तरीके और तकनीक

ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश

ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश
बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

$20,000 से $4000 पर आया बिटकॉइन, आपके लिए क्या हैं सबक?

बिटकॉइन का इस्तेमाल केवल इंटरनेट पर किया जा सकता है. इसे पारंपरिक मुद्रा का विकल्प भी समझा जाता है.

$20,000 से $4000 पर आया बिटकॉइन, आपके लिए क्या हैं सबक?

इसके साथ ही आपको यह भी पता है कि साल 2013 में बिटकॉइन का भाव 16 डॉलर था, जो मांग बढ़ने की वजह से 20,000 डॉलर तक पहुंचा, फिर गिरने लगा और कमजोरी अब तक जारी है.

इस वजह से बहुत से लोगों ने बिटकॉइन में काफी निवेश किया.

बेंगलुरु के आश्रित गोविंद ने तीन साल पहले बिटकॉइन में 3000 रुपये महीने का निवेश शुरू किया था जो इस साल के अक्टूबर में 30,000 रुपये ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश महीने तक पहुंच गया था. इस हिसाब से अब तक उन्हें 30% सालाना का रिटर्न मिला था.

अब क्या है बिटकॉइन की हालत?
बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टो करेंसी के लिए पिछला हफ्ता बहुत बुरा रहा है. निवेशकों को मोटा मुनाफा देने वाली क्रिप्टोकरेंसी (वर्चुअल करेंसी) क्रैश हो चुकी है. वर्चुअल करेंसी के तौर पर सबसे अधिक लोकप्रिय बिटकॉइन 4,000 डॉलर के नीचे चला गया.

दिसंबर 2017 में एक बिटकॉइन की कीमत करीब 20,000 डॉलर थी.

निवेशकों का कितना नुकसान?
अब तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों के 700 अरब डॉलर (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) डूब चुके हैं. ब्लूमबर्ग के गैलेक्सी क्रिप्टो इंडेक्स ने 23% से अधिक की कमजोरी देखी है.

रिजर्व बैंक को पहले ही थी आशंका?
दुनिया के अधिकांश देशों में बिटकॉइन की ट्रेडिंग पर पाबंदी होने की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है. भारत में भी बैंकिंग नियामक रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन की ट्रेडिंग के लिए बैंक को हिदायत दी थी.

इसके बाद सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों को निर्देश दिए थे कि उनके डेबिट/क्रेडिट कार्ड से बिटकॉइन की ट्रेडिंग नहीं की जा सकती.

आगे क्या हैं बिटकॉइन के हालात?
क्रिप्टोकरेंसी पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में बिटकॉइन की यह गिरावट जारी रहेगी. पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत 30% तक गिरी है, जबकि पिछले छह महीनों में यह 50 फीसदी कमजोर हुआ है.

क्यों गिर रही हैं बिटकॉइन की कीमतें?
दुनिया में इस वर्चुअल करेंसी को लेकर कई तरह की आशंका हैं. बिटकॉइन के साथ सबसे बड़ी समस्या इसके रेगुलेशन को लेकर है. दुनिया में कोई भी एजेंसी बिटकॉइन को रेगुलेट नहीं करती.

भारत समेत दुनिया के कई देशों ने इस वजह से बिटकॉइन में होने वाले लेन-देन पर रोक लगा दी है.

क्या है बिटकॉइन में कमजोरी की अन्य वजह?
इंटरनेट की दुनिया में बिटकॉइन का वर्चस्व कम होने की वजह से भी इसमें कमजोरी बढ़ी है. वर्चुअल करेंसी के तौर पर कुछ साल पहले तक बिटकॉइन का दबदबा था लेकिन अब ऐसी 700 से अधिक करेंसी इंटरनेट की दुनिया में चलन में हैं.

क्या है बिटकॉइन?
बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी यानी आभासी मुद्रा है. बिटकॉइन को वर्चुअल वर्ल्ड में चलन में लाने ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश का श्रेय सातोशी नाकामोतो समूह को जाता है, जिसने साल 2009 में इसकी शुरुआत की. यह पूर्ण रूप से डिजिटल करेंसी है.

इसका इस्तेमाल केवल इंटरनेट पर किया जा सकता है. इसे पारंपरिक मुद्रा का विकल्प समझा जाता है.

पारंपरिक मुद्रा को जहां हर देश की सरकार रेगुलेट करती है, वहीं इस करेंसी को कोई भी संस्था रेगुलेट नहीं करती. यही वजह है कि दुनिया की अधिकांश सरकारों ने अपने लोगों को इस करेंसी में लेन-देन या निवेश पर रोक लगा रखी है.

