व्यापार तकनीक क्या है?

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वैज्ञानिकों ने बनाया किफायती सेंसर, नदियों के जल स्तर को रिकॉर्ड कर बाढ़ की चेतावनी देगा
जल स्तर को रिकॉर्ड करने वाले जीएनएसएस एंटीना को किसी भी संरचना से जोड़ सकते हैं, चाहे वह पुल हो, इमारत हो या नदी के बगल का एक पेड़ .
भारत के अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी विकसित करने के लिए सीएसई और केंद्र ने मिलाया हाथ
इसके अंतर्गत जलवायु संबंधी बाधाओं के तहत सुरक्षित, टिकाऊ और अच्छा प्रदर्शन करने वाली बैटरी डिजाइन करने की योजना है
कुछ ग्रहों के अंदरूनी हिस्सों में गर्म घने हाइड्रोजन का वैज्ञानिकों ने लगाया पता
जीरो कार्बन बिजली उत्पादन तकनीक बनाने के लिए हाइड्रोजन महत्वपूर्ण है।
लिथियम-आयन बैटरी विनिर्माण सुविधा स्थापित करेगा सीएसआईआर
सीएसआईआर अब चेन्नई में लिथियम-आयन बैटरी निर्माण सुविधा का निर्माण कर रहा है। सीएसआईआर की इस पहल से लिथियम बैटरियों के आयात पर भारत की निर्भरता कम करने का .
भारतीय वैज्ञानिकों ने विकसित की नई सामग्री जो एलईडी को बनाएगी अधिक टिकाऊ व चमकदार
वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे अकार्बनिक नैनो सामग्री के प्लाज्मा ट्रीटमेंट खोजे हैं जो डायोड (एलईडी) को टिकाऊ तथा अधिक चमकदार प्रकाश देने में मदद करेगी।
तकनीक: अब आप स्मार्टफोन के कैमरे से खून में ऑक्सीजन के स्तर को माप सकते हैं
स्मार्टफोन से खून में ऑक्सीजन के स्तर को मापने का एक अन्य लाभ यह है कि वर्तमान में लगभग सभी के पास यह उपलब्ध है।
वैज्ञानिकों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाई इंटेलिजेंस प्रणाली, सुरक्षित और बेहतर प्रदर्शन के लिए अहम
यह प्रणाली बेहतर दक्षता वाले वाहनों के लिए विशेष रूप से मोटर पावर कंट्रोलर, बैटरी प्रबंधन प्रणाली, वाहन बुद्धिमत्ता मॉड्यूल, क्लाउड कनेक्टिविटी इत्यादि आवश्यकताओं पूरा कर सकती है
अब किसानों को उनके इलाके के आधार पर मौसम संबंधी सेवाएं देगा मेघदूत मोबाइल ऐप
ऐप में लगभग 6970 ब्लॉकों के लिए ब्लॉक स्तरीय मौसम का पूर्वानुमान और 3100 ब्लॉकों के लिए ब्लॉक स्तरीय मौसम को लेकर कृषि संबंधी सलाह (एग्रोमेट एडवाइजरी) जोड़ी गई .
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व्यापार में डेटा विज्ञान – यह क्या है, और आपको क्यों जानना चाहिए
व्यापार में डेटा विज्ञान – यह क्या है, और आपको क्यों जानना चाहिए
व्यापार मालिकों को हर दिन कई अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और डेटा विज्ञान उन समस्याओं को और अधिक प्रभावी तरीके से हल करने में उनकी सहायता कर सकता है।
इस लेख में, हम देखेंगे कि डेटा विज्ञान क्या है, और आज व्यवसायों के लिए यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है। हम व्यापार तकनीक क्या है? व्यापार में डेटा विज्ञान के कुछ सामान्य उपयोगों को भी रेखांकित करेंगे, और चर्चा करेंगे कि यदि आप इस आकर्षक क्षेत्र के बारे में अधिक जानने में रुचि रखते हैं तो आप कैसे आरंभ कर सकते हैं!
व्यवसाय में डेटा विज्ञान क्या है?
