दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी

Digital Rupee Launch भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच हुआ डिजिटल रुपया।
Digital Rupee Launch भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लांच हुआ डिजिटल रुपया , भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) ने आखिरकार अपना डिजिटल रुपया ( Digital Rupee ) पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मंगलवार को भारत में लांच किया अब सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या इसके बाद क्रिप्टोकरंसी
( Cryptocurrency ) भारत में पूरी तरह से बैन हो जाएगी और क्या यह डिजिटल रूपी क्रिप्टोकरंसी की ही तरह होगा ।
आरबीआई ( RBI ) पिछले 1 साल से इस डिजिटल रूपी को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा था आखिरकार इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 1 नवंबर से भारत में शुरू किया गया है मंगलवार को 1 नवंबर पर यह लांच किया गया है लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह डिजिटल रूपी क्रिप्टो करेंसी की ही तरह होगा और भारत में इसे किस तरह से संचालित किया जाएगा आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं।
पूरी दुनिया ने क्रिप्टोकरंसी की ताकत को पहचाना है और पूरी दुनिया इस टेक्नोलॉजी को अपनाना चाहती है बड़े-बड़े विकसित देश अपना डिजिटल कॉइन ( Digital Coin ) लॉन्च करके क्रिप्टोकरंसी से मुकाबला करना चाहते हैं और क्रिप्टोकरंसी के प्रभाव को खत्म करना चाहते हैं जिसके लिए पूरी दुनिया में डिजिटल करेंसी की मांग उठ रही है। जिसके कारण दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ( Central Bank ) अपनी करेंसी को बचाए रखने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं और क्रिप्टोकरंसी को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहे हैं साथ ही क्रिप्टोकरंसी पर नजर रखना और इसे रेगुलेट करना बहुत ही मुश्किल है जिससे आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों और अपराधों में पैसों का लेनदेन क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से किया जाने लगा है और भारत में सरकार इसके खिलाफ समय-समय पर सख्त कदम उठा रही है ऐसे में डिजिटल रूपी लॉन्च करके सरकार इस समस्या का समाधान करने का विकल्प भारत में लेकर आई है और साथ ही क्रिप्टोकरंसी पर भारी भरकम 30% तक का टैक्स लगा दिया गया है।
Table of Contents
Digital Rupee कैसे काम करेगा |
भारत में अभी आरबीआई की तरफ से सो ₹200 के नोट और सिक्के का प्रयोग किया जाता है और और इन्हीं डिजिटल करेंसी के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा जिसे सीबीडीसी CBDC भी कह सकते हैं ।
यानी रुपए का इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म जिसे हम बिना छुए ट्रांजैक्शन कर सकेंगे।
Cryptocurrency और Digital Rupee में क्या फ़र्क होगा।
क्रिप्टोकरंसी एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ( Blockchain Technology ) पर आधारित है जिसे ना तो कोई ऑपरेट कर सकता है ना ही रेगुलेट कर सकता है और ना ही इस पर किसी तरह की कोई नजर रखी जा सकती है जबकि डिजिटल रुपए को भारतीय रिजर्व बैंक जारी करेगा और इसका संचालन पूरी तरह से आरबीआई खुद अपने हाथ में लेगा और साथ ही बैंकों के माध्यम से इसे वितरित किया जाएगा।
Digital Rupee के जरिए लेनदेन कैसे होगा।
आम लोगों के बीच में जिस डिजिटल रुपी ( Digital Rupee ) का लेनदेन के तौर पर प्रयोग किया जाएगा वह एक टोकन सिस्टम ( Token System ) पर आधारित होगा और लेन-देन पर इसकी रसीद भी दी जा सकती है जिसे ईमेल आदि पर भेजकर कन्फर्म भी किया जा सकता है और इस डिजिटल रुपीस को ट्रांसफर करते वक्त यूजर पासवर्ड जैसी जरूरी जानकारी भी दी जाएगी जिससे सुरक्षित तरीके से ट्रांसफर किया जा सके और इन सभी ट्रांजैक्शन की प्रोग्रामिंग कुछ इस तरीके दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी से की जाएगी जिस पर सरकार पूरी तरीके से नियंत्रण रख सके जैसे सरकार सब्सिडी के रूप में जो पैसा ट्रांसफर करेगी वह भी डिजिटल रुपए में करेगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सब्सिडी सही व्यक्ति तक पहुंच चुकी है या नहीं।
