अध्ययन का सामग्री

विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ

विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ
  1. व्यापार संतुलन
  2. विदेशी संपत्ति
  3. अदृश्य का संतुलन
  4. विशेष आहरण अधिकार

निर्यातकों को मिलेगा रुपये में लाभ

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने आज विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में संशोधन कर निर्यातकों को निर्यात लाभों का दावा रुपये में करने में सक्षम बना दिया है। अब तक यह विदेशी मुद्रा में प्राप्त निर्यात भुगतान के लिए ही उपलब्ध था। यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

यह फैसला ऐसे समय में सामने आया है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन रुपये में करने की व्यवस्था दी है। रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की ओर सरकार के कदम को देखते हुए नीतिगत संशोधन किया गया है, जिससे घरेलू मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में लेन-देन में सहूलियत रहे।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है, ‘भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार का निपटान रुपये में करने यानी इनवाइसिंग, भुगतान और निर्यात एवं आयात का निपटान भारतीय रुपये में करने की अनुमति देने के लिए विदेश व्यापार नीति और प्रक्रियाओं की नियमावली में संशोधन किया है।’

अब तक इन योजनाओं का लाभ तभी मिलता था, जब प्रतिबंध से प्रभावित ईरान के मामले को छोड़कर भुगतान विदेशी मुद्रा में मिले। निर्यात के लिए वस्तुओं के आयात, एडवांस अथराइजेशन (एए) के तहत निर्यात आमदनी की प्राप्ति, शुल्क मुक्त आयात मंजूरी (डीएफआईए) योजनों के साथ निर्यात संवर्धन पूंजीगत वस्तु (ईपीजीसी) योजनाओं के तहत निर्यात से प्राप्त लाभ पर यह संशोधन लागू होगा।

निर्यातकों ने पहले कहा था कि घरेलू मुद्रा में निर्यात की लागत के मामले में निर्यात लाभों के लागू होने को लेकर स्पष्टता की जरूरत है। इसके अलावा तमाम निर्यातक हैं, जिन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत आयात किया है, उन्हें रुपये में निर्यात बाध्यता की स्वीकार्यता को लेकर स्पष्टीकरण की जरूरत है।

रिजर्व बैंक ने जुलाई में कहा था कि वैश्विक व्यापार की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए रुपये में कारोबार की अनुमति दी जाएगी, जिसमें भारत से निर्यात पर जोर होगा। साथ ही विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ वैश्विक व्यापार समुदाय की रुपये में कारोबार करने को लेकर दिलचस्पी बढ़ाई जाएगी। रिजर्व द्वारा अंतिम रूप दी गई व्यवस्था के मुताबिक साझेदार देशों के बैंक अधिकृत डीलर (एडी) बैंक के साथ विशेष रुपये वोस्त्रो खाता खोलने के लिए संपर्क कर सकते हैं। उसके बाद एडी बैंक व्यवस्था संबंधी ब्योरों के साथ केंद्रीय बैंक से मंजूरी की मांग करेगा।

रुपये में कारोबार की व्यवस्था को अभी गति पकड़ना बाकी है, वहीं निर्यातकों को उम्मीद है कि इससे भारत का निर्यात उन देशों के साथ बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो विदेशी मुद्रा की भारी कमी का सामना कर रहे हैं या प्रतिबंधों के दायरे में हैं। दो घरेलू बैंकों- यूको बैंक और येस बैंक की रूस के बैंकों से बातचीत चल रही है, जिससे दोनों देशों के बीच रुपये में अंतरराष्ट्रीय व्यापार हो सके।

इंजीनियरिंग ऐंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल आफ इंडिया (ईईपीसी) के चेयरमैन अरुण कुमार गारोडिया ने कहा, ‘विदेश व्यापार नीति में बदलाव से घरेलू मुद्रा में कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। इससे निर्यात में तेजी आएगी। इस फैसले से इंजीनियरिंग के सामान के क्षेत्र को 127 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी, जो सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए तय किया है।

विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ

80HHD. (1) एक निर्धारिती, एक भारतीय कंपनी या (एक कंपनी के अलावा अन्य) एक व्यक्ति भारत में निवासी जा रहा है, एक होटल के कारोबार में या विहित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित एक टूर ऑपरेटर, की लगी हुई है परंतु 27 इस संबंध में या एक से एजेंट यात्रा,, के अनुसार और इस धारा के प्रावधानों के अधीन में, निर्धारिती की कुल आय, की कुल के बराबर राशि की कटौती कंप्यूटिंग में, वहाँ की अनुमति दी जाएगी

(ख) शेष लाभ के बाहर राशि का इतना (एक) की कटौती करने की अनुमति दी और एक रिजर्व खाते में जमा किया जा रहा है जिनके संबंध में पिछले वर्ष के लाभ और हानि खाते में डेबिट किया जाता है के रूप में खंड में निर्दिष्ट उप - धारा (4) में निर्धारित तरीके से निर्धारिती के व्यापार के प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जा:

28 [जैसा भी मामला हो एक होटल या,, या उसके बाद नवंबर, 1989 के 30 वें दिन और अक्तूबर, 1991 के 1 दिन पहले विहित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित एक टूर ऑपरेटर, द्वारा अनुमोदित किया गया है समझा जाएगा बशर्ते कि अप्रैल, 1989 के 1 दिन या अप्रैल, 1990 के 1 दिन या, जैसा भी मामला हो, 1 अप्रैल दिन, 1991 अगर निर्धारिती को शुरू निर्धारण वर्ष के संबंध में इस खंड के प्रयोजनों के लिए विहित प्राधिकारी इस तरह के होटल के व्यवसाय में या कहा मूल्यांकन वर्षों के किसी के लिए प्रासंगिक पिछले वर्ष के दौरान इस तरह के टूर ऑपरेटर के रूप में लगी हुई थी.]

(2) इस अनुच्छेद केवल प्राप्त कर रहे हैं जो करने के संबंध में विदेशी पर्यटकों की रसीदों को उपलब्ध कराई गई सेवाओं के लिए लागू होता है 29 पिछले वर्ष के अंत से में [, या छह महीने की अवधि के भीतर परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में निर्धारिती द्वारा भारत में लाया या, मुख्य आयुक्त या आयुक्त संतुष्ट है जहां निर्धारिती मुख्य आयुक्त के रूप में ऐसी अतिरिक्त अवधि के भीतर, छह महीने की अवधि के भीतर ऐसा करने में असमर्थ है, उसके नियंत्रण से परे कारणों के लिए है कि (लिखित रूप में दर्ज किया जा कारणों के लिए) या आयुक्त] इस संबंध में अनुमति दे सकता है.

30 [स्पष्टीकरण. के लिए एक होटल के या एक टूर ऑपरेटर की या एक ट्रैवल एजेंट के कारोबार में लगे इस उप - धारा, एक निर्धारिती द्वारा प्राप्त किसी भी भुगतान के प्रयोजनों के रूपांतरण द्वारा प्राप्त भारतीय मुद्रा में विदेशी मुद्रा में लाया जैसा भी मामला हो भारत एक अधिकृत डीलर के माध्यम से, एक टूर ऑपरेटर से या, एक विदेशी पर्यटक या विदेशी पर्यटकों के समूह की ओर से एक ट्रैवल एजेंट, परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में निर्धारिती द्वारा प्राप्त किया गया है समझा जाएगा अगर व्यक्ति भुगतान करने निर्धारिती को उप - धारा (2) में निर्दिष्ट एक प्रमाण पत्र प्रस्तुत.

