की साजिश के दो और वायर फ्रॉड के दो मामले दर्ज हैं. इनमें में से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है. इसी तरह, निखिल वाही और रमानी पर वायर फ्रॉड की साजिश का एक और वायर फ्रॉड का एक आरोप लगाया गया है, जिनमें से प्रत्येक में अधिकतम 20 वर्ष की सजा का प्रावधान है.

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