डिजिटल रूपी को बैंक में रखने पर ब्याज भी मिलेगा या नहीं।
दोस्तों आरबीआई ने अभी किसी भी तरीके का ब्याज और इंटरेस्ट के बारे में निर्णय नहीं लिया है यानी अभी आपको डिजिटल रूपी को बैंक में रखने पर किसी भी तरह की का कोई ब्याज नहीं मिलेगा लेकिन भविष्य में सरकार इस पर निर्णय लेगी।
डिजिटल रुपए की निगरानी आरबीआई खुद करेगा।
अभी तक हम किसी को भी पैसे देते हैं तो यह सरकार की नजर में नहीं होता था और सरकार को कुछ भी पता नहीं होता था कि पैसा कहां से आया और कहां चले गया लेकिन अब ऐसा नहीं होगा डिजिटल रुपीस मैं जो भी ट्रांजैक्शन होंगे उसमें पूरा रिकॉर्ड देखा जा सकता है कि पैसा कहां से आया और कहां चले गया इसकी सभी डिटेल्स सरकार के पास सुरक्षित रहेगी और पैसों के सोर्स को सरकार कभी भी देख सकती है ।
डिजिटल रूपए की ट्रांजैक्शन में क्या इंटरनेट आवश्यक होगा।
दोस्तों सरकार ने डिजिटल रूपी में इस तकनीक का प्रयोग किया है कि आप इसे बिना इंटरनेट के भी ट्रांसफर कर सकते हैं यानी डिजिटल रूपी में दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी ट्रांजैक्शन के लिए आपको इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पायलट प्रोजेक्ट में डिजिटल रुपए किस तरह कार्य करेगा।
दोस्तों सरकार ने अपने बयान में बताया है कि आरबीआई ने जो डिजिटल रूपी लॉन्च किया है उसका पायलट प्रोजेक्ट 1 नवंबर से शुरू हो चुका है इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का ट्रांजैक्शन किया जाएगा आरबीआई ने डिजिटल रूपी लाने की अपनी योजना की दिशा में सार्थक कदम बढ़ाते हुए इस डिजिटल रुपी कि पायलट टेस्टिंग शुरू करने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है और हाल फिलहाल में इसकी होलसेल ट्रांजैक्शन के तौर पर टेस्टिंग की जाएगी जिसमें 9 से अधिक बैंक इसमें शामिल होंगे जैसे भारत के बड़े बैंक एसबीआई ,बैंक ऑफ बड़ौदा ,एचडीएफसी बैंक ,आईसीआई बैंक ,यूनियन बैंक ,आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ,कोटक महिंद्रा बैंक, एचएसबीसी आदि बड़े बैंक इन ट्रांजैक्शन मैं शामिल होंगे।
सोशल मीडिया मंच आतंकी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बन गए-जयशंकर
नई दिल्ली: भारत ने असामाजिक तत्वों द्वारा एन्क्रिप्टेड संदेश और क्रिप्टो करेंसी जैसी नयी प्रौद्योगिकियों के संभावित दुरुपयोग को रोकने के लिए समन्वित वैश्विक प्रयास करने का शनिवार को आह्वान किया और आगाह किया कि सोशल मीडिया मंच आतंकवादी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बन गए हैं.
दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आतंकवाद निरोधक समिति की विशेष बैठक को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी समूहों, उनके ‘‘वैचारिक अनुयायियों’’ और ‘‘अकेले हमला करने वाले’’ (लोन वोल्फ) लोगों ने इन नयी प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमतायें बढ़ा ली हैं.
पहले दिन का सत्र मुंबई में आयोजित किया गया था:
जयशंकर ने स्पष्ट दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी तौर पर पाकिस्तान के संदर्भ में यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था उन देशों को आगाह करने के लिए प्रभावी है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि दिल्ली में हो रही इस बैठक के दूसरे दिन के सत्र में भाग ले रहे हैं. पहले दिन का सत्र मुंबई में आयोजित किया गया था.
आशाजनक भविष्य की पेशकश कर रही हैं:
आतंकवाद का मुकाबला करने में भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए विदेश मंत्री ने यह भी एलान किया कि नयी दिल्ली इस साल संयुक्त राष्ट्र ट्रस्ट फंड फॉर काउंटर-टेरररिज्म में पांच दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी लाख डॉलर का स्वैच्छिक योगदान देगा. जयशंकर ने कहा कि पिछले दो दशकों में तकनीकी नवाचार दुनिया के काम करने के तरीके में परिवर्तनकारी रहे हैं और वर्चुअल निजी नेटवर्क तथा एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं से लेकर आभासी मुद्राओं तक नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियां आर्थिक और सामाजिक लाभों के लिए एक आशाजनक भविष्य की पेशकश कर रही हैं.
प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली:
उन्होंने कहा कि हालांकि, जब बात आतंकवाद से संबंधित हो तो सिक्के का दूसरा पहलू भी सामने आता है. जयशंकर ने कहा कि इन नयी प्रौद्योगिकियों ने असामाजिक तत्वों द्वारा दुरुपयोग के लिहाज से कमजोर होने के कारण सरकारों तथा नियामक संस्थाओं के लिए नयी चुनौतियां पैदा की है. उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में, खासतौर से खुले और उदार समाज में आतंकवादी समूहों, उनके वैचारिक अनुयायियों और अकेले हमला करने वाले लोगों ने इन प्रौद्योगिकियों तक पहुंच हासिल करके अपनी क्षमताएं बढ़ा ली हैं.
दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया:
उन्होंने कहा कि वे आजादी, सहिष्णुता और प्रगति पर हमला करने के लिए प्रौद्योगिकी और पैसा तथा सबसे जरूरी खुले समाज के लोकाचार का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि इंटरनेट और सोशल मीडिया मंच समाज को अस्थिर करने के मकसद से दुष्प्रचार, कट्टरपंथ फैलाने तथा साजिश रचने के लिए आतंकवादियों और आतंकवादी समूहों की टूलकिट में प्रभावशाली उपकरण बनकर उभरे हैं. जयशंकर ने कहा कि आतंकवादी समूहों और संगठित आपराधिक नेटवर्कों द्वारा मानवरहित हवाई प्रणालियों के इस्तेमाल ने दुनियाभर में सरकारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है.
किसी भी रूप में बैठक का आयोजन कर रही:
उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा कुख्यात उद्देश्यों जैसे कि हथियारों एवं विस्फोटकों की डिलीवरी तथा लक्षित हमले करने के लिए इन मानवरहित हवाई प्रणालियों का ‘‘दुरुपयोग आसन्न खतरा’’ बन गया है. विदेश मंत्री ने कहा कि रणनीतिक, बुनियादी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी उद्देश्यों के लिए हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल की आशंकाओं पर सदस्य देशों को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. यह पहला मौका है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी भारत में किसी भी रूप में बैठक का आयोजन कर रही है.
राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है:
आतंकवाद को मानवता के लिए ‘‘सबसे गंभीर खतरों में से एक’’ बताते हुए जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पिछले दो दशकों में आतंकवाद से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद रोधी प्रतिबंध व्यवस्था के आसपास निर्मित महत्वपूर्ण संरचना विकसित की है. उन्होंने कहा कि यह उन देशों को आगाह करने के लिए बहुत प्रभावी रही है, जिन्होंने आतंकवाद को राज्य द्वारा वित्त पोषित उद्यम बना लिया है.
आतंकवाद से मुकाबला शीर्ष प्राथमिकताओं में शुमार:
जयशंकर ने कहा कि इसके बावजूद आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा है, खासतौर से एशिया और अफ्रीका में, जैसा कि 1267 प्रतिबंध समिति निगरानी रिपोर्टों में बार-बार उल्लेख किया गया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा भारत में एक विशेष बैठक का आयोजन करना भी यह दिखाता है कि शीर्ष वैश्विक निकाय में नयी दिल्ली के मौजूदा कार्यकाल के दौरान आतंकवाद से मुकाबला शीर्ष प्राथमिकताओं में शुमार है.
आतंकवादी हमले करने के लिए किया जा सकता है:
जयशंकर ने आतंकी समूहों द्वारा नयी एवं उभरती प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोगों को रोकने के लिए आतंकवाद रोधी समिति में चर्चा करने का आह्वान किया. उन्होंने 26/11 मुंबई हमले में आतंकी नेटवर्कों द्वारा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि हमारा अनुभव दिखाता है कि कैसे एक अच्छी तकनीक ‘वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल’ का इस्तेमाल सीमा पार से बर्बर आतंकवादी हमले करने के लिए किया जा सकता है.
मानवरहित हवाई प्रणालियों का इस्तेमाल किया:
विदेश मंत्री ने कहा हाल ही में इन आतंकवादी समूहों ने सीमा पार से मादक पदार्थ तथा हथियारों की तस्करी करने तथा आतंकवादी हमले करने के लिए ड्रोन जैसे मानवरहित हवाई प्रणालियों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने आगाह किया कि ऐसे खतरे केवल भारत तक सीमित नहीं हैं. बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के अलावा वैश्विक विशेषज्ञ और संबंधित वैश्विक एजेंसियां भी भाग ले रही हैं. सोर्स-भाषा
विश्व जल निगरानी दिवस कब मनाया जाता है?
केंद्रीय जल आयोग भारत में कितने स्थानों पर जल गुणवत्ता निगरानी कर रहा है?
इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय जल गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क निगरानी नेटवर्क में 353 नदियाँ (979 केन्द्र), 107 झीलें (117 केन्द्र), 9 जलाशय, 44 तालाब, 15 संकरी खाड़ियाँ/समुद्री जल, 14 नहरें (44 केन्द्र), 18 नाले और 491 कुएँ शामिल हैं। जल नमूनों का विश्लेषण 28 मानकों पर किया जाता है।
पहली बार विश्व जल दिवस कब मनाया गया था?
इसे सुनेंरोकेंबात अगर विश्व जल दिवस के इतिहास की करें, तो ब्राजील के रियो द जेनेरियो में ‘पर्यावरण तथा विकास का संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन’ साल 1992 के दिन आयोजित किया गया था। इसी दिन इस बात की घोषणा की गई थी दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी कि हर साल 22 मार्च के दिन विश्व जल दिवस मनाया जाएगा। वहीं, 22 मार्च 1993 को पहला विश्व जल दिवस मनाया गया था।
अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ जल वर्ष कब घोषित किया गया था?
इसे सुनेंरोकेंइसके लिए अंतरराष्ट्रीय पहल ‘रियो डि जेनेरियो’ में 1992 में की गई थी।
18 सितंबर को कौन सा डे मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंविश्व बांस दिवस हर वर्ष 18 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन तेजी से बढ़ने वाले घास के पौधे बांस के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। 2009 में बैंकॉक में आयोजित 8वीं विश्व बांस कांग्रेस में विश्व बांस संगठन (WBO) द्वारा इस दिवस की स्थापना की गई थी।
विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है?
इसे सुनेंरोकेंपहला विश्व जल दिवस 22 मार्च 1993 को मनाया गया था। क्यों मनाया जाता है विश्व जल दिवस? जल संरक्षण और रखरखाव को लेकर दुनियाभर के लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए हर 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।
विश्व जल दिवस का थीम क्या है?
इसे सुनेंरोकेंविश्व जल दिवस 2022 की थीम इस वर्ष जल दिवस के लिए थीम है- ‘भू-जल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना (Groundwater: Making The Invisible Visible)’ जिसे इंटरनेशनल ग्राउंडवाटर रिसोर्स अस्सेमेंट सेंट ने दिया है। आज सेनेगल (Senegal) के डकार (Dakar) में 9वें विश्व जल मंच के उद्घाटन में इसे पेश किया गया।
विश्व जल दिवस 2022 दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी की थीम क्या है?
इसे सुनेंरोकें’भूजल: अदृश्य को दृश्यमान बनाना’ या गायब होते भूजल को पुनः बहाल करना विश्व जल दिवस 2022 का विषय है।
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन, ईथर में भारी गिरावट, 70% उछला Shiba Inu
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर में क्रेज बढ़ रहा है. अगर आप भी क्रिप्टो में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं आज डिजिटल क्वाइन की क्या वैल्यू है? बता दें कि दुनिया की सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमत गुरुवार को 60,000 डॉलर से नीचे चली गई. यह एक सप्ताह से अधिक में इसका सबसे निचला लेवल है. इसका प्राइस 3.5 प्रतिशत घटकर 58,725 डॉलर के निकट कारोबार कर रहा है. इस महीने बिटकॉइन में 30 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई है.
बिटकॉइन ने पिछले सप्ताह 65,000 डॉलर का लेवल पार किया था. इसका कारण अमेरिका में बिटकॉइन के फ्यूचर्स बेस्ड ETF का लॉन्च होना था. इस ETF की शुरुआत के कुछ ही दिनों में इसमें एक अरब डॉलर से अधिक का इनवेस्टमेंट हुआ है.
जानें अन्य करेंसी का हाल?
ethereum ब्लॉकचेन से लिंक्ड Ether में भी लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई और यह 3,959 डॉलर पर था. सोलाना, कार्डानो, यूनिस्वैप और लाइटकॉइन के प्राइसेज भी 10 प्रतिशत तक घट गए. वहीं, पिछले कुछ सेशन में तेजी दर्ज कर रहे शिबा इनु (Shiba Inu) का प्राइस एक दिन में 70 प्रतिशत से अधिक बढ़कर $0.00008241 हो गया है. इसकी मार्केट वैल्यू लगभग 40 अरब डॉलर की है.
एलन मस्क ने दी थी ये जानकारी
इस सप्ताह की शुरुआत में टेस्ला के प्रमुख एलन मस्क के ShibaInu में इनवेस्टमेंट नहीं होने की जानकारी देने के बाद इसमें कुछ गिरावट आई थी. क्रिप्टो फंड्स में पिछले सप्ताह 1.47 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट हुआ. इसमें बिटकॉइन की हिस्सेदारी लगभग 99 प्रतिशत की थी.