व्यापार में डेटा विज्ञान डेटा में पैटर्न, अंतर्दृष्टि और समाधान की पहचान करने के लिए डेटा-संचालित तकनीकों और विधियों का अनुप्रयोग है।
डेटा विज्ञान व्यवसायों को अपने संचालन में सुधार करने, ग्राहक व्यवहार को समझने और भविष्य के रुझानों की भविष्यवाणी करने में मदद कर सकता है।
डेटा विज्ञान का उपयोग करने वाले व्यवसायों को उन पर लाभ होता है जो ऐसा नहीं करते क्योंकि वे समस्याओं को तेजी से, अधिक प्रभावी ढंग से और कम जोखिम के साथ हल कर सकते हैं।
तो आपको व्यवसाय में डेटा विज्ञान की परवाह क्यों करनी चाहिए? यहाँ तीन कारण हैं:
- डेटा विज्ञान व्यवसायों को उनकी प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने और बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकता है।
- डेटा विज्ञान व्यवसायों को ग्राहक कमजोरियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने में मदद कर सकता है।
- डेटा विज्ञान व्यवसायों को भविष्य के रुझानों की भविष्यवाणी करने और तदनुसार जोखिमों का प्रबंधन करने में मदद कर सकता है।
डेटा विज्ञान के विभिन्न प्रकार क्या हैं?
डेटा विज्ञान के कई अलग-अलग प्रकार हैं, और प्रत्येक के पास कौशल और तकनीकों का अपना अनूठा सेट है।
डेटा विज्ञान के कुछ सबसे सामान्य प्रकार हैं:
– प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण
व्यवसाय में डेटा विज्ञान का उपयोग करने के क्या लाभ हैं?
व्यवसाय में डेटा विज्ञान का उपयोग करने के लाभों व्यापार तकनीक क्या है? को चार मुख्य क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है:
1) बढ़ी हुई दक्षता और सटीकता
2) बेहतर ग्राहक जुड़ाव और प्रतिधारण
3) बेहतर निर्णय लेना
4) लाभप्रदता में वृद्धि। इन लाभों को कैसे प्राप्त किया जा सकता है, इसके कुछ उदाहरण यहां दिए गए हैं
बढ़ी हुई दक्षता और सटीकता: जब किसी संगठन की प्रक्रियाओं की सटीकता और दक्षता में सुधार के लिए डेटा का उपयोग किया जाता है, तो यह समय और धन बचा सकता है।
उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी ग्राहकों के रुझान का अधिक सटीक अनुमान लगाने में सक्षम है, तो वे लक्षित विपणन अभियान बना सकते हैं जिनके सफल होने की अधिक संभावना है।
इसके अतिरिक्त, स्वचालित सिस्टम पिछले डेटा के आधार पर उत्पादन प्रक्रियाओं को अनुकूलित कर सकते हैं, जिससे लागत में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है।
बेहतर ग्राहक जुड़ाव और प्रतिधारण: अपने ग्राहकों की जरूरतों को बेहतर ढंग से समझकर, व्यवसाय उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद और सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होते हैं।
इससे ग्राहकों के बीच वफादारी बढ़ती है और कुल मिलाकर लंबी अवधि की सफलता मिलती है। कुछ मामलों में, अप्रयुक्त बाजारों की पहचान करना भी संभव हो सकता है जिन्हें कंपनी नए उत्पादों या सेवाओं के साथ लक्षित कर सकती है।
बेहतर निर्णय लेना: डेटा विज्ञान को अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया में शामिल करके, व्यवसाय पहले से कहीं अधिक तेजी से बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होते हैं
बिजनेस में डेटा साइंटिस्ट कैसे बनें?
यदि आप अधिकांश व्यवसाय मालिकों की तरह हैं, तो शायद आपको डेटा विज्ञान की मजबूत समझ नहीं है।
वास्तव में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (एनआईएसटी) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार, वर्तमान में केवल 34% व्यवसाय ही अपने संचालन को बेहतर बनाने के लिए डेटा साइंस का उपयोग करते हैं।
जबकि डेटा वैज्ञानिक बनने का कोई एक सही तरीका नहीं है, यह लेख डेटा विज्ञान की मूल बातें बताएगा और आपको आरंभ करने के तरीके के बारे में सुझाव प्रदान करेगा।
डेटा साइंस क्या है?
सीधे शब्दों में कहें, डेटा विज्ञान व्यावसायिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए डेटा एनालिटिक्स और मॉडलिंग तकनीकों का उपयोग करने की प्रक्रिया है। विशेष रूप से, यह डेटा के बड़े सेट में पैटर्न की पहचान करने में मदद करता है और सूचित निर्णय लेने के लिए उस जानकारी का उपयोग करता है।
डेटा साइंटिस्ट बनना क्यों महत्वपूर्ण है?