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Bitcoin ने तोड़े रिकॉर्ड! 20 लाख के करीब पहुंची 1 बिटकॉइन की कीमत, एक साल में 271% का उछाल

बिजनेस डेस्कः दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने एक ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश बार फिर रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। शनिवार को डिजिटल करेंसी ने 26,900 डॉलर का नया ऑलटाइम हाई बनाया है। क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से एक बिटकॉइन की कीमत 19.90 लाख रुपए हो गई है। इस समय दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। तुरंत मुनाफे के लिए बड़े निवेशक इसका रुख कर रहे हैं जिसके चलते इसकी कीमत में तेजी से उछाल आ रहा है। बता दें नवंबर महीने में बिटकॉइन का भाव 18 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था।

एक साल में 271% का उछाल रहा
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance पर कारोबार के दौरान बिटकॉइन 26,900 के हाई पर पहुंच गया। बीते 24 घंटे में इसमें करीब 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़त देखने को मिली है। बता दें सिर्फ एक साल में इस करेंसी में 271 फीसदी का उछाल देखने को मिला है।

11 दिन में 34% से ज्यादा उछाल
2010 में बिटकॉइन की कीमत 1 डॉलर प्रति यूनिट थी लेकिन तब से अब तक इसकी कीमतों में भारी उछाल आया है। बीते 16 दिसंबर को इसकी कीमत पहली बार 20 हजार डॉलर प्रति यूनिट के पार पहुंची थी, जो अब बढ़कर 26,900 डॉलर तक पहुंच गई है। इस प्रकार 11 दिन में इसकी कीमतों में 34% से ज्यादा का उछाल आया है।

बढ़ सकता है उछाल
अनुमान के मुताबिक, ये माना जा रहा है कि इंडिया में इस समय लगभग 50 से 60 लाख बिटकॉइन यूजर्स हैं और आने वाले समय में इसकी कीतमों में और उछाल देखने को मिल सकता है। मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि 2030 तक बिटकॉइन की कीमत 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। CoinDCX के सीईओ सुमित गुप्ता ने बताया कि मांग में तेजी रहने से 2021 में बिटकॉइन की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। मांग में तेजी रहने से 2021 में बिटकॉइन की कीमतें और बढ़ेंगी।

1 करोड़ रुपए प्रति यूनिट तक जा सकती है कीमत
भारतीय रुपयों में 1 बिटकॉइन की कीमत 21 लाख रुपए तक पहुंच चुकी है। क्रिप्टोकरेंसी के जानकारों को भरोसा है कि भारतीय रुपयों में 1 बिटकॉइन की कीमत शॉर्ट टर्म में 1 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। वैश्विक इंस्टीट्यूशनल डिमांड के कारण 2021 में इसकी कीमत 50 लाख से 1 करोड़ रुपए के बीच पहुंच जाएगी। दुनियाभर की सरकारों द्वारा दिए जा रहे राहत पैकेज के कारण अब बड़े निवेशक इस क्रिप्टोकरेंसी को महंगाई को मात देने वाले असेट क्लास के रूप में देखने लगे हैं। यह भी इस डिजिटल करेंसी में उछाल का एक कारण है।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस करेंसी में कूटलेखन तकनीक का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है। क्रिप्टोकरेंसी का परिचालन केंद्रीय बैंक से स्वतंत्र होता है, जो कि इसकी सबसे बड़ी खामी है।

जानिए कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग?
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट के जरिए होती है। बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है। इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है। इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल होने वाली करेंसी है। बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

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क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

2017 से अब तक बिटकॉइन दुनिया की दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी मुकाबले काफी ज्‍यादा उतार-चढाव देखने को मिल चुका है। बीते चार महीने की बात करें तो 53 फीसदी टूटने के बाद एक हफ्ते में 32 फीसदी का उछाल किसी से छिपा नहीं है।

क्‍या आपने भी खरीदा था 2010 में बिटकॉइन? जानिए कितना दे चुकी है रिटर्न

बुधवार को क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट में रिकवरी देखने को मिल रही है। आज बिटक्‍वाइन की कीमत में 16 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। ( Photo by REUTERS/Dado Ruvic/Illustration/File Photo )

बीते कुछ समय से बिटकॉइन फिर से फोकस में है। 16 अप्रैल से 21 जुलाई के बीच अपने चरम से करीब 53 फीसदी गिरने के बाद महज एक हफ्ते में इसकी कीमतों में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दुनिया की सबसे बडी क्रिप्‍टोकरेंसी बिटकॉइन की कीमतें अत्यधिक अस्थिर रही हैं। 2009 में पहली बार लॉन्च होने के बाद से इसमें कई उतार-चढ़ाव आए हैं। बिट्कॉइन की लांचिंग से बने रहने वाले निवेशकों ने अब तक अविश्वसनीय लाभ प्राप्त किया है। उदाहरण के लिए, यदि आपने 2010 के मध्य में बिटकॉइन में निवेश किया था, तो आपका रिटर्न अरबों में हो सकता है, क्योंकि बिटकॉइन का शुरुआती मूल्‍य 0 डॉलर के करीब था।

देर से निवेश करने वालों को भी मिला बडा रिटर्न : यदि आपने बिटकॉइन में थोड़ी देर बाद निवेश करने का फैसला किया है, उदाहरण के लिए तीन या पांच साल बाद, और कीमतों में उतार-चढ़ाव इसी तरह से जारी रहा तो आपको क्रमशः 174 प्रतिशत और 224 प्रतिशत का वार्षिक रिटर्न अर्जित होगा। वहीं आपने अगर और देर बाद बिटकॉइन में निवेश किया है, यानी पिछले ही आपने इसमें कदम रखा है तो भी आपको एक साल में 411 फीसदी का जबरदस्‍त रिटर्न हासिल किया है।

पिछले साल बिटकॉइन की कीमतें क्यों बढ़ीं? : बिटकॉइन के उछाल के पीछे एक मुख्य कारण पिछले साल आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला था। दूसरा कारण यह था कि कुछ बड़े संस्थानों ने बिटकॉइन का समर्थन करना शुरू कर दिया था। उदाहरण के लिए, पेपाल अब अपने उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन खरीदने और बेचने की अनुमति देता है। यह अपने ग्राहकों को बिटकॉइन में भुगतान करके 26 मिलियन विक्रेताओं के अपने नेटवर्क से आइटम खरीदने की अनुमति देता है।

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2010 से अब तक बिटकॉइन का हाल : – अगस्‍त 2010 में बिटकॉइइन के दाम 0.3 डॉलर पर थे।
– नवंबर 2013 में पहली बार बिटकॉइन ने 1000 डॉलर के स्‍तर को पार किया था।
– दिसंबर 2017 को बिटकॉइन के दाम 19800 डॉलर पर आ गए थे।
– उसके बाद बिटकॉइन में लगातार उतार चढाव आता रहा और मार्च 2020 में बिटकॉइन के दाम क्रैश होकर 3870 डॉलर पर आए थे।
– यहां से फिर बिटकॉइन की शुरुआत हुई और एक ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश साल में बिटकॉइन की कीमत यानी अप्रैल 2021 में 65000 डॉलर के आसपास पहुंच गई।
– उसके बाद बिटकॉइन करीब तीन महीने में 53 फीसदी तक टूट गया।
– करीब एक हफ्ते में बिटकॉइन के दाम में 32 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।

क्या बिटकॉइन में निवेश करने में बहुत देर हो चुकी है? : क्रिप्टोकुरेंसी ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश एक्सचेंज बिटबन्स के संस्थापक और सीईओ गौरव दहाके के अनुसार हालिया तेजी में, बिटकॉइन में विकसित निवेशकों से धन की अधिक आमद देख रहे हैं। यदि यह जारी रहता है, तो हम जल्द ही साल के अंत तक रिकॉर्ड उच्च स्तर को पार कर सकते हैं। लेकिन इस बात को बता पाना संभव नहीं है कि इसमें निवेश करने अभी सही समय है या नहीं। बिटकॉइन, अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तरह, सबसे अधिक अस्थिर निवेश है।

समय-समय पर कीमत के गिरने के दौरान एकमुश्त राशि का निवेश करें, क्योंकि वे लंबे समय में आकर्षक रिटर्न दे सकते हैं। जब कीमतों में 5 फीसदी, 10 फीसदी और इसी तरह की गिरावट आती है ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश तो क्रिप्टो एक्सचेंज जैसे वॉल्ड आपको एक सूचना भेजते हैं। मोबाइल ऐप पर अपडेट के लिए आपको कीमत में गिरावट की सूचना को प्रतिशत के साथ सेट करना होगा। यदि आप अपना नुकसान कम करना चाहते हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो यह आपको सचेत करता है।

बिटकॉइन में कर सकते हैं एसआईपी : वैकल्पिक रूप से, आप बिटकॉइन में निवेश करने के लिए एक व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी का ऑप्‍शन चुन सकते हैं। जोखिम को कम करने के लिए कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में विविधता लानी होगी। कुल मिलाकर, आपको अपने पोर्टफोलियो का 5 फीसदी से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए।