(2 क) एक निर्धारिती को भुगतान करने के हर व्यक्ति को उप - धारा को स्पष्टीकरण में निर्दिष्ट (2) विदेशी मुद्रा के रूपांतरण से या एक विदेशी पर्यटक या विदेशी पर्यटकों के एक समूह की ओर से प्राप्त द्वारा प्राप्त भारतीय मुद्रा के बाहर करने के लिए प्रस्तुत करेगा कि निर्धारिती निर्धारित प्रपत्र में एक प्रमाण पत्र 31 विदेशी मुद्रा में प्राप्त राशि के रूप में भारतीय मुद्रा और इस तरह के अन्य ब्यौरे में अपने रूपांतरण का संकेत निर्धारित किया जा सकता है.]

32 [(3) उपधारा के प्रयोजनों के लिए (1), विदेशी पर्यटकों को उपलब्ध कराई गई सेवाओं से प्राप्त मुनाफे सिर "मुनाफा और व्यापार या पेशे के लाभ के तहत अभिकलन के रूप में (व्यापार के लाभ के लिए भालू जो राशि होगी ") निर्धारिती द्वारा किए गए व्यापार की कुल प्राप्तियों के लिए (2) भालू उपधारा में निर्दिष्ट प्राप्तियों के रूप में उसी अनुपात.]

(4) खंड के अधीन आरक्षित खाते में जमा राशि (बी) की उपधारा (1), राशि के लिए जमा किया गया, जिसमें पिछले वर्ष के बाद अगले पांच वर्षों की अवधि की समाप्ति से पहले निर्धारिती द्वारा उपयोग किया जाएगा निम्नलिखित उद्देश्यों, अर्थात्: -

(एक) इस संबंध या तो पहले से ही अनुमोदित मौजूदा होटल में सुविधाओं के विस्तार में विहित प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित नए होटलों का निर्माण;

(ख) पहले से ही ऐसा अनुमोदित टूर ऑपरेटरों द्वारा या ट्रैवल एजेंटों द्वारा नई कारों और नए कोचों की खरीद;

केन्द्र सरकार के रूप में भारतीय पर्यटन के विकास के लिए इस तरह की नई सुविधा का (ई) प्रावधान, सरकारी राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस संबंध में निर्दिष्ट कर सकते हैं:

(ई) के खंड (क) में निर्दिष्ट गतिविधियों के किसी भी भारत के बाहर निर्धारिती द्वारा स्वामित्व वाली किसी भी संपत्ति के निर्माण में परिणाम होगा जहां, बशर्ते कि ऐसी संपत्ति केवल विहित प्राधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त करने के बाद बनाया जाना चाहिए.

(क) (4), राशि तो उपयोग उपधारा में निर्दिष्ट के अलावा अन्य किसी भी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल की गई है; या

(Ii) खंड (ख) में निर्दिष्ट एक मामले में, वर्ष में तुरंत उपधारा (4) में निर्दिष्ट पांच साल की अवधि के बाद,

निर्धारिती निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत जब तक (6) उप - धारा के तहत कटौती (1) स्वीकार्य नहीं होगा 33 आय की वापसी के साथ साथ, एक लेखाकार की रिपोर्ट, उप - धारा (2 नीचे दिये गये स्पष्टीकरण के रूप में परिभाषित ) कटौती सही ढंग के आधार पर दावा किया गया है कि प्रमाणित खंड 288, के 34 [विदेशी पर्यटकों के लिए उसके द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं और भारतीय मुद्रा में उसके द्वारा प्राप्त भुगतान के लिए निर्धारिती द्वारा प्राप्त परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा की राशि के कुल के रूप में उप - धारा को स्पष्टीकरण में निर्दिष्ट (2).]