व्यवसाय के मालिकों के लिए डेटा वैज्ञानिक बनना महत्वपूर्ण होने के कई कारण हैं। सबसे पहले, यह उन समस्याओं को पहचानने और हल करने में मदद कर सकता है जिनका पता लगाना अन्यथा मुश्किल या असंभव होगा।
उदाहरण के लिए, यदि आपकी कंपनी उच्च ग्राहक मंथन दरों का अनुभव कर रही है, तो आपके ग्राहक डेटा का विश्लेषण करने से उस व्यवहार को चलाने वाले विशिष्ट कारकों की पहचान करने में सक्षम हो सकता है।
इस जानकारी का उपयोग तब नई मार्केटिंग रणनीतियों को विकसित करने या आपकी ग्राहक सेवा के संचालन के तरीके को बदलने के लिए किया जा सकता है।
निष्कर्ष
डेटा विज्ञान तेजी से सबसे महत्वपूर्ण कौशल में से एक बन रहा है जिसे व्यवसायों को आज के बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की आवश्यकता है। इस लेख में, हम चर्चा करेंगे कि डेटा विज्ञान क्या है और आपको इसके बारे में अधिक जानने में रुचि क्यों होनी चाहिए।
हम व्यापार में डेटा विज्ञान का उपयोग कैसे किया जा सकता है, इसके कुछ उदाहरण भी प्रदान करेंगे, और समझाएंगे कि आपको इस कौशल सेट में निवेश करने पर विचार क्यों करना चाहिए।
इस लेख के अंत तक, मुझे आशा है कि आपको इस बात की बेहतर समझ होगी कि डेटा विज्ञान क्या है, यह क्यों महत्वपूर्ण है, और यह ऐसा कुछ है जो आपके व्यवसाय को लाभ पहुंचा सकता है या नहीं।
क्षेत्रीय व्यापार समूह पर अलग-अलग विचार
एक विचारधारा ऐसी भी है कि भारत व्यापार के खिलाफ है। यह धारणा इसलिए बनी कि भारत लगातार चीन की आरसेप और अब अमेरिका की आईपीईएफ जैसी क्षेत्रीय व्यापारिक व्यवस्थाओं में शामिल होने का अनिच्छुक बना रहा या इससे इनकार करता रहा। भारत विश्व व्यापार संगठन का भी एक अनिच्छुक समर्थक रहा है। कुल मिलाकर उसने हमेशा द्विपक्षीय समझौतों को तरजीह दी है। कई अर्थशास्त्री और राजनयिक सोचते हैं कि व्यापार को लेकर यह रुख सही नहीं है। वहीं ऐसा सोचने वाले भी हैं कि यह सही रवैया है।
इस 35 वर्ष पुरानी बहस में एक बड़ी दिक्कत यह है कि इसमें अच्छे और बुरे का आकलन करने के कोई विशिष्ट मानक नहीं हैं। दूसरी समस्या यह रही है कि सरकार हमेशा बौद्धिक संबद्धता की शर्तें तय करती है, भले ही उसके पास ऐसा करने की पूरी तैयारी न हो। इसका परिणाम उन लोगों के बीच ध्रुवीकरण के रूप में सामने आता है जो या तो आजीविका के संदर्भ में दलील देते हैं (सरकार) तथा वे जो आर्थिक क्षमता और तकनीक हस्तांतरण के संदर्भ में दलील देते हैं। इससे एक स्वाभाविक समस्या उत्पन्न होती है- दोनों पक्ष अपनी-अपनी जगह सही हैं। ऐसे में अंतत: बात केवल संतुलन की रह जाती है। लेकिन प्रश्न यह है कि आप संतुलन कैसे कायम करेंगे जब आप पहले उपरोक्त मानक पर सहमत नहीं हुए?