चीन ने लगाया देश में Bitcoin के लेन-देन पर संपूर्ण बैन

Kavita Singh Rathore

चीन, दुनिया। बिटकॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है और क्रिप्टोकरेंसी एक एसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर अलग-अलग देशों में अलग-अलग नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनमें मार्केट के आधार पर समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं। ज्यादातर निवेशक और ट्रेडर्स इसमें रूचि रखते हैं। जबकि कई देशों में इसको मान्यता भी नहीं दी है। वहीं, अब चीन में बिटकॉइन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है।

चीन में बिटकॉइन बैन :

दुनियाभर में अब तक सिर्फ एक ही देश अल सल्वाडोर ऐसा है जिसने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता दी है। इस प्रकार अल सल्वाडोर बिटकॉइन को मान्यता देने वाला पहला देश बन गया है। जबकि, क्रिप्टोकरेंसी की इतनी लोकप्रियता होने के बाद अब भी कोई देश इसको मान्यता देने के लिए तैयार नहीं है। इतना ही नहीं चीन ने एक बड़ा ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश फैसला लेते हुए बिटकॉइन (Bitcoin) और इस प्रकार की अन्य आभासी मुद्राओं (Virtual Currency) को पूरी तरह बैन कर दिया है। इस बैन के बाद चीन में अब बिटकॉइन द्वारा किसी प्रकार का लेन-देन नहीं किया जा सकेगा और यही कोई ऐसा लेने दें करता है तो वह अवैध कहलाएगा।

शुरू किया जाएगा अभियान :

बताते चलें, चीन में ना सिर्फ बिटकॉइन पर बैन लगाया गया है, बल्कि अनधिकृत तरीके से डिजिटल मुद्रा के उपयोग पर पाबंदी लगाने को लेकर एक अभियान भी शुरू किया गया है। इस मामले में चीन के केंद्रीय बैंक पीपल बैंक ऑफ़ चीन (People's Bank of China -PBC) ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि, 'बिटकॉइन, एथेरेम और अन्य डिजिटल मुद्राओं ने वित्तीय प्रणाली को बाधित किया है। इसका उपयोग काले धन को वैध बनाने और अन्य अपराधों में किया जा रहा है।'

सरकार ने अनुस्मरण पत्र जारी कर कहा :

बता दें, चीन के बैंकों द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर साल 2013 में ही बैन लगा दिया गया था, लेकिन चीनी सरकार ने इस साल अनुस्मरण पत्र जारी कर बता है कि, 'क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आधिकारिक स्तर पर चिंता है। सरकार इस प्रकार की मुद्राओं के जरिये लेन-देन से वित्तीय प्रणाली को होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है।'

PBC का कहना :

PBC ने कहा कि, 'वर्चुअल मुद्राओं की कोई कानूनी टेंडर स्थिति नहीं है। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे एथेरियम और टीथर मौद्रिक अधिकारियों द्वारा जारी नहीं किए गए हैं और उनके पास कोई कानूनी टेंडर पावर नहीं है और इसलिए इसे वैध मुद्रा के रूप में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। पीबीसी ने कहा, सभी अवैध वित्तीय गतिविधियों पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया गया है और कानूनों के अनुरूप समाप्त कर दिया जाएगा।'

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जानिए क्या है CryptoCurrency? Supreme Court के आदेश के बाद भारत में हो गई है वैध

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न्यूज – सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। यानी अब देश के सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं। बता दें कि RBI ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन दिया था।

आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है, जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी हो गईं क्रैश से मनी लाउंड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

आरबीआई ने पांच अप्रैल 2018 को सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों से इन बिटक्वाइन एक्सचेंजों को सेवाएं बंद करने का आदेश दिया था। बिटक्वाइन और अन्य वर्चुअल करेंसी के सबसे बड़े डिजिटल एक्सचेंज जेबपे ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि वह रुपये में लेनदेन बंद कर रही है और उसके मोबाइल एप से बिटक्वाइन के बदले भुगतान भी नहीं हो सकेगा। कंपनी ने अपने ग्राहकों से पैसा निकाल लेने को कहा था।

बता दें क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी होती है, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है। इस करेंसी में Coding technique का प्रयोग होता है। इस तकनीक के जरिए करेंसी के ट्रांजेक्शन का पूरा लेखा-जोखा होता है, जिससे इसे हैक करना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि क्रिप्टोकरेंसी में धोखाधड़ी की संभावना बहुत कम होती है।

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