अध्ययन का सामग्री

क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है?

क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है?
बीएनपी पारिबा बाई शेयरखान में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि डॉलर की विनियम दर में गिरावट के बीच घरेलू शेयर बाजार में मजबूती से रुपया चढ़ा। विदेशी निवेशकों की लिवाली से भी घरेलू मुद्रा को समर्थन मिला।

union

ऑनलाइन विदेशी मुद्रा का विक्रय

विशेषकर विदेशी यात्रा का एक अलग ही रोमांच होता है। यह रोमांच चाहे भ्रमण के लिए हो या व्यापार के लिए हो, विदेशी मुद्रा का विनिमय और उससे जुड़ी परेशानियाँ एक जैसी ही होती हैं। लेकिन जब आप इस ट्रिप से वापस आ जाते हैं तब बची हुई विदेशी मुद्रा को आप बेचने का प्रयास करते हैं।

अधितर स्थितियों में विदेश यात्रा पर जाने वाले अपने साथ किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए थोड़ी एक्स्ट्रा विदेशी मुद्रा ले कर जाते हैं। क्यूंकी वे जानते हैं कि विदेशी मुद्रा को विदेशी धरती पर खरीदना महंगा और समय लगाने वाला होता है। इसलिए देर से सुरक्षा भली वाला नियम यहाँ भी लागू होता है और जरूरत से थोड़ी अधिक विदेशी करेंसी अपने साथ लेकर जाएँ और किसी भी अनदेखी परेशानी से क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? बचें। ट्रिप से वापस आने के बाद अगर आप अपनी बची हुई विदेशी मुद्रा का विक्रय नहीं करते हैं तो वह आपके लिए मृत धन के समान है। कुछ लोग यह काम इसलिए भी नहीं कर पाते हैं कि वे ऑनलाइन विक्रय या एजेंट के माध्यम से विक्रय में से उपयुक्त माध्यम का चयन नहीं कर पाते हैं। थॉमस कुक के पास आपकी हर समस्या का हल है। फिर भी यदि आप अपनी अनुपयोगी विदेशी मुद्रा को ट्रिप कि यादगार बना कर, किसी डर के कारण या ठीक जानकारी न होने के कारण अपने पास रखना चाहते हैं तो इस्क्में कोई समझदारी नहीं है।

क्या क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है?

10 लाख रूपये तक अर्जित किए गए ब्‍याज पर टीडीएस दर- 30.90%
10 लाख रूपये से अधिक अर्जित किए गए ब्‍याज पर टीडीएस दर- 33.99% अधिभार शुल्‍क सहित

  • दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियों (धारक प्रतिभूतियों के अतिरिक्‍त), कोषागार बिलों, घरेलू म्‍यूचुअल फंडों में
  • पीएसयू (PSUs) द्वारा जारी बॉन्डों में
  • भारत सरकार द्वारा विनिवेशित सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के शेयरों में ऐसे निवेशों के लिए निधि विदेशी प्रेषण अथवा एनआरआई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त होनी चाहिए.
  • निवेशी कंपनी, भारतीय रिर्ज़व बैंक के स्‍वचालित माध्‍यम के अतिरिक्‍त किसी अन्‍य गतिविधि में संलग्‍न न हो
  • निवेश भारतीय रिर्ज़व बैंक के विनिर्दिष्‍टानुसार सेक्‍टरवार सीमाओं के अंतर्गत हो
  • निवेशों के लिए निधियां, विदेशी आंतरिक प्रेषण के माध्‍यम से या एनआरई/एफसीएनआर खातों के माध्यम से प्राप्त हुई हो.
  • विनिवेश राशि के आगम किसी शेयर दलाल के माध्यम से प्रचलित बाजार मूल्य पर किसी मान्यताप्राप्त क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? स्टॉक एक्सचेंज के द्वारा भारतीय करों को काटकर भेजी जानी हो.

Earn reward points on transactions made at POS and e-commerce outlets

Deposit lockers are available to keep your valuables in a stringent and safe environment

Connect to our financial advisors to seek assistance and meet set financial goals.

मुद्रा संकट के डर से विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाते रहने के उलटे नतीजे भी मिल सकते हैं

चित्रणः रमनदीप कौर । दिप्रिंट

नये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) का विदेशी मुद्रा भंडार बहुत तेजी से बढ़ रहा है. अप्रैल 2020 के बाद से आरबीआइ क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? के डॉलर के भंडार में 100 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है और यह कुल 608 अरब डॉलर का हो गया है. इस तरह भारत दुनिया में सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार रखने वाला पांचवां देश बन गया है.