विजेताओं और पराजित होने वालों के बारे में भी स्पष्ट तौर पर कुछ व्यापार तकनीक क्या है? नहीं कहा जा सकता है। सरकार नहीं चाहती कि कोई पराजित हो या पीछे रहे। यह बात राजनीतिक रूप से वांछित हो सकती है लेकिन व्यावहारिक स्तर पर यह असंभव है। दूसरा पक्ष कहता है कि बाजार को तय करने दीजिए, भले ही पूरी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो। इससे लगने वाले झटके और उसके परिणामस्वरूप आने वाले सुदृढ़ीकरण से पूरे देश को लाभ ही होगा।
दूसरे शब्दों में कहें तो ऐसा कोई बिंदु नहीं हैं जहां आगामी चुनावों की बाट जोह रही अर्थव्यवस्था और अगले दशक के बारे में विचार कर रही अर्थव्यवस्था का मेल हो।
पहली बात जो स्वीकार करनी होगी वह यह कि हमारी अर्थव्यवस्था बहुत बड़ी नहीं है। विश्व अर्थव्यवस्था के समक्ष हमारी वही स्थिति है जो भारतीय अर्थव्यवस्था के समक्ष अन्य छोटे देशों की है यानी महत्त्वहीन। हम कारोबारी समूहों के साथ तभी समझदारीपूर्वक संपर्क कर सकेंगे जब हम स्वीकार कर लें कि वास्तव में हम एक छोटी सी अर्थव्यवस्था हैं। एक कमी यह है कि हमारे पास मोलतोल की कोई क्षमता नहीं है और अमेरिका तथा चीन जैसी किसी भी बड़ी अर्थव्यवस्था के नेतृत्व वाली व्यवस्था में हम हमेशा नुकसान में रहेंगे। हमें उनके शासन में रहना होगा। ऐसे में बाहर रहना समझदारी भरा फैसला माना जा सकता है।
जब हम किसी खेमे में नहीं होते तो हमारा आकार काफी बड़ा प्रतीत होता है लेकिन जैसे ही हम किसी खेमे या कारोबारी समूह में आते हैं तो न केवल आर्थिक रूप से हमारा आकार छोटा हो जाता है बल्कि समूह के भीतर समर्थकों की तादाद की दृष्टि से भी हमारा आकार छोटा दिखता है।
उस लिहाज से देखा जाए तो आजीविका की दलील को राजनेता दरकिनार कर सकते हैं क्योंकि वे तात्कालिक राजनीतिक समस्याओं को अधिक तरजीह देते हैं, बजाय कि मध्यम अवधि के आर्थिक नतीजों के।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने दोहा दौर की वार्ता में कृषि को लेकर आजीविका की व्यापार तकनीक क्या है? दलील दी। हकीकत में इस बात का कोई आधार नहीं था लेकिन कोई राजनीतिक दल किसान विरोधी होने का ठप्पा लगवाना नहीं चाहेगी। यह एक ऐसी हकीकत है जो अमेरिका पर लागू नहीं होती है। वहां किसान आबादी का केवल 1.5 फीसदी हैं और चीन की बात करें तो वह निजी स्तर पर व्यक्तियों की बहुत अधिक परवाह नहीं करता।
तीन दशकों तक इन व्यापारिक नीतियों संबंधी बहसों पर नजर रखने के बाद मैं यह व्यापार तकनीक क्या है? प्रस्ताव रखना चाहूंगा कि हमें विशिष्ट संतुलन पर अधिक ध्यान देना चाहिए और सामान्य मान्यताओं पर कम।
पहली बात, विश्व व्यापार संगठन में चीन के साथ दुनिया का जो अनुभव रहा है उससे पता चलता है कि आपको केवल अपनी नीतियों में ही बदलाव नहीं करना होता है बल्कि आपको हमेशा इस बात के लिए भी तैयार रहना होगा चीन क्या करता है।
दूसरी बात, हमेशा ऐसी निर्यात और विनिमय दर नीतियां अपनाएं जिनके बारे में अनुमान लगाया जा सकता हो। एक बेहतरीन अर्थशास्त्री रहे दिवंगत राहुल खुल्लर भी अक्सर इसी बात का उल्लेख किया करते थे। बतौर वाणिज्य सचिव उन्होंने अनुमान न लगा पाने की अनिश्चितता को बहुत करीब से देखा था।
तीसरी बात, उन अर्थशास्त्रियों और राजनयिकों की बात नहीं सुनें जो पूरी प्रक्रिया में शामिल न हों और जिनका उसमें कुछ दांव पर न लगा हो। इसके बजाय केवल व्यापार नीति से जुड़े वकीलों और किसानों तथा कारोबारी लोगों की बात सुनें। यदि इन लोगों की सहमति मिले तभी किसी व्यापार ब्लॉक का हिस्सा बनें, उसमें शामिल हों। अगर वे इससे इनकार करें तो दूरी बनाए रखें।