(क) "ट्रैवल एजेंट" विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1973 (46 की धारा 32 के तहत भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दी गई एक वैध लाइसेंस रखती है, जो एक ट्रैवल एजेंट या अन्य व्यक्ति (एक एयरलाइन या एक शिपिंग कंपनी नहीं होने का मतलब है) 1973);

(ग) "विदेशी पर्यटकों को उपलब्ध कराई गई सेवाओं" स्वामित्व या एक होटल की या एक ऑपरेटर की या एक ट्रैवल एजेंट के व्यापार पर किया जाता है जो व्यक्ति द्वारा प्रबंधित किसी भी दुकान में बिक्री के माध्यम से सेवाओं में शामिल नहीं करेगा;]

35 [(डी) 35A "अधिकृत डीलर", 35B "विदेशी मुद्रा" और 35C "भारतीय मुद्रा" क्रमशः खंड विदेशी मुद्रा की धारा 2 (ख), (ज) और (कश्मीर) में उन्हें सौंपा अर्थ होगा विनियमन अधिनियम, 1973 (1973 का 46).]

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डेली अपडेट्स

RBI ने रुपए में व्यापार निपटान की अनुमति दी | 14 Jul 2022 | भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रिलिम्स के विदेशी मुद्रा और मुद्रा व्यापार के लाभ लिये:

विदेश व्यापार, मुद्रा मूल्यह्रास और अधिमूल्यन, वैश्विक अनुमोदन, भुगतान संतुलन

मेन्स के लिये:

भारत की अर्थव्यवस्था पर वैश्विक अनुमोदनों का प्रभाव, रुपये में व्यापार को निपटाने के लाभ और चुनौतियाँ, अर्थव्यवस्था में सरकार का हस्तक्षेप

चर्चा में क्यों?

  • हालाँकि ऐसे लेन-देन के लिये डीलर के रूप में कार्य करने वाले अधिकृत बैंकों को इसका उपयोग कर इसे सुविधाजनक बनाने के लिये नियामक से पूर्वानुमति लेनी होगी।
  • RBI द्वारा प्रस्तावित संशोधित फ्रेमवर्क के अनुसार, विदेशीमुद्राप्रबंधनअधिनियम(FEMA),1999 के तहत कवर किये गए क्रॉस-बॉर्डर निर्यात और आयात को भारतीय रुपए में डिनॉमिनेट और इनवॉइस किया जा सकता है. हालाँकि RBI ने निर्धारित किया है कि दोनों व्यापार भागीदार देशों की मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाज़ार के अनुसार निर्धारित की जाएगी

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रुपया भुगतान तंत्र:

  • भारत में अधिकृत डीलर बैंकों को रुपया वोस्ट्रो खाते खोलने की अनुमति दी गई है (एक खाता जो एक अधिकृत बैंक दूसरे बैंक की ओर से रखता है)।
    • इस तंत्र के माध्यम से आयात करने वाले भारतीय आयातक भारतीय रुपए में भुगतान करेंगे जो विदेशी विक्रेता से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिये चालान भागीदार देश के अधिकृत बैंक के विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा किया जाएगा।
    • तंत्र का उपयोग करने वाले भारतीय निर्यातकों को भागीदार देश के अधिकृत बैंक के नामित विशेष वोस्ट्रो खाते में जमा शेष राशि से भारतीय रुपए में निर्यात का भुगतान किया जाएगा।
    • निर्यात के लिये अग्रिम भुगतान की ऐसी किसी भी प्राप्ति की अनुमति देने से पहले भारतीय बैंकों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन खातों में उपलब्ध धनराशि का उपयोग पहले से ही निष्पादित निर्यात आदेशों/पाइपलाइन में निर्यात भुगतान से उत्पन्न भुगतान दायित्वों के लिये किया जाता है।
    • विशेष वोस्ट्रो अकाउंट में शेष राशि का उपयोग निम्नलिखित के लिये किया जा सकता है: परियोजनाओं और निवेशों के लिये भुगतान, निर्यात/आयात अग्रिम प्रवाह प्रबंधन, सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश आदि।

    मौजूदा तंत्र:

    • यदि कोई कंपनी निर्यात या आयात करती है, तो लेन-देन (नेपाल और भूटान जैसे देशों को छोड़कर) हमेशा एक विदेशी मुद्रा में होता है।
    • इसलिये आयात के मामले मेंभारतीय कंपनी को विदेशी मुद्रा में भुगतान करना पड़ता है (मुख्य रूप से डॉलर में और इसमें पाउंड, यूरो, येन आदि मुद्राएँ भी शामिल हो सकती हैं)।
    • निर्यात के मामले में भारतीय कंपनी को विदेशीमुद्रामेंभुगतानकियाजाताहै और कंपनी उस विदेशी मुद्रा को रुपए में परिवर्तित कर देती है क्योंकि उ से ज़्यादातर मामलों में अपनी ज़रूरतों के लिये रुपए की आवश्यकता होती है।

    मौजूदा तंत्र के लाभ:

    • विकास को बढ़ावा:
      • यह वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देगा और भारतीयरुपएके प्रतिवैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा।
      • जब से रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं , भुगतान की समस्या के कारण रूस के साथ व्यापार लगभग ठप है।
        • RBI द्वारा शुरू किये गए व्यापार सुविधा तंत्र के परिणामस्वरूप रूस के साथ भुगतान संबंधी मुद्दे को हल करना आसान हो गया है।
        • इस कदम सेविदेशीमुद्रामेंउतार-चढ़ाव का जोखिम भी कम होगा, विशेष रूप से यूरो-रुपया सममूल्यता को देखते हुए।
        • इस तंत्र का उद्देश्य रुपए में लगातार गिरावट के दौरान व्यापार प्रवाह हेतु रुपए मेंनिपटान को बढ़ावा देकर विदेशी मुद्रा की मांग को कम करना है।

        अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हेतु भारत की पहल:

        • रुपया-रूबल समझौता:
          • रुपया-रूबल व्यापार व्यवस्था डॉलर या यूरो के बजाय देय राशि का निपटान रुपए में करने के लिये वैकल्पिक भुगतान तंत्र है।
            • रूस का स्टेट बैंक भारत में एक या एक से अधिक वाणिज्यिक बैंकों, जो कि विदेशी मुद्रा में व्यापार करने के लिये अधिकृत हैं, के साथ खातों का रखरखाव करेगा।इसके अलावायदि बैंक आवश्यक समझता है तो भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ स्टेट बैंक ऑफ रूस एक और खाता बनाए रखेगा।
              • भारत और रूस के निवासियों द्वारा भुगतान को केवल उन्हीं निर्दिष्ट खातों में डेबिट//क्रेडिट किया जाएगा।
              • भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्तव्यापारसमझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
                • FTA दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात की बाधाओं को कम करने के लिये एक समझौता है।
                • मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार किया जा सकता है, जिसमें उनके विनिमय को बाधित करने के लिये बहुत कम या कोई सरकारी शुल्क, कोटा, सब्सिडी या निषेध नहीं है।
                • मुक्त व्यापार की अवधारणा व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है।
                • भारत एक हिंद-प्रशांतआर्थिकढाँचा (IPEF) स्थापित करने के लिये अमेरिका के नेतृत्व वाली पहल में शामिल हो गया है, इस कदम से आर्थिक संबंधों को और बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
                • सेवाओं के निर्यात के लिये अमेरिका लगातार भारत का सबसे बड़ा बाज़ार रहा है, हाल ही में अमेरिका को सामान की बिक्री के मामले में भी इसने चीन को पीछे छोड़ दिया, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक भागीदार बन गया।

                UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)

                प्रश्न. भुगतान संतुलन के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन चालू खाते का गठन करता है? (2014)

                1. व्यापार संतुलन
                2. विदेशी संपत्ति
                3. अदृश्य का संतुलन
                4. विशेष आहरण अधिकार

                नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

                (a) केवल 1
                (b) केवल 2 और 3
                (c) केवल 1 और 3
                (d) केवल 1, 2 और 4

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