इंट्राडे ट्रेडिंग पर मेरा सुझाव

Share Market se kaise kamaye - Kam Paison mein Jyada or Jaldi
Share market mein trading karne ke liye kaunsa app sahi hai
वैसे लगभग सभी एप सही है। पर जहां तक मेरी बात है मैं Groww एप से ट्रेडिंग करता हूं।
क्योकि इसमें डिमैट अकाउंट बनाने की प्रक्रिया काफी आसान है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें कोई भी सालाना या मासिक डिमैट अकाउंट मेनटेनेंस चार्ज नहीं देना पड़ता है।
ऐसे में आप जितना ट्रेडिंग करेंगे, उतना ही चार्ज देना होगा। अगर आपको डिमैट अकाउंट बनाने के बाद, शेअर बाजार में ट्रेडिंग नहीं भाता है, तो आप छोड़ कर जा सकते हैं, या आराम से महीनों तक का ब्रेक ले सकते हैं। आपको कोई चार्जेस नहीं चुकाने होंगे।
Kam paison mein trading kaise kare - jyada aur jaldi kaise kamaye
आशा है कि आप कोई trading application install करके demate account बना चुके होंगे, और आपको कुछ शेयर बाज़ार की सामान्य जानकारी जरुर होगी की इसमें शेयर को कैसे खरीदते और बेचते हैं यानी कि कैसे ट्रेडिंग करते हैं।
ट्रेडिंग दो प्रकार की होती है।
1. Long term trading (Delivery)
2. Short term trading (Intraday)
अगर आपको कम से कम पैसों में ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी पैसे कमाने है तो आप short term trading जिसे day trading or Intraday trading भी कहते हैं, इसे करना चाहिए।
Intraday trading kya hai
Intraday trading में हमें शेयर ख़रीद कर उसे उसी दिन शेयर बाजार बंद होने से पहले बेचना होता है। जैसा कि शेयर बाजार सुबह 9:15 बजे खुलता है, और दोपहर 3:10 में बंद होता है। आपको इसी बीच अपने शेयर खरीद कर बाजार के उतार चढ़ाव के साथ घाटा या मुनाफा कमा कर बेचना होता है।
Intraday aur Delivery mein kaun sahi hai
माना जाता है कि Delivery की तुलना में Intraday trading बहुत ही जोख़िम भरा है। क्योंकि Delivery में आपके पास काफी वक्त रहता है। अगर आज बाजार नीचे गिरता है, तो कुछ दिनों बाद या कुछ महीनों बाद बाज़ार फिर ऊपर उठेगा और आपके पैसे डूबने से बचने की उम्मीद रहती है।
लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ अपने फ़ायदे है।
1. इसके चार्जेस long term trading की तुलना में कम है।
2. सबसे महत्वपूर्ण फ़ायदा ये है कि, इसमें आपको margin मिलता है।
Intraday trading mein margin kya hai
यहां मार्जिन का मतलब है, अगर किसी कंपनी के एक शेअर का दाम 100 रुपए है, और आपके पास सिर्फ 100 रुपए ही है। तो आप intraday trading में मिलने वाले मार्जिन कि मदद से, उस 100 रुपए से उस कंपनी के एक नहीं एक से अधिक शेअर खरीद सकते है।
मतलब आप एक शेयर के पैसे से एक से अधिक शेयर खरीद रहें है. ऐसे में अगर आप एक शेयर के पैसों से 5 शेयर खरीदते है, तो मुनाफा भी 5 गुना हो जाता है।
वहीं long term trading में ऐसा नहीं है वहां चार्जेस भी इसकी तुलना में अधिक है और आपके पास जितने पैसे है बस उतने के की शेअर खरीद सकते हैं।
हर कंपनी के शेयर में margin अलग अलग है। साथ ही कई कंपनियां इंट्राडे ट्रेडिंग पर मेरा सुझाव intraday trading नहीं करवाती है। मगर लगभग सभी बड़ी कंपनियां intraday trading करवाती है।
निष्कर्ष
इस तरह से आप कम पैसों में बंफर मुनाफा एक ही दिन में कमा सकते है। ये काम वित्य जोख़िम से भरा है पर काम पैसों में बड़ा मुनाफा के लिए जोख़िम तो उठाना पड़ेगा।
असल में देखा जाए तो बाजार पूरे दिन उतार चढ़ाव से भरा होता है। थोड़ी सी कंपनी के विषय में जानकारी और लगातार दिन भर कंपनी के शेयर के भाव के उतार चढ़ाव के ग्राफ पर नजर बनाए रखने से, सही समय का चयन कर सकते हैं कि कब किस पर पैसे लगाने है और कब निकालने हैं।
शुरआत में आप बहुत ही कम पैसों में ट्रेडिंग करे और सीखे। समय के साथ अनुभव करते करते बड़े पैसों में आगे बढ़े। मेरी शुभामनाएं आपके साथ है।
बेहतर समझ के लिए एक वीडियो
आशा है आपके लिए ये लेख मददगार होगा। इस लेख के संदर्भ में अपने सवाल, सुझाव वा विचार कॉमेंट बॉक्स पर अवश्य दें।
सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब
कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है
सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.
मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी इंट्राडे ट्रेडिंग पर मेरा सुझाव चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.
फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.
अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.
शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.
ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.
यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.
इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.
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इंट्राडे ट्रेडिंग पर मेरा सुझाव
इंट्राडे-ट्रेडिंग यानी आज ही शेयर ख़रीदे और मार्केट बंद होने से पहले आज ही बेच दिए, या उसका उल्टा आज ही बेचे और आज ही खरीद लिए। इंट्राडे-ट्रेडिंग यानी T-20 मैच ! जैसे टी -ट्वेंटी मैच में दोनों टीमें मैच शुरू होने से पहले रणनीति बनाती हैं , पिच का निरीक्षण करती हैं , Toss जीतने पर बैटिंग या बॉलिंग का निर्णय निश्चित करते हैं। ठीक वैसे ही इंट्राडे -ट्रेडिंग में ट्रेड करने के लिए एक दिन पहले ही शेयर का चुनाव किया जाता है , उसका टेक्निकल एनालिसिस किया जाता है , उससे जुडी खबरों को पढ़ा / देखा जाता है। कैंडल -स्टिक पैटर्न , MACD [Moving Average Convergence Divergence] , RSI [Relative Strength Index] टेक्निकल इंडीकेटर्स / टूल्स से उसकी कमजोरी या मजबूती को समझा जाता है।
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RSI - MACD Technical Chart |
जैसे T-20 मैच में बल्लेबाज को बॉल खेलने का निर्णय जल्दी करना पड़ता है , बॉलर को गेंदबाजी में चतुराई से परिवर्तन करना पड़ता है , फील्डर को चुस्त -दुरुस्त रहना पड़ता है। ठीक वैसे ही इंट्राडे-ट्रेडिंग में ट्रेडर्स को मार्किट की प्रत्येक चाल पर नज़र रखनी पड़ती है। किसी विशेष शेयर में बनाई पोजीशन को टारगेट पूरा होते ही काटना पड़ता है। क्यूंकि कब उस शेयर की चाल उलटी दिशा में चलने लग जाए , पता नहीं चलता। जैसे दिनांक 29-11-19 को "Indiabulls-housing-finance" का शेयर सुबह 09 :15 बजे Rs.352 पर खुला और 10:30 a.m. के आस-पास उसने Rs. 376 का उच्चतम स्तर बनाया। लेकिन दोपहर में 01:15 बजे से 01:45 बजे तक अर्थार्थ आधा -घंटे में ही उसने Rs.268 तक का निचला स्तर बना दिया। अर्थार्थ जो शेयर 12 % के लाभ पर ट्रेड हो रहा था , एक घंटे में ही वो 14 % के घाटे में आ गया। यहाँ जिन ट्रेडर्स ने BUY की पोजीशन बना रखी थी , उन्हें नुक्सान हो गया। इसलिए इंट्राडे -ट्रेडिंग में हर समय चौकन्ना रहना पड़ता है। Stop -Loss के साथ काम करना पड़ता हैं , अन्यथा किसी भी समय आउट [Loss ] होने का खतरा होता है।
स्टॉप -लोस आपके अधिक नुक्सान को रोकता है। जैसे आपने कोई शेयर 100 रुपए में खरीदा और 98 रुपए पर स्टॉप लॉस लगा दिया, यदि शेयर की चाल नीचे की ओर हुई तो 2 के नुकसान पर ही आपका सौदा कट जायेगा । उसी तरह से यदि शेयर 100 रुपए में बेचा और स्टॉप लॉस 102 लगा दिया तो शेयर की चाल ऊपर होने पर केवल 2 रुपए के नुक्सान पर आपका सौदा कट जाएगा।
तेजी से टप्पा डालकर जो बॉल सीधे बल्लेबाज के मुँह पर आती है , उसे या तो डक करके छोड़ा जाता है या हुक करके चौका या छक्का बटोरा जाता है। ठीक उसी तरह से तेजी से गिरने / बढ़ने वाले शेयर को स्टॉप-लोस्स के साथ छोड़ दिया जाता है या रिवर्स -स्टॉप -लोस के साथ खेल लिया जाता है। लेकिन उसके लिए धोनी , रोहित , कोहली जैसा अनुभव चाहिए !! अर्थार्थ ट्रेडिंग का लम्बा अनुभव चाहिए।
दूसरे , जैसे टी-20 मैच में जब एक बल्लेबाज 50 से ऊपर रन बना लेता है , तब लगभग उसका टारगेट पूरा हो गया होता है। अतः अब उसे आउट होने की चिंता नहीं होती और वो रन -गति को बढ़ाने में हर तरह के शॉट खेल सकता है। ठीक उसी तरह इंट्राडे-ट्रेडिंग में भी टारगेट पूरा होने के बाद , ट्रेडर "बोनस गेन" के लिए ट्रेडिंग करता रहता है। बढ़ता हुआ शेयर जब नीचे आता है तो शेयर खरीद लेता है , और ऊपर आने पर बेच देता है। परन्तु शेयर नीचे आने पर कब एंट्री लेनी है और कब एग्जिट करना है उसके लिए वो टेक्निकल -चार्ट देखता रहता है। शेयर का मासिक , साप्ताहिक , प्रतिदिन का ट्रैंड यदि ऊपर की ओर है तो भाव नीचे आने पर खरीदना और शेयर का मासिक , साप्ताहिक , प्रतिदिन का ट्रैंड नीचे की ओर है तो भाव बढ़ जाने पर बेचना। ठीक वैसे ही जैसे टी -20 मैच में रनो का पीछा करने वाली टीम के बल्लेबाज [तेजड़िये ] हमेशा स्कोर बोर्ड पर नज़र बनाये रखते है और रन -रेट बढ़ जाने पर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने लगते हैं। अन्यथा , टारगेट पूरा करने में दिक्कत होगी। तो दूसरी तरफ गेंदबाज [मंदड़िये ] अपना पूरा प्रयास करते हैं की टारगेट पूरा न हो !
जैसे टी-20 मैच में शुरू के 6 ओवर में फील्डिंग की पोजीशन में पाबंदियाँ होती हैं , अतः इन पाबंदियों का पूरा लाभ उठाने का प्रयास बल्लेबाज करता है। और तेजी से रन बनाये जाते हैं। इंट्राडे -ट्रेडिंग में भी अक्सर देखा गया है सुबह 09 :15 से 10:15 बजे तक शेयर के भाव तेजी से ऊपर / नीचे होते हैं। कारण, इस दौरान ट्रेडर्स अधिक होते हैं जिन्होंने पहले से ही पोजीशन बनाई होती है , अतः एक अनुभवी ट्रेडर्स इस समय में भी लाभ अर्जित कर लेता है। फिर, जैसे मैच में 8 से 15 ओवर के दौरान रन-गति थोड़ी धीरे हो जाती है । लेकिन 15 से 20 ओवर के बीच फिर रनो की गति बढ़ जाती है। ठीक उसी तरह से सुबह 11 :30 बजे से 13 :30 बजे तक शेयर मार्किट में ट्रेडिंग की गति धीमी रहती है, लेकिन 14 :15 से 15 :30 बजे तक फिर उसमे गति तेज होती है। कारण यहाँ फिर से ज्यादा ट्रेडर्स सक्रीय हो जाते हैं और अपनी-अपनी पोजीशन को काटने में लग जाते हैं।
कहने का मतलब यह है की इंट्राडे -ट्रेडिंग एक फ़ास्ट -गेम है। जहाँ हर क्षण चौकन्ना रहना जरूरी है। नज़र बची और माल यारों का हो जाता है । तो क्या -क्या बातें ध्यान में रखनी चाहिए, यदि इंट्राडे -ट्रेडिंग करनी हो तो।
- लक्ष्य [Target ] पूरा होने पर exit करें।
- घाटा होने पर quit करें। लूज़िंग साइड एवरेज न करें।
- जब ट्रेड करें तो TV , शोरशराबा , अख़बार आदि से दूर रहें। अर्थार्थ ट्रेड पर ही ध्यान केंद्रित करें।
- भावनाओं पर नियंत्रण रखें। लाभ होने की स्थिति में कूदें नहीं। हानि होने की स्थिति में उदास न हों।
- मार्किट खुलने के बाद 60 मिनिट तक इंतजार करें और देखें जिस स्टॉक में ट्रेड करने जा रहें हैं उसका मूवमेंट अपनी इक्छा के अनुरूप है की नहीं।
- मार्केट शुरू होने के एक घंटे बाद ट्रेड के Gainer & Looser को BSE /NSE की websiteshttps://www.nseindia.com/index_nse.htm पर देखें। जैसा ऊपर चार्ट दिखाया गया है।
- स्टॉक विशेष के Upper circuit व् Lower circuit का ध्यान रखें। क्यों की circuit लगने पर ट्रेडिंग अनेकों बार बंद हो जाती है।
- ट्रेड लेने से पहले स्टॉक का टेक्निकल -चार्ट जरूर देखें। चार्ट देखने के लिए निम्न websites पर जाएँ :- , , , , ,
- स्टॉक की चाल [Trend ] का अनुसरण करें। अर्थात चाल "नीचे " है तो बढ़ने पर बेचें और चाल "ऊपर" है तो गिरने पर खरीदें।
- Volatile market [उथल-पुथल ] में ट्रेड ना करें। सुबह 09:15 am to 10:30 am तक और दोपहर बाद 02:30 pm to 03:30 pm तक बाजार में बहुत हलचल रहती है। बिना अनुभव के यहाँ ट्रेड लेना बहुदा हानिकारक रहता है।
- अपने Allotted funds का 1/4 हिस्सा ही शुरुआत में लगाएं। कभी उधार लेकर ट्रेड न करें।
- किस रेट के शेयर पर क्या टारगेट प्राइस रखें ? मान लीजिये 100 रुपए मूल्य के 100 शेयर ख़रीदे या बेचे तो 2 रुपए प्रति शेयर का प्रॉफिट बुक कर बाहर आ जाना चाहिए। इस तरह आपको 200 रुपए का लाभ हुआ। कुल टर्नओवर 20000 हुआ , इस टर्नओवर पर ब्रोकरेज , टैक्स ,सेस मिला कर 10 या 20 रुपए हुआ। तब भी 180 /- रुपए की कमाई हुई। इसी तरह यदि शेयर का मूल्य 200 /- रुपए है तो 3 या 4 रुपए प्रति शेयर का प्रॉफिट बुक करें। 300 /- रुपए का शेयर है तो 5 से 6 रुपए का प्रॉफिट बुक करें और इसी अनुपात में बढ़ते रेट पर सौदे काटते रहें।
- बिना अनुभव के , बिना समझ के, किसी के कहने -सुनने से कभी इंट्राडे-ट्रेडिंग न करें। आप हमेशा अपनी रकम डुबो देंगे।
- बढ़ता हुआ शेयर Intraday -trading में अप्रत्याशित रूप से नीचे गिर जाए तो उस शेयर की delivery उठाकर 1 -2 दिन बाद बेच सकते हैं !!
कोशिश करें की हार -जीत न हो तो, मैच टाई हो जाए ! अर्थात, "नो गेन -नो लॉस" की स्थिति यदि रहे तो बेहतर है।
15% से ज्यादा बड़ा इस कंपनी का शेयर, जानिए स्टॉक और एक्सपर्ट्स की राय
केवल एक ही दिनों में इंट्राडे करने वाले शेयरधारकों को लगभग 11% तक का रिटर्न दिया। पिछले साल ही नजारा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के आईपीओ लॉन्च हुए थे। 9 तारीख को BSE पर कंपनी के शेयरों का मूल्य 73.95 रुपए था जो कि बढ़कर ₹736 पर चला गया यानी कि कंपनी के शेयरों का मूल्य 11.17 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़ा।
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नजारा टेक्नोलॉजी के शेयर प्राइस 1 दिन में 16% तक चढ़े
केवल सितंबर महीने में ही नजारा टेक्नोलॉजी के शेयर 16% तक चढ़ गए और केवल एक ही दिनों में इंट्राडे करने वाले शेयरधारकों को लगभग 11% तक का रिटर्न दिया। पिछले साल ही नजारा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के आईपीओ लॉन्च हुए थे और IPO का Brand Value 1110 रुपये थे।1 साल में ही इसने अपने शेयरधारकों को कई गुना रिटर्न दिया है।
नजारा टेक्नोलॉजी के शेयर प्राइस
नजारा टेक्नोलॉजी गेमिंग और स्पोर्ट्स मीडिया प्लेटफॉर्म की अच्छी टेक्नोलॉजी है और पिछले शुक्रवार को ही इस कंपनी के शेयरों में 16% की तेजी आई है। यह एक स्मॉल कैप स्टॉक्स में गिना जाता है जिसने इंट्राडे ट्रेडिंग के समय ही अपने निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न प्रदान किया है।
9 तारीख को BSE पर कंपनी के शेयरों का मूल्य 73.95 रुपए था जो कि बढ़कर ₹736 पर चला गया यानी कि कंपनी के शेयरों का मूल्य 11.17 प्रतिशत की तेजी के साथ बढ़ा। इसके बाद भी कंपनी के शेयरों का मूल्य बढ़ता चला गया और लगभग प्रतिदिन शेयरों ने 767.05 रुपए के स्तर को छुआ है। इस इंट्राडे ट्रेडिंग पर मेरा सुझाव तरह केवल 1 हफ्तों में ही नजारा टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयरों का मूल्य 16% तक चढ़ गया।
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परंतु 18 सितंबर 2022 को कंपनी के शेयरों का मूल्य 10% से गिरकर 726.70 रुपए हो चुका है।
15% से ज्यादा बड़ा इस कंपनी का शेयर
एक्सपर्ट्स ने दिया कंपनी के शेयरों को खरीदने का सुझाव
प्रभुदास लीलाधर के दिनेश जोशी और श्वेता शेखावत ने नजारा टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयरों को खरीदने का सुझाव दिया है। दिनेश जोशी और श्वेता शेखावत जी ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि कंपनी के शेयर भविष्य में काफी सुरक्षित रहेंगे और निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न भी प्रदान करेंगे। इसके अलावा विश्लेषकों ने कंपनी के शेयरों को खरीदते हुए कंपनी के शेयर का टारगेट प्राइस ₹1031 बताया है।
इसके अलावा भारत के वारेन बुफेट यानी राकेश झुनझुनवाला के पास भी जून 2022 तक नजारा कंपनी के लगभग 10.03% तक के इक्विटी शेयर थे यानि कुल 65,88,620 शेयर राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल थे। इसलिए शेयर धारक भी इस कंपनी के शेयरों मैं निवेश करने के लिए सोच सकते हैं क्योंकि कंपनी का लक्ष्य आगे बढ़ना है और दुनिया भर में अपने कंपनी का विस्तार करना है।
कंपनी का वार्षिक रिपोर्ट
नजारा कंपनी की वित्त वर्ष 2022 की जारी की गई वार्षिक रिपोर्ट में कंपनी के अध्यक्ष ने कहा कि हम गेमिंग के क्षेत्र में सबसे आगे हैं और इस क्षेत्र में भविष्य में भी काफी आगे बढ़ने वाले हैं। इसलिए हम यह आश्वासन देते हैं कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि हमें अपने उद्योग को दुनिया भर में भी विस्तार करना है।
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कंपनी के अध्यक्ष ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि कंपनी के एक्स्पर्ट्स हमारे कस्टमर्स के लिए गेमीफाइड लर्निंग से लेकर स्किल बेस्ट गेमिंग कंटेंट तक एक अच्छा मॉडल तैयार किया है जिससे कि कस्टमर को एक अद्भुत और अच्छा गेमिंग अनुभव भी प्राप्त हो रहा है।
Disclaimer
दोस्तों इस आर्टिकल और वीडियो के दुवारा में आपको सिर्फ नॉलेज ही प्रोवाइड करता हूँ शेयर मार्किट में किस शेयर पर इन्वेस्ट करना है वोह पूरा आप पर है, करना भी है कि नहीं मेरा और मेरी टीम का मोटिव यह ही है आप टाक इनफार्मेशन और राइट नॉलेज को डिलीवर करना। लेकिन आप अपने पैसा जिस भी स्टॉक में निवेश करे सोच समझकर करे। क्युकी हमारी वेबसाइट पर आपको स्टॉक खरीदने कि राये नहीं दी जाती।
Dow Jones Industrial Average (DJI)
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, निफ्टी50 के लिए एक शुरुआती संकेतक, मंगलवार को सुबह 8:52 बजे 0.26% या 48 अंक ऊपर.
मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- सिंगापुर स्थित एक्सचेंज SGX पर सूचीबद्ध निफ्टी 50 फ्यूचर्स, निफ्टी50 के लिए शुरुआती संकेतक, सोमवार को सुबह 8:47 पर 0.40% या 89 अंक गिरकर.
ओलिवर ग्रे द्वारा Investing.com - अमेरिकी शेयर वायदा रविवार की शाम के सौदों के दौरान एक तंग दायरे में कारोबार कर रहे थे, प्रमुख बेंचमार्क औसत के बाद मिश्रित फैशन में सप्ताह समाप्त.
Dow Jones Industrial Average विश्लेषण
डॉव जोन्स ने परिवहन औसत से बेहतर प्रदर्शन किया है पूर्व अपने अगस्त के शिखर से बाहर निकलने की दहलीज पर है उत्तरार्द्ध अपनी गर्मियों की ऊँचाई के नीचे है इक्विटी बढ़ने पर तकनीशियन इस.
वॉल्यूम में गिरावट के कारण बाजार पिछले हफ्ते अपने साप्ताहिक उच्च स्तर से वापस आ गया, लेकिन यह काफी व्यवस्थित रूप से नीचे चला गया है। सूचकांकों पर निर्भर रहने के लिए समर्थन स्तर.
• फेड दर दृष्टिकोण, अधिक खुदरा आय, थैंक्सगिविंग/ब्लैक फ्राइडे फोकस में • डिक का स्पोर्टिंग गुड्स उत्साहित कमाई से पहले की खरीदारी है • तीसरी तिमाही के घटते लाभ.
संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स
तकनीकी सारांश
Dow Jones Industrial Average परिचर्चा
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वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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