केंद्रीय बैंक इसे उचित ठहराने के लिए विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार रखने की बातें कर रहा है. कहा जा रहा है कि आरबीआइ सिर्फ इतना बड़ा भंडार रखता है क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? जो आयात के 15 महीने के बिल का भुगतान करने को पर्याप्त क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? हो जबकि दूसरे देश इससे ज्यादा का भंडार रखते हैं. स्विट्ज़रलैंड, क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? जापान, रूस, चीन भारत की तुलना में ज्यादा बड़ा भंडार रखते हैं जो क्रमशः 39, 20, 16 महीने के आयात बिल के लिए पर्याप्त हो. लेकिन पिछले दो दशकों से आरबीआइ मुद्रा की गतिविधियों के मद्देनजर विदेशी मुद्रा भंडार रखने लगा है.

मुद्रा पर नज़र, लेकिन क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? मुद्रास्फीति के लक्ष्य के विपरीत

विदेशी मुद्रा भंडार में हाल में जो वृद्धि हुई है वह रुपये की कीमत में वृद्धि को रोकने की कोशिश के तहत हुई है. जून 2020 में रुपया-डॉलर विनिमय दर 75.6 थी, आज यह मामूली सुधार के साथ 72.8 है. आरबीआइ के हस्तक्षेप के कारण बड़ी मूल्य वृद्धि को रोका जा सका. मुद्रा के साथ ऐसे खेल से दूसरे देश तो नाराज होते ही हैं, यह मुद्रास्फीति को बढ़ाने के कारण महंगा भी पड़ता है.

इसके अलावा, अगर मुद्रा पर अटकलों का गहरा हमला होता है तब गिरावट को रोकने के लिए भंडार का इस्तेमाल नहीं किया जाता. पहले, आरबीआइ रुपये की कीमत में गिरावट को रोकने के लिए मुद्रा नीति को सख्त करता था और पूंजीगत नियंत्रणों का प्रयोग करता था, न कि अपने अरबों की बिक्री करता था. केंद्रीय बैंक रुपये की मूल्यवृद्धि नहीं चाहता क्योंकि यह निर्यातों को गैर-प्रतिस्पर्द्धी बना देता है. इसलिए वह डॉलर खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा बाज़ार में हस्तक्षेप करता है.

क्या विदेशी मुद्रा भंडार घरेलू मुद्रा को कमजोर नहीं होने देता?

बड़े विदेशी मुद्रा भंडार को इसलिए भी उपयोगी माना जाता है कि यह केंद्रीय बैंक को मुद्रा को कमजोर होने से बचाने की पर्याप्त ताकत देता है. अगर डॉलर के मुक़ाबले मुद्रा का मूल्य घटने लगता है तब केंद्रीय बैंक डॉलर के भंडार में से बिक्री करके स्थानीय मुद्रा की खरीद कर सकता है और उसका मूल्य गिरने से रोक सकता है. लेकिन मुद्रा पर जब अटकलों के क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? कारण दबाव हो तब ऐसा शायद ही हो पाता है.

अमेरिकी सरकार क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? से मिले विशाल वित्तीय पैकेज के कारण उसकी अर्थव्यवस्था में काफी सरगर्मी है, और मुद्रास्फीति बढ़ रही है. ऐसे में अमेरिकी फेडरल रिजर्व पॉलिसी ब्याज दर में वृद्धि कर सकता है. अगर ऐसा होता है तब भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं की हालत मई 2013 के ‘टेपर टैंट्रम’ कांड वाली हो जाएगी जब अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी ‘क्वांटिटेटिव ईजिंग पॉलिसी’ को संकुचित करने का संकेत दे दिया था. इसके कारण भारत और दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से पूंजी बाहर जाने लगी और उनकी मुद्राओं में गिरावट आ गई थी.

अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 81.71 प्रति डॉलर पर अपरिवर्तित बंद

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 1 दिन पहले

मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) डॉलर के कमजोर होने और विदेशीमु्द्रा का प्रवाह बढ़ने से अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 81.71 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर रहा।

बाजार सूत्रों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और जोखिम लेने की धारणा में सुधार के कारण भी रुपये को समर्थन मिला।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.69 पर खुला। कारोबार के क्या विदेशी मुद्रा है और कैसे यह कारोबार कर रहा है? दौरान यह 81.44 के उच्चस्तर और 81.71 के निचले स्तर तक गया। अंत में रुपया मात्र एक पैसे की गिरावट के साथ 81.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

सबसे ज्यादा पढ़े गए

पाकिस्तान सरकार को नए सेना प्रमुख, सीजेसीएससी की नियुक्ति के लिए मिले छह नाम

पाकिस्तान सरकार को नए सेना प्रमुख, सीजेसीएससी की नियुक्ति के लिए मिले छह नाम

रूद्र राजू आंध्र कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त, पीएसी भी गठित

रूद्र राजू आंध्र कांग्रेस के अध्यक्ष नियुक्त, पीएसी भी गठित

नायका के मुख्य वित्त अधिकारी अरविंद अग्रवाल ने इस्तीफा दिया

नायका के मुख्य वित्त अधिकारी अरविंद अग्रवाल ने इस्तीफा दिया

रेटिंग: 4.95
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 117
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *