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निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई

निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई
Photo:INDIA TV FD, SIP, Crypto या Gold में कौन महिलाओं के सबसे बेहतर

निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई

अगर आपको किसी समान योजना पर ज्यादा दर पर कर भुगतान करने या कम दर पर कर देने का विकल्प मिले तो आप किसका चयन करेंगे? अगर आप इस सवाल को दूसरे तरीके से कहें, मसलन आप 30 फीसदी की दर निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई पर या 12.5 फीसदी की दर पर कर देने के विकल्प, इनमें से किनको चुनेंगे? इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपका जवाब 12.5 फीसदी ही होगा क्योंकि यह दर कम है। हालांकि इस आंकड़ें के साथ कोई तिकड़म नहीं है बल्कि यह एक सीधा सा गणित है और कोई भी व्यक्ति व्यावहारिक तौर पर कर का भुगतान करते वक्त इस रणनीति को अपना सकता है। इस आंकड़े के महत्व के बारे में अंदाजा लगाना आसान होगा। करीब 30 फीसदी और 12.5 फीसदी अधिकतम कर की दर के लिहाज से भुगतान करना होता है और यह गैर-इक्विटी योजनाओं के लिए लागू लाभांश वितरण कर की दर है। जब हर जगह इक्विटी योजनाओं की चर्चा हो रही हो तब आखिर हम गैर-इक्विटी योजनाओं की चर्चा क्यों कर रहे हैं? इसकी वजह परिसंपत्तियों का आवंटन है। निवेशक भले ही कितनी भी तन्मयता से निवेश करने के लिए तैयार हो लेकिन हर पोर्टफोलियो में एक तयशुदा आमदनी का हिस्सा होना चाहिए। यह संभव है कि किसी के पोर्टफोलियो को इस तयशुदा आमदनी के आवंटन के जरिये ही परिचालित किया जाता हो।

आपके निवेश का मकसद क्या है?

निवेश से जुड़े किसी भी फैसले से पहले अपने आप से एक सवाल जरूर करें. सवाल ये कि आपके इस निवेश का लक्ष्य या खास मकसद क्या है? अगर आप इस बारे में सोचे बिना निवेश करेंगे तो ऐसे विकल्पों में पैसे लगा सकते हैं, जो आपकी जरूरत के हिसाब से सही नहीं हैं. मिसाल के तौर पर अगर आपको दो साल बाद अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए या फिर नई कार खरीदने के लिए 2 लाख रुपयों की जरूरत पड़ने वाली है, तो आप उसी हिसाब से हर महीने रिकरिंग डिपॉजिट में पैसे जमा करने के बारे में सोच सकते हैं. या फिर किसी ऐसे एफडी में निवेश कर सकते हैं, जिसकी मैच्योरिटी आपकी जरूरत से मेल खाती हो. अगर आपने इस बारे में सोचे बिना इक्विटी म्यूचुअल फंड में पैसे लगा दिए, तो हो सकता है दो साल बाद आपको बाजार की उथल-पुथल के कारण अपनी मनचाही रकम न मिल पाए.

बाजार की चाल का अंदाजा लगाने के चक्कर में न पड़ें

आम निवेशकों को लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट से जुड़े फैसले करते समय बाजार की चाल का सटीक अंदाजा लगाने के चक्कर में ज्यादा नहीं पड़ना चाहिए. बल्कि सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करने के बाद उसमें नियमित निवेश पर ध्यान देना चाहिए. सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) इसका सबसे बेहतर तरीका है. इससे न सिर्फ नियमित निवेश का लाभ मिलता है, बल्कि बाजार के उतार-चढ़ावों के बीच संतुलित रिटर्न पाने में भी मदद निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई मिलती है. ऐसा करने की जगह अगर आप बाजार के तलहटी पर पहुंचने पर निवेश करने और फिर पीक पर बेचकर मोटा मुनाफा कमाने का ख्वाब देखेंगे, तो कामयाबी मिलने की गुंजाइश बहुत ही कम रहेगी. ऐसा इसलिए, क्योंकि बाजार कब अपने सबसे निचले स्तर पर है और कब पीक पर, ये पक्के तौर पर किसी को पता नहीं होता. इसीलिए कहा जाता है कि लगातार नियमित रूप से निवेश करना और अपनी पूंजी को बढ़ने के लिए पूरा टाइम देना, बाजार की सही टाइमिंग से ज्यादा जरूरी है.

बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करना सही नहीं

कई निवेशकों को लगता है कि अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए एक साथ बहुत सारे म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना जरूरी है. हमें ये बात याद रखनी चाहिए कि दरअसल हर म्यूचुअल फंड स्कीम अपने आपमें एक डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है, जिसमें अलग-अलग तरह के इंस्ट्रूमेंट्स शामिल रहते हैं. बहुत ज्यादा स्कीम्स में निवेश करने पर आपके लिए उन्हें अच्छी तरह समझना और ट्रैक करना मुश्किल हो सकता. बेहतर यही होगा कि अच्छी तरह जांच-परख करके दो-तीन अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम्स को चुनें और उनमें नियमित रूप से निवेश करते रहें.

सीधे इक्विटी में निवेश करने के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करना आम तौर पर कम जोखिम वाला होता है. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सभी म्यूचुअल फंड में एक बराबर रिस्क होता है. जिस तरह डेट फंड के मुकाबले इक्विटी फंड में ज्यादा रिस्क होता है, उसी तरह अलग-अलग इक्विटी फंड में जोखिम की आशंका भी अलग-अलग होती है. इसलिए सही स्कीम का चुनाव करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता यानी रिस्क प्रोफाइल को भी जरूर ध्यान में रखें. बाजार में तेजी के दौर में कई बार ऐसे निवेशक भी ज्यादा रिटर्न के लालच में इक्विटी फंड की तरफ चले जाते हैं, जिनकी रिस्क लेने की क्षमता बेहद कम है. इसी तरह ब्लूचिप फंड्स या लार्ज कैप फंड्स के मुकाबले मिड-कैप या स्मॉल कैप फंड्स में जोखिम और भी ज्यादा होता है. इसीलिए निवेश का फैसला करते समय जोखिम उठाने की अपनी क्षमता को कभी न भूलें.

ब‍िना पैसा जमा किए भी PPF अकाउंट में होगी बंपर कमाई, जानिए सुपरह‍िट फार्मूला

पीपीएफ अकांउट में इस समय 7.1 फीसदी की दर से ब्‍याज म‍िल रहा है. इस खाते में न‍िवेश निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई कर आप इनकम टैक्‍स र‍िबेट ले सकते हैं. साथ ही इसमें मैच्‍योर‍िटी पर मिलने वाला पैसा टैक्‍स फ्री होता है. PPF अकाउंट में जमा रकम निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई पर भारत सरकार गारंटी देती है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पीपीएफ में निवेस कर एक बहुत ही सुरक्षित और मुनाफे वाला निवेश माना जाता है. दरअसल, इसकी सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है, यही वजह है कि इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. आपको शायद जान कर यकीन नहीं होगा निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई कि आप पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) में पैसा जमा किए ब‍िना भी इसका फायदा उठा सकते हैं. पीपीएफ अकाउंट में यह व‍िकल्‍प होता है क‍ि आप ब‍िना न‍िवेश किए भी ब्‍याज का फायदा ले सकते हैं. आइये बताते हैं कैसे?

पीपीएफ अकाउंट में निवेश टैक्स दायरे से बाहर

पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PPF) एक सरकार समर्थित छोटी बचत योजना है, जिसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम ₹500 से अधिकतम ₹1.50 लाख का निवेश होता है। पीपीएफ 7.1% की ब्याज दर प्रदान करता है। इस योजना में अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त है। इस अकाउंट में आप अगले 15 सालों तक के लिए निवेश कर सकते हैं। बता निवेश के बिना विकल्पों पर कमाई दें, एफडी और पीपीएफ दोनों खातों पर आईटी अधिनियम की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये की कर छूट का लाभ मिलता है।

क्रिप्टो को लेकर भारत में अभी भी तस्वीर साफ नहीं हुई है। भारत सरकार के तरफ से इसको लेकर कोई नियम अभी तक नहीं बनाया गया है। विशेषज्ञ का मानना है कि अगर आप छोटे निवेशक हैं तो क्रिप्टो में निवेश ना करें। क्योंकि इसमें नुकसान होने की संभावना काफी अधिक है।

Public Provident Fund: हर महीने मात्र 1000 रुपये का निवेश करके कमा सकते हैं लाखों; जानिए क्या है योजना

pc : pti

PPF Investment: अगर आप अच्छे निवेश की तलाश में हैं तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (Public Provident Fund) आपके लिए बिना किसी जोखिम के एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। पीपीएफ में निवेश करने में कोई जोखिम नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस फंड को सरकार से पूरी सुरक्षा मिलती है। आप इसमें निवेश करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं, बस इसमें आपको सोच-समझकर निवेश करने की जरूरत है। लंबी अवधि के लिए निवेश करके पीपीएफ से अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है। मात्र 1000 रुपये प्रति माह जमा करके, आप इसमें कुछ सालों में 12 लाख रुपये से अधिक कमा सकते हैं।

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