(मुजफ्फरपुर दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी नाउ के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का पहला यूनिसेक्स कंडोम, महिला-पुरुष दोनों कर सकते हैं उपयोग
बीच सड़क पर आपस में भिड़ीं युवतियां, सड़क पर चले लात-घूंसे, वीडियो वायरल
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पैसों की जरूरत हो तो लोन की जगह लें ये सुविधा; होगा बड़ा फायदा
अक्सर जब पैसों की जरूरत होती है तो हम सब या तो दोस्तों या रिश्तेदारों से कर्ज लेते हैं या फिर बैंक के पास लोन के लिए अप्लाई करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी (overdraft facility) के बारे में सुना है। अगर नहीं तो ये जान लीजिए कि ये ऐसी सुविधा है जिसके तहत आप अपने खाते में मौजूद रकम से ज्यादा पैसा निकाल सकते हैं। रह गए न हैरान ! आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे मुमकिन है ! लेकिन यह बिल्कुल संभव है। आपको बस कुछ जरूरी शर्तें फॉलो करनी होंगी। हम आपको बताते हैं कि क्या है ये ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी और यह आपको कैसे मिलेगी।
क्या है Overdraft Facility
आमतौर पर हम सोचते हैं कि हम अपने बैंक अकाउंट से उतना ही पैसा निकाल सकते हैं, जितना उसमें जमा है। लेकिन, कई बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां (NBFC) अपने ग्राहकों को मौैजूद रकम से ज्यादा पैसे निकालने की सुविधा देती हैं। इसे ही ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी कहते हैं। इसका फायदा तब मिलता है जब आपको पैसे की अचानक जरूरत पड़ जाए। दरअसल, यह एक तरह का लोन ही है। इसके तहत आप बैंक अकाउंट में मौजूद बैलेंस से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं।
कब तक वापस करना होगा पैसा
आप जितना अमाउंट निकालते है, उसे एक निश्चित अवधि के भीतर चुकाना होता है। ऐसा न करने पर ब्याज भी लगता है। यह ब्याज रोजमर्रा आधार पर कैलकुलेट होता है। आपको कितना ओवरड्राफ्ट मिलेगा यानी इसकी लिमिट क्या रहेगी, यह बैंक या NBFCs तय करते है। अलग-अलग बैंकों और नॉन दुनियाभर में क्रिप्टो पर निगरानी बैंकिंग कंपनियों में यह लिमिट अलग-अलग हो सकती है।
कैसे मिलती है यह फैसिलिटी
बैंक और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां अपने कुछ कस्टमर्स को यह सुविधा प्री-अप्रूव्ड देते हैं। जबकि कुछ ग्राहकों को इसके लिए अलग से आवेदन करना होता है। आप बैंक की ब्रांच या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भी अप्लाई कर सकते हैं। कुछ बैंक इस सर्विस के लिए फीस भी लेते हैं। इसलिए बेहतर है कि ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के लिए अप्लाई करने से पहले प्रोसेसिंग फीस के बारे में जानकारी प्राप्त कर लें। आमतौर पर बैंक सैलरी अकाउंट के बदले भी ओवरड्राफ्ट देते हैं। आपकी ओवरड्राफ्ट लिमिट सैलरी का 2 से 3 गुना हो सकती है। इस तरह के ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए आपका सैलरी अकाउंट उसी बैंक में होना चाहिए. जिससे आप ओवरड्राफ्ट लेना चाहते हैं।
कितने तरह की होती है फैसिलिटी
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी दो तरह की होती है, एक सिक्योर्ड और दूसरी नॉन अनसिक्योर्ड। सिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट वह है, जिसमें सिक्योरिटी के तौर पर कुछ गिरवी रखा जाता है, जैसे FD, शेयर, घर, सैलरी, इंश्योरेंस पॉलिसी आदि। अगर आपके पास कुछ भी सिक्योरिटी के तौर पर देने के लिए नहीं है तो भी आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी ले सकते हैं, लेकिन इसका तरीका अलग है। क्रेडिट कार्ड से पैसा निकालना अनसिक्योर्ड ओवरड्राफ्ट का उदाहरण है। पर्सनल लोन के मुकाबले ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी अच्छा विकल्प है। तय अवधि से पहले भी बिना कोई चार्ज दिए आप बैंक को पैसे वापस कर सकते हैं। ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी में आपको ब्याज भी केवल उतने ही समय का देना होता है, जितने वक्त तक आपने ओवरड्राफ्ट अमाउंट अपने पास रखा है।
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